Last Updated on April 11, 2024 by admin
बादाम क्या है ? : What is Almond in Hindi
बादाम (Badam /Almond)के पेड़ पर्वतीय क्षेत्रों में अधिक पाये जाते हैं। इसके तने मोटे होते हैं। इसके पत्ते लम्बे, चौडे़ और मुलायम होते हैं। इसके फल के अंदर की मींगी को बादाम कहते हैं। बादाम के पेड़ एशिया में ईरान, ईराक, सउदी अरब, आदि देशों में अधिक मात्रा में पाये जाते हैं। हमारे देश में जम्मू कश्मीर में इसके पेड़ पाये जाते हैं। इसका पेड़ बहुत बड़ा होता है। बादाम की दो जातियां होती हैं एक कड़वी तथा दूसरी मीठी। बादाम पौष्टिक होती है। बादाम का तेल भी निकाला जाता है। कड़वी बादाम हमें उपयोग में नहीं लानी चाहिए क्योंकि यह शरीर के लिए हानिकारक होती है।
बादाम के गुण : badam ke gun in hindi
- यह दिमाग और शरीर को स्वस्थ, सुन्दर और बलवान बनाता है।
- बादामआंखों की रोशनी को बढ़ाता है।
- बादाम स्वभाव और आवाज को विनम्र व कोमल बनाता है।
- इससे हृदय को लाभ मिलता है।
- बादाम के उपयोग से शरीर में गाढ़ा और पुष्ट वीर्य पैदा होता है।
- बादाम सूखी खांसी के लिए यह लाभदायक होता है।
- बादाम सूजन को मिटाता है।
- बादाम शरीर के मोटापे को बढ़ाता है और रोगों को दूर करता है।
बादाम तेल के फायदे व उपयोग : badam tel ke upyog
- बादाम का तेल पुरुषों की पौरुष शक्ति में वृद्धि होती है।
- बादाम का तेल दिमाग के सभी रोगों को दूर करके उसे मजबूत बनाता है।
- बादाम के तेल से चेहरा सुन्दर और चमकदार हो जाता है।
- बादाम का तेल प्रमेह उत्पन्न करता है एवं शीतलता प्रदान करता है।
बादाम की तासीर :
बादाम गर्म होता है।
बादाम सेवन की मात्रा :
1 ग्राम से 3 ग्राम तक।
बादाम के फायदे व उपयोग : Badam Benefits and Uses in Hindi
1. आंखों के सभी प्रकार के रोग :All types of eye diseases –आंखों से पानी गिरना, आंखें आना, आंखों की दुर्बलता, आंखों का थकना आदि रोगों में बादाम को भिगोकर सुबह के समय पीसकर पानी मिलाकर पी जाएं तथा ऊपर से दूध पीने से लाभ होता है।
2. चेचक :chicken pox– 5 बादाम को पानी में सुबह के समय पीने से चेचक के दाने शीघ्र भर जाते हैं एवं जल्दी ठीक भी हो जाते हैं।
3. पीलिया :jaundice- 6 बादाम, 3 छोटी इलायची और 20 छुहारे लेकर रात के समय मिट्टी के कुल्हड़ में भिगो दें तथा सुबह के समय इन सबको बारीक पीसकर इसमें 70 ग्राम मिश्री, 50 ग्राम मक्खन मिलाकर चाटने से पीलिया के रोग में लाभ मिलता है। इस प्रयोग के करने से तीसरे दिन ही पेशाब साफ आने लग जाएगा।
4. झांइयां, दाग-धब्बे: 5 बादाम की गिरी को रात को पानी में भिगों दें, सुबह इनका छिलका उतारकर बहुत बारीक पीसकर शीशी में भरकर रख दें। फिर इसमें 60 ग्राम गुलाबजल, 15 बूंद चन्दन का इत्र (परफ्यूम) मिलाकर हिलाएं। चेहरे या बदन पर जहां कहीं भी काले धब्बे, झांइयां हों वहां इसे रोजाना दिन में 3 बार लगाना चाहिए। जहां गहरा धब्बा हो वहां इसे अधिक मात्रा में लगा देते हैं। इस प्रयोग से झाइयों और दाग-धब्बों में लाभ मिलता है।
5. मोटापा बढ़ाना : Obesity- 12 बादाम की गिरी को रात को पानी में भिगो दें। सुबह उठने पर इनका छिलका उतारकर पीस लें, फिर इसमें एक ग्राम मक्खन और थोड़ी सी चीनी मिलाकर डबल रोटी के साथ खाएं ऊपर से 250 मिलीलीटर दूध पी लें। इस प्रयोग को लगातार 6 महीने तक करने से मोटापा बढ़ता है। इससे शारीरिक शक्ति भी बढ़ती है और दिमाग भी तेज होता है।
