Last Updated on July 22, 2019 by admin
आंवला खाने के फायदे :
आँवला सर्वश्रेष्ठ शक्तिदायक फल है। इसका दूसरा नाम अमृत-फल है। सचमुच ही इसमें अमृत के गुण हैं। यह विटामिन ‘सी’ का अनन्त भण्डार है। विटामिन ‘सी’ का अर्थ है शक्ति और स्वास्थ्य का आवश्यक तत्त्व। एक पुष्ट ताजे आँवले में बीस नारंगियों के बराबर विटामिन ‘सी’ रहता है। इस प्रकार यह शरीर को स्वस्थ बनाने के साथ-साथ सुन्दर भी बनाता है। इससे रक्त शुद्ध होता है और शरीर में रोग-प्रतिरोधक शक्ति बढ़ती है। आँवले की विशेषता यह है कि इसके विटामिन गरम करने या सुखानेसे भी नष्ट नहीं होते।
त्रिफला-चूर्ण का मुख्य घटक आँवला ही है। च्यवनप्राश इस अमृतफल से ही बनता है। महर्षि च्यवन ने बुढ़ापा दूर भगाने के लिये अश्विनी कुमार से उपाय पूछा था। उन्होंने च्यवन ऋषि को नित्य इस फल के सेवन करने का निर्देश दिया था। इसीके सेवन से च्यवन ऋषि का बुढ़ापा दूर हो गया था। इन्हींके नाम पर ‘च्यवनप्राश’ नाम पड़ गया। ओज, बल एवं युवावस्था को स्थिर रखने और बुढ़ापा दूर करने का यह सर्वश्रेष्ठ आयुर्वेदिक औषध है।
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आँवला सर्व रोग नाशक दिव्य अमृत-फल है। यह दाँतों-मसूढ़ों को मजबूत बनाता है, आँखों की ज्योति बढ़ाता है। शरीर में बल-वीर्य की वृद्धि करता है। हाई ब्लड प्रेशर, हृदय रोग, कैंसर, नपुंसकता, मन्दाग्नि, स्नायुरोग, चर्मरोग, लीवर और किडनी के रोग, रक्त के रोग,पीलिया, टी०बी०, मूत्ररोग और हड्डियोंके रोगोंको दूर करनेमें इसका विशेष योगदान है।
आँवला त्रिदोषनाशक है। इसमें लवण रस को छोड़कर बाकी पाँचों रस भरे पड़े हैं। आधुनिक वैज्ञानिकों ने आँवला पर खोज की है और स्वीकार किया है कि आँवला में पाया जानेवाला एंटी ऑक्सीडेंट इन्जाइम बुढ़ापेको रोकता है। यह खोज तो हजारों वर्ष पहले भारत के प्राचीन ऋषि-मुनियोंने कर डाली थी।
आँवला-तेल सिर के रोगों और बालों के लिये परम हितकारी है। इसे घर में बना लेना चाहिये। बाज़ार में मिलने वाले अधिकांश आँवला-तेलों में कृत्रिम सेंट मिला रहता है। घर में बनाना चाहें तो तिल के तेल में ताजे आँवले का रस मिलाकर गरम करें। जब उसका पानी जल जाय तो उतारकर ठंडा करके बोतल में भर लें और उपयोग करें।
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आँवले में जितने रोग-प्रतिरोधक, रक्त-शोधक और बल-वीर्यवर्धक तत्त्व हैं, उतने संसारकी किसी वस्तु या औषधि में नहीं हैं। इसलिये स्वास्थ्य-सुख चाहनेवालों को अपने आहार में आँवले को प्रमुख स्थान देना चाहिये। लगभग बीस ग्राम च्यवनप्राश एक गिलास दूध के साथ नियमित सेवन करनेसे आप इसके चमत्कारी आशुफल प्रद गुणों से परिचित हो जायँगे। यह पुनर्चीवन प्रदान करनेवाला सर्वश्रेष्ठ आहार है।