निर्गुण्डी तेल के फायदे, घटक, बनाने की विधि, उपयोग और नुकसान – Nirgundi Oil ke Fayde aur Nuksan in Hindi

Last Updated on September 10, 2023 by admin

परिचय 

क्या आपने कभी सोचा है कि प्रकृति की गोद में छिपे कुछ पौधे हमारे लिए वरदान के समान हैं? उनके पत्ते, फल, जड़ें और अन्य भाग असंख्य रोगों के उपचार के लिए महत्वपूर्ण हैं। ऐसे ही एक पौधे का नाम है निर्गुण्डी। आयुर्वेद में निर्गुण्डी को बहुमूल्य औषधि माना जाता है। इसके पत्तों और जड़ से बनने वाला निर्गुण्डी तेल अनेक समस्याओं को दूर करने में सक्षम है।

इस लेख के माध्यम से हम जानेंगे कि निर्गुण्डी तेल क्या होता है, इसे कैसे बनाया जाता है, इसके प्रमुख लाभ क्या हैं, इसका सही उपयोग किस प्रकार किया जाए और इससे संबंधित कुछ अन्य महत्वपूर्ण जानकारियां। चलिए इस प्राचीन आयुर्वेदिक तेल के बारे में और जानते हैं। (और पढ़े – निर्गुण्डी के 55 चमत्कारी फायदे व आयुर्वेदिक नुस्खे)

निर्गुण्डी तेल क्या है ? (Nirgundi Oil in Hindi)

निर्गुण्डी एक प्राचीन आयुर्वेदिक औषधि है जिसे विटेक्स नेगुंडो नामक पौधे से तैयार किया जाता है। इसे पंचपत्री, निर्गुण्डी, सिंधुवार आदि नामों से भी जाना जाता है।

आयुर्वेद में निर्गुण्डी के निम्न भागों का उपयोग औषधीय गुणों के लिए किया जाता है:

  • पत्ते
  • जड़
  • फल
  • छाल

निर्गुण्डी तेल एक प्रसिद्ध आयुर्वेदिक तेल है जिसे निर्गुण्डी के पत्तों और जड़ों से बनाया जाता है। यह गहरे पीले रंग का तेल होता है जिसमें निर्गुण्डी के औषधीय गुण संचित होते हैं।

निर्गुण्डी तेल के मुख्य यौगिक (Main Compounds of Nirgundi Oil)

निर्गुण्डी में कई जैव सक्रिय यौगिक पाए जाते हैं जो इसके उपचारात्मक प्रभावों के लिए उत्तरदायी होते हैं:

  • फ्लेवोनॉयड्स – नेगुंडोसाइड, कैस्टिसिन, ओरिएंटिन
  • टर्पेनॉयड्स – रोटंडिफुरान, विटेक्सिलैक्टोन
  • ग्लाइकोसाइड्स
  • अल्कलॉयड्स – निशिंधीन
  • फैटी एसिड जैसे लिनोलिक एसिड

ये रासायनिक यौगिक निर्गुण्डी तेल को इसके अनेक लाभ प्रदान करते हैं।

निर्गुण्डी के औषधीय गुण (Medicinal Properties of Nirgundi)

आयुर्वेदिक ग्रंथों जैसे चरक संहिता में निर्गुण्डी के कई औषधीय गुणों का वर्णन है:

  • एनाल्जेसिक और एंटी-इंफ्लेमेटरी – निर्गुण्डी में एनाल्जेसिक गुण होते हैं जो दर्द और सूजन को कम करने में मदद करते हैं। यह जोड़ों, मांसपेशियों और अन्य क्षेत्रों में होने वाले दर्द को कम करता है।
  • एंटीऑक्सीडेंट और इम्यूनोमॉड्यूलेटर – निर्गुण्डी में एंटीऑक्सिडेंट गुण होते हैं जो कोशिकाओं की रक्षा करते हैं और रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाते हैं। यह शरीर के इम्यून सिस्टम को मजबूत करने में मदद करता है।
  • एंटीमाइक्रोबायल और एंटीफंगल – निर्गुण्डी में जीवाणुरोधी और कवकनाशी गुण होते हैं जो बैक्टीरिया, वायरस और फंगस से होने वाले संक्रमणों से लड़ने में मदद करते हैं।
  • हेपैटोप्रोटेक्टिव – निर्गुण्डी का उपयोग लिवर की रक्षा और इसके कार्यों को बेहतर बनाने के लिए किया जाता है। यह लिवर को स्वस्थ रखता है।
  • न्यूरोप्रोटेक्टिव – निर्गुण्डी दिमाग और नर्वस सिस्टम को सुरक्षा प्रदान करता है। यह मेमोरी को बढ़ावा देता है और न्यूरोडिजेनरेटिव डिज़ीज़ से बचाता है।
  • एंटी-एस्थमैटिक – निर्गुण्डी का उपयोग श्वसन संबंधी समस्याओं जैसे अस्थमा, ब्रोंकाइटिस और खांसी में किया जाता है क्योंकि यह श्वसन नलियों को खोलकर सांस लेने में आसानी करता है।
  • एनाल्जेसिक – निर्गुण्डी में प्राकृतिक एनाल्जेसिक गुण होते हैं जो अलग-अलग प्रकार के दर्द में राहत प्रदान करते हैं।

