आयुर्वेद औषधियों द्वारा मानसिक तनाव का इलाज

Last Updated on June 25, 2021 by admin

आज के दौर की व्यस्त जीवनशैली, व्यर्थ की भागदौड़ से व्यक्ति का जीवन इतना संघर्षशील हो गया है कि वह मानसिक रूप से परेशान एवं तनाव से ग्रस्त रहने लगा हैं। तनाव से हर व्यक्ति कभी न कभी परेशान जरूर रहता है। ऐसे में उसे कुछ समझ नहीं आता कि क्या किया जाए।

दिन-प्रतिदिन तनाव के मामले बढ़ रहे हैं। तनाव हमारे शरीर को कई तरीकों से नुकसान पहुंचाता है। एलर्जी, अस्थमा, हाईपरकोलेस्ट्रॉल और हाई ब्लड प्रेशर जैसी समस्याएं तनाव की वजह से जन्म लेती हैं। तनाव से निवारण के लिए आयुर्वेद में अनेक उपयोगी औषधियां मौजूद हैं। इनका इस्तेमाल आयुर्वेद चिकित्सक की सलाहानुसार कर तनाव से काफी हद तक छुटकारा पा सकते हैं।

मानसिक तनाव दूर करने में उपयोगी अयुर्वेदिक औषधियां :

अश्वगंधा –

अश्वगंधा की जड़ औषधि के रूप में उपयोग में लाई जाती है। यह अमीनो एसिड और विटामिन का एक अच्छा कॉम्बिनेशन है जो तनाव दूर करने के साथ शरीर में ऊर्जा का स्तर बढ़ाता है। अश्वगंधा तनाव के हार्मोन कोर्टिसोल के स्तर को कम करके तनाव को नियंत्रित करता है। अश्वगंधा को तनाव निवारक (Stress Reliever) भी कहते हैं। साथ ही ये अनिद्रा की शिकायत भी दूर करता है।

अश्वगंधा का चूर्ण 3 से 5 ग्राम मिश्री मिले दूध के साथ सेवन किया जा सकता है। अनिद्रा में भी इसका प्रयोग उत्तम है। 3 ग्राम अश्वगंधा चूर्ण और 3 ग्राम मिश्री को गाय के घी में मिलाकर दूध के साथ लेने से अच्छी नींद आती है और तनाव से राहत मिलती है।

( और पढ़े – अश्वगंधा के 11 जबरदस्त फायदे )

ब्राह्मी –

ब्राह्मी तनाव को कम करने के लिए जानी जाती है। ब्राह्मी तनाव पैदा करने वाले हार्मोन कोर्टिसोल को कम करने का काम करती है। ब्राह्मी मस्तिष्क को शांत रखने के साथ-साथ एकाग्रता व मेमोरी बढ़ाने में भी काफी सहायक है । खासकर स्टूडेंट्स के लिए ब्राह्मी काफी फायदेमंद है।

( और पढ़े – ब्राह्मी के 26 अनोखे लाभ व चमत्कारिक औषधीय प्रयोग )

शंखपुष्पी –

शंखपुष्पी को दिमाग और स्मरणशक्ति तेज करने वाला टॉनिक कहा जाता है। ये बौद्धिक क्षमता को बढ़ाने का काम करती है। ये जड़ी-बूटी बढ़ती उम्र में याददाश्त कमजोर होने से रोकती है और इससे चिंता, डिप्रेशन और मानसिक तनाव जैसी कई समस्याओं का इलाज किया जाता है।

( और पढ़े – शंखपुष्पी के फायदे, गुण उपयोग और नुकसान )

सर्पगन्धा –

सर्पगन्धा की जड़ औषधि के रूप में उपयोग में लाई जाती है। सर्पगंधा के एंटीऑक्सीडेंट के प्रभाव के कारण चिंता व तनाव को दूर करने में मदद मिलती है। सर्पगंधा का प्रयोग कर तनाव से दूर रहा जा सकता है।

( और पढ़े – सर्पगंधा के करिश्माई फायदे )

जटामांसी –

जटामांसी तनाव को दूर करने में काफी लोकप्रिय है। तनाव भगाने के लिए जटामांसी की जड़ों का उपयोग औषधि के रूप में किया जाता है। जटामांसी हमारे मस्तिष्क और शरीर को टॉक्सिन्स से मुक्त करती हैं तथा मस्तिष्क को क्रियाशील रखने में काफी मदद करती हैं। यह शारीरिक और मानसिक थकान को दूर करती है। इससे तैयार औषधि शरीर से विषैले तत्त्वों को बाहर निकालती है और तनाव दूर होता है।

( और पढ़े – कई बीमारियों का रामबाण इलाज है जटामांसी )

वचा –

वचा की जड़ का प्रयोग तनाव में राहत दिलाने में मदद करता है। इस जड़ी बूटी के शांत गुणों के कारण यह बेहतर नींद पाने में मदद करती हैं और चिंता या तनाव को शांत करती है। यह याददाश्त को बढ़ाने और सुधारने में सहायक है। वचा को स्वीट फ्लैग के नाम से भी जाना जाता है।

( और पढ़े – औषधीय गुणों से भरपूर होता है बच )

भृंगराज –

भृंगराज मस्तिष्क को निरंतर एनर्जी देने का काम करती है। भृंगराज शरीर और मस्तिष्क में ऑक्सीजन की आपूर्ति और ब्लड सर्कुलेशन बढ़ाने में मदद करता है। यह मस्तिष्क को शांत रखने के साथ ही साथ पूरे शरीर को भी काफी आराम पहुंचाता है।

( और पढ़े – भृंगराज के फायदे ,औषधीय गुण और उपयोग )

उपरोक्त औषधियों से निर्मित आयुर्वेदिक दवाओं जैसे – सारस्वतारिष्ट, अश्वगंधारिष्ट, स्मृतिसागर रस, ब्राह्मी घृत, सर्पगंधा घनवटी, ब्राह्मी वटी धात्री रसायन आदि का प्रयोग कर तनाव की समस्या से दूर रह सकते है । परंतु इससे पहले चिकित्सकीय परामर्श अवश्य लें।

इसके अलावा तनाव को कम करने के लिए सबसे पहले आवश्यक है कि अपनी लाइफस्टाइल में सुधार लाएं। ऐसे में संतुलित आहार सेवन और नियमित दिनचर्या व ऋतुचर्या का पालन तथा व्यायाम, योग व ध्यान अवश्य करना है।

Leave a Comment

Share to...