Last Updated on January 14, 2024 by admin
जुकाम होने के कारण : Jukam hone ke karn
आयुर्वेद में सर्दी या जुकाम होने के दो कारण माने जाते हैं – 1. पूर्व संचित दोष 2. तात्कालिक अपथ्य
पूर्व संचित दोषों में प्रमुख हैं :-
- श्वास का कारण या श्वास क्रिया ठीक न होना
- पेट की कब्ज़ी या उदर रोग
- नासा (नाक के) रोग होना
- टॉन्सिल का बढ़ना तथा
- शारीरिक दुर्बलता आदि।
उपरोक्त कारणों से व्यक्ति को जुकाम हो सकता है।
तात्कालिक अपथ्य में प्रमुख हैं :-
- वर्षा के पानी में भींग जाना
- ठण्ड लगना
- कड़ी धूप में घूमना
- रात में जागना दिन में सोना
- अर्जीण होना
- पंखे, कूलर आदि से यकायक पसीना सुखाना
- धुएँ के माहौल में रहना या धुएँ के कारण
- धूल के माहौल में रहना या धूल के कारण
सर्दी जुकाम के लक्षण : Jukam ke lakshan
जुकाम होने के उपरोक्त कारणों से नाक और श्वास नलिका के कुछ हिस्सों की श्लैष्मिक-कला का प्रवाह होता है और जुकाम हो जाता है। इससे सर्दी और बुखार भी हो जाता है।
जब व्यक्ति को जुकाम हो जाता है तो उसके शरीर में निम्न लक्षण प्रकट होने लगते हैं :-
- बेचैनी होना
- सारे शरीर में पीड़ा होना
- नाक से और आँखों से जल बहना
- छींकों का आना
- सिर में दर्द का होना
- सिर का भारी होना
- खुश्क खाँसी होना
- स्वर भंग होना
- भोजन आदि में अरुचि होना
- जुकाम बढ़ने पर मन्द ज्वर होना कफ खाँसी होना बलगम गिरना
- नाक से दुर्गध आना
- दुर्गध युक्त स्राव होना
जुकाम एक संक्रामक रोग है। रोगी की श्वास या उसके नासा स्राव से दूषित हुई वस्तु के सम्पर्क में आने वाले लोगों को भी यह रोग हो जाता है।
सर्दी जुकाम का इलाज : sardi jukam ka ilaj in hindi
जुकाम या सर्दी लगने के रोग की चिकित्सा रोग के मूल कारण को ध्यान में रखकर करनी पड़ती है।
जब तक जुकाम होने के कारणों का ठीक तरह से इलाज नहीं किया जाता, तब तक जुकाम की दवा में किसी प्रकार का लाभ प्राप्त नहीं होता है।
यदि जुकाम तात्कालिक कारणों से हुआ हो तो गर्म जल पीना चाहिए तथा उपवास आदि से पेट को हल्का रखना चाहिए। कब्जी की हालत में रोगी को पेट साफ करने की दवा देनी चाहिए।
निम्नलिखित दवाओं को बनाकर यदि जुकाम के रोगी को सेवन करने के लिए दें तो जुकाम की रोकथाम हो जाती है –
- अडूसे के पत्तों का स्वरस बनाकर पिलाने से जुकाम ठीक हो जाता है।
- नारंगी के छिलके का क्वाथ पीने से जुकाम मिट जाता है।
- कायफल सँधने से जुकाम ठीक हो जाता है।
- गरम पानी के छींटे देने से जुकाम मिट जाता हैं।
- झाऊ के पत्तों का बफारा लेने से जुकाम दूर हो जा है।
- तुलसी के पत्तों का रस पीना जुकाम में हितकर है।
- कालीमिर्च के सात दाने गरम पानी के साथ खाने से जुकाम में आराम मिलता है।
- डेढ़ माशा अजवायन तवे पर भूनकर कपड़े में बाँधकर पूँघने से जुकाम का वेग कम हो जाता है।
- हल्दी का क्वाथ गाढ़ा-गाढ़ा मस्तक पर लेप करने से जुकाम ठीक हो जाता है।
- गरम दूध में नमक डालकर पीने से जुकाम दूर हो जाता है।
- सोंठ को पानी में उबालकर शक्कर मिलाकर पीने से जुकाम ठीक हो जाता है।
- भाड़े के भुने गरम चने खाकर 3 घण्टे तक पानी न पीने से एक बार में ही जुकाम दूर हो जाता है।
- सरसों के तेल की पैरों के तलवे में तथा नाक में मालिश करने से जुकाम दूर हो जाता है।
