Last Updated on May 27, 2020 by admin
सफेद दाग रोग क्यों होता है इसके कारण : Vitiligo (Fulveri) in Hindi
- आयुर्वेद के मुताबिक सफेद दाग ज्यादातर उन लोगों को होता है, जो परस्पर विरुद्ध वाले भोजन करते हैं जैसे दूध के ऊपर मछली खाना।
- इसके अलावा डकार, छींक, उल्टी, शौच , मूत्र (पेशाब) आदि को आने से रोकने के कारण भी ये रोग हो जाता है।
- ज्यादातर धूप में काम करने से, भोजन करने के बाद कसरत करने से, खट्टी और ज्यादा गर्म चीजे खाने से भी यह रोग हो जाता है।
- वायु (गैस), पित्त, तथा कफ (बलगम) खराब होकर शरीर में खून, चर्बी और मांस का रूप बिगाड़ देते हैं।
- यह रोग वंशानुगत (पहले कभी घर में किसी को हुआ हो) तो भी हो जाता है। शरीर में उपदंश या नाड़ी की खराबी के कारण भी शरीर पर सफेद दाग हो जाते हैं।
सफेद दाग रोग में भोजन और परहेज :
- सफेद दाग के रोग में भोजन हमेंशा ताजा और शाकाहारी करना चाहिये।
- सफेद दाग से पीड़ित रोगी को त्रिफला के पानी में भिगोए हुए अंकुरित चने, मूंग, पालक, गाजर, परवल, बथुआ, चोकर के आटे की रोटी, कैल्शियम और विटामिन `डी´ वाली चीजों का सेवन करना चाहिए और शरीर में सूरज की किरणे लगानी चाहिए।
- रोगी को जिस भोजन को खाकर ठंड़क मिले वो ही भोजन करना चाहिये।
- सफेद दाग के रोग में भोजन में खट्टे पदार्थ, तेल, लालमिर्च और गर्म मसालों का सेवन बन्द कर देना चाहिये और नमक भी कम खाना चाहिए।
- सफेद दाग के रोग में मांस बिल्कुल नहीं खाना चाहिए।
- सफेद दाग के रोग से ग्रस्त रोगी को मीठी चीजों का सेवन कम करना चाहिए।
सफेद दाग को दूर करने के घरेलू उपाय : Safed Daag ka Gharelu ilaj Hindi me
पहला प्रयोगः बावची के तेल की मालिश करें। फोड़ा होने पर लगाना बंद कर दें। फोड़े पर मिट्टी या गोबर का लेप करें। सात दिन बाद पुनः बावची का तेल लगायें।
दूसरा प्रयोगः 50 से 200 मि.ली गोमूत्र में 1 से 3 ग्राम हल्दी मिलाकर पीने से या तुलसी का रस लगाने व 5 से 20 मि.ली. पीने से सफेद दाग मिटते हैं।
तीसरा प्रयोगः पीपल की छाल का दो ग्राम चूर्ण दिन में तीन बार छः महीने तक लेने से एवं केले के पत्तों की राख तथा उसके बराबर हल्दी लेकर दोनों को पानी में पीसकर उसका लेप करने से सफेद कोढ़ मिटता है। सफेद कोढ़ में वमन कराने से लाभ होता है।
चौथा प्रयोगः चने को पानी में भिगोकर या उबालकर जब इच्छा हो तब खायें। जिस पानी में चने भिगोयें उसी पानी को पियें। चने में नमक न डालें। 3 से 6 महीने तक यह प्रयोग करने से हर प्रकार के कुष्ठ में लाभ होता है। इस प्रयोग के दौरान चने के अतिरिक्त कुछ न खायें।
पाँचवाँ प्रयोगः काकोटुम्बर नामक बूटी जहाँ-तहाँ होती है। उसका दूध लगायें और उसकी छाल का काढ़ा बनाकर पियें। उस दाग पर लोहे की शलाका से घिसें। जलन होने पर घिसना बन्द कर दें। त्रिफला चूर्ण का रोज सेवन करें। दूध, फल, मिठाई, खटाई और लाल मिर्च बंद कर दें।