यह बहु उपयोगी जड़ी-बूटी वात और कफ विकारों, दर्द, सूजन, घावों, ट्यूमर और श्वसन संबंधी बीमारियों का इलाज करती है।

अब आइए जानते हैं निर्गुण्डी तेल कैसे बनाया जाता है।

निर्गुण्डी तेल की निर्माण विधि (Preparation Method of Nirgundi Oil in Hindi)

निर्गुण्डी तेल का निर्माण पारंपरिक आयुर्वेदिक विधि से किया जाता है ताकि इसमें पौधे के प्राकृतिक औषधीय गुण बरकरार रहें।

सामग्री

  • निर्गुण्डी की हरी पत्तियाँ और/या जड़ें
  • आधार तेल (तिल, नारियल आदि)

निर्माण विधि

  • निर्गुण्डी की हरी पत्तियों और जड़ों को अच्छी तरह धोकर साफ़ किया जाता है।
  • पत्तियों को टुकड़ों में काटा जाता है ताकि रस निकले।
  • पत्तियों और जड़ों को एक बर्तन में डालकर तिल या अन्य आधार तेल मिलाया जाता है।
  • इस मिश्रण को कम आंच पर कई घंटों तक पकाया जाता है ताकि निर्गुंडी के गुण तेल में घुल जाएँ।
  • मिश्रण को ठंडा होने दिया जाता है और फिर छानकर ठोस पदार्थ अलग कर लिए जाते हैं।
  • तेल को एयरटाइट बोतलों में भरकर सूखी जगह पर रखा जाता है।

पारंपरिक विधि के लाभ

  • तेल में जड़ी-बूटी डालने से उसमें मौजूद सक्रिय यौगिक पूरी तरह निकल आते हैं।
  • गर्म करने से जटिल यौगिक टूटकर आसानी से अवशोषित हो जाते हैं।
  • तेल में जड़ी-बूटी के सभी गुण संरक्षित रहते हैं।

इस सरल लेकिन प्रभावी तेल निर्माण विधि का प्रयोग आयुर्वेद में निर्गुण्डी तेल जैसे औषधीय तेलों को तैयार करने के लिए किया जाता है।

निर्गुण्डी तेल के लाभ (Benefits of Nirgundi Oil in Hindi)

निर्गुण्डी तेल में असाधारण गुण होते हैं जिसके कारण यह आयुर्वेदिक उपचार का महत्वपूर्ण हिस्सा माना जाता है। इसके नियमित उपयोग से कई स्वास्थ्य समस्याओं का इलाज किया जा सकता है।

1. निर्गुण्डी तेल – दर्द निवारण में फायदेमंद

  • निर्गुण्डी तेल में प्राकृतिक एनाल्जेसिक होते हैं जो आर्थराइटिस, जोड़ों के दर्द, मांसपेशी खिंचाव और फाइब्रोमायल्जिया जैसी स्थितियों में दर्द निवारण में मदद करते हैं।
  • इस औषधीय तेल से मालिश करने से कमर दर्द और मांसपेशी ऐंठन में लाभ मिलता है।
  • यह प्रभावित क्षेत्रों में सूजन और दर्द को कम करके काम करता है।

2. निर्गुण्डी तेल – श्वसन स्वास्थ्य में लाभदायक

  • निर्गुण्डी तेल श्वासनली की सूजन को दूर करके अस्थमा, ब्रोंकाइटिस, खांसी और ज़ुकाम में आराम प्रदान करता है।
  • यह श्लेष्मा और कफ को श्वसन तंत्र से बाहर निकालने में मदद करता है।
  • इसके वायरल और बैक्टीरियल गुण श्वसन संक्रमणों से लड़ने में मदद करते हैं।

