Last Updated on April 9, 2023 by admin
डीमनोरिया या कष्ट राज रोग क्या है :
ऋतु काल के दौरान पेट, नितंब में वेदना होना कष्ट राज कहलाता है । डिंब कोष, डिंबा वाहक नली या गर्भाशय का प्रदाह युक्त होने से जब यह अंग रक्त का प्रवाह सहन नहीं कर पाते हैं तो उस समय जो वेदना होती है उसे हम कष्ट राज कहते हैं । कभी-कभी यह वेदना इतनी अधिक होती है कि रोगिनी शैया पर छटपटाती है ।
कारण :
- गर्भाशय में प्रदाह होना ।
- शरीर में रक्त की कमी एवं कमजोरी ।
- गरिष्ठ भोजन ग्रहण करना ।
- निष्क्रिय जीवन जीना ।
- शोक आदि मानसिक वेदना।
- पेट के निचले भाग में कसकर साड़ी बांधना
- तेज औषधियों का लंबे समय तक सेवन करना
- गर्भाशय में गांठ का होना ।
- गर्भाशय का मुंह तंग होना ।
प्राकृतिक उपचार :
- यदि रोगिनी को कब्ज रहता है तो उसे योगिक एनिमा हल्के गर्म पानी से लेकर पेट को साफ कर लेना चाहिए ।
- गर्म पानी का सेवन करने से वेदना मिट जाती है तथा पेशाब के मार्ग से विषाक्त तत्व बाहर निकल जाते हैं ।
- गुनगुने पानी में 10-15 मिनट प्रतिदिन कटि स्नान लेने से इस रोग रोकथाम होने लगती है।
- पेट के नीचे भाग पर मिट्टी की पट्टी से आराम मिलता है ।
यौगिक उपचार :
- शलभासन, हलासन, मत्स्यासन, शवासन करने से अंग सशक्त बनते हैं, जो वेदना को ठीक करने में सहायक हैं ।
- रितु काल के समय को छोड़कर अग्निसार कपालभाती तथा उद्यानबंध के अभ्यास से यह रोग ठीक होता है ।
- योग निद्रा व ध्यान का अभ्यास भी पीड़ा को कम करने में सहायक है ।
- भोजन : सुपाच्य भोजन जैसे कि रात्रि में सब्जियों का गरम सूप, मौसम के फल, सलाद का अधिक मात्रा में सेवन करें