किडनी रोग के कारण, लक्षण और उपचार | Kidney Disease Home Remedies in Hindi

Last Updated on September 15, 2022 by admin

किडनी (गुर्दो) क्या है ? : kidney kya hai in hindi

किडनी के बारे में जानकारी ?-

शरीर के महत्वपूर्ण अंगों हृदय, फेफड़े, यकृत, गुर्दे आदि से शरीर की विभिन्न क्रियाओं का संचालन होता है। इन्हीं अंगों में से महत्वपूर्ण अंग हैं गुर्दे ।

मानव शरीर में दो गुर्दे होते हैं जो मेरुदण्ड के पास दायें बायें, पसलियों व कूल्हों के बीच स्थित होते हैं। इनका आकार सेम के बीज जैसा मिलता जुलता होता है और वज़न लगभग 150 से 160 ग्राम होता है। प्रत्येक गुर्दे में लगभग साढ़े बारह लाख नेफरान (Nephrone) होते हैं यानी दोनों गुर्दो में कुल लगभग 25 लाख नेफरान होते हैं जो गुर्दो की पूरी कार्य प्रणाली को संचालित करते हैं। गुर्दो को इंगलिश में किडनी (Kidney) और हिन्दी में वृक्क कहते हैं।

किडनी के कार्य क्या है ? : kidney kya kam karti hai in hindi

किडनी क्या काम करती है ?-

■ हम जो भी आहार ग्रहण करते हैं वह पाचन क्रिया होने के बाद, विभिन्न तत्त्वों के रूप में, रक्त में मिल जाता है। ये तत्त्व शरीर के अंग-प्रत्यंगों को आवश्यक शक्ति प्रदान करते हैं। इस प्रक्रिया में यह भी होता है कि रक्त में कई अनावश्यक और अवांछित पदार्थ भी पहुंच जाते हैं। कभी कभी खाने में सन्तुलन न रहने के कारण, इन तत्वों की मात्रा, रक्त में सामान्य स्तर से अधिक हो जाती है जो कि स्वास्थ्य के लिए हानिकारक होता है। इन बढ़े हुए अनावश्यक पदार्थों को छान कर मूत्र मार्ग से बाहर निकालने का काम ये गुर्दे ही करते हैं।

■ रक्त में विभिन्न तत्त्वों को मानक स्तर के अनुकूल यानी उचित मात्रा में आवश्यक स्तर पर बनाये रखना गुर्दो का दूसरा काम है। नमक, प्रोटीन, शर्करा, पोटेशियम, सोडाबाई कार्ब, एमोनियम, हाइड्रोजन, फास्फोरस, केल्शियम, यहां तक कि पानी की मात्रा का एक विशिष्ट स्तर पर बना रहना शरीर को स्वस्थ और निरोग रखने के लिए आवश्यक होता है अन्यथा शरीर कई । व्याधियों का शिकार हो जाता है। इस विशिष्ट स्तर को बनाये रखने का काम बहुत हद तक गुर्दे ही करते हैं। आहार के पाचन के बाद जो तत्व रक्त में मिल जाते हैं उनमें से शरीर के लिए जो तत्व उपयोगी होने से आवश्यक होते हैं उन्हें गुर्दे शरीर में वापिस भेज देते हैं और जो अनावश्यक तत्व होते हैं। उन्हें मूत्र मार्ग से बाहर निकाल देते हैं।

उदाहरण के तौर पर यदि रक्त में सोडियम यानी नमक की मात्रा कम हो जाए तो गुर्दे, एक चौकस चौकीदार की तरह, नमक को बाहर निकलने से रोकते हैं और अगर मात्रा ज्यादा हो जाए तो गुर्दे ऐसी प्रक्रिया करते हैं कि सोडियम अधिक मात्रा में निकलने लगता है। इसी प्रकार ग्लूकोज़ यानी शर्करा और प्रोटीन शरीर के लिए अत्यन्त आवश्यक तत्व होते हैं अतः गुर्दे इन्हें बाहर जाने से रोकते हैं। पानी का मामला लें तो स्वस्थ व्यक्ति के शरीर में दिन भर में दो से ढाई लिटर पानी की आवश्यकता होती है। यदि इससे ज्यादा पानी पिया जाए तो गुर्दे अतिरिक्त और अनावश्यक पानी को बाहर निकाल देते हैं।
यह बात जुदा है कि शरीर में हार्मोन्स पैदा करने वाली कुछ ग्रन्थियां भी इस प्रक्रिया में सहयोग करती हैं।