6. सूखी खांसी : बादाम खाने से गला तर रहता है तथा खांसी में लाभ होता है। बार-बार खांसी उठती है, लेकिन कफ बाहर नहीं आता हो तो 5 बादाम को भिगो दें। फिर उन्हें छीलकर उतनी ही मिश्री मिलाकर सुबह-शाम दिन में 2 बार चांटे। इससे सूखी खांसी में लाभ मिलता है।
• सूखी खांसी में बादाम को मुंह में रखकर चूसने से गला तर रहता है और सूखी खांसी ठीक हो जाती है।
7. हकलाना, तुतलाना :
• रोजाना रात को 5 बादाम भिगोकर फिर छीलकर और पीसकर 25 ग्राम मक्खन मिलाकर कुछ महीने तक लगातार सेवन करने से हकलाना व तुतलाना ठीक हो जाता है। साथ ही रोगी को धीरे-धीरे बोलने तथा बिना घबराहट के बोलने की कोशिश भी करनी चाहिए। बादाम की 10 गिरी और कालीमिर्च को लेकर बहुत बारीक पीसकर मिलाकर चाटना भी तुतलाने व हकलाने में लाभकारी होता है।
• रोजाना 5 से 6 बादाम पानी में भिगोकर रख दें। बादाम के फूल जाने पर छिलका उतारकर इसकी गिरी को पीस लें और इसकी 25 से 30 ग्राम मात्रा को मक्खन में मिलाकर खायें। कुछ महीनों तक इसका सेवन करने से तुतलापन ठीक हो जाता है।
8. वीर्यवर्द्धक : 7 बादामों की गिरियां रात के समय पानी में भिगो दें और उसे सुबह के समय पीस लें। इसके बाद कलाई वाली पीतल की कड़ाही में घी डालकर उसमें पीसे हुए बादामों को डालकर सेंके। लाल होने पर इसमें लगभग 125 मिलीलीटर दूध डालें। इस दूध को गर्म-गर्म पीने से शरीर मजबूत होता है वीर्य बढ़ता है और कमजोरी भी दूर होती है।
9. दांत खट्टे होना अथवा होंठों का फटना : दांत खट्टे होना अथवा होंठों के फटने पर 5 बादाम को खाने से लाभ मिलता है।
10. दांतों का दर्द :Toothache- 40 ग्राम बादाम के छिलके, 20 ग्राम कालीमिर्च, 20 ग्राम फिटकरी, 20 ग्राम रुमीमस्तांगी तथा काजू को एकसाथ मिलाकर बारीक पीसकर मंजन बना लें। यह मंजन रोजाना करने से दांतों से खून का निकलना बंद हो जाता है और दांतों का हिलना भी बंद हो जाता है।
11. दांत साफ और चमकदार करना :
• बादाम का छिलका जलाकर किसी बर्तन से ढक दें। दूसरे दिन इसकी राख को पांच गुना फिटकरी के साथ मिलाकर बारीक पीसकर मंजन बना लें। इससे रोजाना मंजन करने से दांत साफ, चमकदार तथा मजबूत बनते हैं।
• बादाम के छिलके को जला लें तथा इसकी राख को सैंधानमक के साथ मिलाकर बारीक पीसकर मंजन बना लें। यह मंजन रोजाना करने से दांत साफ और मजबूत होते हैं।
12. खांसी : 5 बादाम की गिरी, 20 दाने कालीमिर्च, 4 लौंग और आधा चम्मच सोंठ को लेकर पानी में डालकर काढ़ा बनाकर पीने से खांसी के रोग में लाभ मिलता है।
13. कब्ज : 15 ग्राम बादाम के तेल को निकालकर 1 गिलास दूध में मिलाकर कुछ दिनों तक लगातार पीने से पेट की गैस और कब्ज में आराम मिलता है।
14. गर्भाशय की सूजन : बादाम रोगन एक चम्मच, शर्बत बनफ्सा 3 चम्मच चीनी पानी में मिलाकर सुबह के समय पीएं तथा बादाम रोगन का एक फोया गर्भाशय के मुंह पर रखें इससे गर्मी के कारण उत्पन्न गर्भाशय की सूजन ठीक हो जाती है।
15. नाखून का जख्म : नाखून का जख्म नाखून के उखड़ने के कारण हो तो पहले नाखूनों को गर्म पानी से अच्छी तरह से धो लें। उसके बाद 10-10 ग्राम घी, हल्दी और बादाम को अच्छी तरह से पीसकर नाखूनों पर लगाने से नाखूनों का दर्द और जख्म मिट जाता है।
16. पीलिया का रोग :
