Last Updated on July 9, 2024 by admin
छाछ क्या होता है ? (Buttermilk (Chach) in Hindi)
दही में जब ज्यादा पानी मिलाकर बिलोया (मथा) जाए और उसके ऊपर से मक्खन निकालकर फिर पानी मिलाया जाए, इस प्रकार खूब पतले बनाये गये दही को छाछ कहते हैं।
छाछ के गुण (Chaas (chach) ke Gun in Hindi)
- खट्टी (सोंठ तथा सेंधानमक से युक्त) छाछ पित्त पर, शक्कर मिला हुआ छाछ वात वृद्धि पर और सोंठ, कालीमिर्च एवं पीपरयुक्त छाछ कफवृद्धि पर उत्तम है।
- नमक के साथ छाछ को पीने से पाचनशक्ति बढ़ती है।
- छाछ जहर, उल्टी, लार के स्राव, विषमज्वर, पेचिश, मोटापे, बवासीर, मूत्रकृच्छ, भगन्दर, मधुमेह, वायु, गुल्म, अतिसार, दर्द, तिल्ली, प्लीहोदर, अरुचि, सफेद दाग, जठर के रोगों, कोढ़, सूजन, तृषा (अधिक प्यास) में लाभदायक और पेट के कीड़ों को नष्ट करने वाली होती है।
- सर्दी के मौसम में, अग्निमान्द्य में (भूख का कम लगना), वायुविकारों में (गैस के रोग में), अरुचि में, रस वाहनियों के अवरोध में छाछ अमृत के समान लाभकारी होती है। – चरक
- अरुचि मन्दाग्नि और अतिसार में छाछ को अमृत के समान मानते हैं। – सुश्रुत
- छाछ को मधुर, खट्टी, कषैली, गर्म, लघु, रूक्ष, पाचनशक्तिवर्द्धक, जहर, सूजन, अतिसार, ग्रहणी, पाण्डुरोग (पीलिया), बवासीर, प्लीहा रोग, गैस, अरुचि, विषमज्वर, प्यास, लार के स्राव, दर्द, मोटापा, कफ और वायुनाशक मानते हैं।
- जिसमें से सारा मक्खन निकाल लिया गया हो, वह छाछ हल्की तथा जिसमें से थोड़ा सा मक्खन निकाल गया हो वह कुछ भारी और कफकारक होती है और जिसमें से जरा सा भी मक्खन न निकाला गया हो वह छाछ भारी पुष्टदायक और कफकारक है।
- छाछ पचने में हल्की, पित्त, थकान तथा तृषानाशक (प्यास दूर करना), वायुनाशक और कफकारक है।
छाछ पिने के फायदे : Benefits of Drinking Buttermilk (Chaas /chach) in Hindi
1) कब्ज : chach pine ke fayde kabj me
- छाछ में पिसी हुई अजवाइन को मिलाकर पीने से कब्ज दूर हो जाती है।
- 125 ग्राम दही की छाछ में 2 ग्राम अजवाइन और आधा ग्राम कालानमक मिलाकर खाना खाने के बाद लेने से पेट की गैस कम हो जाती है। इसको आवश्यकतानुसार 1 से 2 सप्ताह तक दिन में भोजन के बाद में ले सकते हैं।
- छाछ पीने से कब्ज, दस्त, पेचिश, खुजली, चौथे दिन आने वाला मलेरिया बुखार, तिल्ली (प्लीहा), जलोदर (पेट में पानी भरना), रक्तचाप की कमी या अधिकता दमा, गठिया, अर्धांगवात, गर्भाशय के रोग, मलेरियाजनित जिगर के रोग और मूत्राशय की पथरी में लाभ होता है।
2) मुंह के छाले : chach pine ke fayde muh ke chale me
दही के पानी या मट्ठे से कुल्ले करने से मुंह के छाले ठीक हो जाते हैं।
3) मूत्ररोग : chach pine ke fayde mutr rog me
360 मिलीग्राम से 480 मिलीग्राम पुराने गुड़ को छाछ के साथ खाने से मूत्रकृच्छ (पेशाब में जलन) और सुजाक रोग में लाभ होता है। ककड़ी के बीज को छाछ के साथ या सुहागा 240 से 360 मिलीग्राम चूर्ण करके छाछ के साथ सेवन करने से मूत्रकृच्छ (पेशाब में जलन) में लाभ करता है। जवाखार के साथ छाछ पीने से मूत्रकृच्छ और पथरी में लाभ होता है। भटकटैया का रस छाछ के साथ पीने से पेशाब के साथ आने वाला धातु बंद हो जाता है। इन्द्रजौ का छिलका दही में घिसकर रोगी को पिलाने से पथरी दूर होती है।
