Last Updated on July 22, 2019 by admin
लेटिन नामः सोलेनम ट्यूबरोसस
प्रकृतिः
शुष्क और गर्म। यह रोटी से जल्दी पचता है। यह सम्पूर्ण आहार है।
आलू में पाए जाने वाले तत्व :
• प्रोटीन -1.6%
• कार्बोहाइड्रेट-22.9%
• पानी -74.7%
• विटामिन A-401.U./ 100 ग्राम
• कैल्शियम- 0.01%
• फास्फोरस- 0.03%
• लौह-लगभग 1 ग्राम का चौथा भाग/100 ग्राम
आलू खाने के लाभ / औषधीय प्रयोग : Aalu Khane ke Labh in Hindi
1- गोरापन –
आलू को पीसकर त्वचा पर मलने से रंग गोरा हो जाता है। ( और पढ़े – गोरा होने के 16 घरेलू नुस्खे )
2-चेहरे की झांई के लिए –
अगर चेहरे पर चेचक या मुंहासों के दाग या झांइयाँ हों तो कच्चे आलू को पीसकर 3-3 बूंद ग्लिसरीन,सिरका और गुलाब का रस मिलाकर फेस पैक बना लें। इसे रोजाना तीन मिनट तक चेहरे पर अच्छी तरह रगड़-रगड़ कर लगाने से चेहरे के दाग और झांइयाँ बहुत ही जल्दी दूर हो जाती हैं। ( और पढ़े – चेहरे की झाइयाँ दूर करने के 39 सबसे बेहतरीन घरेलू उपचार )
3-हाथों की झुर्रियाँ –
कच्चे आलू के रस से मालिश करने से हाथों पर झुर्रियाँ (सिलवटें) नहीं पड़ती हैं।
4-दाद के रोग में –
कच्चे आलू का रस पीने से दाद ठीक हो जाता है। ( और पढ़े – दाद खाज खुजली का आयुर्वेदिक इलाज)
5-बिवाई के फटने पर –
सूखे और फटे हुए हाथों को ठीक करने के लिए आलू को उबाल लें, फिर उसका छिलका हटाकर पीसकर उसमें जैतून का तेल मिलाकर हाथों पर लगायें 10 मिनट बाद हाथों को धोने से लाभ होता है। ( और पढ़े – फटी एड़ियों के 34 सबसे असरकारक घरेलू उपचार)
6-गठिया या जोड़ों का दर्द –
गर्म राख में चार आलू सेंक ले और उनका छिलका उतारकर नमक मिर्च डालकर नित्य खाएं। इस प्रयोग से गठिया ठीक हो जाती है।
7-बेरी-बेरी –
बेरी-बेरी का सरलतम सीधा-सदा अर्थ है- ‘चल नहीं सकता” इस रोग से जंघागत नाड़ियों में कमजोरी का लक्षण विशेष रूप से होता है। आलू पीसकर या दबाकर रस निकालें, एक चम्मच की मात्रा के हिसाब से प्रतिदिन चार बार पिलाएं। कच्चे आलू को चबाकर रस निगलने से भी यह लाभ प्राप्त किया जा सकता है।
8-सूजन –
कच्चे आलू को सब्जी की तरह काट लें। जितना वजन आलू का हो, उसके लगभग 2 गुना पानी में उसे उबालें। जब मात्र एक भाग पानी शेष रह जाए तो उस पानी से चोट से उत्पन्न सूजन वाले अंग को धोकर सेंकने से लाभ होगा।
9-मोटापा –
आलू मोटापा नहीं बढ़ाता है वरन् आलू को तलकर तीखे मसाले घी आदि लगाकर खाने से जो चिकनाई पेट में जाती है, वह चिकनाई मोटापा बढ़ाती है। आलू को उबालकर या गर्म रेत अथवा गर्म राख में भूनकर खाना लाभकारी है। ( और पढ़े – मोटापा कम करने के 7 सबसे असरकारक उपाय)
10-चोट लगने पर –
चोट लगने पर उस स्थान पर नीले रंग का निशान पड़ जाता है। उस नीली पड़ी जगह पर कच्चा आलू पीसकर लगाने से निशान मिट जाता है।
11-अम्लता (एसीडिटी) –
आलू की प्रकृति क्षारीय है जो अम्लता को कम करती है। जिन रोगियों के पाचन अंगों में अम्लता की अधिकता है, खट्टी डकारें आती है और वायु (गैस) अधिक बनती है, उनके लिए गरम-गरम राख या रेत में भुना हुआ आलू बहुत ही लाभदायक है। भुना हुआ आलू गेहूँ की रोटी से आधे समय में पच जाता है। यह पुरानी कब्ज और अन्तड़ियों की दुर्गन्ध को दूर करता है। आलू में पोटैशियम साल्ट होता है जो अम्लपित्त को रोकता है।
12-कमर दर्द –
कच्चे आलू के गूदे को पीसकर पट्टी में लगाकर कमर पर बांधने से कमर दर्द दूर हो जाता है। पीलिया का रोगः आलू या उसके पत्तों का क्वाथ (काय) बनाकर पिलाने से पीलिया में लाभ होता है।
13-पेट की गैस बनना –
कच्चे आलू को पीसकर उसका रस पीने से आराम मिलता है। ( और पढ़े – )
14-जलने पर –
आलू को बारीक पीसकर शरीर में जले हुए भाग पर मोटा-मोटा सा लेप कर दें जिससे कि जले हुए भाग पर हवा न लगे। ऐसा करने से जलन मिट जाती है और जलन में आराम मिलता है।
15-आंखों के नीचे कालापन –
आंखों के नीचे काले घेरों को मिटाने में आलू आपकी सहायता करेगा। कच्चे आलू के टुकड़ों को काले घेरे पर रगड़ें। आलू का गूदा भी प्रभावित जगह पर लगा सकती हैं।