Last Updated on July 22, 2019 by admin
गायत्री मंत्र की महिमा :
गायत्री मंत्र को शास्त्रों के अनुसार चारों वेदों का सर्वश्रेष्ठ मंत्र कहा गया है, गायत्री मंत्र सनातन एवं अनादि मंत्र है। पुराणों में कहा गया है कि सृष्टिकर्ता ब्रह्मा को गायत्री मंत्र आकाशवाणी के ज़रिए मिला था। इस मंत्र की साधना करने से ही ब्रह्मा को सृष्टि की रचना करने की शक्ति प्राप्त हुई थी। गायत्री मंत्र के चार चरणों की व्याख्या स्वरूप ही ब्रह्मा ने चार मुखों से चार वेदों का वर्णन किया। गायत्री को वेदमाता भी कहा जाता है। चारों वेद, गायत्री की व्याख्या मात्र ही हैं। गायत्री को जाननेवाला वेदों को जानने का लाभ प्राप्त करता है।
गायत्री मंत्र के २४ अक्षर २४ अत्यंत ही महत्त्वपूर्ण शिक्षाओं के प्रतीक हैं। वेद, शास्त्र, पुराण, स्मृति, उपनिषद् के माध्यम से जो शिक्षाएं मनुष्य जाति को दी गई हैं, उन सबका सार इन २४ अक्षरों में मौजूद है। इन्हें अपनाकर मनुष्य व्यक्तिगत और सामाजिक सुख-शांति पूर्ण रूप से पा सकता है। भारतीय संस्कृति की चार आधारशिलाएं गायत्री, गीता, गंगा और गौ हैं। इनमें गायत्री का स्थान सर्वोपरि है। जिस व्यक्ति ने गायत्री के छिपे हुए रहस्यों को जान लिया, उसके लिए और कुछ जानना शेष नहीं रह जाता है, गीता में भगवान ने स्वयं कहा है ‘गायत्री छंदसामहम्’ अर्थात् गायत्री मंत्र में स्वयं ही है। गायत्री मंत्र सूर्य भगवान को समर्पित है, इसलिए इस मंत्र को सूर्योदय और सूर्यास्त के समय पढ़ा जाता है, संस्कृत का यह मंत्र ऋग्वेद से लिया गया है, जो भृगु ऋषि को समर्पित है,
गायत्री मंत्र के जाप के लिए शास्त्रों के अनुसार तीन समय बताए गए हैं-
✶ गायत्री मंत्र का पहला जाप प्रात:काल यानी सूर्योदय से पहले से सूर्योदय के बाद तक करें।
✶गायत्री मंत्र का दूसरा जाप दोपहर यानी ठीक दोपहर के समय करें।
✶गायत्री मंत्र का तीसरा जाप शाम यानी सूर्यास्त के पहले से सूर्यास्त के बाद तक करें।
इन तीन समय के अलावा भी अगर गायत्री मंत्र का जाप करना है, तो मौन रहकर या मन-ही-मन उसका जाप करें। मंत्र जाप तेज़ आवाज़ में कतई न करें।
क्या है गायत्री मंत्र?
