Last Updated on September 7, 2022 by admin
फल घृत क्या है ? : Phala Ghrita in Hindi
पोषक आहार का अभाव, प्रतिकूल परिस्थिति , मानसिक तनाव, दुनियादारी की समस्याएं, किसी भी कारण से शोक या चिन्ता से ग्रस्त रहना आदि कारणों से स्त्रियों का स्वास्थ्य अच्छा नहीं रह पाता, शरीर रुग्ण और कमज़ोर रहता है, वे या तो गर्भ धारण नहीं कर पाती या स्वस्थ शिशु को जन्म नहीं दे पातीं, ऐसी स्थिति में फल घृत का सेवन करना अत्यन्त लाभदायक और मनोवांछित फल प्राप्त कराने वाला सिद्ध होता है।
फल घृत के घटक द्रव्य :
मुलहठी, हरड़, बहेड़ा, आंवला, कूट, हल्दी, दारुहल्दी, कुटकी, वाय विडंग, पीपल, नागर मोथा, इन्द्रायण की जड़, कायफल, काकोली और क्षीर काकोली (इनके अभाव में असगन्ध व शतावर) मेदा और महामेदा (दोनों के अभाव में शतावर की मात्रा बढ़ा दें) बच, सफ़ेद अनन्तमूल, काली अनन्त मूल, प्रियंगु फूल, सौंफ, भुनी हींग, रास्ना, सफ़ेद चन्दन, लाल चन्दन, चमेली के फूल, कमल, वंशलोचन, मिश्री, अजमोद, दन्तीमूल- सब 10-10 ग्राम ।
गाय (जिसका बछड़ा जीवित हो व दूध पीता हो) के दूध से बना घी 600 ग्राम, गो दुग्ध और जल 250-250 मि.लि.
फल घृत बनाने की विधि (निर्माण विधि) :
सब द्रव्यों का कल्क (लुगदी) बना लें। एक बड़े बर्तन में यह कल्क, गोघृत, गोदुग्ध और जल डाल कर पकाएं। जब पानी और दूध जल जाए तब उतार कर छान लें और बर्नी में भर लें।
उपलब्धता : यह योग इसी नाम से बना बनाया आयुर्वेदिक औषधि विक्रेता के यहां मिलता है।
मात्रा और सेवन विधि :
5 से 10 ग्राम (1 या 2 छोटा चम्मच भर) रोज सुबह इस घृत को चाट लें।
फल घृत के उपयोग : Uses of Phala Ghrita in Hindi
- योनि विकार
- वंध्यत्व (बांझपन)
- कमजोर बच्चे होना
- गर्भिणी रोग
- गर्भाशय की कमजोरी
- शरीर, पीठ, कमर में दर्द
- टॉनिक
- गर्भाशय की कमजोरी
- बार-बार गर्भपात
- अगला बच्चा होने में परेशानी
- कमजोर बच्चे होना
- लम्बे समय तक ज्यादा मोर्निंग सिकनेस
- कम स्पर्म होना
- अनैच्छिक वीर्यपात
- यौन दुर्बलता
- शुक्र विकार
फल घृत के फायदे : Phala Ghrita Benefits in Hindi
स्त्री – पुरुष दोनों के लिए लाभप्रद फल घृत
यह घृत स्त्री व पुरुष दोनों के लिए अत्यन्त गुणकारी है यानी पति-पत्नी दोनों ही इसका सेवन कर सकते हैं।
गर्भाशय के दोषों को दूर करने में फायदेमंद फल घृत
यह पुरुषों के धातु विकार और स्त्रियों के रजोदोष एवं गर्भाशय के दोषों को दूर करता है।
सुखपूर्वक प्रसव के लिए फल घृत के सेवन से लाभ
नवदम्पत्ति प्रथम बार गर्भाधान करने से पहले 3-4 माह तक इस घृत का सेवन करने के बाद ही गर्भाधान करें और गर्भ स्थापना होते ही पत्नी ‘नव मास चिकित्सा’ का सेवन शुरू कर दे तो होने वाली सन्तान बहुत ही स्वस्थ होगी और प्रसव भी गर्भकाल पूरा करके सुखपूर्वक होगा यानी सीज़ेरियन डिलीवरी की नौबत नहीं आएगी।
डिम्ब (आरंभिक अवस्था का भ्रूण,अंडा कोशिका) की निर्बलता मिटाए फल घृत का उपयोग
जिन स्त्रियों को डिम्ब की निर्बलता या अपक्वता के कारण गर्भ नहीं ठहरता या बच्चा गर्भ में पनपता नहीं या पैदा होकर मर जाता हो उन्हें फल घृत का सेवन 3-4 माह करके ही गर्भ धारण करना चाहिए।
गर्भ के दोष मिटाता है फल घृत
गर्भ के दोष दूर कर स्वस्थ सुडौल शिशु को जन्म देने में सहायक फल घृत एक अव्यर्थ योग है।
फल घृत के नुकसान : Phala Ghrita Side Effects in Hindi
फल घृत लेने से पहले अपने चिकित्सक से परामर्श करें ।
(अस्वीकरण : दवा, उपाय व नुस्खों को वैद्यकीय सलाहनुसार उपयोग करें)
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