• 8 बादाम की गिरी, 5 छोटी इलायची और 2 छुहारों को रात में मिट्टी के बर्तन में भिगो लें और सुबह निकालकर छुहारे की गुठली, इलाइची व बादाम के छिलके फेंक दें। शेष सभी चीजों को बहुत अच्छी तरह पीस लें। इसके बाद इसे लगभग 70 ग्राम के मक्खन के साथ सेवन करने से शीघ्र ही पीलिया के रोग में लाभ होने लगता है।
• 8 बादाम, 5 छोटी इलायची और 2 छुहारों को रात को मिट्टी के बर्तन में भिगों दें। फिर इन सबको सुबह बारीक पीसकर इसमें 70 ग्राम मिश्री, 70 ग्राम मक्खन मिलाकर पीलिया के रोगी को चटाने से 4 दिन में ही पीलिया के रोग में लाभ होता है।
17. मानसिक उन्माद (पागलपन) : बादाम की 8 गिरी को रात को पानी में भिगोकर रख दें और सुबह उनके छिलके उतारकर उसी पानी के साथ पीसकर 200 मिलीलीटर दूध के साथ पागलपन के रोगी को पिलाने से पागलपन दूर हो जाता है। इससे दिमाग भी काबू में रहता है।
18. होठों के लिए :
• 20 ग्राम बादाम रोगन को आग पर रखकर बहुत ज्यादा गर्म करके इसके अंदर 5 ग्राम देशी मोम डालकर पिघला लें। फिर इसे नीचे उतारकर इसमें 2 ग्राम सफेद कत्था और सुरमा डालकर मिला लें। इसे होठों पर लगाने से होंठों का फटना, पपड़ी उतरना (होठों की खाल उतरना) और कुरंड रोग ठीक हो जाता है और होंठ बिल्कुल कोमल और चिकने हो जाते हैं।
• 5 बादाम रोजाना सुबह और शाम खाने से होठ नहीं फटते हैं।
• रात को सोते समय होठों पर बादाम रोगन लगाकर सो जाएं। इससे होठों की पपड़ी हट जायेगी और होठ मुलायम हो जायेंगे और आगे से होठों पर पपड़ी भी नहीं जमेगी। हमेशा ध्यान रखें कि होठों पर जमी हुई पपड़ी को नाखून या दांत से कभी नहीं नोचे और मुंह से सांस न लें।
19. बालरोग : बादाम में चूना, लोहा, फासफोरस ज्यादा पाया जाता है जो बच्चों की हिड्डयों को मजबूत करता है। दूध पीने वाले बच्चों के लिए रात को 1 बादाम भिगो दें सुबह बादाम को पीसकर दूध में मिलाकर बच्चे को पिला दें। जहां तक हो सके बच्चों को दवाइयां नहीं देनी चाहिए। खाने-पीने की सामान्य चीजों से ही चिकित्सा करनी चाहिए।
20. वीर्यस्खलन : जिनका वीर्य सीघ्र ही निकल जाता हो, उन्हें 6 बादाम, कालीमिर्च के दाने, 2 ग्राम सोंठ और मिश्री को लेकर इन सभी को मिलाकर चबाकर खाने के बाद ऊपर से दूध पीना लाभकारी होता है।
21. याददाश्त का कमजोर होना :
• जब मनुष्य की याददाश्त कमजोर हो जाती है तो उसके लिए 7 दाने बादाम के शाम को पानी में भिगोकर रख दें और सुबह छिलका उतारकर बारीक पीस लें यदि रोगी की आंखें भी कमजोर हो तो 4 कालीमिर्च को भी पीसकर 250 मिलीलीटर दूध में मिलाकर दूध को 3 बार उबाल लें और नीचे उतारकर 1 चम्मच देशी घी में और दो चम्मच बूरा या चीनी मिलाकर पीने से दिमाग और बुद्धि की कमजोरी दूर हो जाती है और याददाश्त बहुत मजबूत हो जाती है। इस प्रकार का दूध 15 दिन से 40 दिन तक पीने से याददाश्त तेज हो जाती है।
• बादाम की गिरी को चन्दन की तरह बारीक करके या खूब चबाकर मलाई की तरह मुलायम बनाकर खाने से बादाम आसानी से पच जाता है और याददाश्त में अधिक लाभ पहुंचता है।
• 7 बादाम की गिरियों को शाम को भिगोकर सुबह उसका छिलका उतारकर 1-1 बादाम को सुबह खूब चबाकर खाने से और इसके ऊपर से गर्म दूध पीने से याददाश्त तो बढ़ती ही है साथ ही आंखों की रोशनी भी तेज हो जाती है।