4) दस्त : chach pine ke fayde dast me
- जीरे और चीनी को पीसकर बने चूर्ण को छाछ के साथ पीने से अतिसार (दस्त) का आना बंद हो जाता है।
- 125 ग्राम छाछ में 12 ग्राम शहद को मिलाकर 1 दिन में सुबह, दोपहर और शाम को पीने से दस्त का लगातार आना रुक जाता है।
- लगभग 250 ग्राम छाछ में 1 चम्मच शहद मिलाकर रोजाना दिन में 3 बार पीने से दस्त बंद हो जाते हैं।
5) अग्निमांद्यता होने पर : chach pine ke fayde bhukh na lagna me
- लगभग 100 मिलीलीटर छाछ में 360 मिलीग्राम से 480 मिलीग्राम कालीमिर्च मिलाकर पीने से अग्निमांद्यता (भूख का कम लगना) में लाभ होता है।
- छाछ में सेंधानमक, कालीमिर्च और चित्रक की जड़ को पीसकर पीने से अग्निमांद्यता (भूख का कम लगना) का रोग दूर होकर भूख लगने लगती है।
- डालडा, घी, तैलीय और भारी पाक को मिलाकर पका लें। फिर इसे छाछ में मिलाकर उसमें थोड़ा-सा नमक डालकर सेवन करने से अग्निमांद्यता (भूख का कम लगना) के रोग में लाभ होता है।
6) पथरी : chach pine ke fayde pathri me
गाय के दूध की छाछ में 10 ग्राम जवाखार मिलाकर पीने से पथरी गलकर निकल जाती है।
7) लू का लगना : chach pine ke fayde lu lagne me
छाछ में नमक डालकर पीने से लू लगने से बचा जा सकता है।
8) बवासीर : chach pine ke fayde bawaseer me
- 1 गिलास छाछ में नमक और 1 चम्मच पिसी हुई अजवायन मिलाकर पीने से बवासीर रोग में लाभ मिलता है। छाछ के उपयोग से बवासीर दुबारा नहीं होती है। छाछ में कालानमक मिलाना लाभकारी होता है। छाछ में भुना हुआ जीरा मिलाकर पीना बवासीर के रोग में लाभकारी होता है।
- भोजन करने के बाद छाछ में सेंधानमक मिलाकर पीयें अथवा छाछ में सौंठ या पीपल या प्याज का साग मिलाकर रोज पीने से बवासीर का रोग दूर होता है।
- ताजी छाछ में चित्रक की जड़ का चूर्ण मिलाकर रोजाना पीने से लम्बे समय का बवासीर ठीक हो जाता है। छाछ के प्रयोग से दूर होने वाली बवासीर दुबारा नहीं होती है।
- गाय की छाछ में कालीमिर्च सोंठ, पीपर और बीड़ लवण का चूर्ण मिलाकर पीने से बवासीर में लाभ होता है।
9) अजीर्ण : chach pine ke fayde ajirn me
घी, तेल और मूंगफली अधिक खाने से अजीर्ण का कष्ट होने पर छाछ पीने से लाभ मिलता है।
10) भांग का नशा : chach pine ke fayde nasha utarne me
खट्टी छाछ पीने से भांग का नशा उतर जाता है।
11) मोटापा : chach pine ke fayde motapa kam karne me
- छाछ पीने से मोटापा कम हो जाता है।
- छाछ में काला नमक और अजवाइन मिलाकर पीने से मोटापा कम होता है।
12) अपच : chach pine ke fayde bhojan na pachne me
अपच (भोजन का न पचना) के रोग में छाछ एक सर्वोत्तम औषधि है। तली, भुनी, गरिष्ठ चीजों को पचाने में छाछ बहुत ही लाभकारी होती है। छाछ आंतों में स्वास्थ्यवर्द्धक कीटाणुओं की वृद्धि करता है। यह आंतों में सड़ान्ध को रोकती है। छाछ में सेंधानमक, भुना हुआ जीरा तथा कालीमिर्च पीसकर मिलाकर सेवन करने से अजीर्ण (भूख न लगना) दूर हो जाता है।
