Last Updated on July 24, 2020 by admin
- सिरदर्द व भोजन सम्बन्धी आदतों में परिवर्तन ।
- अवसाद ।
- चिंता ।
- अनिद्रा (नींद न आना) ।
- गुस्सा और हताश होना ।
- किसी एक चीज़ पर एकाग्र ना हो पाना ।
- भावनात्मक प्रतिक्रियाओं का बढ़ जाना।
- अधिक रोना या आक्रामक होना ।
- दूसरों को नज़रअंदाज़ करना ।
- यदि आप तनावपूर्ण स्थिति से गुजर रहे हैं तो आप निष्क्रिय हो जाते हैं ।
- मानसिक तनाव आपके स्वास्थ्य पर कई नकारात्मक प्रभाव डालता है।
- तनाव गंभीर मानसिक विकारों को जन्म देता है।
मानसिक तनाव कैसे दूर करे –
- ‘ॐ’ का उच्चारण शुरू में 10 बार तथा अंत में फिर से 10 बार करने से मन, मस्तिष्क शांत होता है।
- कौन-कौनसी घटनाएं या बातें आपको शारीरिक, मानसिक तनाव देती हैं । इन घटनाओं से बचना चाहिये।
- नियमित समय पर भोजन करना चाहिये।
- वजन पर कंट्रोल रखना चाहिये। अधिक वजन से हृदय रोग, उच्च रक्तचाप आदि अनेक बीमारियां होती हैं।
- चाय, कॉफी का उपयोग सीमित रखें।
- नींद पूरी लें । अलग-अलग लोगों के लिए अलग-अलग नींद की आवश्यकता रहती है। फिर भी प्रत्येक को 6 घंटे या सात घंटे अपनी-अपनी आवश्यकता के अनुसार सोना चाहिये । काम के साथ आराम का भी ध्यान रखें।
- दोपहर में आधा-पौन घंटा आराम या सोना चाहिये।
- कुछ समय अपनी हॉबी को भी देना चाहिये।
- अपने आपको दीन-हीन (निम्न श्रेणी) का नहीं समझना चाहिये। अपने प्रति आदर की भाव रखना चाहिये । अपनी भावनाओं, इच्छाओं का भी ख्याल रखना चाहिये।
- ‘पहला सुख निरोगी काया’ उक्ति को ध्यान में रखते हुए थोड़ा समय योग, ध्यान, प्राणायाम, योगनिद्रा के लिए अवश्य निकालें।
- हर चार घंटे में तरल पदार्थ (पानी), सूप, ज्यूस लेनी चाहिये।
- यदि बैठने का कार्य अधिक हो तो खड़े होकर कमर को ऊपर नीचे करना व थोड़ा सा घूमना चाहिये।
- साइकिलिंग, घूमना, तैरना अपनी शक्ति अनुसार करना चाहिये । योग करना चाहिये।
- सुबह या शाम 2-3 कि.मी. अपनी शक्ति के अनुसार घूमना चाहिये।
- अपने भोजन को रेलिश (स्वाद का आनंद) लेते हुए खाना चाहिये । भोजन को चबा-चबा कर एकाग्र ता से करें । धीरे-धीरे आराम से भोजन लें, जल्दी में न खाएं। खाना खाते वक्त टी.वी न देखें।
- सुबह का नाश्ता 8 से 9, दोपहर का भोजन 12 से 1 बजे, रात का खाना 7.30 से 8.30 के बीच लेना चाहिये।
- भोजन में विटामिनों का होना भी आवश्यक है।
- अपने परिवार के साथ सप्ताह में एक दिन बाहर बगीचे में पिकनिक स्पॉट पर खुली जगह पर प्राकृतिक दृश्यों के स्थान पर घूमने जाना चाहिये।
- जो भी अपना काम हो जैसे मोची से लेकर आई.ए.एस. ऑफिसर तक का काम, उसमें रुचिलेकर, मन लगाकर करना चाहिये।
- प्रत्येक को अपनी शक्ति के अनुसार दिन भर में एक बार दिल खोल करके हंसना चाहिये।
- सुबह या शाम को घूमने अवश्य जाना चाहिये। इससे ऑक्सीजन मिलती है, जिससे तनाव कम होता है।
- हरी वरी करी से बचना चाहिये । हरी यानि जल्दी, वरी यानि चिन्ता, करी यानि मसालेदार भोजन। इन तीनों से बचें।
- इन चार से भी बचें- (क) भूख से ज्यादा खाना न लें । (ख) उत्तेजित या उतावलापन न रखें। (ग) सर्दी से बचें । (घ) अपनी शक्ति से अधिक कार्य न करें।
- हर चार घंटे के बाद सीधा बैठकर 2 मिनट डीप ब्रीदिंग (गहरी सांस) करना चाहिये। कछुए जैसी धीरे-धीरे मंदी गहरी सांस लेना, कुत्ते जैसी नहीं।
- बीरबल भी दरबार में जाने से पूर्व कुछ पलों के लिए लंबी गहरी सांसें लेकर सर्वप्रथम अपने मन को एकाग्र करते थे।
- टेनीसन कवि कहते थे-When I am in empty mind, I think of doffdiles flowers. संत तुकाराम मंडली से उठकर ध्यान कर भगवान से बातें कर मंडली में आते थे। नेपोलियन घोड़े पर बैठकर डीप ब्रीदिंग करते थे, फिर आगे बढ़ जाते थे।