पोटेशियम के आहार स्रोत, फायदे और नुकसान

Last Updated on December 22, 2022 by admin

शरीर के लिए पोटैशियम क्यों है जरूरी ? :

       पोटेशियम मूल खनिज है। इसके बिना जीवन सम्भव नहीं है। पोटेशियम हमेशा किसी एसिड के साथ पाया जाता है। खनिज की कमी वाली मिट्टी खनिज की कमी वाला आहार उत्पन्न करती है। इस प्रकार के आहार का अंतर्ग्रहण शरीर की कोशिकाओं से पोटेशियम लेने के लिए विवश करता है जिससे सम्पूर्ण शरीर-रसायन विक्षुब्ध हो जाता है। पोटेशियम की कमी विशेष रूप से गर्भवती महिलाओं में सूखा हुआ राख, कोयला या विशिष्ट प्रकार की मिट्टी भी खाने की इच्छा पैदा करता है।

पोटैशियम के कार्य : 

  1. पोटेशियम पेशियों, स्नायुओं की सामान्य शक्ति, हृदय की क्रिया और एन्जाइम प्रतिक्रयाओं के लिए आवश्यक है।
  2. यह शरीर के तरल संतुलन को नियमित करने में सहायक होता है। 
  3. इसकी कमी से स्मरण-शक्ति का ह्रास पेशियों की कमजोरी, अनियमित हृदय-गति और चिड़चिड़ापन जैसे रोग हो सकते हैं। 
  4. इसकी अधिकता से हृदय की अनियमितताएं हो सकती हैं।
  5. पोटेशियम कोमल ऊतकों के लिये वही है जो कैल्शियम शरीर के कठोर ऊतकों के लिए है।
  6. यह कोशिकाओं के भीतर और बाहर के तरलों का विद्युत-अपघटनी संतुलन बनाये रखने के लिए भी महत्वपूर्ण है। 

पोटैशियम की कमी के शरीर पर दुष्प्रभाव :

पोटेशियम की कमी से शरीर में निम्नलिखित लक्षण प्रगट हो सकते है –

  • मानसिक सतर्कता का अभाव, 
  • पेशियों में थकावट का होना, 
  • विश्राम करने में कठिनाई, 
  • सर्दी-जुकाम, 
  • कब्ज,
  • जी मिचलाना,
  • त्वचा की खुजली 
  • शरीर की मांस-पेशियों में ऐंठन ।

पोटेशियम का स्तर बढ़ने से होने वाले दुष्प्रभाव :

शरीर में पोटैशियम ज्यादा होने पर दिखते हैं ये लक्षण –

  • सोडियम का बढ़ा हुआ अर्न्तग्रहण शरीर की कोशिकाओं में से पोटेशियम की हानि को बढ़ा देता है।
  • मांसपेशियों में कमजोरी होना ।
  • शरीर में  झुनझुनी का महसूस होना।
  • दिल की धड़कन का अनियमित होना।
  • सीने में दर्द ।
  • सांस लेने में तकलीफ।
  • मानसिक असुंतलन।
  • पेट में दर्द होना।

पोटेशियम के महत्वपूर्ण स्रोत :

विकसित देशों में सेब के आसव का सिरका पोटेशियम का एक उत्तम स्रोत है । एक चम्मच सेब के आसव के सिरके को एक गिलास पानी में मिलाइए और इसकी धीरे-धीरे चुस्की लीजिए। यह शरीर की वसाओं को जलाने में मदद करता है। गायों पर किये गये प्रयोगों में सेब के आसव के सिरके से गायों में गठिया समाप्त हो गया और दूध का उत्पादन बढ़ गया। पोटेशियम के अन्य आहार स्रोत –

  • सूखा हुआ बिना मलाई के दूध का पाउडर, 
  • गेहूं के अंकुर, 
  • छुहारे, 
  • खमीर, 
  • आलू, 
  • मूंगफली, 
  • बन्दगोभी, 
  • मटर,
  •  केले, 
  • सूखे मेवे, 
  • नारंगी 
  • अन्य फलों के रस, 
  • खरबूजे के बीज
  • सबसे अधिक पैपरिका,
  • सेब के आसव का सिरका।

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