■ गुर्दो का तीसरा काम है जो कि बहुत महत्त्वपूर्ण है वह है शरीर में अम्ल और क्षार का सन्तुलन बनाये रखना। इनका सन्तुलन बिगड़ने से भयंकर परिणाम होते हैं खास कर मस्तिष्क की कार्य प्रणाली गड़बड़ा जाती है। गुर्दे इस सन्तुलन को स्तर पर बनाये रखने का महत्त्वपूर्ण कार्य करते हैं।

किडनी रोग के लक्षण : kidney rog ke lakshan in hindi

kidney disease symptoms in hindi

गुर्दे यदि स्वस्थ स्वाभाविक स्थिति में कार्य न करें तो कुछ रोग पैदा होते हैं जिनके लक्षण इस प्रकार प्रकट होते हैं:

  1. गुर्दो में सूजन हो जाने से ब्लड यूरिया, सीरम क्रिटीनाइन व रक्तचाप का बढ़ जाना।
  2. गुर्दो की नलियों (Renal tubules) की कार्य क्षमता में कमी हो जाती है या क्षति हो जाती है। इस स्थिति में शरीर पर सूजन और पेशाब में एल्बुमिन (Albumin) की मात्रा बढ़ जाती है।
  3. गुर्दो में पस पड़ जाता है और सूजन हो जाती है।
  4. गुर्दे का खराब हो जाना यानी गुर्दो की कार्यक्षमता नष्ट हो जाना
    जिससे उच्च रक्तचाप के साथ ब्लड यूरिया, सीरम क्रिटीनाइन, सोडियम व पोटाशियम का स्तर खतरनाक ढंग से बढ़ जाता है। इस स्थिति में आधुनिक चिकित्सा पद्धति में, रक्त की अस्थायी शुद्धि के लिए डायलिसिस का प्रयोग किया जाता है ।
  5. अन्य लक्षणों में बार-बार पेशाब आना, रात में कई बार पेशाब के लिए उठना ।
  6. यथोचित मात्रा में पानी पीने के बाद भी पेशाब में कमी होना ।
  7. पेशाब में जलन व दर्द होना ।
  8. पेशाब के साथ ब्लड आना ।
  9. किडनी के आस पास तेज़ दर्द होना जो किडनी में पथरी होने का सूचक होता है ।
  10. त्वचा पर ददोड़े या पित्ती उछलना।
  11. उच्च रक्तचाप की स्थिति का बना रहना जो गुर्दो को निश्चित रूप से क्षति पहुंचाता है। एक बार गुर्दा क्षति ग्रस्त हो जाए तो इस कारण से भी उच्च रक्तचाप होता है।
  12. मुंह पर खास कर आंखों के आस पास सुबह के वक्त सूजन होना ।
  13. खाने में अरुचि होना ।
  14.  जी मचलाना ।
  15. उलटी होना ।
  16. पेशाब के साथ पथरी के बारीक टुकड़े निकलना आदि।

इनमें कोई भी 2-3 लक्षण प्रकट होने पर व्यक्ति को सावधान हो जाना चाहिए और तुरन्त पूरी जांच कराना चाहिए। समय रहते यदि जांच और इलाज करके इस स्थिति को रोका और सुधारा न गया तो स्थिति घातक रूप ले सकती है क्योंकि एक समय ऐसा आ जाता है कि किडनी काम करना बन्द कर दे जिसे रेनल फेल्योर (Renal Failure) कहते हैं। ऐसी स्थिति से बचने के लिए 35 से 55 वर्ष की आयु के बीच के व्यक्तियों को उच्च रक्तचाप, डायबिटीज़ की तथा अन्य जांच हर तीन महीने कराते रहना चाहिए और जांच में यदि कोई असामान्य स्थिति या विशेष दोष का होना पाया जाए तो तुरन्त चिकित्सा शुरू कर देना चाहिए साथ ही चिकित्सक के परामर्श का पूरी तरह पालन करना चाहिए क्योंकि गुर्दो को और अधिक हानि होने से बचाने के लिए खान-पान में परहेज़ करना अधिक आवश्यक होता है । पेशाब में रुकावट हो तो सोनोग्राफी कराएं। ब्लड प्रेशर व मधुमेह को नियन्त्रण में रखने की चिकित्सा करें। उपवास रखना हितकारी होता है।

