सोने से इंकार करके आज तक किसी भी आदमी ने आत्महत्या नहीं की और ऐसा कभी कर भी नहीं पाएगा। मनुष्य की सारी इच्छाशक्ति के बावजूद प्रकृति उसे सोने के लिए विवश कर देगी। प्रकृति हमें भोजन या पानी के बिना तो ज्यादा समय तक चलने देगी परंतु नींद के बिना नहीं।’ – डेल कारनेगी
हर व्यक्ति के सोने का तरीका अलग-अलग होता है। कोई कमर के बल तो कोई पेट के बल सोता है। सोने के सही तरीके को यदि अपनाया जाए तो हम कई रोगों से बच सकते हैं और हमारे शरीर के महत्वपूर्ण अंगों को भी स्वस्थ रखने में मदद कर सकते हैं। चूँकि हम हमारे जीवन का ज्यादा समय सोने में ही बिताते हैं और सोने का हमारे स्वास्थ्य पर बहुत गहरा प्रभाव पड़ता है इसलिए सोने का सही ज्ञान होना बहुत आवश्यक है। आइये जाने सोने का सहीं तरीका क्या है –
अच्छे स्वास्थ्य के लिये सोने का सहीं तरीका :
• रात को जल्दी सोएँ एवं सवेरे जल्दी उठे।
• रात को खाने एवं सोने के बीच कम से कम 3 से 4 घण्टे का अन्तराल रखें।
• रात को सोते समय सीधी करवट लेकर सोएँ, जिससे कि हृदय को रक्त पम्प करने के
लिए खुली जगह मिले। अगर हम उल्टे हाथ की तरफ करवट लेकर सोते है तो खाने से भरा हुआ आमाशय हृदय पर दबाव डालता है जिससे हृदय की क्रियाविधि प्रभावित होती है। आधी रात बीतने के बाद आप कमर के बल भी सो सकते हैं।
• सोने के लिए कमरा ऐसा हो जहाँ पर्याप्त मात्रा में वायु का प्रवाह हो।
• हमेशा अपने कमरे में ऐसी खिड़की या रोशनदान जरूर बनाएँ जिससे कि सुबह की धूप आ सके। इससे लाभ यह होगा कि आप जल्दी उठने लगेंगे और भरपूर तरो-ताज़गी महसूस करेंगे।
• बेडरूम में टिक-टिक करती या हर घण्टे बजने वाली घड़ी न लगाएँ, न ही रेडियम वाली घड़ी लगाएँ क्योंकि इससे आपको अनिद्रा होने पर तनाव बढ़ेगा।
• यदि आवश्यक न हो तो अपना मोबाइल फोन बंद करके सोएँ।
• बेडरूम में टी.वी. न रखें क्योंकि इससे आप देर रात तक टी.वी. देखते रहेंगे और फिर
आपको देर रात तक जागने की आदत हो जाएगी।
• हमेशा हल्के और आरामदायक सूती कपड़े पहनकर सोएँ।
• यदि आप गाँव में रहते हैं तो गर्मियों के मौसम में पेड़ों के नीचे सोयें विशेषकर नीम या पीपल के नीचे (इमली के पेड़ के नीचे न सोएँ, क्योंकि यह क्षोभ (Inflammation) करता है)।
• यदि आपको कमर दर्द है और इसकी वजह स्पाइनल कॉर्ड का दबना है तो आप करवट लेकर धनुष का आकार बनाकर सोएँ।
• अगर आप ऑस्टियोपोरोसिस रोग से पीड़ित हैं तो कूल्हे और कमर के बीच पतला तकिया रखकर सोएँ।
• जिससे कि रीढ़ पर पेट का कम भार पड़ेगा और आपको तकलीफ कम होगी।
• यदि आपको कूल्हे के जोड़ों का दर्द हो तो आप करवट लेकर तकिये को दोनों घुटनों के बीच रखकर सोएँ। इससे पेल्विस पर दबाव कम होगा और कूल्हे के जोड़ों (Hip Joints) को राहत मिलेगी।
• सोते समय यदि आपको आहार नली या छाती में जलन हो तो सीधी करवट सोएँ, या फिर छाती के हिस्से को पेट से कुछ ऊँचा रखकर सोएँ।
• गर्भवती महिलाएँ गर्भ की स्थिति के अनुसार करवट लेकर सोएँ। कोशिश करें कि उल्टी करवट लेकर सोएँ। गर्भावस्था में कभी भी पेट के बल न सोएँ।
• पेट के बल सोने वाला व्यक्ति अपने पेट एवं फेफड़ों पर अतिरिक्त दबाव डालता है। जिससे इन अंगों की क्रियाविधि प्रभावित होती है।