ॐ भूर्भुव: स्व: तत्सवितुर्वरेण्यं भर्गो देवस्य धीमहि धियो यो नः प्रचोदयात्
गायत्री मंत्र का अर्थ : gayatri mantra meaning in hindi
सृष्टिकर्ता प्रकाशमान परामात्मा के तेज का हम ध्यान करते हैं, परमात्मा का वह तेज हमारी बुद्धि को सत्य के मार्ग की ओर चलने के लिए प्रेरित करे, या उस प्राणस्वरूप, दुःखनाशक, सुखस्वरूप, श्रेष्ठ, तेजस्वी, पापनाशक, देवस्वरूप परमात्मा को हम अंत:करण में धारण करें, वह परमात्मा हमारी बुद्धि को सत्य की राह पर चलने के लिए प्रेरित करें,
गायत्री मंत्र के फायदे / जाप के लाभ : gayatri mantra benefits in hindi
gayatri mantra ke fayde
गायत्री मंत्र एकमात्र ऐसा मंत्र है, जिसका जाप करने से सबसे ज़्यादा फ़ायदे होते हैं, इसे सूर्य देव की उपासना के लिए सबसे सरल और फलदायक मंत्र माना गया है। यह मंत्र चारों वेदों से मिलकर बना है। गायत्री उपासना प्रत्यक्ष तपश्चर्या है, इससे तुरंत आत्मबल बढ़ता है, गायत्री साधना बहुमूल्य दिव्य संपत्ति है। इस संपत्ति को जमा करके साधक उसके बदले में स्वास्थ्य, सांसारिक सुख एवं आत्मिक आनंद प्राप्त कर सकता है। यह मंत्र निरोगी जीवन के साथ-साथ यश, प्रसिद्धि, धन व ऐश्वर्य देनेवाला है यानी इसका जाप करनेवाला व्यक्ति हमेशा बीमारियों से दूर रहता है। कई बीमारियों का दुश्मन अगर किसी बीमारी से परेशान हैं और उससे जल्द-से-जल्द इछुटकारा पाना चाहते हैं, तो किसी भी शुभ मुहूर्त में एक कांसे के पात्र में स्वच्छ जल भरकर रख लें एवं उसके सामने किसी लाल आसन पर बैठकर गायत्री मंत्र का जाप करें। जाप के बाद जल से भरे पात्र का सेवन करने से गंभीर से गंभीर रोग का नाश हो जाता है, यह जल अन्य मरीज़ पीए, तो उसकी भी बीमारी जड़ से निकल जाती है।
गायत्री मंत्र से रोग निवारण : gayatri mantra se rog nivaran
health benefits of gayatri mantra
किसी भी शुभ मुहूर्त में दूध, दही, घी एवं शहद मिलाकर एक हज़ार बार गायत्री मंत्र के साथ हवन करने से चेचक, आंख के रोग एवं पेट के रोग जड़ से निकल जाते हैं। इसमें लकड़ी पीपल की होनी चाहिए, मंत्रों के साथ नारियल का बुरादा एवं घी का हवन करने से बीमारी तो दूर होती ही है, इससे शत्रुओं का नाश भी हो जाता है, नारियल के बरादे में अगर शहद का इस्तेमाल किया जाए, तो सौभाग्य में वृद्धि होती है,
गायत्री मंत्र से बढ़ाए खूबसूरती : gayatri mantra for beauty
गायत्री मंत्र का जाप करने से सौंदर्य में बढ़ोतरी होती है, इस मंत्र के जाप से उत्साह एवं सकारात्मकता से आपकी त्वचा में चमक आती है, तामसिकता से घृणा और परमार्थ में रुचि जागती है, पूर्वाभास होने लगता है, आशीर्वाद देने की शक्ति बढ़ती है, सपने साकार होने लगते हैं, क्रोध शांत होता है, ज्ञान की वृद्धि होती है। इससे आदमी तंदुरुस्त महसूस करता है। बांझपन करे दूर किसी दंपत्ति को संतान प्राप्त करने में कठिनाई आ रही हो या संतान से दुखी हो अथवा संतान रोगग्रस्त हो, तो प्रात: पति-पत्नी एक साथ सफ़ेद वस्त्र धारण कर गायत्री मंत्र का जप करें, इससे बांझपन दूर होता है और संतान सुख मिलता है।
गायत्री मंत्र से मिले सुंदर संतान : gayatri mantra for beautyful baby
जो गर्भवती महिलाएं सुंदर और तंदुरुस्त संतान की कामना करती हैं, उन्हें गायत्री मंत्र का जाप करना चाहिए। इस मंत्र का जाप करने से होनेवाला बच्चा सुंदर और तंदुरुस्त होता है।
गायत्री मंत्र से आंख की रोशनी बढ़ाए :
गायत्री मंत्र के जाप का असर आंखों पर भी होता है। इस मंत्र का नियमित जाप करने से आंखों की रोशनी बढ़ जाती है।