किडनी रोग में क्या खाना चाहिए : kidney rog me kya khana chahiye in hindi

  • आहार में गाजर, खीरा, लौकी, पत्तागोभी व तरबूज लें, नमक कम मात्रा में खाएं।
  • इस रोग से पीड़ित रोगी को कुछ दिनों तक गाजर, खीरा, पत्तागोभी तथा लौकी के रस पीना चाहिए और इसके साथ-साथ उपवास रखना चाहिए।
  • तरबूज तथा आलू का रस भी गुर्दे के रोग को ठीक करने के लिए सही होता है इसलिए गुर्दे के रोग से पीड़ित रोगी को इसके रस का सेवन सुबह शाम करना चाहिए।
  • गुर्दे के रोगों से बचने के लिए कम से कम ढ़ाई किलो पानी सभी व्यक्ति को प्रतिदिन पीना चाहिए।

किडनी रोग में परहेज : kidney rog me parhej in hindi

  • इस रोग से पीड़ित रोगी को प्रोटीन युक्त खाद्य पदार्थ कम खानी चाहिए।
  • गुर्दे के रोग से पीड़ित रोगी जब तब ठीक न हो जाए तब तक उसे नमक नहीं खानी चाहिए।
  • इस रोग से पीड़ित रोगी को कभी नशीली चीजों का सेवन नहीं करना चाहिए, क्योंकि नशीली चीजों का सेवन करने से रोगी के रोग की अवस्था और खराब हो सकती है।

किडनी रोग का आयुर्वेदिक घरेलू उपचार : kidney rog ke gharelu upay

kidney disease home remedies in hindi

1. पुनर्नवा से किडनी रोग का इलाज : पुनर्नवा के 10 से 20 मिलीलीटर पंचांग (जड़, तना, पत्ती, फल और फूल) का काढ़ा सेवन करने से गुर्दे के रोगों में बेहद लाभकारी होता है। ( और पढ़े –पुनर्नवा के फायदे सेवन विधि और उपयोग )

2. मुनक्के से किडनी रोग का इलाज : गुर्दे के रोग को ठीक करने के लिए रोगी व्यक्ति को रात के समय में सोते वक्त कुछ मुनक्के को पानी में भिगोने के लिए रखना चाहिए तथा सुबह के समय में मुनक्के को पानी से निकाल कर, इस पानी को पीना चाहिए। ऐसा कुछ दिनों तक लगातार करने से गुर्दे का रोग जल्दी ही ठीक हो जाता है।

3. धनिये से किडनी रोग का इलाज : हरे धनिये को पीसकर पानी में मिलाकर पीने से पेशाब खुलकर आता है जिसके फलस्वरूप गुर्दे के रोग ठीक होने लगते हैं।( और पढ़े –धन‍िया के 72 जबरदस्त फायदे व दिव्य औषधीय प्रयोग )

4. पानी से किडनी रोग का इलाज : गुर्दे के रोग से पीड़ित रोगी जब रात को सोने जा रहा तो तब उसे किसी तांबे के बर्तन में एक लीटर पानी रख देना चाहिए और सुबह उठते ही इस पानी को पीएं। इस प्रकार की क्रिया प्रतिदिन करने से कुछ ही दिनों में गुर्दे का रोग ठीक हो जाता है।

5. प्राणायाम से किडनी रोग का इलाज : ध्यान तथा नाड़ी शोधन प्राणायाम करने से गुर्दे के रोग कुछ ही दिनों में ठीक हो जाता है।

