Last Updated on May 29, 2020 by admin
शहद के औषधीय गुण :
- शहद प्रकृति की देन है । भारत में प्राचीन काल से शहद एक उत्तम खाद्य माना जाता है । उसके सेवन से मनुष्य निरोगी, बलवान और दीर्घायु बनता है । विविध प्रकार के फूलों में से मीठा रस चूसकर मधुमक्खियाँ अपने शरीर में संचित करती हैं । यह रस पहले तो पतला और फीका होता है । परंतु मधुमक्खियों के शरीर में संचित होने से गाढा और मीठा होता है । फिर शहद के छत्ते में ज्यादा गाढा बनकर शहद के रूप में तैयार होता है ।
- छत्ते में मधुमक्खियाँ उसे मोम द्वारा सुरक्षित रखती हैं । इस प्रकार शहद, अलग-अलग फूलों का पराग, वनस्पतियाँ और मधुमक्खियों के जीवन का सम्मिश्रण या सार तत्त्व है । शहद केवल औषधि ही नहीं, परंतु दूध की तरह मधुर और पौष्टिक संपूर्ण आहार भी है ।
- शहद में स्थित लौह तत्त्व और क्षार खून को प्रति अम्ली बनाता है । वह रक्त के लालकणों में वृद्धि करके रक्त का फीकापन दूर करता है । शहद गरमी और शक्ति प्रदान करता है । शहद श्वास, हिचकी, वगैरह श्वसनतंत्र के रोगों में हितकर है । शहद में विटामिन ‘बी” का प्रमाण ज्यादा होता है जिससे उसका सेवन करने से दाह, खुजली, फुँसियाँ जैसे त्वचा के सामान्य रोगों की शिकायत नहीं रहती । शहद जिस औषधि के साथ मिलाया जाता है उस औषधि का गुण बढता है ।
- शहद उष्णता नहीं सह सकता । उसे गरम नहीं करना चाहिए, गरम चीजों के साथ नहीं मिलाना चाहिए या गरम चीजों के साथ नहीं खाना चाहिए । शहद खाने के बाद गरम पानी भी नहीं पिया जा सकता ।
इसे भी पढ़े :
⚫ शहद (Honey) खाएं तो इन बातों का रखें ध्यान वरना ये जहर बन जाएगा
⚫ जमा शहद कितना असली कितना नकली ? Asli shehad ki pehchan
शहद के फायदे और उपयोग : Shahad ke Fayde in Hindi
Benefits of Honey in hindi
१. शहद और घी एक साथ एक ही प्रमाण में (समान मात्रा में) लेने से विषतुल्य होता है । कफप्रधान रोगों में घी की अपेक्षा शहद ज्यादा लेना चाहिए । पित्त एवं वातप्रधान रोगों में शहद की अपेक्षा घी ज्यादा प्रमाण में लेना चाहिए ।
२. एक वर्ष के बाद शहद पुराना माना जाता है । शहद जैसे-जैसे पुराना होता है वैसे-वैसे गुणकारी बनता है । शहद की मात्रा २० से ३० ग्राम है । बालकों को २०-२५ ग्राम से और वयस्कों को ४०-५० ग्राम से ज्यादा शहद एक साथ नहीं लेना चाहिए ।
३. शहद का अजीर्ण अत्यंत हानिकारक है । शहद की विकृति या कुप्रभाव कच्ची धनिया और नार खाने से मिटता है ।
४. एक चम्मच शहद, अरडूसी के पत्तों का रस एक चम्मच और आधी चम्मच अदरक का रस मिलाकर पीने से खाँसी मिटती है ।
५. शहद में मोर के पंखों की भस्म मिलाकर चाटने से हिचकी बंद होती है ।
६. शहद के साथ पानी मिलाकर उसके कुल्ले करने से बढे हुये टॉन्सिल्स में बहुत राहत मिलती है ।
७. रोज सुबह २०-२० ग्राम शहद ठंडे पानी में मिलाकर चार पाँच महीने पीने से दाह, खुजली और फुंसियों जैसे त्वचा के रोग मूल में से नष्ट हो जाते हैं ।
