Last Updated on August 13, 2021 by admin
बाल सफेद क्यों होते हैं ? :
उम्र बढ़ने पर, बुढ़ापे में सफेद बाल होना स्वाभाविक होता है, अगर उम्र बढ़ने से पहले ही बाल सफेद हो जायें तो यह एक रोग कहा जाता है जिसे हम “पालित रोग´´ कहते हैं। इस रोग के होने का मुख्य कारण शरीर में पोषक तत्वों की कमी है।
हमारे बालों का काला रंग मेलानिन (Melanin) नामक पिगमेंट के कारण होता है। ये पिगमेंट बालों की जड़ों की सेल्स में पाए जाते हैं। जब मेलानिन बनना बंद हो जाता है या कम बनने लगता है, तो बाल सफेद होने लगते हैं ।
आईये जाने उन आयुर्वेदिक घरेलु उपचारों के बारे में जो कम उम्र में ही बालों को सफेद होने से रोकते है , Amazing Natural Home Remedies for Grey Hair in hindi.
बालों को सफेद होने से रोकने के उपाय (Balon ko Safed Hone se Rokane ke Upay)
पहला प्रयोगः निबौली का तेल दो महीने तक लगाने एवं नाक में डालने से अथवा तुलसीके 10 से 20 ग्राम पत्तों के साथ उतने ही सूखे आँवले को पीसकर नींबू के रस में मिलाकर लगाने से बाल काले होते हैं।
दूसरा प्रयोगः लोहभस्म, भांगरा, त्रिफला एवं काली मिट्टी – इन सबको एक महीने तक गन्ने के रस में रखकर लेप करने से, रोज रात्रि को बालों में गाय का घी लगाकर पैर के तलुए में गाय का घी काँसे की कटोरी से थोड़ी देर घिसने से तथा हाथ की आठों उँगलियों के नाखूनों को परस्पर एक-दूसरे से दो-तीन मिनट घिसने से सफेद बाल काले होते हैं।
तीसरा प्रयोगः अल्पायु में सफेद बालों के लिए हाथी दाँत, आँवला एवं भृंगराज का तेल बनाकर सिर में डालें। घी गरम करके उसकी कुछ बूँदें नाक में टपकायें तथा दिन में दो बार त्रिफलाचूर्ण यष्टिचूर्ण के साथ लें। भोजन के बाद एक गिलास कुनकुने पानी में एक चम्मच घी डालकर पीयें तथा सर्वांगासन व जलनेति करें।
विशेष : आमला भृंगराज केश तेल” को सर पर लगाने से बाल बढते है ।सर का दर्द ,बाल सफेद होना गिरना जैसे रोग अच्छे होते है।मस्तिष्क की कमजोरी नस्ट होकर स्मरण शक्ति बढती है ।सिर में रुसी नहीं होती है ।
बालों का सफेद होने से रोकने के आयुर्वेदिक नुस्खे :
1. गौ नीला चित्रक : गौ नीला चित्रक के क्षुप की जड़ को दूध में मिला देने मात्र से दूध काला हो जाने पर इसका प्रयोग करना चाहिए। इससे बाल काले हो जाते हैं।
2. कूठ : कूठ के मसाले को पीसकर पानी में लगभग 24 घंटे तक भिगो दें, फिर इसी पानी से धोने से बालों का सफेद होना (Balon ka safed hona) यानी पालित रोग दूर हो जाता है।
3. कनैल (कनेर) : सफेद और लाल कनैल की पत्ती दूध में पीसकर सिर में लगाने से “पलित रोग´´ से लाभ मिलता है। पीले रंग की फूलवाली कनैल इसके लिए और ज्यादा लाभकारी हैं।
4. नीम का तेल : नीम के तेल को सूंघने से बालों के काले होने में लाभ होता है।
5. भंगरैया :
- 5-10 ग्राम भंगरैया सुबह-शाम सेवन करने से “पलित´´ रोग मिट जाता है। भंगरैया के रस का लेप भी कर सकते हैं। इसके प्रयोग के कुछ दिनों तक धैर्य बनाये रखें।
- भंगरैया के पंचांग (जड़, तना, पत्ती, फल और फूल) से सिद्ध तेल को सूंघने से बालों को सफेद होना, सिर दर्द और आंखों की रोशनी में लाभ पहुंचता हैं।
6. सफेद तिल : सफेद तिल और चित्रक की जड़ पीसकर मट्ठा (मठ्ठा) के साथ मिलाकर पीने से “पलित´´ रोग ((Balon ka asamay safed hona) मिट जाता है।
7. नीला चीता (चित्रक) : नीला चित्रक की जड का चूर्ण़ आधे से 2 ग्राम लगातार सेवन करने से बाल जड़ से काले हो जाते हैं।
8. गाजर: गाजर का रस प्रतिदिन सेवन करने से बाल सफेद नहीं होते, और जिसके सफेद बाल है वह काले हो जाते हैं।
9. आंवला :
- आंवले के चूर्ण को पानी के साथ मिलाकर लेप बनाएं। इस लेप को रोजाना सुबह बालों में अच्छी तरह लगा लें। नोट : इस प्रयोग के दौरान साबुन का प्रयोग न करें। इससे सफेद बाल काले हो जायेंगे।
- 1 चम्मच आंवले का चूर्ण दो घूंट पानी के साथ सोते समय प्रयोग करें। यह बालों के सफेद होने (Balon ka safed hona)को दूर करती है, चेहरे की रौनक नष्ट हो जाने पर अच्छा असर करती है और आवाज को मधुर एवं शुद्ध बनाती है।