• बादाम की 10 गिरी लेकर उसको रात को भिगोकर रख दें और सुबह इनका छिलका उतार कर लगभग 12 ग्राम मक्खन और मिश्री मिलाकर एक या दो महीने तक खाने से दिमाग की कमजोरी दूर हो जाती है और भूलने की आदत खत्म हो जाती है।
• लगभग 10-10 ग्राम की मात्रा में बादाम, सौंफ और मिश्री को पीसकर रात को सोते समय गर्म दूध के साथ लेने से दिमाग की कमजोरी दूर हो जाती है और इसका सेवन लगातार 40 दिन तक करना चाहिए।
• बादाम की गिरी और सौंफ को बराबर मात्रा में लेकर पीस लें, और रात को सोते समय ठंडे पानी से लेने से याददास्त बढ़ती है।
22. सांस के रोग : बादाम को गर्म पानी में डालकर शाम के समय रात भर के लिए भिगोकर रख देते हैं। दूसरे दिन सुबह बादाम को थोड़ी देर पकाकर उसका पेय बना लेते हैं। इस पेय को 20 से 40 मिलीलीटर तक की मात्रा में रोजाना सेवन करने से सांस के सारे रोग ठीक हो जाते हैं।
23. दमा : 5-7 बादामों की मींगी को पीसकर पानी में डालकर आग पर कुछ देर तक उबालें। यह काढ़ा थोड़ा-थोड़ा रोगी को पिलाने से दमा का दौरा रुक जाता है।
24. पागल कुत्ते के काटने पर : 4 ग्राम बादाम की मींगी की मात्रा को शहद के साथ मिलाकर खाने से पागल कुत्ते का जहर दूर हो जाता है।
25. दांतों का मंजन :
• बादाम का छिलका जलाकर उसमें नमक मिलाकर दांतों पर रगड़ने से दांत साफ और चमकीले हो जाते हैं। सुगन्ध के लिए इसमें कपूर और इलायची भी मिला लेते हैं।
• बादाम के फल के छिलके को जलाकर, कोयला बनाकर उसकी बुकनी 100 ग्राम लेनी चाहिए। इसमें माजूफल, छोटी इलायची के दाने, फुलाई हुई फिटकरी और कपूर का 10-10 ग्राम चूर्ण मिलाकर खरल में बारीक पीसकर सुरक्षित रख लेते हैं। इस दंत मंजन को दांतों पर घिसने से दांत साफ होते हैं तथा मसूढ़े भी मजबूत होते हैं।
• बादाम का छिलका जलाकर ढक दें। दूसरे दिन पीसें और जितनी राख हो उसका पांचवा भाग फिटकरी या सेंधानमक मिलाकर पीस लेते हैं। इस पाउडर से मंजन करने से दांत तो साफ होते ही हैं इसके साथ ही दांतों के सारे रोग भी दूर हो जाते हैं।
26. भिलावां (एक जंगली पेड़) से उठे हुए छालों : बादाम को घिसकर भिलावां (एक जंगली पेड़) से उठे हुए छालों पर लगाने से लाभ मिलता है।
27. कनखजूरे के कांटे चुभ जाने पर : कनखजूरे के कांटे चुभ जाने पर बादाम का तेल लगाने से लाभ मिलता है।
28. सिर का दर्द
• बादाम और केसर को गाय के घी में मिलाकर सिर में लगाना चाहिए या तीन दिन तक बादाम की खीर खानी चाहिए अथवा बादाम और घी को दूध में मिलाकर सिर में लगाना चाहिए। इससे सिर का दर्द कुछ ही समय में ठीक हो जाता है।
• बादाम और कपूर को दूध में पीसकर मस्तक पर उसका लेप करने से मस्तक का दर्द और सिर दर्द मिट जाता है। मस्तिष्क पर बादाम के तेल की मालिश करने से लाभ होता है।
• 10 ग्राम बादाम की गिरी, 1 ग्राम कपूर, 1 ग्राम केसर, मिश्री और गाय के घी को मिलाकर हल्की आग पर पकायें और केवल घी बाकी रहने पर इसे छानकर शीशी में भर कर रख लें इसको रोगी को देने से सिर का दर्द ठीक हो जाता है।
• बादाम रोगन की सिर पर मालिश करने से सिर दर्द दूर हो जाता है।
• बादाम की एक गिरी को सरसों के तेल में पीसकर मलने से सिर का दर्द ठीक हो जाता है।
• 10 गिरी बादाम की, 6 ग्राम ब्राह्मी बूटी और 7 साबुत कालीमिर्च को रात को सोते समय भिगो दें और सुबह इनका छिलका उतार कर पीसकर ठंडाई बना लें और इसमें मिश्री मिलाकर 40 दिन तक लगातार पीने से किसी भी प्रकार का सिर का दर्द हो वह दूर हो जाता है।