८. पतला साफ कपडा शहद में डुबाकर जले हुये भाग पर रखने से खूब राहत मिलती है ।
९. शहद का नियमित सेवन खोई हुई शक्ति वापस लौटाता है, और शरीर को सुन्दर, स्फूर्तिवान, बलवान, दीर्घजीवी और सुडौल बनाता है |
१०. चूँकि शहद एक हाइपरस्मोटिक एजेंट है इसलिए इसे घाव पर लगाने से यह घाव का तरल निकाल देता है, उस स्थान से बैक्टीरिया नष्ट करके शीघ्र भरपाई करता है |
११. घाव पर शहद सीधे लगाने की बजाय इसे पट्टी या रुई पर लगाकर फिर घाव पर लगायें |
१२. टाइफाइड, निमोनिया में शहद सेवन लीवर और आंतों की कार्यक्षमता बढाता है |
१३. पेशाब के इन्फेक्शन में दालचीनी चूर्ण , शहद को गुनगुने पानी में मिलाकर पीने से बैक्टीरिया दूर होते हैं और आराम मिलता है |
१४. हलके गुनगुने पानी में शहद और नींबू का रस मिलाकर सुबह पीने से वजन कम होता है, कब्ज दूर होता है, साथ ही शरीर से विषैले तत्व बाहर निकल जाते है |शहद, नींबू और गुनगुने पानी का सेवन एक बार में लगातार 30 दिनों से ज्यादा नहीं करना चाहिए , थोडा अन्तराल देकर पुनः प्रारंभ कर सकते हैं|
१५. आर्थराइटिस में जोड़ों पर दालचीनी चूर्ण और शहद मिलाकर धीरे धीरे मालिश करें |
१६. shahad aur doodh ke fayde :शहद और दूध मिलाकर पीना वजन बढाने में अति गुणकारी है |
१७. आयुर्वेद के अनुसार सोने से पूर्व एक गिलास पानी में दो चम्मच शहद मिलाकर पीने से नींद जल्दी और अच्छी आती है |
१८. शहद अदरक रस मिलाकर, चाटे परम चतुर ।
श्वास, सर्दी, वेदना, निश्चित होए दूर ।।
कैसे करें शुद्ध शहद की पहचान ? shudh shahad ki pahchan
- शुद्ध शहद को कुत्ते नहीं खाते ।
- शुद्ध शहद लगाये हुये खाद्य पदार्थ को कुत्ते छोड देते हैं ।
- शुद्ध शहद की बूँद पानी में डालने से तले में बैठ जाती है ।
- शहद में रूई की बाती डुबाकर दीपक जलाने से आवाज किये बिना जले तो शहद शुद्ध मानना चाहिए ।
चासनी के टेंकर को छः महीने तक जमीन में दबा कर रखा जाता है और उसमें से बनाया हुआ कृत्रिम शहद लेबोरेटरी में भी पास हो सकता है । दूसरे प्रकार से भी कृत्रिम शहद बनाया जाता है । आजकल ज्यादा प्रमाण में वैसा ही शहद मिलता है ।
शहद के नुकसान | Shahad ke Nuksan
Honey Side Effects in Hindi
शहद का सेवन यूँ तो उत्तम स्वास्थ्य के लिए बहुत आवश्यक है फिर भी शहद के सेवन के प्रति, अवश्य सावधान रहना चाहिए। अनेक बार शहद का सेवन नुकसान दे जाता है। कारण, गलत रीति से शहद का सेवन। यथा
(1) शहद या शहद मिश्रित दवा के बाद गर्म पानी पीना।
(2) शहद और घी का बराबर मात्रा में सेवन किया जाना।
(3) शहद और जल (पानी) को समान मात्रा में लेना।
इस प्रकार उपरिलिखित अनुपात या संयोग के साथ शहद का सेवन करने से हानि होती है। अतः शहद का सेवन करते हुए इन तथ्यों का ध्यान अवश्य ही रखना चाहिए।
(उपाय व नुस्खों को वैद्यकीय सलाहनुसार उपयोग करें)
nice information about organic honey health benefits