- पान पर तेल चुपड़ कर आग पर गरम करके सीने पर बाँधने से जुकाम और सीने का दर्द दूर हो जाता है।
- कलौंजी का नस्य सँघने से जुकाम ठीक हो जाता है।
- सेंधा नमक, हींग, गूगल, मैनसिल, बच तथा बायबिडग को कूट-पीसकर छान लें, इसे सैंघने से जुकाम मिट जाता है।
- दो तोला खूबकला को आधा सेर पानी में इतनी देर तक उबालें कि पानी, आधा रह जाये। इस रस में मिश्री मिलाकर पीने से 2-3 दिन में जुकाम मिट जाता है।
- बड़ी हरड़ के छिलकों का चूर्ण 6 माशा को 6 माशा शहद में मिलाकर चाटने से जुकाम ठीक हो जाता है।
- तुलसी के पत्तों के स्वरस में तीन पाव शक्कर मिलाकर चासनी बनाकर ठण्डी करके बोतल में रख लें। दिन में तीन-चार बार यह शर्बत (2-3 तोला) पीने से जुकाम मिट जाता है।
- 3 ग्राम मुलहठी, 1 ग्राम दालचीनी, 7 नग छोटी इलायची कूटकर 400 ग्राम पानी में आग पर चढ़ा दें, जब आधा पानी रह जाय, तब इसमें 20 ग्राम मिश्री मिलाकर पीने से जुकाम ठीक हो जाता है।
- हींग, सोंठ और मुलहठी 1-1 ग्राम बारीक पीसकर गुड़ या शहद में मिलाकर चने के बराबर गोलियाँ बना लें। सुबह-शाम एक-एक गोली चूसने से जुकाम मिट जाता है।
- (सुहागा फुलाकर पीसकर रख लें। 1 ग्राम दवा शहद में मिलाकर 3-4 बार चाटने से जुकाम दूर हो जाता है। यह दवा गरम पानी के साथ लेने से भी जुकाम में लाभ होता है।
- 3 ग्राम कालीमिर्च पीसकर 50 ग्राम दही और 20 ग्राम पुराना गुड़ मिलाकर खाने से जुकाम ठीक हो जाता है।
- गेहूँ के आटे का चोकर 1 प्याले पानी में उबालकर छान लें, फिर इसमें दूध और शक्कर मिलाकर पीने से जुकाम और नजला मिट जाता है।
- एक कप दूध में एक चम्मच हल्दी डालकर गरम करें, इसमें शक्कर मिलाकर पीने से हर प्रकार का जुकाम ठीक हो जाता है।
- 8 ग्राम अदरक, 10 तुलसी के पत्ते, 7 कालीमिर्च, 5 लौंग पीसकर एक कप पानी में उबाल लें । छानकर शक्कर मिलाकर पीने से जुकाम में लाभ होता है।
- सात दाने कालीमिर्च और 7 ग्राम गुलबनफशा लेकर 250 ग्राम पानी में डालकर उबालें । एक- चौथाई पानी शेष रह जाने पर शक्कर मिलाकर पीने से जुकाम-खाँसी ठीक हो जाती हैं।
- तीन लोंग 100 ग्राम पानी में डालकर उबालें, आधा पानी रह जाने पर थोड़ा- सा नमक मिलाकर पीने से जुकाम ठीक हो जाता है।
- सोंठ, कालीमिर्च और पीपल समान मात्रा में पीसकर इसमें चौगुना गुड़ मिलाकर छोटे बेर के बराबर गोलियाँ बना लें। एक-एक गोली दिन में तीन बार लेने से सिर का भारीपन तथा जुकाम मिट जाता है।
- मुलहठी गुलबनफशा और देशी अजवायन समान भाग मिलाकर पीस लें । डेढ़-डेढ़ ग्राम दवा सुबह-शाम गरम पानी के साथ खाने से नजला,जुकाम और खाँसी दूर होती हैं।
- रीठे का छिलका और कायफल समान भाग पीसकर चूँघने से जुकाम मिट जाता है।
- शहद 20 ग्राम, सेंधानमक आधा ग्राम और आधा ग्राम, हल्दी को 80 ग्राम पानी में डालकर उबालें। हल्का गरम रहने पर रात को सोते समय पीने से जुकाम ठीक हो जाता है।
जुकाम की दवा : Jukam ki dawa
- अमृत धारा
- योगी आयु तेल
अस्वीकरण: इस लेख में उपलब्ध जानकारी का उद्देश्य केवल शैक्षिक है और इसे चिकित्सा सलाह के रूप में नहीं ग्रहण किया जाना चाहिए। कृपया किसी भी जड़ी बूटी, हर्बल उत्पाद या उपचार को आजमाने से पहले एक विशेषज्ञ चिकित्सक से संपर्क करें।