नकसीर (नाक से खून बहना) में क्या खाएं क्या न खाएं

Last Updated on July 5, 2021 by admin

गर्मियों के दिनों में अकसर नाक से खून बहने लगता है, जिसे नकसीर फूटना भी कहते हैं। यदा-कदा यह रोग होने पर मामूली उपायों से ठीक हो जाता है, लेकिन जिन्हें बार-बार शिकायत होती हो, वे इसे गंभीरता से लें। अनेक गंभीर बीमारियों के कारण भी नाक से खून आने लगता है।

नकसीर (नाक से खून बहना) के प्रमुख कारण :

नाक से रक्तस्राव होने के प्रमुख कारणों में –

  • नाक में चोट लगना,
  • नाक में बार-बार अंगुली डालना,
  • तेज गर्मी में घूमना,
  • हृदय कपाट के रोग,
  • गर्म एलोपैथिक दवाओं का सेवन,
  • पुराना जुकाम,
  • उच्च रक्तचाप की शिकायत,
  • रक्ताल्पता,
  • फ्लू, कैंसर, हीमोफिलिया, कुकर खांसी या निमोनिया का होना,
  • नाक में सूजन,
  • टाइफाइड,
  • यकृत रोग,
  • मांस, मछली, अंडे आदि गर्म पदार्थ तथा मिर्च-मसालेदार चटपटे, खट्टे पदार्थ खाना,
  • अचार, सिरका, दही, शराब आदि का सेवन होते हैं।

रोग के लक्षण :

  • इस रोग में नाक से खून आने से पहले सिर में दर्द, चक्कर आना, भारीपन महसूस होना आदि लक्षण प्रकट होते हैं।
  • खून प्रायः लाल चमकदार होता है।
  • कभी-कभी नाक का खून पेट में चला जाता है और फिर उलटी के रूप में निकलता है या खांसी के रूप में मुंह से निकलता है।
  • हाथ-पैरों में दाह, अरुचि, दुर्बलता आदि लक्षण भी देखने को मिलते हैं।

नकसीर (नाक से खून बहना) की समस्या में क्या खाएं :

✓ एक गिलास दूध में 2 पके केले मिलाकर 2 हफ्ते तक रोजाना सेवन करें।
✓ हलका, सुपाच्य, तरल आहार लें।
✓ संतरे का रस दिन में 2 बार पिएं।
✓ आंवले का मुरब्बा सुबह-शाम भोजन के साथ खाएं।
✓ एक कप अनार के रस में एक चम्मच मिश्री मिलाकर रोज दोपहर में पिएं।
✓ रोज सुबह-शाम के भोजन के बाद दो टुकड़े पेठा खाएं
✓ 2 चम्मच गुलकंद सुबह-शाम एक कप दूध से सेवन करें।

नकसीर (नाक से खून बहना) में क्या न खाएं :

✘ भारी, गरिष्ठ, तले, मिर्च-मसालेदार भोजन का सेवन न करें।
✘ लहसुन, मांस, मछली, अंडे, शराब न पिएं।
✘ गर्मी के मौसम में बर्फ का सेवन न करें।
✘ चाय, कॉफी, तंबाकू, धूम्रपान से परहेज करें।

( और पढ़े – नाक से खून रोकने के 37 घरेलु उपाय )

रोग निवारण में सहायक उपाय :

क्या करें –

✓ रोगी को चित लिटाकर नाक पर बर्फ के ठंडे पानी में भीगा कपड़ा रखें।
✓ गर्मी के दिनों में सिर पर ठंडा पानी डाल कर पूरे बाल तर कर दें।
✓ ग्रीष्मकाल में सुबह-शाम स्नान करें।
✓ मीठे अंगूर का रस, धनिए की हरी पत्तियों का रस, हरी दूब का रस, प्याज का रस जो भी तुरंत उपलब्ध हो, उसकी 2-2 बूंद नाक में टपकाएं।

क्या न करें –

✘ बच्चों को तेज धूप में न खेलने दें।
✘ नाक के बाल, मैल या पपड़ी को खुरचकर न निकालें।
✘ नाक में पेन, पेंसिल, चॉक, क्लिप आदि न डालें।

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