3. निर्गुण्डी तेल – जोड़ों का स्वास्थ्य में उपयोगी

  • निर्गुण्डी तेल के एंटी-इंफ्लेमेटरी अल्कलॉयड आर्थराइटिस से प्रभावित जोड़ों की सूजन और कठोरता को कम करते हैं।
  • यह जोड़ों की गतिशीलता और लचीलापन को बढ़ाता है।
  • निर्गुण्डी तेल से नियमित मालिश करने से कार्टिलेज ऊतकों का क्षरण रुक जाता है ।

4. निर्गुण्डी तेल – घावों के उपचार में लाभदायक

  • घावों पर स्थानीय रूप से इस तेल का प्रयोग उपचार प्रक्रिया को तेज करता है और संक्रमणों से बचाता है।
  • इसका एंटीमाइक्रोबायल कार्य घावों को बैक्टीरिया और फंगस जैसे रोगजनकों से सुरक्षित रखता है।
  • यह घावों, अल्सर और जटिल अनियमित घावों के ठीक होने की प्रक्रिया को तेज करता है। (और पढ़े – घाव को जल्दी सुखाने के घरेलू उपाय)

5. निर्गुण्डी तेल – बालों के लिए वरदान

  • निर्गुंडी का तेल बालों की जड़ों को पोषण देता है और बाल झड़ने की समस्या को कम करता है। यह बालों की जड़ों को मजबूत बनाता है जिससे बाल टूटने और झड़ने से बचे रहते हैं।
  • निर्गुण्डी तेल, स्कैल्प (सिर के ऊपर की त्वचा) संक्रमणों जैसे – डैंड्रफ और सोरायसिस का इलाज और रोकथाम करता है। यह स्कैल्प को स्वस्थ और सुंदर बनाए रखने में मदद करता है।
  • निर्गुण्डी तेल में एंटीऑक्सीडेंट्स की भरपूर मात्रा होती है जो बालों के प्रिमेच्योर ग्रे होने से बचाती है। यह बालों का रंग और चमक बरकरार रखने में मदद करता है।

6. निर्गुण्डी तेल – बुद्धि और स्मृति शक्ति बढ़ाने वाला रामबाण इलाज

  • फ्लेवोनॉयड्स और फैटी एसिड से भरपूर होने से बुद्धि और स्मृति शक्ति बढ़ाता है
  • मन को तरोताज़ा और नींद को व्यवस्थित करके चिंता, अवसाद और नींद न आने जैसी समस्याओं का इलाज करता है
  • मूड को बेहतर बनाकर मानसिक स्वास्थ्य को सुधारता है
  • बुद्धि और स्मृति शक्ति में सुधार कर पढ़ाई, नौकरी और जीवन में सफलता लाता है
  • दिमागी क्षमताओं को बढ़ाकर एक उत्कृष्ट मेमोरी टॉनिक का काम करता है

7. निर्गुण्डी तेल – एंटीऑक्सीडेंट और एंटी-इन्फ्लेमेटरी गुणों से भरपूर

  • फ्लेवोनॉयड्स, फेनोल्स, टर्पेनॉयड्स और आर्गेनिक फैटी एसिड जैसे पौधे आधारित यौगिक एंटीऑक्सीडेंट गुणों से भरपूर
  • शरीर को हानिकारक फ्री रेडिकल्स से बचाते हुए एंटीऑक्सीडेंट का काम करते हैं
  • एंटी-इन्फ्लेमेटरी गुणों से सूजन कम करने में मददगार
  • जोड़ों के दर्द, मांसपेशियों की ऐंठन जैसी समस्याओं का इलाज
  • एलर्जी, बुखार, खांसी-जुकाम जैसी बीमारियों में राहत देता है
  • रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाकर स्वास्थ्य लाभ प्रदान करता है

8. निर्गुण्डी तेल – हृदय स्वास्थ्य के लिए कार्डियोप्रोटेक्टिव गुणों से भरपूर

  • फ्लेवोनॉयड्स और फेनोल्स जैसे यौगिक हृदय स्वास्थ्य के लिए कार्डियोप्रोटेक्टिव का काम करते हैं
  • रक्तचाप को स्थिर रखने में मदद करता है और हृदयवाहिनी रोग के जोखिम को कम करता है
  • खराब कोलेस्ट्रॉल को कम करके रक्त परिसंचरण में सुधार करता है
  • एंटीऑक्सीडेंट गुणों से हृदय को स्वस्थ रखने में मददगार
  • हृदय संबंधी बीमारियों के जोखिम को कम करता है
  • कोलेस्ट्रॉल और रक्तचाप को कंट्रोल करने के लिए एक प्राकृतिक उपचार
  • हृदय को मजबूत बनाकर समग्र स्वास्थ्य लाभ प्रदान करता है

