Last Updated on September 11, 2022 by admin
सप्तामृत लौह क्या है ? : Saptamrit Lauh in Hindi
सप्तामृत लौह टैबलेट या पाउडर के रूप में आयुर्वेदिक दवा है जो मुख्य रूप से आखों के विकारों, गैस, मन्दाग्नि आदि के उपचार में उपयोग किया जाता है। इसमें लौह भस्म मुख्य घटक होता है।
सप्तामृत लौह के घटक द्रव्य :
- हरें
- बहेड़ा
- मुलैठी
- लौह भस्म
सप्तामृत लौह बनाने की विधि :
हरें, बहेड़ा, मुलैठी- इनका कपड़छन किया हुआ चूर्ण तथा लौह भस्म सबको १-१ भाग लेकर एकत्र मिला, खरल कर सुरक्षित रख लें।- भै. र.
सप्तामृत लौह की सेवन विधि ,मात्रा और अनुपान :
250 mg से 500 mg संध्या के समय अथवा सुबह-शाम 1 ग्राम घी और 3 ग्राम शहद में मिला कर चाटें और ऊपर से गौ या बकरी का दूध पी लें।
सप्तामृत लौह के फायदे ,गुण और उपयोग : Saptamrit Lauh ke Fayde in Hindi
1. नेत्र रोग नाशक : यह सब प्रकार के नेत्र रोगों की खास दवा है। इसके सेवन से दृष्टि-शक्ति की कमी, आँखों की लाली, आँखों में खाज होना, ऑखों के आगे अन्धेरा होना आदि विकार और नेत्र रोग अच्छे हो जाते हैं। ( और पढ़े –चाहे चश्मा कितने भी नंबर का हो वो भी उतरेगा )
2. भूख बढ़ाता है : इसके सेवन से दस्त साफ आता है, अग्नि (जठराग्नि) प्रदीप्त होती है । (और पढ़े – भूख बढ़ाने के 55 घरेलू नुस्खे)
3. खून बढ़ाने वाला : लौह का प्रधान मिश्रण होने के कारण यह औषध रक्त को भी बढ़ाती है।( और पढ़े –हीमोग्लोबिन व खून की कमी दूर करने के 46 उपाय )
4. नेत्रों ज्योति बढ़ाने वाला : इसको महात्रिफला घृत अथवा मधु में मिलाकर नियमित रूप से साल भर सेवन करने से नेत्रों की ज्योति बहुत अच्छी बढ़ जाती है, चष्मा लगने की आवश्यकता भी मिट जाती है। कई रोगीयों की, जिनकी नेत्र-दृष्टि कमजोर होने से चष्मा लगाना पड़ता था, इसके सेवन से नेत्रों की ज्योति बढ़कर चष्मा हटा देने के कई उदाहरण हमने देखें हैं।
5. गले से ऊपर के रोगों मे लाभदायक : मधु में मिलाकर नियमित रूप से सेवन करने से केवल नेत्र-रोगों ही नष्ट नहीं होते , बल्कि दाँत, कान और गले से ऊपर उत्पन्न होने वाले रोगों में भी लाभप्रद है।
6. बालों का सफेद होना : यह अकाल (असमय) में बाल सफेद होने को रोकता है।( और पढ़े –सफेद बालों से छुटकारा पाने के 14 रामबाण उपाय )
7. मन्दाग्नि : सप्तामृत लौह पुरानी मन्दाग्नि को भी दूर कर जठराग्नि को प्रदीप्त करता है।
8. वीर्य वर्धक : इसके सेवन से शरीर में वीर्य शक्ति की वृद्धि होती, मुख की कान्ति अच्छी हो जाती है।( और पढ़े – वीर्य को गाढ़ा व पुष्ट करने के आयुर्वेदिक उपाय)
9. बलवर्धक रसायन : इसके सेवन से बाल अत्यन्त काले हो जाते हैं। यह रसायन वृष्य (जिससे वीर्य और बल बढ़ता है) भी है।
सप्तामृत लौह के नुकसान : Saptamrit Lauh ke Nuksan
- अधिक खुराक के गंभीर दुष्प्रभाव हो सकते हैं ।
- सप्तामृत लौह को डॉक्टर की सलाह अनुसार ,सटीक खुराक के रूप में समय की सीमित अवधि के लिए लें।
- सप्तामृत लौह लेने से पहले अपने चिकित्सक से परामर्श करें ।
(अस्वीकरण : दवा, उपाय व नुस्खों को वैद्यकीय सलाहनुसार उपयोग करें)
Saptamrit laugh ka kya result hai
रेल्वे बोर्ड के इंटरव्ह्यू मे लाल तथा हरा रंग satik रूप मे पहचानना जरुरी होता है कमजोर आख वाले फेल होते है सप्तामृत लोह निरंतर सेवन करणे से अच्छा परिणाम मिला है मैने बहुत रुग्नो पर उपचार किया है
डॉ सुभाष राऊत नागपूर
इसे दवा को 250 mg की मात्रा में दिन में दो बार शहद के साथ लिया जा सकता है । औषधि सेवन से पहले आयुर्वेदिक वैद्य की सलाह अवस्य लें ।
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Saptamrit loh batti hai mere pass…
Kripaya batayen
दवा प्रयोग करने से पहले आयुर्वेदिक चिकित्सक की सलाह जरुर ले ~ हरिओम
Mai isaka prayog eye jyoti badhane ke liye karana chahata hu
good.quiteeducative