Last Updated on November 20, 2020 by admin
‘निपाह वायरस’ यह एक ऐसी उभरती बीमारी है जो जानलेवा सिद्ध हो सकती है। यह बीमारी हाल ही में केरल राज्य में अपना मुँह उठा रही है। दरअसल यह बीमारी 1940 में मलेशिया में अपना अस्तित्व दिखा चुकी है और हाल ही में इसके कारण कुछ जानें जा चुकी हैं। यह जानलेवा बीमारी चमगादड़ों में पाए जानेवाले निपाह वायरस(NIV) के कारण होती है। इस पर अभी तक कोई ठोस उपचार उपलब्ध नहीं है। हम इस लेख में इसकी जानकारी यानी इसके लक्षण, सावधानियाँ और उपचार के विषय में समझेंगे।
क्या है निपाह वायरस ? (What is Nipah Virus in Hindi)
निपाह वायरस चमगादड़ों के कारण फैलता है। उनके थूक, पेशाब और मल द्वारा यह फैलता है।
जब चमगादड़ कोई फल वगैरह खाते हैं तो उन आधे-अधूरे खाए हुए फल को यदि कोई प्राणी, इंसान खा ले तो उन्हें यह बीमारी होने की संभावना होती है। अभी तक कोई ठोस दवाई उपलब्ध नहीं है, किंतु इनके लक्षणों के अनुसार इस पर उपचार किया जा रहा है और सभी डॉक्टर्स, शोधकर्ता इसके दवाई के शोध में जुट चुके हैं। होमिओपैथी डॉक्टरों का कहना है कि होमिओपैथी दवाई से इस पर काबू पाया जा सकता है।
निपाह वायरस संक्रमण के लक्षण क्या है ? (Symptoms of Nipah Virus Infection in Hindi)
निपाह वायरस संक्रमण से सभी रोगियों के लक्षण अलग-अलग हो सकते हैं और किसी-किसी रोगी में तो ये लक्षण ज़ल्दी प्रकट नहीं होते, अंत-अंत में प्रकट होते हैं।
- दिमाग पर असर होता है, दिमाग में सूजन, सिर में तेज जलन, सिरदर्द, चक्कर आना, गरदन में जकड़न।
- बुखार आना।
- चक्कर आना।
- बेहोशी या ज़्यादा नींद आना।
- उबकाई या उलटियाँ होना।
- खाँसी।
- साँस लेने में दिक्कत आना।
- मानसिक भ्रम होना, चीजें दो-दो दिखाई देना।
- रोशनी से डर लगना।
इन लक्षणों के रहते 60% लोग कोमा में जा सकते हैं, 25% लोगों को दौरे पड़ सकते हैं।
निपाह वायरस संक्रमण कैसे फैलता है ? (How Nipah Virus Infection Spread in Hindi)
- इससे ग्रसित लोगों के संपर्क में आने से फैलने की संभावना होती है।
- चमगादड़ों द्वारा खाए फलों का सेवन करने से होता है।
- चमगादड़ों द्वारा खाए फल, पेशाब या मल के संपर्क में आनेवाले प्राणियों का मांस भक्षण करने पर हो सकता है।
निपाह वायरस के संक्रमण से बचाव कैसे करें ? (How can Nipah Virus Infection be Prevented in Hindi)
- सर्वप्रथम स्वच्छता पर अधिक ध्यान दें। सभी फल, सब्ज़ी अच्छी तरह धोकर ही खाएँ। अपने हाथों को भी खाने से पहले एवं दिन में 3-4 बार धोएँ।
- अस्पताल में यदि मरीज को देखने जाएँ तो मास्क पहनकर जाएँ।
- डॉक्टर की सलाह से बचाव हेतु होमिओपैथी दवाइयाँ लें।
- अपनी ‘इम्यूनिटी’ बढ़ाएँ ताकि यह वायरस आप पर हमला भी करे तो आपका शरीर उससे तुरंत निपट सके, उसे निष्प्रभाव करें।
( और पढ़े – इम्यूनिटी पावर (रोग प्रतिरोधक क्षमता) बढ़ाने के उपाय )
निपाह वायरस संक्रमण का इलाज कैसे किया जाता है ? (Cure of the Nipah Virus Infection in Hindi)
आज की तारीख में कोई निश्चित दवाई उपलब्ध नहीं है। डॉक्टर लक्षणों पर औषधोपचार दे रहे हैं। होमिओपैथी ने दावा किया है कि इस बीमारी के लिए होमिओपैथिक दवाइयाँ हैं और यह बीमारी नियंत्रित कर सकते हैं।
वैसे राइबावाइरिन (Ribavarin) नामक एंटीवायरसड्रग इस्तेमाल इसके इलाज में किया जा रहा है।
निपाह वायरस संक्रमण की जाँच किस तरह होती है ? (Diagnostics for Nipah Virus Infection in Hindi)
इसकी जाँच हेतु कुछ टेस्ट कराए जा रहे हैं, जैसे : –
- ELISA test
- RT-PCR test
इससे बचाव ही इससे बचने का तरीका है इसलिए सावधान रहें। स्वस्थ रहें।