Last Updated on March 20, 2024 by admin
मीठी नीम (करी पत्ता) क्या है ? :
- मीठे नीम (कड़ी पत्ता / kadi patta) के पत्ते विशेषकर कढ़ी में डाले जाते हैं। इसीलिए मराठी भाषा में इसे ‘कढ़ी निम्म’ के नाम से भी जाना जाता है।
- मीठे नीम का वृक्ष छोटा और मधुर सुगन्ध वाला होता है। ये वृक्ष अपने आप पैदा हो जाते हैं और इन्हें बगीचों में भी उगाया जाता है।
- केरल, तमिलनाडु, बंगाल, बिहार और हिमालय में कुमाऊँ से सिक्किम की ओर के प्रदेशों में ये वृक्ष होते हैं । गुजरात और महाराष्ट्र में इन वृक्षों को बगीचों में उगाया जाता है ।
- इसके फूल छोटे, सफेद और कलंगी के समान होते हैं। इसके पत्ते एक-डेढ़, इन्च लम्बे तथा सुगन्धयुक्त होते हैं ।
- मीठे नीम के पत्ते सुगन्ध लाने के लिए ही कढ़ी में डाले जाते हैं। इन पत्तों का उपयोग चटनी और मसालों में होता है। इन पत्तों में से उर्ध्वगमनशील तेल निकलता है ।
- मीठे नीम के पत्ते शीतल, कटु, तिक्त और कुछ कसैलापन लिए हुए तथा लघु हैं। ये दाह, अर्श, कृमि, शूल-संताप, सूजन कोढ़, भूत-बाधा और विषनाशक होते हैं। ये रुचिकर होते हैं।
- इनमें मैंथी और पालक की भाजी की अपेक्षा-विटामिन ‘ए’ अधिक मात्रा में है।
- अन्य भाजियों की अपेक्षा इसमें कार्बोहाइड्रेट और प्रोटीन 2-3 गुना अधिक है।
मीठे नीम के फायदे और उपयोग : mithe neem (kadi patta) ke fayde in hindi
- इन पत्तों को जहरीले जन्तुओं के डंक पर भी लगाया जात है। ( और पढ़े – कीड़े-मकोड़े बिच्छू ततैया काटने के 40 घरेलु उपचार)
- मीठा नीम सड़न और चमड़े के विकारों को दूर करता है।
- मीठे नीम की छाल और मूल उत्तेजक, मृदु और रेचक है।
- वैज्ञानिक मतानुसार-मीठा नीम दीपन, पाचन और आमाशय के लिए पौष्टिक है। उसके पत्तों में से तेल व ग्लूकोसाइड मिलता है।
- मीठे नीम के पत्तों का काढ़ा बनाकर पीने से उल्टी होना बन्द होती है।
- मीठे नीम के पत्तों को पानी के साथ पीसकर छानकर पीने से खूनी दस्त और रक्तार्श मिटते हैं।
- मीठे नीम के पत्तों को चबाकर खाने से पेचिश मिटती है। ( और पढ़े – दस्त रोकने के 33 घरेलु उपाय )
- मीठे नीम के मूल के 2 तोला रस में अथवा उसके पत्तों के 4 तोला रस में 1 माशा इलायची दानों का चूर्ण डालकर पीने से मूत्रावरोध दूर होता है और पेशाब साफ आता है।
- मीठे नीम के पत्तों को पीसकर लेप करने से अथवा उसकी पुल्टिश करके बाँधने से जहरीले कीड़े के डंक से आई हुई सूजन और वेदना मिटती है।
- करी पत्ता का प्रतिदिन सेवन करने से मधुमेह और मोटापा कम होने में मदद मिलती है।
- करी पत्ता को पीस कर छाछ में मिला कर खाली पेट सेवन करने से कब्ज व पेटदर्द से छुटकारा मिलता है।
- इस की कोमल पत्तियों को धीरेधीरे चबाने से दस्त की शिकायत दूर हो जाती है।
- इस की कोमल पत्तियों को शहद के साथ सेवन करने से बवासीर में आराम मिलता है।
- इस की पत्तियों का सेवन करने से पाचनशक्ति ठीक हो जाती है।
- इस की पत्तियों के चूर्ण को कटे भागों के उपचार के लिए इस्तेमाल किया जाता है।
- इस की भुनी हुई पत्तियों के चूर्ण का उलटी रोकने में इस्तेमाल किया जाता है। ( और पढ़े – उल्टी रोकने के 16 देसी अचूक नुस्खे )
- जल जाने व खरोंच लग जाने पर इस की पत्तियों को पीस कर घाव पर बांधने से फायदा होता है।
- जड़ का रस : करी पत्ता की जड़ के रस का सेवन करने से गुरदे से संबंधित दर्द में आराम मिलता है।
- तेल : इस के तेल का इस्तेमाल सौंदर्य प्रसाधन, साबुन, परफ्यूम वगैरह में प्रचुर मात्रा में किया जाता है।
- इस के तेल का इस्तेमाल एंटीफंगल के रूप में किया जाता है, एक प्याला नारियल तेल में इस की 20 पत्तियों को डाल कर तब तक गरम करें, जब तक पत्तियां काली न पड़ जाएं, फिर तेल को छान कर शीशी में भर लें. यह बालों के लिए टौनिक का काम करता है।
- अपनी डाइट में मीठा नीम का पत्ता शामिल करें। इसे आप चटनी के रूप में खा सकते हैं। इसको खाने से बालों का असमयसफेद होना रुक जाएगा। ( और पढ़े –असमय बालों को सफेद होने से रोकेंगे यह 20 सबसे बेहतरीन घरेलु उपचार )
(दवा ,उपाय व नुस्खों को वैद्यकीय सलाहनुसार उपयोग करें)
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