Last Updated on December 13, 2019 by admin
गांठ क्या होती है ?
अक्सर हमारे शरीर के किसी भी भाग में गांठे बन जाती हैं. जिन्हें सामान्य भाषा में गठान या रसौली कहा जाता हैं । किसी भी गांठ की शुरुआत एक बेहद ही छोटे से दाने से होती हैं । लेकिन जैसे ही ये बड़ी होती जाती हैं । इन गाठों की वजह से ही गंभीर बीमारियां भी हो जाती हैं । ये गांठे टी.बी से लेकर कैंसर की बीमारी की शुरुआत के चिन्ह होती हैं । अगर किसी व्यक्ति के शरीर के किसी भाग में कोई गाँठ हो गई हैं । जिसक कारण उस गाँठ से आंतरिक या बाह्य रक्तस्राव हो रहा हो । तो हो सकता हैं कि यह कैंसर की बीमारी के शुरुआती लक्षण हो । लेकिन इससे यह भी सुनिश्चित नहीं हो जाता कि ये कैंसर के रोग को उत्पन्न करने वाली गांठ हैं । कुछ गाँठ साधारण बिमारी उत्पन्न होने के कारण भी हो जाती हैं । किन्तु हमें किसी भी प्रकार की गांठों को नजरअंदाज नहीं करना चाहिए तथा उसका तुरंत ही उपचार करवाना चाहिए ।
आइये जाने ganth ka ilaj kaise kare गाँठ के अनुभूत घरेलू उपाय
गाँठ का इलाज : Ganth ka Ilaj
पहला प्रयोग : आकड़े के दूध में मिट्टी भिगोकर लेप करने से तथा निर्गुण्डी के 20 से 50 मि.ली. काढ़े में 1 से 5 मि.ली अरण्डी का तेल डालकर पीने से लाभ होता है।
दूसरा प्रयोग : 2 से 5 ग्राम कांचनार और रोहतक का दिन में दो-तीन बार सेवन व बाह्य लेप करने से गाँठ(ganth) पिघलती है।
तीसरा प्रयोग : गेहूँ के आटे में पापड़खार तथा पानी डालकर पुल्टिस बनाकर लगाने से न पकने वाली गाँठ पककर फूट जाती है तथा दर्द कम हो जाता है।
गण्डमाला की गाँठें (Goitre) – गले में दूषित हुआ वात, कफ और मेद गले के पीछे की नसों में रहकर क्रम से धीरे-धीरे अपने-अपने लक्षणों से युक्त ऐसी गाँठें उत्पन्न करते हैं जिन्हें गण्डमाला कहा जाता है। मेद और कफ से बगल, कन्धे, गर्दन, गले एवं जाँघों के मूल में छोटे-छोटे बेर जैसी अथवा बड़े बेर जैसी बहुत-सी गाँठें जो बहुत दिनों में धीरे-धीरे पकती हैं उन गाँठों की हारमाला को गंडमाला कहते हैं और ऐसी गाँठें(ganth) कंठ पर होने से कंठमाला कही जाती है।
प्रयोग : कौंच के बीज को घिस कर दो तीन बार लेप करने तथा गोरखमुण्डी के पत्तों का आठ-आठ तोला रस रोज पीने से गण्डमाला (कंठमाला) में लाभ होता है। कफवर्धक पदार्थ न खायें।
शरीर में गांठ का आयुर्वेदिक इलाज : Ganth ka Ayurvedic Ilaj
अरंडी के प्रयोग से गांठ का उपचार
अरंडी के बीज और हरड़े समान मात्रा में लेकर पीस लें। इसे नयी गाँठ पर बाँधने से वह बैठ जायेगी और अगर लम्बे समय की पुरानी गाँठ होगी तो पक जायेगी।
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निर्गुण्डी के इस्तेमाल से होती है गाँठ ठीक
किसी भी प्रकार की गाँठ से मुक्त होने के लिए निर्गुण्डी का 20 से 25 मिली काढ़ा लें और उसमें 1 से 5 मिली लीटर तक अरंडी का तेल मिला लें । इन दोनों को अच्छी तरह से मिलाने के बाद इस मिश्रण का सेवन करें तो आपकी गांठ ठीक हो जायेगी ।
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कचनार की छाल से गाँठ का उपचार (kachnar : stan me ganth ka ilaj)
किसी भी तरह की गाँठ को ठीक करने के लिए 25 से 30 ग्राम तक कचनार की ताज़ी और सुखी छाल लें और इसे मोटा – मोटा कूट लें । अब एक गिलास पानी लें और इस पानी में कचनार की कुटी हुई छाल डालकर 2 मिनट तक उबाल लें । जब यह अच्छी तरह से उबल जाए तो इसमें एक चम्मच पीसी हुई गोरखमुंडी डाल दें । अब इस पानी को एक मिनट तक उबालें । इसके बाद आप इस पानी को छानने के बाद इसका दिन में दो बार सेवन कर सकते हैं । इस पानी का सेवन करने के बाद आपको गलें, जांघ, हाथ, प्रोटेस्ट, काँख, गर्भाशय, टॉन्सिल, स्तन तथा थायराइड के कारण निकली हुई गाँठ से लगातार 20 – 25 दिनों तक सेवन करने से छुटकारा मिल जाएगा ।
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गेहूं के आटे से गाँठ का उपचार