• सिर में तेज दर्द होने पर बादाम के तेल की मालिश करने से सिर का दर्द दूर हो जाता है।
• बादाम के बीजों को सिरके के साथ पीसकर इसको गाढ़े पदार्थ के रूप में बना लें और जहां सिर में दर्द हो वहां पर इसे लगाने से सिर का दर्द, साइटिका और नशे का चढ़ना दूर हो जाता है।
• 10 गिरी बादाम की, 6 ग्राम ब्राह्मी बूटी और 7 साबुत कालीमिर्च को रात को सोते समय भिगो दें और सुबह इनका छिलका उतार कर पीसकर ठंडाई बना लें और इसमें मिश्री मिलाकर 40 दिन तक लगातार पीने से किसी भी प्रकार का सिर का दर्द हो वह दूर हो जाता है।
• सिर में तेज दर्द होने पर बादाम के तेल की मालिश करने से सिर का दर्द दूर हो जाता है।
• बादाम के बीजों को सिरके के साथ पीसकर इसको गाढ़े पदार्थ के रूप में बना लें और जहां सिर में दर्द हो वहां पर इसे लगाने से सिर का दर्द, साइटिका और नशे का चढ़ना दूर हो जाता है।
29. धातु वृद्धि के लिए :
• 15 ग्राम गाय के घी में 10 ग्राम मक्खन या ताजा खोवा, बादाम, चीनी, कंकोल, शहद और इलायची मिलाकर 7 दिन तक लेना चाहिए।
• बादाम की गिरी को गर्म पानी में भिगो देते हैं। इसके बाद बादाम के छिलके निकालकर बारीक पीस लेते हैं। इसे दूध में मिलाकर उबालें और खीर बनाएं। इसमें चीनी और घी मिलाकर खाने से बल और वीर्य की वृद्धि होती है और दिमाग भी तेज होता है।
30. बादाम की खीर : बादाम को रात के समय गर्म पानी में भिगोकर रख दें। सुबह के समय इसके छिलके निकालकर बारीक पीसकर दूध में मिला दें। फिर उसे उबालकर खीर बनाएं इस खीर को ज्यादा न उबालें, अन्यथा पाचक द्रव्य नष्ट हो जाते हैं। यह बादाम की खीर पाचक और उत्तेजक होती है। दिमाग की कमजोरी, दिमाग का दर्द और सिर के दर्द में यह खीर लाभकारी होती है। बादाम के खीर के सेवन की मात्रा 20 से 40 ग्राम तक है।
31. बादाम के लड्डू : 400 ग्राम बादाम की गरी, 100 ग्राम मावा, 600 ग्राम चीनी, 200 ग्राम घी, 40 ग्राम बिहीदाना, 20 ग्राम कमलगट्टे के बीज की गिरी, 10-10 ग्राम छोटी इलायची के दाने, दालचीनी, तमालपत्र, और 5-5 ग्राम नागकेशर, लौंग, बांस, कपूर, जायफल, जावित्री, और केसर लेते हैं। बादाम 1 घंटे तक गर्म पानी में भिगोकर रखें। इसके बाद बादाम के छिलके निकालकर बारीक पीस लेते हैं। पीसे हुए बादाम और मावा को अलग-अलग घी में सेंके। शक्कर की चासनी बनाकर उसमें उपरोक्त चीजों का चूर्ण मिलाएं फिर उसमें बादाम और मावा मिलाकर 40-40 ग्राम के लड्डू बना लेते हैं। रोजाना 1-1 लड्डू खाकर ऊपर से दूध पीना चाहिए। इस प्रयोग से बुखार के बाद की कमजोरी दूर हो जाती है। सर्दी के मौसम में यह लड्डू बहुत ही लाभकारी होता है।
32. बादाम का हरीरा : बादाम का हरीरा दिमागी ताकत को बढ़ाता है और चेहरे पर चमक लाता है।
• सामग्री : बादाम की गिरी, पिस्ता, चिलगोजा की गिरी, अखरोट की गिरी सफेद 10-10 ग्राम। 20 ग्राम खसखस, 20 ग्राम सूखा निशास्ता, 100 ग्राम मिश्री
• बनाने की विधि : खसखस और बादाम की गिरी को रात भर पानी में भिगोए रखें। सुबह बादाम की गिरी को छीलकर रखें तथा खसखस को पीसकर 400 मिलीलीटर पानी में भिगो देते हैं। बादाम की गिरी को बारीक पीस लेते हैं। अब खसखस का घोल, पिसी हुई मिश्री तथा बाकी बची हुई चीजों को मिलाकर हल्की आग पर गर्म करते हैं। घोल के रूप में हरीरा तैयार हो जाएगा।