दूध के साथ तुलसी, प्याज, मछली या खटाई खाने से कोढ़ निकलता है अतः इस प्रकार के भोजन से सावधान रहें।
सफेद दाग का आयुर्वेदिक इलाज : Safed Daag ka Ayurvedic ilaj in Hindi
1. कालीमिर्च: थोड़ी सी पिसी हुई कालीमिर्च को सिरके में मिलाकर त्वचा पर लगाने से सफेद दाग मिट जाते हैं।
2. सेंधानमक: 1 चुटकी सेंधानमक और 6 ग्राम बावची को मिलाकर पानी के साथ खाने से सफेद दाग दूर हो जाते हैं।
3. लहसुन:
- हरड़ को घिसकर लहसुन के रस में मिलाकर लेप करने से सफेद दाग ठीक हो जाते हैं। लहसुन को खाने से भी सफेद दाग ठीक हो जाते हैं।
- सफेद दाग के रोग में लहसुन जरूर खाने चाहिये। लहसुन के रस को निकालकर लगाने से सफेद दाग जल्दी ठीक हो जाते हैं।
- लहसुन का रस त्वचा के सफेद दागों पर लगाने से लाभ होता है।
4. केला : केले के पत्ते को जलाकर बिल्कुल राख बना लें। अब इसमें थोड़ा सा मुर्दा शंख को पीसकर मिला लें। दोनो कों तिल्ली के तेल में मिलाकर लगाने से सफेद दाग ठीक हो जाते हैं।
5. बावची :
- 20-20 ग्राम चालमोगरा, बावची और चंदन के तेल को लेकर एक शीशी में डालकर रख दें। इस तेल को दिन में 3 बार लगाने से श्वेत कुष्ठ (सफेद दाग) ठीक हो जाता है।
- 3 ग्राम बावची का चूर्ण और 3 ग्राम तिल को पीसकर रोजाना सुबह और शाम खाने से सफेद दाग कुछ ही दिन में ठीक हो जाता है।
- 250 ग्राम बावची के बीजों को पीसकर पानी में मिलाकर किसी मिट्टी की हांड़ी या छोटे घड़े में लेप कर दें। फिर उस हांड़ी या घड़े में दही जमा लें। इस दही का घी निकालकर खाने से श्वेत कुष्ठ (सफेद दाग) में आराम आता है।
- 100 ग्राम बावची को पीसकर चूर्ण बना लें। यह चूर्ण 2 ग्राम सुबह और शाम पानी के साथ सेवन करने पर श्वेत कुष्ठ (सफेद दाग) में लाभ होता है।
- बावची और शुद्ध गंधक को बराबर मात्रा में लेकर पीसकर चूर्ण बना लें। रोजाना सुबह इस 10 ग्राम चूर्ण को 50 ग्राम पानी में डाल लें।
- शाम को इसे थोड़ा सा मसलकर और छानकर रोगी को पिलाने से सफेद दाग का रोग कुछ ही समय में दूर हो जाता है।
- बावची के बीज और तिल को बराबर मात्रा में लेकर पीसकर चूर्ण बना लें। इस चूर्ण को 1 चम्मच ठंड़े पानी से रोजाना सुबह-शाम 1 वर्ष तक लगातार सेवन करने से सफेद दाग के रोग में पूरा लाभ मिलता है।
- बावची का तेल सफेद दागों पर लगाना लाभकारी रहता है। बावची का तेल लगाने से किसी-किसी रोगी के शरीर पर कभी-कभी फफोले और घाव भी हो जाता है। इसलिये रोगी को यह तेल सावधानी से लगाना चाहियें। अगर तेल लगाते समय जरा सा भी दर्द होता है तो बावची का तेल नहीं लगाना चाहिये। शुरूआत में इस तेल को शरीर में एक जगह के दाग पर 4 दिन तक लगाकर देंखें। अगर इस तेल को दाग पर लगाने से कोई परेशानी नहीं होती तो पूरे शरीर पर जहां पर भी सफेद दाग हो वहां पर ये तेल लगा लें। अगर सफेद दाग निकलना शुरू ही हुआ हो तो इस तेल का प्रयोग करने से सिर्फ 5 महीनो के अन्दर ही ये रोग ठीक हो जाता है।