6. फिटकरी से किडनी रोग का इलाज : गुर्दे के रोग से पीड़ित रोगी को यदि पेशाब सही से नहीं आता हो तो 250 मिलीलीटर दूध में 600 मिलीलीटर पानी मिलाकर, उस पानी में 2 ग्राम फिटकरी मिला दें। इस दूध को दिन में 3 से 4 बार पीने से पेशाब सही से आने लगता है जिसके फलस्वरूप गुर्दे के रोग ठीक हो जाते हैं। ( और पढ़े –फिटकरी के 33 जबरदस्त फायदे )

7. मकोय से किडनी रोग का इलाज : मकोय का रस 10-15 मिलीलीटर की मात्रा में प्रतिदिन सेवन करने से पेशाब की रुकावट दूर होती है। इससे गुर्दे के रोग और मूत्राशय की सूजन व पीड़ा दूर होती है।

8. जंगली प्याज से किडनी रोग का इलाज : कन्द का चूर्ण, ककड़ी के बीज और त्रिफला का चूर्ण बराबर मात्रा में मिलाकर आधा चम्मच दिन में 2 बार सुबह-शाम प्रतिदिन खिलाने से गुर्दे के रोग में आराम मिलता है।

9. मूली से किडनी रोग का इलाज :

  • गुर्दे की खराबी से यदि पेशाब बनना बन्द हो गया हो तो मूली का रस 20-40 मिलीलीटर दिन में 2 से 3 बार पीना चाहिए।
  • मूली के पत्तों का रस 10-20 मिलीलीटर और कलमीशोरा का रस 1-2 मिलीलीटर को मिलाकर रोगी को पिलाने से पेशाब साफ आता है और गुर्दे की सूजन दूर होती है।
  • प्रतिदिन आधा गिलास मूली का रस पीने से पेशाब के समय होने वाली जलन और दर्द दूर होता है।

10. अडूसा (वासा) से किडनी रोग का इलाज : अडूसे और नीम के पत्ते को गर्म करके नाभि के निचले भाग पर सिंकाई करें और अडूसे के पत्तों का 5 मिलीलीटर रस व शहद 5 ग्राम मिलाकर पीने से गुर्दे के भयंकर दर्द तुरन्त ठीक होता है।( और पढ़े – अडूसा के 40 से अधिक लाजवाब फायदे)

11. पान से किडनी रोग का इलाज : पान का सेवन करने से गुर्दे की सूजन व अन्य रोग में लाभ मिलता है।

12. कलमीशोरा से किडनी रोग का इलाज : कलमीशोरा लगभग 1 ग्राम का चौथा भाग से लगभग 1 ग्राम की मात्रा में गोखरू के काढ़े के साथ मिलाकर सुबह-शाम पीने से लाभ मिलता है। यह गुर्दे की पथरी के साथ होने वाले दर्द को दूर करता है।

13. नींबू से किडनी रोग का इलाज :

  • नींबू के पेड़ की जड़ का चूर्ण 1 ग्राम पानी के साथ दिन में 2 बार सेवन करने से गुर्दे की बीमारी में लाभ मिलता है।
  • लौकी के टुकड़े-टुकड़े करके गर्म करके दर्द वाले जगह पर रखने और इसके रस से मालिश करने से गुर्दे का दर्द जल्द ठीक होता है। ( और पढ़े – )

14. लौकी से किडनी रोग का इलाज : लौकी के रस से गुर्दे वाले स्थान पर मालिश करने और पीस करके लेप करने से गुर्दे का दर्द तुरन्त कम हो जाता है।

15. अंगूर से किडनी रोग का इलाज : अंगूर की बेल के 30 ग्राम पत्ते को पीसकर नमक मिले पानी में मिलाकर पीने से गुर्दे का दर्द ठीक होता है।

16. आम से किडनी रोग का इलाज : प्रतिदिन आम खाने से गुर्दे की कमजोरी दूर होती है।

17. अपामार्ग से किडनी रोग का इलाज : अपामार्ग की 5-10 ग्राम ताजी जड़ को पानी में घोलकर गुर्दे के दर्द से पीड़ित रोगी को पिलाने से दर्द में तुरन्त आराम मिलता है। यह औषधि मूत्राशय की पथरी को टुकड़े-टुकड़े करके निकाल देती है।

