Last Updated on December 21, 2021 by admin
जेरोंटोलोजिकल रिसर्च फाउंडेशन, सेंट लुईस के डा. विलियम कुन्त्ज़ के अनुसार जब व्यक्ति मानसिक और शारीरिक रूप से फिसलता है (लडखड़ाता है, तो यह उसके स्वास्थ्य में गिरावट का संकेत है। स्मृति लोप बढ़ती उम्र की निशानी न होकर अपने प्रति बढ़ती लापरवाही का प्रमाण होता है। उनकी सलाह है कि दिमाग को किसी न किसी गतिविधि में लगातार उलझाए रखें और सही आहार लें। कई प्रयोगशालाओं में हुए प्रयोग यह बताते हैं कि दिमाग बढ़ती उम्र के साथ शिथिल होता ही हो, यह ज़रूरी नहीं है। जब तक यह बीमारियों से दूर रहे, यह सक्रिय अवस्था में बना रहता है।
पिछले कई वर्षों से शोधकर्ता यह बताते आ रहे हैं कि मानव का मस्तिष्क किसी भी आयु में यहां तक कि अत्यधिक बूढ़ा होने पर भी कई तरीकों से आश्चर्यजनक रूप से विकास कर सकता है। डा. राबर्ट टेरी जो कैलीफोर्निया विश्वविद्यालय में तंत्रिकाविज्ञान विशेषज्ञ हैं, के अनुसार दिमाग की कोशिकाओं को न्यूरान कहा जाता है जो सूचनाओं को यहां से वहां पहुंचाने का काम करती हैं। ये न्यूरांस उम्र के साथ मरते नहीं है, ये शिथिल हो जाते हैं। हालांकि ऐसे न्यूरोस सक्रिय न्यूरांस की भांति काम नहीं कर सकते मगर डा. टेरी का यह मानना है कि इन न्यूरांस को पुन: सक्रिय बनाया जा सकता है जिससे ये सामान्य रूप से काम कर सकते हैं।
व्यक्ति के शारीरक और मानसिक विकास के लिए संतुलित आहार जिसमें प्रोटीन, कार्बोहाइड्रेट, लवण, विटामिन्स और हारमोंस सही मात्रा में उपस्थित हो, ज़रूरी है। आज के शोधों के निष्कर्ष इस बात की और इशारा करते हैं कि भोजन मानसिक सक्रियता पाने, स्मृति को तीव्र बनाने और एकाग्रता को बढ़ाने में मदद कर सकता है।
भोज्य पदार्थ जो स्मृति को तेज करते हैं :
बादाम, सेब, हींग, ब्राह्मी, जीरा, लेमन बाम, काली मिर्च, फास्फोरस की अधिकता वाले भोज्य पदार्थ, रसमैरी, सुआ और अखरोट
1. बादाम –
यह प्रसिद्ध और महत्वपूर्ण मेवा स्मृति बढ़ाने के लिए बहुत उपयोगी है। यह मस्तिष्क की कमज़ोरी के कारण स्मृति में आई कमी को ठीक करने में महत्वपूर्ण है। इसमें मस्तिष्क की दुर्बलता को कम करने और उसे शक्ति देने का गुण होता है। यह मेवा मस्तिष्क को नव जीवन देता है और तंत्रिका तंत्र की कई बीमारियों का इलाज करता है।
बादाम को करीब दो घंटे तक पानी में भिगोकर रखना चाहिए ताकि उसका छिलका निकल जाए। इसके बाद उन्हें पीसकर पेस्ट बनाना चाहिए और इसे मक्खन के साथ या अकेले ही खाना चाहिए। बादाम लेने का सबसे उपयोगी तरीका बादाम का दूध है। इसे बनाने के लिए छिलका निकाले हुए बादाम को पीसकर उसमें ठंडा उबला हुआ पानी मिलाया जाता है। स्वाद के लिए इसमें शहद भी मिलाया जाता है। यह बहुत ही स्वादिष्ट और पोषक पेय होता है। पाव भर बादाम से एक लीटर बादाम का दूध बनाया जा सकता है। बादाम के तेल की 10 से 15 बूंदों को नाक में डालकर सांस लेने से दिमाग की कमज़ोरी दूर होती है और स्मृति बढ़ती है।
2. सेब –