- सूखे आंवले के चूर्ण को पानी के साथ मिलाकर सिर पर लगाने के बाद बालों को अच्छी तरह धो लें। इससे सफेद बाल गिरना बन्द हो जायेंगे। सप्ताह में दो बार नहाने से पहले इसका प्रयोग करें। अपनी आवश्यकतानुसार करीब तीन महीने तक इसका प्रयोग कर सकते हैं।
- 25 ग्राम सूखे आंवले को यवकूट (मोटा-मोटा कूटकर) कर उसके टुकड़े को 250 मिलीलीटर पानी में रात को भिगो दें। सुबह फूले आंवले को कड़े हाथ से मसलकर सारा जल पतले स्वच्छ कपड़े से छान लें। अब इस छाने हुए पानी को बालों की जड़ों में हल्के-हल्के हाथों से अच्छी तरह से लगाएं और 10-20 मिनट बाद बालों की जड़ को अच्छी तरह धो लें। रूखे बालों को 1 बार और चिकने बालों को सप्ताह में 2 बार यानी सुबह-शाम धोना चाहिए। आवश्यकता हो तो और भी धोया जा सकता है। जिस दिन बाल धोने हो, उसके एक दिन पहले रात में आंवले के तेल को अच्छी तरह से बालों पर मालिश कर लेना चाहिए। इससे बालों का सफेद होना बन्द हो जाता है और बाल काले होने लगते हैं।
- हरे आंवलों के 500 मिलीलीटर रस में 500 ग्राम साफ किया हुआ काले तिलों का तेल मिला लें और हल्की आग पर गर्म करें। गर्म करते समय जब आंवले का रस भाप बनकर उड़ जाए और केवल तेल ही बाकी रह जाये तब बर्तन को आग से नीचे उतारकर ठंड़ा कर लें। ठंड़ा हो जाने पर इसे फिल्टर बेग (पानी साफ करने की मशीन) की सहायता से छान लें। इसके बाद इस तेल को बोतल में भरकर रोजाना के प्रयोग में ला सकते हैं। इस तेल से बालों की जड़ों में अंगुलियों की पोरों से हल्की मालिश करना चाहिए। इससे बाल लम्बे और काले बनते हैं।
10. तिल : तिल का लड्डू बनाकर खाने और सिर पर तिल के तेल के इस्तेमाल से बाल काले हो जाते हैं।
11. मेथी : मेथी को खाने और इसका तेल लगाने से सफेद बाल काले हो जाते हैं।
12. भांगरा (भगरिया) : भगरिया के पत्तों को पीसकर रस निकाल लें और उसे सिर के बालों पर अच्छी तरह लगा लें। इससे सिर के बाल काले होने लगते हैं।
13. नींबू :
- दही और नींबू के रस का मिश्रण बनाकर बालों पर अच्छी तरह लगाने से बाल काले और मुलायम हो जाते हैं।
- नींबू के रस में सूखे आंवले के बारीक चूर्ण को मिलाकर बालों पर लगातार लेप लगाने से सफेद बाल काले हो जाते हैं।
14. त्रिफला (हरड़, बहेड़ा, आंवला) : त्रिफला का नियमित सेवन करने से बाल काले हो जाते हैं।
15. नीम :
- नीम के बीजों को भांगरा के रस और असना पेड़ की छाल के काढ़े की अनेक भावना (उबाल) देकर उनका तेल निकाल लेते हैं। इस तेल की 2-2 बूंदों को नाक के द्वारा ले सकते हैं तथा भोजन में दूध और भात (चावल) को खाने से पालित रोग यानी बालों का सफेद होना रोग पूरी तरह से नष्ट हो जाता है।
- नीम के बीजों के तेल को 2-2 बूंद नाक से लेने और केवल गाय के दूध का सेवन करने से पलित रोग में लाभ होता है।
16. गोरखमुण्डी :
गोरखमुण्डी के पंचांग (जड़, तना, पत्ती, फल और फूल) को पुष्पागमन से पूर्व काले भांगरे अथवा सामान्य भृंगराज को भी छाया में सुखा लेते हैं। दोनों के बराबर चूर्ण को 2 से 8 ग्राम तक शहद और घी से 40-80 दिनों तक सेवन करने से बालों के सभी रोग दूर हो जाते हैं तथा सफेद बाल काले होना शुरू हो जाते हैं।
17. इन्द्रायण :
- इन्द्रायण के बीजों का तेल और नारियल के तेल को एक समान मात्रा में लेकर बालों पर लगाने से बाल काले हो जाते हैं।
- इन्द्रायण की जड़ के 3 से 5 ग्राम चूर्ण को गाय के दूध के साथ सेवन करने से बाल काले हो जाते हैं। परन्तु ध्यान रहे कि पीने में केवल दूध ही पीना चाहिए।
- सिर के बाल पूरी तरह से साफ कराके इन्द्रायण के बीजों का तेल लगाने से सिर के बाल काले हो जाते हैं।
(उपाय व नुस्खों को वैद्यकीय सलाहनुसार उपयोग करें)
हरिॐ प्रभु,
इन नुस्खों में कौन सा नुस्खा सबसे उपयुक्त होगा? मेरे सिर के बाल और दाढ़ी के बाल दोनो ही सफेद हो गए हैं।मेरी उम्र 28 वर्ष है।