18. एरण्ड से किडनी रोग का इलाज : एरण्ड की मींगी को पीसकर गर्म करके गुर्दे वाले स्थान पर लेप करने से गुर्दे की सूजन व दर्द ठीक होता है।

19. फिटकरी से किडनी रोग का इलाज : भुनी हुई फिटकरी 1 ग्राम दिन में कम से कम 3 बार लेने से गुर्दे की सूजन दूर होती है।

20. दालचीनी से किडनी रोग का इलाज : दालचीनी खाने से गुर्दे की बीमारी मिटती है।

21. सत्यानाशी से किडनी रोग का इलाज : सत्यानाशी का दूध सेवन करने से गुर्दे का दर्द, पेशाब की परेशानी आदि दूर होती है।

22. तुलसी से किडनी रोग का इलाज : छाया में सुखाया हुआ 20 ग्राम तुलसी का पत्ता, अजवायन 20 ग्राम और सेंधानमक 10 ग्राम को पीसकर चूर्ण बना लें और यह चूर्ण प्रतिदिन सुबह-शाम 2-2 ग्राम की मात्रा में गुनगुने पानी के साथ लें। इसके सेवन से गुर्दे की सूजन के कारण उत्पन्न दर्द व बैचनी दूर होती है।

23. नारंगी से किडनी रोग का इलाज : सुबह नाश्ते से पहले 1-2 नांरगी खाकर गर्म पानी पीना चाहिए या नारंगी का रस पीना चाहिए। इससे गुर्दे की सूजन व अन्य रोग ठीक होता है। नारंगी गुर्दो को साफ रखने में उपयोगी होता है। गुर्दे के रोग में सेब और अंगूर का उपयोग करना भी लाभकारी होता है। गुर्दो को स्वस्थ रखने के लिए सुबह खाली पेट फलों का रस उपयोग करें।

24. गाजर से किडनी रोग का इलाज : गुर्दे के रोग से पीड़ित रोगी को गाजर के बीज 2 चम्मच 1 गिलास पानी में उबालकर पीना चाहिए। इससे पेशाब की रुकावट दूर होती है और गुर्दे की सूजन दूर होती है।

25. बथुआ से किडनी रोग का इलाज : गुर्दे के रोग में बथुआ फायदेमन्द होता है। पेशाब कतरा-कतरा सा आता हो या पेशाब रुक-रुककर आता हो तो इसका रस पीने से पेशाब खुलकर आने लगता है।

26. अरबी से किडनी रोग का इलाज : गुर्दे के रोग और गुर्दे की कमजोरी आदि को दूर करने के लिए अरबी खाना फायदेमन्द होता है।

27. तरबूज से किडनी रोग का इलाज : गुर्दे के सूजन में तरबूज खाना फायदेमन्द होता है।

28. ककड़ी से किडनी रोग का इलाज : गाजर और ककड़ी या गाजर और शलजम का रस पीने से गुर्दे की सूजन, दर्द व अन्य रोग ठीक होते हैं। यह मूत्र रोग के लिए भी लाभकारी होता है।

किडनी रोग की आयुर्वेदिक दवा : kidney rog ki ayurvedic dawa

  1. आयुर्वेदिक चिकित्सा में वृक्क दोषान्तक वटी व चन्द्रप्रभा वटी विशेष नं.1 -दोनों 2-2 गोली सुबह शाम पानी के साथ लें।
  2.  भोजन के बाद दोनों वक्त, चन्दनासव और पुनर्नवासव 4-4 चम्मच आधा कप पानी में डाल कर नियमित रूप से सेवन करना चाहिए।
  3. पुनर्नवा अर्क व गोझरण अर्क किडनी रोग में शीघ्र राहत देने वाली लाभदायक आयुर्वेदिक औषधि है ।

(अस्वीकरण : दवा, उपाय व नुस्खों को वैद्यकीय सलाहनुसार उपयोग करें)

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