सेब भी स्मृति बढ़ानेवाला फल है। यह स्मृति मंदता में कारगर है। इसमें उपस्थित विविध पदार्थ दिमाग की कोशिकाओं को चुस्त-दुरुस्त रखने में मदद करते हैं। इसमें ट्रेस लवण बोरोन पाया जाता है जिसके कारण सेब को स्मृति बढ़ानेवाले भोजन की श्रेणी में रखा जाता है। यू एस के ह्यूमन न्यूट्रीशन रिसर्च सेंटर के शोध मनोवैज्ञानिक डा. जेम्स पीनलैंड हाल ही में किए गए प्रयोगों के आधार पर बताते हैं कि ये ट्रेस लवण दिमाग की विद्युतीय प्रक्रियाओं को प्रभावित करते हैं। डॉ पीनलैंड के अनुसार बोरोन की कमी मानसिक चेतनता को कम कर सकती है।
उन्होंने 45 वर्ष की आयु वाले 15 लोगों को चार महीनों के लिए क्रमशः बोरोन युक्त आहार और बोरोन रहित आहार पर रखा। जब लोगों को बोरोन की मात्रा कम दी गई तो उनके मस्तिष्क की विद्युतीय गतिविधि में अस्पष्टता और मंदी देखी गई। उनके दिमाग में थीटा तरंगों का निर्माण अधिक होने लगा और अल्फ़ा किरणों की मात्रा घटने लगी। ऐसा होने से व्यक्ति को उनींदा सा महसूस होने लगता है। डा. जेम्स ने बताया। जब उन्ही लोगों को बोरोन की अधिकतावाला (लगभग 3 मिग्रा रोज) आहार दिया गया तो उनके मस्तिष्क की विद्युतीय गतिविधि बढ़ गई। दो सेब में 1 मिग्रा बोरोन होता है जो दिमाग को सक्रिय बनाता है। एक सेब शहद और दूध के साथ लेना स्मृति को तेज करने और एकाग्रता बढ़ाने के लिए बहुत उपयोगी है।
3. हींग –
हींग एक गोंद नुमा पदार्थ है जो मस्तिष्क और तंत्रिका तंत्र को पुनर्जलित करने में सहायता करता है और स्मृति बढ़ाता है। यह सुस्त हो रहे अंगों को ताकत और यौवन देता है। इसके चूर्ण को दिमाग के लिए टानिक के रूप में इस्तेमाल में लाया जा सकता है। डेढ़ चम्मच हींग के चूर्ण को दो कप पानी में उबालना चाहिए। इसके बाद इसे ठंडा करके दिन में कई बार एक एक चम्मच लिया जाना चाहिए। यह दिमाग को चुस्त बनाता है और स्मृति को तेज़ करता है।
4. ब्राह्मी –
ब्राह्मी की पत्तियां जिन्हें भारतीय पैनीवार्ट (सिक्के के समान आकार के कारण) भी कहा जाता है स्मृति बढ़ाने के लिए उत्कृष्ट जड़ी है। ऐसा माना जाता है कि ब्राह्मी मन की ग्राह्य और धारण शक्ति को बढ़ाती है। इसकी पत्तियों के चूर्ण को दूध के साथ थोड़ी-थोड़ी मात्रा में लिया जाना चाहिए। इससे मानसिक कमज़ोरी भी दूर की जा सकती है। ब्राह्मी को लेने का एक और तरीका यह है कि इसकी पत्तियों को छाया में सुखा लिया जाए और बादाम के सात टुकड़े और साढ़े चार मिग्रा. काली मिर्च में मिलाकर पानी के साथ पीस लिया जाए। इसे छानकर शहद मिलाकर मीठा करना चाहिए। इस मिश्रण को पंद्रह दिनों तक सुबह खाली पेट पिना चाहिए। इससे स्मृति और एकाग्रता बढ़ती है।
5. जीरा –
जीरा भी मस्तिष्क के लिए लाभदायक भोज्य पदार्थ है। मानसिक मंदता के इलाज में भी इसका उपयोग लाभदायक पाया गया है। तीन ग्राम काले जीरे को बारह ग्राम शहद के साथ मिलाकर चाटने से स्मृति बढ़ती है।
6. लेमन बाम –
लेमन बाम को भी स्मृति बढ़ानेवाले भोजन के रूप में जाना जाता है। यह मस्तिष्क के संतुलन और स्मृति की तीव्रता के लिए बहुत आवश्यक है। यह मस्तिष्क की थकान को दूर करता है, धारणा शक्ति को तीव्र बनाता है, अवसाद दूर करता है और उत्साह बढ़ाता है। इसके लिए इस बाम के काढ़े को मनचाही मात्रा में लिया जा सकता है। यह काढ़ा बनाने के लिए लेमन की 30 ग्राम पत्तियों को आधा लीटर पानी में बारह घंटों तक भिगोकर रखते हैं। और फिर छानते हैं। इसे दिन भर में थोड़ी-थोड़ी मात्रा में लिया जा सकता है। इसकी हृदयाकार पत्तियों से बनी चाय को भी इसके लिए उपयोग में लाया जा सकता है।
