Last Updated on May 5, 2024 by admin
घृतकुमारी रस : Aloe Vera Juice
- एलोवेरा (घृतकुमारी /ग्वारपाठा) के विषय में सभी धर्मग्रंथों में सम्मानपूर्वक विवरण मिलता है । प्राचीनकाल से भारतीय इसे औषधि के रूप में उपयोग में ला रहे हैं । यह स्वास्थ्य -रक्षक, सौंदर्यवर्धक व रोगनिवारक गुणों के कारण विख्यात रही है ।
- एलोवेरा आश्चर्यजनक औषधि २२० से भी अधिक रोगों में उपयुक्त सिद्ध हुई है।
- एलोवेरा(घृतकुमारी) शरीरगत दोषों व मल के उत्सर्जन के द्वारा शरीर को शुद्ध व सप्तधातुओं को पुष्ट कर रसायन का कार्य करती है।
- यह जंतुघ्न (एंटीबायोटिक) व विषनाशक भी है।
- यह स्वस्थ कोशिकाओं का निर्माण कर रोगप्रतिरोधक प्रणाली को मजबूत करने में अति उपयोगी है।
- आयुर्वेद के अनुसार ग्वारपाठा वात-पित्त-कफशामक, जठराग्निवर्धक, मलनिस्सारक, बल, पुष्टि व वीर्यवर्धक तथा नेत्रों के लिए हितकारी है।
- यह यकृत (लीवर) के समस्त दोषों का निवारण कर उसकी कार्यप्रणाली को सशक्त बनाता है, अतः यह यकृत के लिए वरदानस्वरूप है।
विभिन्न रोगों में एलोवेरा (घृतकुमारी /ग्वारपाठा) रस के लाभ : Aloe Vera Juice ke fayde
- विविध त्वचाविकार, पीलिया, रक्ताल्पता, कफजन्य ज्वर, जीर्णज्वर (हड्डी का बुखार), खाँसी, तिल्ली की वृद्धि, नेत्ररोग, स्त्रीरोग, हर्षीज (herpes), वातरक्त (gout), जलोदर (ascitis), घुटनों व अन्य जोड़ों का दर्द, जलन, बालों का झड़ना आदि में यह उपयोगी है।
- पेट के पुराने रोग, चर्मरोग, गठिया व मधुमेह (डायबिटीज) में यह विशेष लाभप्रद है। |
घृतकुमारी रस की सेवन मात्रा :
बच्चों के लिए ५ से १५ मि.ली. तथा बड़ों के लिए १५ से २५ मि.ली. सुबह खाली पेट ।