• सेवन विधि : आयु, पाचन शक्ति और शारीरिक शक्ति का ध्यान रखते हुए इसका सेवन करना चाहिए। सर्दी के मौसम में रोजाना बादाम हरीरा का सेवन करते रहने से दिमाग को बहुत ताकत मिलता है। चेहरे का रूखापन दूर होकर लालिमा होती है। सिर में चक्कर आने की शिकायत मिटती है। बादाम मंहगे होने की वजह से यह योग खर्चीला होता है लेकिन यह बहुत अधिक लाभकारी होता है।
33. बादाम का हलुवा : 400 ग्राम देशी खांड या चीनी की चाशनी में रात को भिगोकर सुबह छीले हुए 10 बादाम को पीसकर चाशनी में मिलाकर हिलाते रहें। जब यह खूब मिल जाएं, तब घी डालकर पकाएं। बाद में छोटी इलायची के दाने पीसकर तथा चांदी का वर्क भी डालें। यह हलुवा शक्ति के अनुसार सेवन करने से बलवीर्य की खूब वृद्धि होती है तथा शरीर में तेज पैदा होता है।
34. पौरुष शक्ति के अनुभूत योग :
• असगंध, बड़े गोखरू, सालेमंपजा, सफेद मूसली, विदारीकंद, अकरकरा, शतावरी को बराबर मात्रा में लेकर पीसकर बारीक चूर्ण बनाकर रख लेते हैं। इस चूर्ण को 2-2 ग्राम की मात्रा में सुबह-शाम मिश्री मिले हुए गर्म दूध के साथ लेते रहने पर स्तम्भन शक्ति में वृद्धि होती है। इस योग को सेब के रस के साथ मिलाकर 1 कप की मात्रा में रोजाना लेते रहने से पौरुष शक्ति की वृद्धि होने लगती है ।
• 500 ग्राम मुलहठी, 200 ग्राम आंवला चूर्ण, 200 ग्राम शुद्ध कौंच के बीज का चूर्ण, 200 ग्राम इमली के बीज की गिरी, 50 ग्राम छोटी पीपल को लेकर एकसाथ पीसकर एक जगह मिलाकर रख लेते हैं। 25 ग्राम की मात्रा में सुबह-शाम इसको लेकर मिश्री मिले हुए दूध के साथ खाते रहने से पुरुषों में अपूर्व विर्यशक्ति बढ़ती है। स्त्रियों में स्तनों का ढीलापन, शीघ्रपतन आदि में भी यह प्रयोग लाभकारी होता है। इस प्रयोग के आधे घंटे बाद 1 गिलास सेब का जूस पीना लाभकारी होता है।
35. मस्तिष्क को शीतलता (ठंडक) प्रदान करने के लिए : बादाम को छीलकर आग पर सेंककर चीनी के साथ खाना चाहिए। इसके एक घन्टे के बाद मक्खन और चीनी खानी चाहिए। इसके बाद दिन में तीन बार बादाम का तेल सिर में लगाने से दिमाग मे ठंडक पैदा होती है।
36. शक्ति के लिए : 750 ग्राम बादाम, 250 ग्राम खोवा, डेढ़ किलो चीनी, 5-5 ग्राम जायफल और जावित्री, 5 ग्राम केसर, 5 ग्राम वंशलोचन, 5 ग्राम कमलाक्ष, 10 ग्राम इलायची, 10 ग्राम दालचीनी, 1 किलो तेजपात, 10 ग्राम नागकेसर, 45 ग्राम बिहीदाना और 3 ग्राम लौंग को लेकर एकसाथ बारीक पीस लेते हैं। इसके बाद बादाम और खोये को घी में भून लेते हैं। इसके पश्चात चीनी की चाशनी में सभी औषधियों को डालकर पका लेते हैं। इसको खाने से वीर्य की वृद्धि होती है। शरीर शक्तिशाली और मजबूत होता है। वायु रोग दूर होता है। बुखार खत्म होने के बाद जो कमजोरी शरीर में आती है उस समय इसको खाने से बहुत अधिक आराम मिलता है।
37. पेशाब में जलन : बादाम की 5 गिरी को पानी में भिगो दें। इसके बाद छीलकर इनमें 7 छोटी इलायची और स्वाद के अनुसार मिश्री मिलाकर तथा पीसकर 1 गिलास पानी में घोलकर सुबह-शाम दिन में दो बार पीने पेशाब की जलन में लाभ मिलता है।
38. मासिक-धर्म सम्बंधी विकार : 1 बादाम और छुहारा रात के समय पानी में भिगो दें। सुबह के समय दोनों को पीसकर मक्खन और मिश्री के साथ 3 महीने तक सेवन करने से मासिक-धर्म खुलकर आने लगता है।