7. काली मिर्च –
काली मिर्च सभी मसालों में से सबसे पुराना और प्रसिद्ध पदार्थ है। इसे मसालों का राजा कहा जाता है। यह तीव्र सुगंध और तीखे स्वादवाला, पाचक और उत्तेजक और तंत्रिकाओं के लिए टानिक का कम करनेवाला पदार्थ है। स्मृति को बढ़ाने के लिए यह महत्वपूर्ण है। एक चुटकी पिसी हुई काली मिर्च शहद के साथ मिलाकर लिया जा सकता है। इसे सुबह और शाम लिया जाना चाहिए। काली मिर्च स्मृति को बढ़ाने के लिए महत्वपूर्ण है।
फास्फोरस की अधिकता वाले भोज्य पदार्थ वे सभी फल जिनमें फास्फोरस अधिक मात्रा में होता है, स्मृति को तीव्र करने के लिए लाभदायक होते हैं। ये फल मस्तिष्क की कोशिकाओं और ऊतकों को ऊर्जान्वित करते हैं। अंजीर, अंगूर, डेट, बादाम, संतरा, अखरोट और सेब में फास्फोरस काफी मात्रा में पाया जाता है। फास्फोरस की अधिकता वाले फल मस्तिष्क की कोशिकाओं और ऊतकों को ऊर्जान्वित करते हैं। मस्तिष्क की कमज़ोरी के कारण स्मृति में कमी की स्थिति में इनका उपयोग लाभ देता है।
8. मेहंदी –
मेहंदी एक मीठी खुशबूवाला सदाबहार पौधा है जो दो मीटर की ऊंचाई तक बढ़ता है। इसे प्राचीन समय से याददाश्त बढ़ाने के लिए प्रयोग में लाया जाता रहा है। ऐसा भी मान जाता है कि यह हृदय और स्मृति दोनों को लाभ पहुंचाता है। ग्रीस और रोम के लोग इसके फूलों से सुगन्धित पानी बनाते थे और उसकी सुगंध को सूंघते थे ताकि दिमाग से बुराई खत्म हो जाए और स्मृति उनके साथ खेल न खेल सके। एक प्रसिद्ध चिकित्सक डा. लेम्स लिखते हैं मेहंदी दिमाग और तंत्रिकाओं के लिए बहुत ही लाभदायक पौधा है। यह दृष्टि और स्मृति दोनों को बढ़ाता है।
मेहंदी को मानसिक थकान और स्मृति भ्रम की अवस्था का अचूक इलाज माना जाता है। प्राचीन ग्रीक में पढ़नेवाले बच्चे परीक्षाओं के समय स्मरण शक्ति और स्मृति बढ़ाने के लिए मेहंदी के फूलों को अपने पास रखते थे। इसकी पत्तियों से बनी चाय व्यापारियों और विद्यार्थियों के लिए बहुत ही लाभदायक होती है जो उन्हें ताज़गी देती है और मानसिक थकान या अस्वस्थता का भी उपचार करती है। यह भी माना जाता है कि यदि मेहंदी की पत्तियों को मसलकर आंखे बंद करके उन्हें सुंघा जाए तो इनसे निकालनेवाली बाष्प सीधे ही मस्तिष्क को उत्प्रेरित करती है जिससे दिमाग एकदम शांत और सचेत हो जाता है।
9. सुआ –
सुआ को भी स्मृति मंदता के लिए बढ़िया उपचार मान जाता है। ऐसा देखा गया है कि सुआ मस्तिष्क के कार्टेक्स पर प्रभाव डालता है जिससे मानसिक थकान में लाभ मिलता है और चित्त एकाग्र होता है। इसकी पत्तियों से बनी चाय का सेवन करना स्मृति को बढ़ाता है। इस चाय को बनाने के लिए सूखी हुई पत्तियों पर उबलता हुआ पानी डाला जाता है और कुछ मिनिट तक उसे ढंक दिया जाता है। इसके बाद इसे निथारकर उसमें शहद मिलाकर पीया जाता है। सुआ की ताजी पत्तियों को काटकर भी चाय बनाने के लिए उपयोग में लाया जा सकता है।
10. अखरोट –
अखरोट एक महत्वपूर्ण मेवा है जो मानसिक कमज़ोरी के कारण आई स्मृति मंदता को ठीक करने और स्मृति बढ़ाने में मदद करता है। यदि इसे अंजीर या किशमिश के साथ लिया जाए तो इसका प्रभाव और बढ़ जाता है। यदि इसे अकेले ही खाया जाना हो तो रोज कम से कम बीस ग्राम अखरोट खाने चाहिए।