13) शक्तिवर्द्धक : chach pine ke fayde takat badhane me
छाछ पीने से पाचन संस्थान की शुद्धि होकर रस का भलीप्रकार संचार होने लगता है तथा आंतों से संबन्धित कोई रोग नहीं होता है। रोजाना छाछ पीने से शरीर की पुष्टि, बल, प्रसन्नता, चेहरे की चमक बढ़ती है। पिसी हुई अजवायन, कालानमक और छाछ तीनों को मिलाकर भोजन के अन्त में रोजाना कुछ दिन तक पीने से लाभ होता है। छाछ में कालीमिर्च और नमक मिलाकर भी पी सकते हैं।
14) सौंदर्यवर्द्धक : chach pine ke fayde sundarta badhane me
छाछ से चेहरा धोने से चेहरे की कालिमा, मुंहासे के दाग और चिकनाहट दूर होती है और चेहरा सौंदर्यवान (चमकदार) बनता है।
15) संग्रहणी : chach pine ke fayde sangrahani me
संग्रहणी सदृश्य (दस्त) रोगों में रोगियों को गाय के दूध की छाछ में सोंठ और पीपर का चूर्ण डालकर पिलाने से लाभ होता है। इस प्रयोग काल में आहार में केवल छाछ और चावल का ही प्रयोग करें।
16) रक्तविकार : chach pine ke fayde khoon ki kharabi me
गाय की ताजा, फीकी छाछ पीने से रक्तवाहनियों (खून की नलियों) का खून साफ हो जाता है और रस बल तथा पुष्टि बढ़ती है तथा शरीर की चमक बढ़ जाती है। इससे मन प्रसन्न होता है तथा यह वात, कफ संबन्धी रोगों को नष्ट करती है।
17) जलोदर : chach pine ke fayde jalodar me
- छाछ में सोंठ, कालीमिर्च और पीपल का 240 मिलीग्राम पिसा हुआ चूर्ण और 1 ग्राम सेंधानमक डालकर पीने से जलोदर (पेट मे पानी भरना) ठीक हो जाता है।
- चित्रकूट के चूर्ण को छाछ के साथ पीने से जलोदर (पेट में पानी भरना) का रोग दूर हो जाता है।
18) पेट के कीड़े : chach pine ke fayde pet ke kide me
- नमक और कालीमिर्च को पीसकर बारीक चूर्ण बनाकर रख लें, फिर इस चूर्ण को छाछ में मिलाकर रोजाना 4 दिन तक पीने से पेट के कीड़े समाप्त हो जाते हैं।
- छाछ में अजवायन का चूर्ण मिलाकर पीने से पेट के कीड़े मर जाते हैं।
- छाछ में सेंधानमक मिलाकर पीने से पेट के कीड़े समाप्त हो जाते हैं।
- सेंधानमक, किरमानी अजवायन, वायविण्डग आदि को मिलाकर बारीक चूर्ण बनाकर 240 मिलीलीटर से लेकर 960 मिलीलीटर की ग्राम की मात्रा में छाछ के साथ सुबह और शाम सेवन करने से पेट के कीड़े खत्म हो जाते हैं।
- गाय की छाछ में नमक मिलाकर सुबह के समय सेवन करने से पेट के कीड़े मर जाते हैं।
19) पेट में दर्द : chach pine ke fayde pet dard me
- खाली पेट होने के कारण होने वाले पेट के दर्द में छाछ पीने से लाभ होता है।
- 250 मिलीलीटर छाछ, 5 ग्राम भुना हुआ जीरा और 5 ग्राम कालानमक को मिलाकर पीने से पेट का दर्द ठीक हो जाता है।
- छाछ में शक्कर (चीनी) और कालीमिर्च को मिलाकर पीने से पित्त के कारण होने वाला पेट का दर्द शांत हो जाता है।
20). निम्नरक्तचाप : chach pine ke fayde low blood pressure me
रोजाना सुबह-शाम 200-200 मिलीलीटर छाछ पीने से निम्नरक्तचाप सामान्य हो जाता है।
21) पीलिया : chach pine ke fayde piliya me