39. स्मरणशक्तिवर्द्धक : 10 ग्राम बादाम को पानी को रात को भिगो दें और सुबह इसका छिलका उतारकर 12 ग्राम मक्खन और मिश्री मिलाकर 1-2 माह तक लगातार खाते रहने से मस्तिष्क की कमजोरी दूर होती है। यदि यह सम्भव न हो तो 40 दिनों तक 7 बादाम, 10 ग्राम मिश्री और सौंफ को पीसकर रात के सोते समय गर्म दूध के साथ पीने से दिमाग की कमजोरी दूर हो जाती है तथा आंखों की रोशनी बढ़ जाती है। यदि यह प्रयोग भी सम्भव न हो तो 10 ग्राम बादाम को बारीक पीसकर आधा किलो दूध में मिलाएं। जब दूध में 3 बार उबाल आ जाए तो इसे उतारकर, ठंडा करके चीनी मिलाकर पीना चाहिए। बादाम की गिरी और सौंफ समान मात्रा में बारीक पीस लेते हैं। इसे एक चम्मच रात को सोते समय लेते हैं। इस प्रयोग से भी दिमाग की ताकत भी बढ़ती है इससे सिर दर्द और शारीरिक कमजोरी भी दूर होती है।
40. काली खांसी (कुकर खांसी) : रात को 3 बादाम पानी में डालकर रख दें। सुबह उठकर बादाम के छिलके निकालकर लहसुन की एक कली और मिश्री मिलाकर पीस लेते हैं। इस मिश्रण को रोगी बच्चों को खिलाने से काली खांसी दूर हो जाती है।
41. शरीर को शक्तिशाली बनाना :
• शरीर की शक्ति को बढ़ाने के लिए बादाम की गिरी और भुने हुए चनों को छीलकर रोजाना खाना चाहिए।
• लगभग 4 बादाम की गिरियों को पीसकर इसमें 1-1 ग्राम की मात्रा में शहद और मिश्री को मिलाकर चाटने से मनुष्य के शरीर में ताकत बढ़ जाती है।
• लगभग 7 बादाम की गिरी, 7 दाने काली मिर्च के, 3 ग्राम सौंफ (गर्मियों के मौसम में सौंफ के स्थान पर सूखा हुआ साबूत धनिया) और 2 छोटी इलायची को लेकर शाम को सोते समय कांच या चीनी के बर्तन में भिगोकर रख दें। सुबह उठकर व्यायाम करने के बाद बादाम और इलायची के छिलके उतार लें और काली मिर्च और सौंफ के साथ इनको पीस लें। फिर इनको बारीक पीस लें और 250 मिलीलीटर पानी में मिलाकर कपड़े से छान लें। इसके बाद इसमें 2 चम्मच शहद या मिश्री मिलाकर धीरे-धीरे पीने से दिमाग की याददाश्त मजबूत होती है और आंखों की रोशनी तेज होने के साथ-साथ शरीर की शक्ति भी बढ़ती है।
• बादाम की गिरी में से निकाला गया दूध पिलाना बच्चों के लिए बहुत लाभकारी होता है।
• लगभग 10 बादाम की गिरियों को शाम को पानी में भिगोकर रख दें। इसके बाद सुबह इनका छिलका उतार कर बारीक पीस लें। अब इन पीसे हुए बादामों में मक्खन मिलाकर कुछ महीने तक खाने से तुतलाने और हकलाने का रोग दूर हो जाता है। इसके अलावा इसका सेवन करने से कमजोर शरीर भी मजबूत बनता है।
• शाम को सोते समय लगभग 10 बादामों की गिरी को पानी में भिगोकर रख दें और सुबह इनका छिलका उतार कर बारीक पीस लें। अब एक कड़ाई में घी डालकर उसमें बादाम डालकर हल्की आग पर भून लें। इसके लाल होने से पहले ही लगभग 150 मिलीलीटर की मात्रा में दूध डालें। इस दूध को रोजाना सुबह हल्का गर्म करके पीने से शरीर शक्तिशाली बनता है। इसके अलावा शरीर का वीर्य बल भी बढ़ता है।
42. गर्दन में दर्द : गर्दन पर बादाम के तेल की मालिश करने से 10 घंटे के अंदर गर्दन का दर्द चला जाता है।
43. बंद आवाज खोलना : 7 बादाम की गिरी और 7 कालीमिर्च को थोड़े से पानी में डालकर और उसमें थोड़ी सी पिसी हुई चीनी मिलाकर चाटने से खुश्की की वजह से बंद हुई आवाज खुल जाती है।
