Last Updated on April 3, 2023 by admin
संतुलित आहार- स्वस्थ जीवन का आधार :
हमारे पुराने ग्रंथों में पहले से ही भोजन के बारे में तथ्य दिया जा रहा है कि भोजन आधा पेट करना चाहिए, चौथाई पेट पानी पीना चाहिए और पेट की बाकी बची हुई जगह हवा के लिए रखनी चाहिए। लेकिन बहुत ही कम संख्या में लोग इस बात पर गौर करते हैं।
बहुत से लोगों का मानना है कि कम भोजन करने से शरीर को पूरा पोषण नहीं मिल पाता इससे शरीर कमजोर हो जाता है। यह बात बिल्कुल गलत है। शरीर के लिए वही भोजन उपयोगी होता है जो शरीर में अच्छी तरह से पच जाए।
यह बात आपको हमेशा ध्यान रखनी चाहिए कि आप जितना अधिक भोजन करेंगे उतने ही ज्यादा रोग शरीर को घेरेंगे। आप अपने ऊपर इसका प्रयोग करके देख सकते हैं। 3-4 दिनों तक कम मात्रा में भोजन करने से आपको भूखे पेट होने का अहसास होगा। लेकिन एक हफ्ते बाद पेट उसी के अनुकूल हो जायेगा। इसके बाद ध्यान से अपने शरीर और व्यवहार को देखें। आप देखेंगे कि आपके शरीर में चेतना अधिक होती है। फिर अपने कम खाने के महत्व को समझकर आप अपने जीवन में इसका उपयोग करते रहेंगे।
संसार में जिन लोगों की उम्र बहुत ज्यादा है वह लोग हमेशा कम भोजन ही खाते आए हैं।
मेहमान का सम्मान करने में उसे ज्यादा खाना खिलाना ठीक नहीं होता।
कम भोजन का रहस्य सभी को समझ आ जाये तो मनुष्य स्वस्थ भी रहेगा और विश्व में भोजन की समस्या भी खत्म हो जायेगी।
सेहतमंद जिंदगी गुजारने के लिए भोजन के नियम :
- रोजाना का भोजन करने की एक मात्रा निर्धारित कर लें, आपको जितना भोजन करना है उतना एक थाली में रख लें। भगवान का भोग लगाकर उनका प्रसाद समझ कर भोजन करें जैसे प्रसाद दुबारा नहीं लिया जाता वैसे भोजन भी दुबारा न लें। इस तरह आपकी खुराक सामान्य हो जायेगी।
- आप भोजन को अच्छी तरह चबाकर खाएं। भोजन को अच्छी तरह चबाकर खाने से संतुष्टि मिलती है। भोजन को कम से कम 32 बार चबाकर खाना चाहिए। इससे पेट जल्द ही भर जाता है।
- खाना खाते समय बेकार की बातें और मानसिक चिंतन न करें।
- भोजन हमेशा रसयुक्त, स्निग्ध, शरीर को स्थिरता देने वाला, हृदय और दिमाग को शक्ति देने वाला होना चाहिए। जहां तक संभव हो सके सादा भोजन ही करें।
- दिन भर में केवल दो बार ही भोजन करें।
- कभी कभी बचे हुए भोजन को खत्म करने के लिए ज्यादा भोजन किया जाता है जिससे हमारा स्वास्थ बिगड़ जाता है। ऐसे ही गिफ्ट में मिली मिठाइयां ज्यादा खाने से शारीरिक नुकसान होता है।