6. अंजीर :
- अंजीर के कच्चे फलों से दूध निकालकर सफेद दागों पर लगातार 4 महीने तक लगाने से सफेद दाग मिट जाते हैं।
- अंजीर को घिसकर नींबू के रस में मिलाकर सफेद दाग पर लगाने से लाभ होता है।
- अंजीर के पत्तों का रस श्वेत कुष्ठ (सफेद दाग) पर सुबह और शाम लगाने से लाभ होता है।
7. उड़द :
- काले उड़द को पीसकर सफेद दागों पर दिन में 3-4 बार लगाने से सफेद दागों का रंग वापस शरीर के बाकी रंग की तरह होने लगता है।
- उड़द को पानी में भिगोकर और पीसकर सफेद दागों पर लगातार 4 महीने तक लेप करने से सफेद दाग मिट जाते हैं।
8. तुलसी :
- तुलसी के पौधे की जड़ और तने को साफ करके छोटे-छोटे टुकड़े कर लें। फिर इसे आधा किलो शुद्ध तिल के तेल में डालकर आग पर अच्छी तरह से पका लें और छानकर एक शीशी में भर लें। इस तेल को दिन में 3-4 बार रूई के फाये से लगाने से सफेद दाग ठीक हो जाते हैं।
- 1 तुलसी का ताजा हरा पौधा जड़ के साथ लेकर धोकर साफ कर लें। फिर इसे पीसकर आधा किलो पानी और 500 मिलीलीटर तेल में मिलाकर हल्की-हल्की आग पर पकाने के लिये रख दें। जब पकते हुयें पानी जल जाये और बस तेल बाकी रह जाये तो इसे निकालकर छान लें।
यह तुलसी का तेल बन गया। इस तेल को सफेद दागों पर लगाने से लाभ होता है। - काली तुलसी के रस में थोड़ी सी गोलमिर्च मिलाकर रोजाना 2 बार सेवन करने से सफेद दाग में लाभ मिलता है।
9. नीम :
- नीम के तेल में चालमोंगरे का तेल बराबर मात्रा में मिलाकर शीशी में भरकर रख लें। इस तेल को सफेद दागों पर लगाने और 5 से 6 बूंदे बताशे में डालकर खाने से सफेद दाग में लाभ मिलता है।
- नीम की पत्तियों और फूलों को पानी के साथ पीसकर सफेद दागों पर लगाने से लाभ होता है।
- 5 नीम के ताजे कोमल पत्ते और 10 ग्राम हरे आंवला को पीसकर 50 मिलीलीटर पानी में मिलाकर और छानकर पीने से सफेद दाग ठीक हो जाते हैं।
10. हल्दी :
- 10-10 ग्राम हल्दी, शीतलचीनी, सोना गेरू, बावची और नीम की छाल को लेकर सुखाकर पीस लें। इसमें से 10 ग्राम चूर्ण को शीशे के बर्तन में कम से कम 6 घंटे तक भिगोकर रखें। फिर इसे छानकर इसमें 2 चम्मच शहद मिलाकर पी जायें। इसके अन्दर बाकी बची हुई गाढ़ी चीजों का लेप बनाकर सफेद दागों पर लगाएं। यह क्रिया कम से कम 2 महीने तक करें।
- 5-5 ग्राम दोनों हल्दी, केले का खार (रस), मूली के बीज, हरताल, देवदारू और शंख का चूर्ण बराबर मात्रा में लेकर नागरबेल के पत्तों के रस या नीम के तेल में मिलाकर लेप करने से सफेद दागों के रोग में लाभ होता है।
- 10-10 ग्राम हल्दी, हरताल, आक की जड़, गंधक और कुटकी को एक साथ पीसकर गाय के पेशाब में मिलाकर 1 सप्ताह तक लेप करने से सफेद दाग ठीक हो जाते हैं।
11. हरताल : 10 ग्राम हरताल, 20 ग्राम गंधक, 10 ग्राम मैनसिल, 10 ग्राम नीला थोथा, 10 ग्राम मुर्दाशंख, 10 ग्राम सिंदूर, 10 ग्राम सुहागा और 10 ग्राम पाराभस्म को एक साथ पीसकर आधे कप नींबू के रस में मिलाकर लगातार 2 महीने तक सफेद दागों पर लगाने से लाभ होता है।
