Last Updated on July 24, 2021 by admin
हमारे देश में स्त्री, पुरुष और बच्चे सभी रक्ताल्पता यानी खून की कमी (एनीमिया) के ज्यादा शिकार बनते हैं। जब शरीर के रक्त की लाल कोशिकाओं (सेल्स) में हीमोग्लोबिन नामक पदार्थ का स्तर सामान्य स्तर से नीचे हो जाता है, तो उस अवस्था को रक्ताल्पता के नाम से जाना जाता है।
हीमोग्लोबिन का कार्य ऑक्सीजन को शरीर की प्रत्येक कोशिका तक पहुंचाना है। जब हीमोग्लोबिन की मात्रा कम हो जाती है, तो रक्त की आक्सीजन वहन करने की क्षमता कम हो जाती है। एक स्वस्थ वयस्क पुरुष और स्त्री में हीमोग्लोबिन की मात्रा क्रमशः 13.5 से 18.0 ग्राम तथा 11.5 से 16.5 ग्राम प्रति 100 मिलीलीटर होती है। इसकी कृत्रिम रचना के लिए आयरन (लोहा), फोलिक एसिड, विटामिन बी 12 एवं प्रोटीन की आवश्यकता होती है।
एनीमिया के प्रमुख कारण :
रक्ताल्पता उत्पन्न होने के प्रमुख कारणों में –
- अस्थिमज्जा में लाल रक्त कोशिकाओं का कम बनना अथवा बिल्कुल न बनना,
- अत्यधिक रक्तस्राव,
- लौह तत्त्व की कमी,
- विटामिन बी-12 और फोलिक एसिड की कमी,
- आहार से पर्याप्त पोषक तत्त्वों का न मिलना,
- अल्प भोजन करना,
- पेट में कृमि,
- अधिक मासिक धर्म,
- मसूढ़े से खून बहना,
- डिलेवरी के बाद खून की कमी,
- खूनी पेचिस,
- बवासीर रोगों में अधिक खून निकलना आदि होते हैं।
एनीमिया (रक्ताल्पता) के प्रमुख लक्षण :
इस रोग के लक्षणों में –
- उत्साह की कमी,
- थोड़े से कार्य करने पर थकान,
- बदन दर्द,
- सांस फूलना,
- दिल की धड़कन बढ़ना,
- चक्कर आना,
- सिर दर्द,
- त्वचा सफेद व पीली पड़ना,
- पैरों में सूजन,
- भूख न लगना,
- अरुचि,
- नींद न आना,
- हाथ-पैरों में चुनचुनाहट,
- मिट्टी, माचिस की तीलियां खाने की इच्छा होना,
- भोजन निगलने में तकलीफ,
- मुंह में छाले होना आदि देखने को मिलते हैं।
एनीमिया (रक्ताल्पता) रोग में क्या खाएं :
✓ गेहूं, चना, मोठ, मूंग को अंकुरित कर नीबू मिलाकर सुबह नाश्ते में खाएं।
✓ मूंगफली के दाने गुड़ के साथ सुबह-शाम चबा-चबा कर खाएं।
✓ दूध के साथ अंजीर और खजूर का सेवन करें।
✓ सब्जी में पालक, सरसों, बथुआ, चौलाई, मटर, मेथी, शलगम के पत्ते, गोभी,हरा धनिया, पुदीना, टमाटर खाएं।
✓ फलों में पपीता, अंगूर, अमरूद, केला, सेब, चीकू, नीबू का सेवन करें।
✓ अनाज, दालें, मुनक्का, किशमिश, सूखे बेर, गाजर, पिंड खजूर खाएं।
✓ मूली के पत्ते, संतरा, आंवला भी कभी-कभार खाएं।
एनीमिया (रक्ताल्पता) रोग में क्या न खाएं :
✗ भारी, गरिष्ठ, तले, मिर्च-मसालेदार भोज्य पदार्थ न खाएं।
✗ शराब, तंबाकू, गुटखे, नशीली चीजों का सेवन न करें।
✗ चाय, कॉफी, कोल्ड ड्रिंक्स कम पिएं।
✗ तीखे नमक वाली चीजें न खाएं।
( और पढ़े – हीमोग्लोबिन व खून की कमी दूर करने के 46 उपाय )
रोग निवारण में सहायक उपाय :
क्या करें –
✓ रोज सुबह-शाम घूमने जाएं।
✓ हलके व्यायाम भी करें।
✓ कुछ देर नंगे बदन धूप में बैठे।
✓ नियमित रूप से सारे शरीर की मालिश करें।
✓ स्नान ठंडे पानी से करें। बाद में तौलिए से बदन रगड़ कर पोंछे।
✓ शक्ति के अनुसार ही कार्य, व्यायाम, परिश्रम करें।
✓ नींद भरपूर और निश्चिंत होकर लें।
क्या न करें –
✗ रात्रि जागरण न करें।
✗ थका देने वाला कार्य न करें।
✗ मानसिक तनाव, चिंता न पालें।