गेहूं का आटा लें और उसमें पानी डाल लें । अब इस आटे में पापड़खार मिला लें और इसका सेवन करें. आपको लाभ होगा ।
आकडे का उपयोग कर गाँठ का इलाज
गाँठ को ठीक करने के लिए आप आकडे के दूध में मिटटी मिला लें । अब इस दूध का लेप जिस स्थान पर गाँठ हुई हैं. वहाँ पर लगायें आपको आराम मिलेगा ।
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अडूसा से गाँठ का इलाज (Adulsa : ganth ka ayurvedic ilaj)
काले अड़ूसे के पत्तों का रस तेल में मिलाकर गांठों पर लगाने से गाँठ रोग में लाभ होता है।
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फरहद के प्रयोग से गांठ का उपचार
फरहद के पत्तों को बारिक पीसकर गाँठ पर लेप लगाने से बहुत लाभ होता है।
रसोली में दोपाती लता (वृद्धदारू) का प्रयोग लाभदायक
वृद्धदारू के पत्तों को पीसकर गाँठ(रसोली) पर बांधने से रोग में लाभ होता है।
गोरखमुण्डी का उपयोग कर गाँठ का इलाज (Gorakhmundi : ganth ka desi ilaj)
गोरखमुण्डी के पंचांग (फल, फूल, जड़ तना और पत्ती) का रस 10 से 20 ML नित्य सुबह-शाम सेवन करने से गाँठ(अर्बुद) नष्ट हो जाती है।
गाँठ में बिछुआ का इस्तेमाल फायदेमंद (Bichua : ganth ka ilaj hindi me)
गाँठ पर बिछुआ के पत्तों को घिसकर लेप करना , गाँठ रोग में लाभकारी होता है।
गाँठ में हुर्र-हुर्र का प्रयोग
हुर्र-हुर्र (सफेद फूल वाली) के पत्तों को बारिक पीसकर लेप बना लें , इस लेप को गाँठ पर बांधने से लाभ होता है।
गुलियाजैव के इस्तेमाल से होती है गाँठ ठीक
गाँठ के ऊपर गुलियाजैव के पत्तों को पीसकर बांधने से दर्द व सूजन दूर होती है।
कटसरैया से गाँठ का उपचार (Katasaraiya:ganth ka upchar hindi)
कटसरैया की जड़ को पीसकर लेप करने से रोग में लाभ होता है।
गाँठ का घरेलू इलाज सिरिस (सिरस) से
सिरस के बीजों को पीसकर एवं इसके बीजों का चूर्ण बनाकर 1 से 2 ग्राम चूर्ण सुबह-शाम सेवन करने से गिल्टियों की सूजन कम हो जाती है तथा यह गिल्टियों को सही करने में सहायक होती है।
सेमल (सेमर) से गाँठ का उपचार
गाँठ के ऊपर सेमल के पत्तों को पीसकर बांधने या लगाने से गांठों में सूजन कम हो जाती है।
गाँठ में कड़वी तुम्बी का इस्तेमाल फायदेमंद
गाँठ पर कड़वी तुम्बी के पत्तों से निकाले हुए तेल की मालिश करने से फायदा होता है।
गाँठ में नेनुआ (घेरा, घियुरा) का प्रयोग
गुड़,चूना या सिंदूर के साथ नेनुआ के पत्तों का रस मिलाकर लेप करने से गाँठ ठीक हो जाती है।
गाँठ का घरेलू इलाज अरुई (अरूबा, अरूआ) से
अरुई के पत्तों की डाली को पीसकर लेप करने से फायदा होता है।
आर्तगल के प्रयोग से पुरानी गाँठ का इलाज
आर्तगल के फलों को पीसकर लेप करने से रसोली मिटती है।
गाँठ में नीम का प्रयोग लाभदायक (Neem : body me ganth ka ilaj)
- नीम के पत्तों को पानी में उबालकर पीस लें। इस पीसे हुए लेप में थोड़ा सा गुड़ मिलाकर गाँठ पर बांधने से गाँठ ठीक हो जाती है।
- नीम के पत्तों को बारिक पीसकर गाँठ के ऊपर बांधने से लाभ होता है।
अरनी से गाँठ का उपचार
बड़ी अरनी या छोटी अरनी के गर्म काढे़ में गुड़ मिलाकर सुबह-शाम पीने से गाँठ नष्ट हो जाती है।
गाँठ में चमेली का प्रयोग लाभदायक
चमेली की छाल और गन्दाविरोजा को साथ-साथ पीसकर लेप करने से गाँठ में लाभ होता है।
मेथी से गाँठ का उपचार
मेथी के पत्तों या बीज को पीसकर गाँठ के ऊपर लेप करने या बांधने से गाँठ रोग में लाभ होता है।
गाँठ का घरेलू इलाज कचूर से
गाँठ पर कचूर के पत्तों को पीसकर बांधने से जल्द ही आराम मिलता है।
(दवा व नुस्खों को वैद्यकीय सलाहनुसार सेवन करें)
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तुलसी अर्क व गौझरण अर्क का सेवन लाभप्रद होगा ..दवा प्रयोग करने से पहले आयुर्वेदिक चिकित्सक की सलाह जरुर ले और उपचार का तरीका विस्तार में जाने।
Payar me gaat he eshaki davae konsi he