• पेट के बल सोने से रीढ़ की हड्डी का प्राकृतिक कर्व या घुमाव प्रभावित होता है तथा कंधे
आगे की तरफ झुक जाते हैं जिससे गर्दन की हड्डियों पर विपरीत प्रभाव पड़ता है और यह
सर्वाइकल स्पाँडिलाइटिस जैसे रोग उत्पन्न कर देता है।
• पेट के बल सोने से जननांगों पर विपरीत प्रभाव पड़ता है।
• बिस्तर के बारे में सामान्य नियम है कि, ‘गद्दा सख्त हो और तकिया मुलायम’।
• बिना तकिए के सोना सर्वश्रेष्ठ है।
• करवट से सोने की सर्वश्रेष्ठ स्थिति सीधे हाथ की तरफ करवट करके सोना है।
• यदि आप कमर के बल सोते हैं तो अपने घुटनों के नीचे एक तकिया रख लें एवं टॉवेल को रोल करके सर के नीचे रखे। यह अत्यंत आरामदायक सोने की अवस्था है, जो कि कमर दर्द के रोगियों के लिए अत्यंत लाभदायक है।
• हो सके तो रोज़ाना नहीं तो तीन दिन में एक बार बिस्तरों को धूप में रखें इससे बिस्तर में पाए जाने वाले बैक्टीरिया, वायरस एवं कीट तो मरेंगे ही, साथ ही ऐसे बिस्तर में सोने से कमर का दर्द और जकड़न भी दूर होगी।
• दिन में अगर आप सोना चाहते हैं तो लँच के बाद सोना अच्छा है, लेकिन यह 20 से 25 मिनट के लिए होना चाहिए।
• यदि आप अनिद्रा या नींद न आने से पीड़ित हैं तो दिन में न सोएँ।
अनिद्रा होने पर क्या करें ? :
- अच्छी नींद की पहली आवश्यकता है सुरक्षा का भाव। हमें आभास होना चाहिए कि कोई अद्वितीय शक्ति सवेरे तक या यूँ कहें कि सोने के दौरान हमारी रक्षा करेगी। डॉ. थॉमस हाइस्लॉप ने कहा था- “वर्षों की प्रेक्टिस के अनुभव से मैंने जाना है कि नींद लाने वाला सर्वश्रेष्ठ उपाय है प्रार्थना।’ मैं यह बात पूरी तरह से डॉक्टर के नज़रिए से कह रहा हूँ। जो लोग आदतन प्रार्थना करते हैं उनके लिए यह मस्तिष्क और नर्ज़ को शांत करने के समस्त उपायों में सबसे पूर्ण और सामान्य माना जाना चाहिए।’
- हाँ, मैंने इसके आश्चर्यजनक परिणाम स्वयं में और अपने रोगियों में देखे हैं। मैं जब भी प्रार्थना करता हूँ तो मुझे तेज़ या गहरी नींद आने लगती है। यह प्रार्थना जितनी सच्ची होती है नींद उतनी ही गहरी आती चली जाती है क्योंकि आपकी चिंताएँ और असुरक्षा का भाव समाप्त होता चला जाता है। ईश्वर को याद करो और सब कुछ उसके भरोसे छोड़ कर सो जाओ।
- अनिद्रा के सर्वश्रेष्ठ उपचारों में से एक है ‘स्वयं को शारीरिक रूप से थका देना।’ डेल कारनेगी ने कहा था : “यदि हम पर्याप्त थक जाते हैं तो प्रकृति हमें सोने के लिए विवश कर देगी, चाहे हम जागना चाह रहे हों।
- यदि आप अनिद्रा से पीड़ित हैं तो इसकी चिंता न करें। यदि ऐसा हो तो आप विश्वप्रसिद्ध वकील सेम्युअल अंटरमायर को याद करें। सेम्युअल अपने पूरे जीवन में एक रात भी ठीक से नहीं सो पाए थे, लेकिन वह जीवनभर स्वस्थ रहे और अपने पेशे में उच्च स्थान हासिल किया। आप हंगरी के एक सैनिक पॉल कर्ल को भी याद करें कि प्रथम विश्वयुद्ध में एक गोली उनके मस्तिष्क के अगले गोलार्द्ध के पार निकल गई थी, उनका जीवन तो बच गया, लेकिन वे सोने की शक्ति बिल्कुल खो चुके थे। डॉक्टरों का मत था कि पॉल ज्यादा दिन जिंदा नहीं रह पाएँगे। लेकिन पॉल कई वर्षों तक स्वस्थ जीवन जिए। पॉल का प्रकरण एक चिकित्सकीय रहस्य है। जिसने नींद के बारे में दुनिया के विश्वासों को हिला कर रख दिया।
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