Last Updated on May 1, 2023 by admin
लू लगने पर लक्षण (Symptoms of Heat stroke in hindi)
किसी व्यक्ति को अगर तेज धूप में घूमने से या दूसरी तरह की गर्मी लगने के कारण सिर में दर्द होता है और चक्कर आता है, पेट के ऊपर के भाग में दर्द होना, जी मिचलाना या उल्टी होना, शरीर की त्वचा बिल्कुल रूखी सी हो जाना जैसे कि सर्दी के मौसम में होती है, कमजोरी लगना, आंखों से कम दिखाई देना, नाक से जोर की आवाज आने के साथ बेहोशी छा जाना, सांस बंद सी होना, बार-बार पेशाब का रुक जाना आदि लक्षण लू लगने के कारण होते हैं।
लू लगने का होम्योपैथिक इलाज (Lu lagne ka Homeopathic Ilaj)
1. ग्लोनायन- ग्लोनायन औषधि का दिमाग और रीढ़ की हड्डी पर बहुत अच्छा असर होता है। अगर किसी व्यक्ति को लू लग जाती है तो उसमें ये औषधि बहुत ही प्रभावशाली मानी जाती है। रोगी का चेहरा पीला पड़ जाना, आंखें एक जगह जम जाना, जीभ बिल्कुल सफेद सी हो जाना, नाड़ी का बहुत तेज चलना, सांस का भारी सा हो जाना, उल्टी आना, बुखार का बहुत तेज हो जाना, बेहोशी सी छा जाना ग्लोनायन औषधि की 6 या 30 शक्ति लाभ करती है। अगर ज्यादा तेज धूप में चलते हुए रोगी को चक्कर आदि आ जाते हैं या बहुत ज्यादा थकावट आ जाती है तो उसे लैकेसिस औषधि भी दी जा सकती है। अगर लू लगने के कारण याददाश्त कमजोर पड़ जाती है तो ऐनाकाडियम औषधि देना लाभदायक रहता है।
2. बेलाडोना- रोगी को लू लगने के कारण सिर घूमने लगता है, बेहोशी छाने लगती है, चेहरा लाल हो जाता है, आंखें बिल्कुल खून की तरह लाल हो जाती हैं, बहुत तेज बुखार हो जाता है, सिर में दर्द के साथ तपकन सी होती है। इस तरह के लक्षणों में बेलाडोना औषधि की 30 शक्ति दी जा सकती है।
3. जेल्सीमियम- रोगी को लू लगने के कारण दूसरे लक्षणों के साथ अगर गहरी नींद (कोमा) जैसी अवस्था आ जाती है तो उसे जेलसीमियम औषधि देने से लाभ मिलता है।
4. नैट्रम-कार्ब- लू लगने के बाद उसके कारण होने वाले रोग के पुराने होने के लक्षणों में तथा ज्यादा तेज गर्मी के कारण पैदा होने वाले सिर के दर्द में नैट्रम-कार्ब औषधि लाभ करती है। अगर आंधी वगैरह से स्नायविक उत्तेजना पैदा हो जाए तो उसमें भी ये औषधि अच्छी रहती है। इसके अलावा अगर ज्यादा तेज धूप के कारण रोगी बहुत कमजोरी महसूस करता है और इसके साथ ही सिर में दर्द भी होता हो तो भी इस औषधि की 6 शक्ति लाभकारी रहती है।
जानकारी :
- अगर रोगी को ज्यादा तेज धूप में रहने के कारण लू लगने के लक्षण पैदा हो जाते हैं तो ऐसे रोगी को किसी छाया वाली जगह पर ले जाना चाहिए।
- रोगी के सारे कपड़े उतारकर ठण्डे पानी से भिगोए हुए कपड़े रोगी के शरीर पर लपेट देने चाहिए।
- रोगी को हवा करते रहना चाहिए।
- जब रोगी के शरीर का तापमान 100 डिग्री से कम हो जाता है तो उसके शरीर से गीले कपड़ों को हटा देना चाहिए लेकिन हवा करना जारी रखना चाहिए।
- रोगी के होश में आने के बाद पानी या नमक-चीनी का घोल बनाकर पिलाते रहें।
(अस्वीकरण : ये लेख केवल जानकारी के लिए है । myBapuji किसी भी सूरत में किसी भी तरह की चिकित्सा की सलाह नहीं दे रहा है । आपके लिए कौन सी चिकित्सा सही है, इसके बारे में अपने डॉक्टर से बात करके ही निर्णय लें।)