Last Updated on April 16, 2021 by admin
अक्सर देखा गया है कि नौकरीपेशा लोगों का अधिकतर समय ऑफिस की कुर्सी पर बैठे-बैठे काम करते बीतता है। कई प्राइवेट कंपनियों में काम करने वाले कर्मचारियों को अपनी कुर्सी से हिलने की भी फुरसत नहीं मिलती है। ऐसे में कई बीमारियां शरीर में घर कर लेती हैं। डेस्क जॉब वाले लोगों को अपने स्वास्थ्य के प्रति सजग रहना बेहद जरूरी है क्योंकि 8 से 9 घंटे की नौकरी में सारा वक्त कंप्यूटर के आगे एक ही कुर्सी पर बैठे रहना उनके लिए काफी नुकसानदेह साबित हो सकता है। कुर्सी पर लगातार बैठे रहने से लोगों को कंधों, कमर और गर्दन में दर्द जैसी समस्याएं होने की संभावना ज्यादा होती है। इन समस्याओं के चलते आप अपनी नौकरी तो नहीं छोड़ सकते। हां, अपनी कुर्सी पर बैठे-बैठे ही योग के कुछ आसान आसनों को आजमाकर खुद को सुरक्षित और तारोताजा जरूर रख सकते हैं।
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क्या है कुर्सी योग ? :
यह योग का ही एक प्रकार है, जो कि कुर्सी पर बैठकर किया जाता है। कई घंटों तक ऑफिस में बैठकर काम करने वालों के लिए यह बहुत ही उपयोगी है। लगातार कई घंटों तक काम करने के कारण व्यक्ति में आलस आने लगता है, जिसके कारण काम में मन नहीं लगता। कुर्सी योग करके आदमी कुछ ही मिनटों में स्फूर्ति पा सकता है। इसका सबसे फायदेमंद पहलू यह है कि यह कहीं भी किया जा सकता है। ट्रेन, बस, हवाई जहाज, कार आदि में यात्रा के दौरान भी यह आसानी से किया जा सकता है। इसके अलावा यह ऐसे लोगों के लिए भी फायदेमंद है, जो जमीन पर बैठकर योग नहीं कर सकते हैं। इस योग के निम्न आसन करने से कई बीमारियों से मुक्ति मिल सकती है, जिनकी जानकारी होना आवश्यक है।
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ताजगी दे, करे रिफ्रेश :
यह योग ऑफिस में आराम से किया जा सकता है। रिफ्रेश योग अंग संचालन और प्राणायाम का हिस्सा है। इसे करने से दिमाग ठंडा व मन एकाग्रचित्त होता है। दोनों हाथों को ऊपर उठाकर हथेलियां आपस में जोड़ लें तथा कंधे से हथेलियों तक खिंचाव महसूस करें। पहले दाईं तरफ झुकाकर 5 बार प्रक्रिया करें, फिर बाईं तरफ भी यही प्रक्रिया दोहराएं। आंख, जीभ, हाथ-पैर की कलाइयों, कमर, गर्दन को दाएं-बाएं व ऊपर-नीचे करते हुए गोल-गोल घुमाइए। इसी तरह पैरों के उंगलियों की भी एक्सरसाइज कीजिए। कानों को मरोड़िए । पूरा मुंह खोलकर बंद करिए। दाएं से बाएं और बाएं से दाएं कंधे को पकड़कर दबाइए।
इस क्रिया को 10-15 मिनट तक करें। इससे जोड़ों का दर्द, तनाव, सिरदर्द, गर्दन व कमर का दर्द, पीठ दर्द, आलस्य, कब्ज और गैस आदि में राहत मिलती है। ऑफिस के दौरान कुछ देर के लिए किया गया यह योग आपको ताजगी से भर देता है।
कोणासन :
यह हाथों को आराम देने के लिए किया जाता है। इसे करने के लिए अपने दोनों पैरों को सटाकर सीधे खड़े हो जाइए। आगे की ओर देखते हुए सामने की तरफ झुकें और हाथों की उंगलियों से जमीन को छुएं। इस दौरान अपने शरीर के ऊपरी भाग को सीधा रखें । इस आसन को 10-30 सेकंड तक करें।
