Last Updated on December 30, 2022 by admin
छोंकरा (समी) क्या है ? (Chhonkara in Hindi)
छोंकरा को (समी) भी कहते हैं। इसके पेड़ बहुत बड़े होते हैं। इसके पत्तों की आकृति इमली के पत्तों के आकार की होती है। इसका उपयोग हवन के काम में भी किया जाता है। बहुत से स्थानों पर विजयदशमी (दशहरा) के दिन इसका पूजन भी किया जाता है।
छोंकरा (समी) वृक्ष का विभिन्न भाषाओं में नाम :
हिन्दी | छोंकर, समी या सफेद कीकर |
संस्कृत | समी |
मराठी | समी |
गुजराती | खीजड़ों या समड़ी |
बंगला | साइबाबला |
कर्नाटक | बन्नी |
तेलगू | शमीचेट्टु या नबीचेट्टु |
लैटिन | प्रोसोपिरात्पाइसिजेरा |
अंग्रेजी | स्पंजट्री |
छोंकरा (समी) के औषधीय गुण (Chhonkara ke Gun in Hindi)
- छोंकरा का पेड़ : छोंकरा का पेड़ फीका, रुक्ष, शीतल, लघु, कड़वा, तीखा और दस्तावर होता है तथा यह रक्तपित्त, कुष्ठ (कोढ़), अतिसार (दस्त), अर्श (बवासीर), श्वास (दमा), कफ (बलगम), भ्रम, कृमि (पेट के कीडे़), कंपन और शरीर की थकान को नष्ट करता है।
- छोंकरा के फल : छोंकरा के फल तीखे, पित्तकारी, गुरू, स्वादिष्ट, रूक्ष, गर्म और केश (बाल) नाशक होते हैं।
- छोटी समी : छोटी समी फीकी, रूक्ष, शीतल और लघु होती है तथा रक्तपित्त, अतिसार (दस्त), बवासीर, कुष्ठ (कोढ़), श्वास (दमा), कफ (बलगम) और सफेद कुष्ठ (कोढ़), को खत्म करती है।
- छोटी समी के फल : इसके फल भारी, स्वादिष्ट, रूक्ष, पित्तकर और गर्म होते हैं तथा ये घाव और खुजली को दूर करते हैं।
रोगोपचार में छोंकरा (समी) के फायदे और उपयोग (Uses and Benefits of Chhonkara in Hindi)
1. दाद-खाज : छोंकरा के पत्तों को गाय के दही में पीसकर दाद-खाज पर लेप करने से लाभ मिलता है।
2. नखों के विष : छोंकरा, नीम और बरगद की छाल को पीसकर लेप करने से नखों के जहर उतर जाते हैं।
3. धातुपुष्टि : छोंकरा और किंकिरात के फूलों को बराबर मात्रा में लेकर थोड़े से जीरे के साथ पीस लेते हैं और उसमें लगभग 250 मिलीलीटर पानी डालकर छान लेते हैं। इसके बाद उसमें 20 ग्राम चीनी मिलाकर पीने से धातु की पुष्टि होती है।
4. मूत्रकृच्छ : छोंकरा के फूलों को गाय के दूध में पीसकर उसमें पिसा हुआ जीरा और चीनी मिलाकर पीने से मूत्रकृच्छ (पेशाब की जलन) दूर हो जाती है।
5. पेशाब के साथ धातु का गिरना : छोंकरा के फूल के रस में दूध मिलाकर गर्म करें। इसके बाद उसमें जीरा और चीनी डालकर पीने से पेशाब के साथ धातु का आना बंद हो जाता है।
6. गर्मी : छोंकरा का फूल या पत्तों के रस में जीरा और चीनी डालकर लगातार 14 दिन तक पीने से गर्मी शान्त हो जाती है।
7. सर्पदंश : सांप के द्वारा काटे हुए व्यक्ति को छोंकरा के पत्तों का रस पिलाने से जहर शरीर मे नहीं फैलता है।
8. फोड़ों को पकाने के लिए : छोंकरा के सूखे फलों को पानी में घिसकर फोड़ों पर लेप करना चाहिए। इससे फोड़े बहुत जल्द ही पककर फूट जाते हैं और जल्द ही ठीक हो जाते हैं।
9. गर्भपात रोकना : गर्भपात न हो इसलिए छोंकरा के फूलों को पीसकर, मिश्री के साथ घोंटकर सुबह-शाम गर्भवती स्त्री को पिलाते रहते हैं। इससे गर्भपात या गर्भस्राव की आशंका समाप्त हो जाती है।
10. रक्तपित्त : 40 मिलीलीटर छोंकरा के पेड़ की छाल का काढ़ा सुबह-शाम पीने से रक्तपित्त की शिकायत दूर हो जाती है।
11. सौंदर्यप्रसाधन : शरीर के फालतू बालों को हटाने के लिए छोकर के पेड़ की फली को जलाकर इसकी राख को शरीर पर मलने से फायदा होता है।
(अस्वीकरण : दवा, उपाय व नुस्खों को वैद्यकीय सलाहनुसार उपयोग करें)