12. नारियल : 10 ग्राम नारियल के तेल में 1 ग्राम नौसादर को डालकर अच्छी तरह से मिलाकर लेप बना लें। रात को सोते समय इस लेप को लगाने से सफेद दाग ठीक हो जाते हैं।
13. काली जीरी: 3-ग्राम काली जीरी को पीसकर 25-ग्राम शक्कर के साथ खाने से सफेद दाग जल्दी ही ठीक हो जाते हैं।
14. खादिरसार : 20-20 ग्राम खादिरसार (कत्था) और आंवला को लेकर 400 मिलीलीटर पानी में उबालकर काढ़ा बना लें। इस काढ़े में 5 ग्राम बावची का चूर्ण मिलाकर खाने से श्वेत कुष्ठ (सफेद दाग) ठीक हो जाता है।
15. अंकोल: श्वेत कुष्ठ (सफेद दाग) में अंकोल का तेल लगाने से बहुत लाभ होता है।
16.अनार :
- अनार के पत्तों को छाया में सुखाकर बारीक पीस लें और कपड़े में छान लें। इस चूर्ण की 8-8 ग्राम की मात्रा में सुबह और शाम ताजे पानी से फंकी लेने से सफेद दाग दूर हो जाते हैं।
- अनार का सेवन सफेद दागों के रोग में बहुत ही लाभदायक है। अनार के पत्तों के रस को शहद के साथ सेवन करने से भी सफेद दागों में लाभ होता है।
17. कूट : कूट, चकबड़, सेंधानमक, बायबिडंग और सरसों के दानों को बराबर मात्रा में लेकर पीस लें। इसमें थोड़ा सा तिल्ली का तेल मिलाकर त्वचा पर लगाने से सफेद दाग ठीक हो जाते हैं।
18. पीपल : 20-20 ग्राम बायविडंग, त्रिफला चूर्ण और पीपल को पीसकर शीशी में भर लें। इसमें से 2 चम्मच चूर्ण गाय या भैंस के घी में मिलाकर रोजाना सेवन करने से सफेद दागों के रोग में लाभ होता है।
19. कुटकी : मंजीठ, त्रिफला, कुटकी, बच, दारूहल्दी, नीम की छाल और गिलोय को बराबर मात्रा में लेकर काढ़ा बनाकर 40 दिनों तक सेवन करने से सफेद दाग का रोग ठीक हो जाता है।
20. आलूचा: रोजाना आलूचा खाने से सफेद दाग ठीक हो जाते हैं।
21. काजू : रोजाना काजू खाने से श्वेत कुष्ठ (सफेद दाग) का रोग कुछ ही समय में समाप्त हो जाता है।
22. कठमूर : कठूमर के फलों को सुखाकर चूर्ण बनाकर रोजाना 2 बार सेवन करने से सफेद दाग दूर हो जाते हैं।
23. अखरोट : रोजाना अखरोट खाने से श्वेत कुष्ठ (सफेद दाग) का रोग नहीं होता है और स्मरण शक्ति (याददाश्त) भी तेज हो जाती है।
24. काले चने : मुट्ठी भर काले चने और 10 ग्राम त्रिफला के चूर्ण (हरड़, बहेड़ा, आंवला) को 125 मिलीलीटर पानी में भिगो दें। कम से कम 12 घंटों के बाद इन चनों को मोटे कपड़े में बांधकर रख दें और बचे हुए पानी कपडे़ की पोटली के ऊपर डाल दें। फिर 24 घंटे के बाद पोटली को खोल दें। अब तक इन चनों में से अंकुर निकल आयेंगे। यदि किसी मौसम में अंकुर न भी निकले तो चनों को ऐसे ही खा लें। इस तरह से अंकुरित चनों को चबा-चबाकर लगातार 6 हफ्तों तक खाने से सफेद दाग दूर हो जाते हैं।