भाष्टिका आसन :
इस योग को करने से पेट के विकारों से राहत मिलती है। इसे करने के लिए आराम से पीठ को सीधा करके बैठ जाएं। अपनी आंखों को बंद करके पेट की मांसपेशियों का ध्यान करके नाक से सांस को अंदर-बाहर करें। इस क्रिया को 5 बार दोहराएं।
लेग स्ट्रेचिंग :
इसे करने के लिए आराम से कुर्सी पर बैठकर एक पैर को मोड़कर दूसरे पैर को सामने की तरफ ले जाइए। दोनों हाथों से आगे के पैर को पकड़कर सांस को अंदर खींचिए ओर फिर बाहर छोड़िए। यह प्रक्रिया 3 से 5 बार कीजिए। इस तरह से दूसरे पैर के साथ भी करिए। इस क्रिया का 5-10 बार दोहराइए।
गर्दन आसन :
अपनी गर्दन को दाहिनी ओर झुकाते हुए कान से कंधे को छूकर 3-5 बार सांस को अंदर-बाहर कीजिए। इस क्रिया को बाईं ओर ले जाते हुए भी कीजिए। इसे करने से गर्दन में हो रहे दर्द से निजात मिलेगी।
वायु मुद्रा :
इस मुद्रा को बनाने के लिए अंगूठे के बाद वाली पहली उंगली यानी इंडेक्स फिंगर को मोड़कर उसके नाखून वाले भाग को हलके से दबाएं। अंगूठे के मूल भाग में भी उंगली से हलका दबाव दें। अंगूठे से तर्जनी पर दबाव बनाकर शेष तीनों उंगलियों को सीधा रखें। इससे जो मुद्रा बनती है, उसे वायु मुद्रा कहते हैं। इस मुद्रा को रोज 5-10 मिनट करने से हर तरह की गैस की समस्या, वात, पक्षापात, हाथ-पैर या शरीर में कम्पन, लकवा, हिस्टीरिया जैसे रोग ठीक हो जाते हैं।
रीढ़ की हड्डी में खिंचाव के लिए :
कुर्सी पर सीधे होकर बैठ जाइए। अपने दाहिने पैर को बाएं के ऊपर रख लीजिए । अब अपने बाएं हाथ को बाएं पैर के घुटने के नीचे रख लीजिए। गहरी सांस लेते हुए अपने बाएं हाथ को सिर पर रखिए । अब सिर को दाहिनी भुजा की तरफ दबाइए। इस क्रिया को दाहिने हाथ से भी कीजिए। 3-5 बार इस क्रिया को दोहराइए। इस योग को करने से रीढ़ की हड्डी का दर्द और तनाव समाप्त होता है।
ट्विस्ट :
सीधे बैठें। पहले दाएं मुड़ें। अपनी कमर व कंधे पर खिंचाव महसूस करें, फिर बाएं मुड़ें। इस तरह यह प्रक्रिया 4-5 बार दोहराएं। इससे रीढ़ की हड्डी व कमर को काफी आराम मिलता है।
धागा-सुई :
अपनी कुर्सी पर बैठें और अपने बाएं घुटने पर दायां पैर उठाकर रखें। फिर दाएं पैर की एड़ी को उठाकर ऊपर-नीचे करें। फिर यही आसन दूसरे पैर के साथ दोहराएं। यह आसन जांघों को फैलने से रोकता है और इसे करने से पीठ के निचले हिस्से में तनाव से राहत मिलती है।
यह सभी आसन नाश्ते से पहले या नाश्ते व दोपहर के भोजन के बीच करें । खाना खाने के बाद यह आसन नहीं करने चाहिए।
कामकाजी लोगों खासकर महिलाओं की जिंदगी दो पाटों में पिसने वाली कहावत को चरितार्थ करती है। इससे सबसे ज्यादा नुकसान उनकी सेहत को पहुंचता है। वैसे तो हमें योग रोज करना चाहिए, परंतु कभी वक्त न मिलने पर कुर्सी योग उसकी कमी को पूरा कर देता है। इससे ऑफिस में बैठे-बैठे ही शरीर की अकड़न से आराम मिलता है व एक नयी स्फूर्ति से काम किया जा सकता है।