- पीलिया रोग में लगभग 1 ग्राम चिमक की जड़ का चूर्ण, आधा ग्राम फिरमानी अजवाइन (चौर) के चूर्ण को छाछ में मिलाकर पीने से लाभ होता है।
- 10 कालीमिर्च को पीसकर 1 गिलास छाछ में मिलाकर रोजाना 1 बार जब तक पीलिया का रोग रहे, पिलाते रहने से आराम आता है।
22) सफेद दाग होने पर : chach pine ke fayde safed daag me
सफेद दागों के रोग में रोजाना 2 बार छाछ पीने से बहुत ही लाभ मिलता है।
23) सिर का दर्द : chach pine ke fayde sar dard me
- छाछ में कूठ रेण्डी की जड़ और सौंठ को पीसकर करके हल्का गर्म करके माथे पर लेप की तरह से लगाने से सिर का दर्द दूर हो जाता है।
- 240 मिलीग्राम से 360 मिलीग्राम जायफल को छाछ में मिलाकर पीने से सिर का दर्द खत्म हो जाता है।
24) अरुंषिका (वराही) : chach pine ke fayde sar ki rushi me
छाछ के काढ़े से सिर को बार-बार धोकर किसी भी चीज का लेप लगायें जो इस बीमारी में लाभदायक हो।
25) जिगर की खराबी : chach pine ke fayde jigar(Liver) ki kharabi
1-1 गिलास छाछ को दिन में 2-3 बार पीने से और कुछ न खाने से जिगर की खराबी दूर हो जाती है।
26) मूत्रकृच्छ : chach pine ke fayde Peshab me dard aur jala me
छाछ में गुड़ मिलाकर पीने से मूत्रकृच्छ (पेशाब में जलन) का रोग मिट जाता है।
27) दाद : chach pine ke fayde daad me
गाय की छाछ में ग्वारपाठे के बीजों को मिलाकर दाद पर लगाने से दाद ठीक हो जाता है।
28) पेट का भारीपन : chach pine ke fayde pet ka bharipan me
सोंठ, कालीमिर्च, पीपल और कालानमक को बराबर मात्रा में लेकर चूर्ण बना लें। इस चूर्ण को छाछ में मिलाकर पीने से पेट का भारीपन और अजीर्ण रोग (भूख न लगना) समाप्त हो जाता है।
29) रक्तातिसार (खूनी दस्त) : chach pine ke fayde khooni dast me
छाछ में चित्रक की जड़ का चूर्ण मिलाकर पीने से पेचिश (खूनी दस्त) में लाभ मिलता है।
30) अतिसार:
ताजी छाछ में बेल के गूदे को मिलाकर पीने से अतिसार (दस्त) और पेचिश (खूनी दस्त) बंद हो जाते हैं।
31) मलस्तम्भन : chach pine ke fayde dast me
छाछ में अजवायन और नमक मिलाकर पीने से मलावरोध मिट जाता है।
32) दांत निकलना : chach pine ke fayde dant nikalne me
- गर्मी में बच्चे को दांत निकालते समय दिन में 2 से 3 बार छाछ पिलायें। इससे दांत निकलते समय बच्चों को दर्द नहीं होता है।
- बच्चों के दांत निकलते समय छाछ में कालानमक मिलाकर दिन में 2 से 4 बार पिलाएं। इससे दांत निकलते समय दर्द नहीं होता तथा पेट का दर्द भी नष्ट होता है।
- छोटे बच्चों को रोजाना छाछ पिलाने से दांत निकलने में उनको अधिक दर्द नहीं होता है और बच्चों को दांतों का रोग भी नहीं होता है।
छाछ पिने के दुष्प्रभाव (Chach Pine ke Nuksan in Hindi)
- क्षत विक्षत दुर्बलों तथा बेहोशी, भ्रम और रक्तपित्त के रोगियों को गर्मियों में छाछ का सेवन नहीं करना चाहिए।
- यदि चोट लगने से घाव पड़ गया हो, जख्म हो गया हो, सूजन आ गई हो, शरीर सूखकर कमजोर हो गया हो तथा जिन्हें बेहोशी, भ्रम या तृषा रोग हो यदि वे छाछ का सेवन करें तो कई अन्य रोग होने की संभावना रहती है।