25. अदरक : 30 मिलीलीटर अदरक का रस और 15 ग्राम बावची को एक साथ मिलाकर और भिगोकर रख दें। जब अदरक का रस और बावची दोनों सूख जाये तो इन दोनों के बराबर लगभग 45 ग्राम चीनी को मिलाकर पीस लें। अब इसकी 1 चम्मच फंकी को ठंड़े पानी से रोजाना 1 बार खाना खाने के 1 घंटे के बाद लेने से सफेद दाग ठीक हो जाते हैं।
26. छाछ : सफेद दागों के रोग में रोजाना 2 बार छाछ पीने से बहुत ही लाभ मिलता है।
27. बथुआ :
- बथुए की सब्जी खाने से सफेद दाग में लाभ होता है। इसका रस निकालकर सफेद दागों पर लगाने से सफेद दाग कुछ समय में ठीक हो जाते हैं।
- सफेद दाग के रोग में बथुआ उबालकर निचोड़कर इसका रस पीये, और सब्जी साग बना कर खायें। बथुऐं के उबले हुए पानी से त्वचा को धोयें। बथुए के कच्चे पत्ते पीसकर निचोड़कर रस निकालें। इस 2 कप रस में आधा कप तिल का तेल मिलाकर हल्की आग पर गर्म करें। जब रस खत्म होकर तेल बाकी रह जायें तब इसे छानकर किसी साफ शीशी में सुरक्षित रख लें। इस तेल को त्वचा पर रोजाना लम्बे समय तक लगाने से दाद, खुजली, फोड़ा, कुष्ट और त्वचा रोग भी ठीक हो जाते हैं।
28. चमेली :
चमेंली की नई पत्तियां, इन्द्र जौ, सफेद कनेर की जड़, करंज के फल और दारूहल्दी की छाल का लेप कुष्ठनाशक (कोढ़ को दूर करने वाला) होता है।
चमेंली की जड़ का काढ़ा सेवन करने से कुष्ठ (कोढ) रोग में लाभ मिलता है।
29. मालकांगनी : मालकांगनी और बावची के तेल को बराबर मात्रा में मिलाकर एक शीशी में रख लें। इस तेल को सफेद दागों पर सुबह-शाम नियमित रूप से लगाने से लाभ मिलता है।
30. रिजका: लगभग 100-ग्राम रिजका और 100-मिलीलीटर ककड़ी के रस को एक साथ मिलाकर रोजाना सुबह और शाम कुछ महीनों तक पीने से त्वचा के रोग और सफेद दाग ठीक हो जाते हैं।
31. गिलोय: सफेद दाग के रोग में 10-से 20 मिलीलीटर गिलोय के रस को रोजाना 2-3 बार कुछ महीनों तक रोगी को देने से सफेद दाग के रोग में आराम आता है।
32. कुटज : कुटज के बीजों को गाय के पेशाब में पीसकर दागों पर रोजाना लगाने से सफेद दाग का रोग ठीक हो जाता है।
33. मूली :
- 10 ग्राम मूली के बीजों को 20 ग्राम खट्टे दही में डालकर रख दें। 4 घंटे के बाद इन बीजों को पीसकर लेप करने से श्वेत कुष्ठ (सफेद दाग) के व्रण जख्म समाप्त हो जाते हैं।
- मूली के बीज, पीली सरसों के दाने, दारूहल्दी, चकबड़ के बीज, गोंद, त्रिकुटा, बायबिडंग और कूट को बराबर मात्रा में एकसाथ पीसकर गाय के पेशाब में मिला लें। फिर इसे 2 महीने तक दिन में 3-4 बार लेप करने से सफेद दाग का रोग ठीक हो जाता है।
34. अनारदाना:
10 ग्राम लाल चंदन और 10 ग्राम अनारदाना को पीसकर सहदेवी के रस में मिलाकर गोलियां बना लें। इन गोलियों को पानी में घिसकर लेप करने से सफेद दागों में बहुत लाभ मिलता है।
35. प्याज:
- प्याज के बीजों का लेप करने से सफेद दागों में लाभ मिलता हैं।
- प्याज के रस में शहद और सेंधानमक मिलाकर रोजाना 2 बार लगाने से सफेद दाग ठीक हो जाते हैं।
(दवा व नुस्खों को वैद्यकीय सलाहनुसार सेवन करें)