इन लाभों के अलावा निर्गुण्डी तेल लिवर के स्वास्थ्य को भी बढ़ाता है, सिरदर्द से राहत देता है और संज्ञानात्मक कार्यों को बेहतर बनाता है। स्पष्ट रूप से, इसका नियमित उपयोग व्यापक उपचारात्मक प्रभाव प्रदान करता है।

निर्गुण्डी तेल की उपयोग विधियां (Uses of Nirgundi Oil in Hindi)

निर्गुण्डी तेल का सही तरीके से उपयोग करना इसके स्वास्थ्य लाभों को प्राप्त करने के लिए महत्वपूर्ण है। इसके उपयोग के कुछ विधियां इस प्रकार हैं:

  1. जोड़ों के दर्द और सूजन के लिए – प्रभावित जोड़ों पर निर्गुण्डी तेल की हल्की मालिश करें। यह दर्द को कम करता है और सूजन को दूर करता है।
  2. सांस संबंधी समस्याओं के लिए – नाक, गर्दन और छाती पर निर्गुण्डी तेल लगाएं। यह दमा, जुकाम और खांसी में राहत देता है।
  3. बालों के विकास के लिए – निर्गुण्डी तेल को तिल के तेल के साथ मिलाएं और स्कैल्प और बालों पर लगाएं। इससे स्वस्थ बाल विकास होता है।
  4. त्वचा की समस्याओं के लिए – प्रभावित क्षेत्र पर निर्गुण्डी तेल लगाएं। यह त्वचा में खुजली और अन्य समस्याओं को दूर करता है।
  5. घाव भरने के लिए – निर्गुण्डी तेल से घाव और फोड़े साफ करें। इसमें एंटीबैक्टीरियल गुण होते हैं।
  6. मांसपेशियों के दर्द के लिए – प्रभावित जगह पर निर्गुण्डी तेल लगाएं। यह मांसपेशियों के दर्द को दूर करता है।

अवधि

  • सामान्य स्वास्थ्य के लिए – प्रतिदिन 2-4 हफ्ते तक उपयोग करें।
  • तीव्र मामलों जैसे दर्द या संक्रमण में – लक्षण ठीक होने तक दिन में 3-4 बार लगाएँ।
  • जटिल स्थितियों के लिए – आयुर्वेदिक निगरानी में लंबे समय तक उपयोग करें।
  • किसी उत्तेजना होने पर उपयोग बंद कर दें।

इस प्रकार निर्गुण्डी तेल का सही ढंग से उपयोग करके आप अधिकतम लाभ प्राप्त कर सकते हैं।

निर्गुण्डी तेल के उपयोग में सावधानियाँ (Precautions in using Nirgundi Oil in Hindi)

निर्गुण्डी तेल का उपयोग करते समय निम्न बातों का ध्यान रखना चाहिए:

  • पहली बार इस्तेमाल करने से पहले पैच टेस्ट करें – त्वचा पर एलर्जी या उत्तेजना न हो, यह जांचने के लिए।
  • आँखों से संपर्क से बचें – आँखों में जाने पर जलन हो सकती है।
  • गर्भावस्था में डॉक्टर से परामर्श – गर्भवती और स्तनपान कराने वाली महिलाओं को उपयोग से पहले डॉक्टर से सलाह लेनी चाहिए।
  • अधिक मात्रा से बचें – हमेशा निर्धारित खुराक का ही पालन करें।
  • बच्चों से दूर रखें – बच्चों की पहुँच से बाहर रखकर सुरक्षित रखें।
  • डॉक्टर की सलाह लें – किसी भी गंभीर स्थिति में डॉक्टर से परामर्श लें।

निर्गुण्डी तेल का सही ढंग से और सावधानीपूर्वक उपयोग करके आप इसके लाभों को सुरक्षित तरीके से प्राप्त कर सकते हैं।

निर्गुण्डी तेल के दुष्प्रभाव (Side Effects of Nirgundi Oil in Hindi)

निर्गुण्डी तेल के कुछ संभावित दुष्प्रभाव निम्नलिखित हो सकते हैं:

  • त्वचा पर एलर्जी या लालिमा – कुछ लोगों को त्वचा पर एलर्जिक प्रतिक्रिया हो सकती है।
  • जलन या खुजली – तेल के संपर्क में आने पर त्वचा पर जलन और खुजली हो सकती है।
  • सिरदर्द – कुछ लोगों में सिरदर्द की समस्या हो सकती है।
  • गर्भावस्था में उपयोग से पहले डॉक्टर से परामर्श लेना चाहिए।
  • आँखों में जाने से बचाव करें।

यदि कोई असामान्य लक्षण विकसित होता है तो तुरंत उपयोग बंद कर दें और डॉक्टर से संपर्क करें। अन्यथा निर्गुण्डी तेल के उपयोग से गंभीर दुष्प्रभाव दुर्लभ हैं।

निर्गुण्डी तेल की कीमत (Nirgundi Oil Price in India)

निर्गुण्डी तेल की कीमत निम्न पर निर्भर करती है:

  • ब्रांड – मशहूर ब्रांड महंगे होते हैं।
  • पैकेजिंग – बड़े पैकेज सस्ते पड़ते हैं।
  • प्रकार – विशेष प्रकार के तेल महंगे होते हैं।
  • सामग्री का स्रोत – जंगली, जैविक जड़ी-बूटियों से बने तेल महंगे होते हैं।
  • उत्पादन विधि – पारंपरिक तरीके से बनाएं गए तेल महंगे होते हैं।

कीमत की रेंज: 

  • सामान्य निर्गुण्डी तेल: 200 से 700 रुपये प्रति 100 मिली
  • विशेष तेल: 300 से 1200 रुपये प्रति 100 मिली
  • थोक मात्रा: 500 मिली से ऊपर 700 रुपये

गुणवत्ता प्राप्त करने के लिए यूनिरे लाइफसाइंसेज जैसी प्रतिष्ठित आयुर्वेदिक कंपनियों से खरीदें।

निर्गुण्डी तेल से संबंधित अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQs)

प्रश्न: भारत में सबसे अच्छा निर्गुण्डी तेल कौन सा ब्रांड है?

उत्तर: भारत में केरल आयुर्वेद, कोटक्कल, बैद्यनाथ, डाबर, यूनिरे लाइफसाइंसेज आदि कुछ अच्छे निर्गुण्डी तेल ब्रांड हैं। यूनिरे लाइफसाइंसेज एक उभरता हुआ ब्रांड है जो प्रीमियम क्वालिटी का निर्गुण्डी तेल किफायती कीमतों पर प्रदान करता है।

प्रश्न: क्या गर्भावस्था में निर्गुण्डी तेल का उपयोग सुरक्षित है?

उत्तर: गर्भावस्था या स्तनपान के दौरान निर्गुण्डी तेल का उपयोग करने से पहले डॉक्टर से परामर्श लेना बेहतर है। डॉक्टर गर्भावस्था की स्थिति और स्वास्थ्य के आधार पर उपयुक्तता का आकलन करेंगे।

प्रश्न: निर्गुण्डी तेल कितनी देर में काम करता है?

उत्तर: आम तौर पर, लाभदायक प्रभाव देखने के लिए कम से कम 2 से 4 हफ्ते तक नियमित उपयोग की आवश्यकता होती है। तीव्र स्थितियों जैसे दर्द या संक्रमण में, अक्सर उपयोग से कुछ दिनों में तेजी से राहत मिल सकती है।

प्रश्न: क्या निर्गुण्डी तेल के कोई दुष्प्रभाव होते हैं?

उत्तर: सिफारिशी खुराक में बाहरी उपयोग पर यह अधिकांश लोगों के लिए सामान्यतः सुरक्षित है। हालांकि, कुछ लोगों को त्वचा एलर्जी या उत्तेजना हो सकती है। किसी असामान्य लक्षण होने पर उपयोग बंद कर दें।

प्रश्न: क्या निर्गुण्डी तेल मुहांसे और एक्ने ठीक करने में मदद करता है?

उत्तर: हां, इसके एंटीमाइक्रोबायल कार्य की वजह से इसका स्थानीय उपयोग मुहांसे और एक्ने को रोकने व इलाज करने में मदद करता है। यह चोट के निशानों के ठीक होने की प्रक्रिया को भी तेज़ करता है।

अस्वीकरण: इस लेख में उपलब्ध जानकारी का उद्देश्य केवल शैक्षिक है और इसे चिकित्सा सलाह के रूप में नहीं ग्रहण किया जाना चाहिए। कृपया किसी भी जड़ी बूटी, हर्बल उत्पाद या उपचार को आजमाने से पहले एक विशेषज्ञ चिकित्सक से संपर्क करें।

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