44. बच्चों का सही पालन पोषण : बादाम की एक गिरी को रात में पानी में भिगोकर रख दें। सुबह उठने पर बादाम को किसी साफ पत्थर पर चन्दन की तरह बिल्कुल बारीक पीसकर अपनी अंगुली से धीरे-धीरे बच्चे को चटा दें। इससे बच्चे का दिल-दिमाग अच्छा बना रहता है और बच्चा खुशमिजाज रहता है।
45. गले के रोग में : रोजाना 12 बादाम भिगोकर उन्हें छीलकर और फिर पीसकर लगभग 30 ग्राम मक्खन के साथ मिलाकर कुछ समय तक खाने से तुतलाना (आवाज साफ न निकलना) और हकलाना (अटक-अटक कर बोलना) ठीक हो जाता है।
46. नपुंसकता :
• बादाम 5 गिरी, खांड (शक्कर) के साथ सुबह-शाम एक हफ्ते तक प्रयोग करने से नपुंसकता के रोग में लाभ होता है।
• बादाम को गरम पानी में रात में भींगने दें। सुबह थोड़ी देर तक पकाकर पेय बनाकर 20 से 40 मिलीलीटर रोज पीयें इससे मूत्रजनेन्द्रिय संस्थान के सारे रोग खत्म हो जाते हैं।
47. मुंह का सौन्दर्य : होंठों पर अगर काली परत छा गई हो तो 1 बादाम और 1 केसर की पत्ती को पानी के साथ पीसकर मिश्रण तैयार कर लें। इसके मिश्रण को होंठों पर लगाकर 10 मिनट तक छोड़ दें। 10 मिनट के बाद होंठों को अंगुली से थोड़ा रगड़कर लेप उतार दें। कुछ दिन तक इसका लगातार प्रयोग करने से होंठों की काली परत मिटकर होंठों पर गुलाबी रंगत आ जाती है।
48. हिचकी का रोग : 5-5 ग्राम बादाम की गिरी और कालीमिर्च को पानी के साथ पीसकर उसमें चीनी मिलाकर सुबह-शाम पीने से हिचकी में लाभ होता है।
49. कमरदर्द :
• बादाम के तेल की मालिश कमर पर तीन बार करने से कमर दर्द 1 सप्ताह में ठीक हो जाता है।
• बादाम को रात में पानी भिगों दें। सुबह कुछ देर तक पकाकर इसका पेय बना लें। इस पेय को 20 से 40 मिलीलीटर की मात्रा में सेवन करने से स्त्रियों के कमर दर्द में लाभ होता है। यह श्वेत प्रदर में भी कमर दर्द को काफी लाभ पहुंचाता है।
50. बवासीर (अर्श) : 10 ग्राम बादाम, आंवला, 6-6 ग्राम हल्दी, भांग और 10 ग्राम मैदा को एक साथ पीसकर गुनगुना करके बवासीर पर बांधने से अर्श (बवासीर) रोग ठीक होता है।
51. बहरापन :
• बादाम के तेल के साथ जबाद कस्तूरी को पीसकर कान में डालने से धीरे-धीरे बहरापन दूर हो जाता है और सुनने की शक्ति भी बढ़ती है।
• कड़वे बादाम के तेल को गुनगुना करके रोजाना सुबह और शाम कान में बूंद-बूंद करके डालने से बहरेपन के रोग में लाभ होता है।
• 100 मिलीलीटर बादाम के तेल में लहसुन की 10 कलियों को डालकर पका लें। जब पकने पर लहसुन की कलियां जल जायें तो इस तेल को छानकर कान में बूंद-बूंद करके डालने से बहरापन दूर होने लगता है।
52. कमजोरी :
• पीले बादाम की मींगी, निशास्ता, कतीरा और चीनी इन्हें बराबर मात्रा में मिलाकर रख लें और इसे रोजाना 10 ग्राम दूध के साथ सेवन करने से शरीर की कमजोरी मिट जाती है।
• बादाम की गिरी को रात को पानी में भिगो दें। उसे सुबह छीलकर मक्खन के साथ चबा-चबाकर खाने से कमजोरी दूर हो जाती है।
• 4 बादाम, 2 छुहारा और 8 मुनक्का को शाम को पानी में भिगो दें। सुबह छुहारे की गुठली, बादाम का छिलका और मुनक्के के बीज अलग कर दें और बाकी चीजों को बारीक पीसकर, इसमें शुद्ध घी मिलाकर रोजाना सेवन करने से कमजोरी मिट जाती है।
53. पित्ताशय की पथरी : 6 बादाम की गिरी, 6 मुनक्का, 4 ग्राम मगज खरबूजा, 2 छोटी इलायची और 100 ग्राम मिश्री को बारीक पीसकर आधा कप पानी में मिलाकर छान लें और इसे पित्ताशय के रोगी को दें, इससे पित्ताशय की पथरी से आराम मिलता है।
54. प्रदर रोग :
• बादाम को गाय के दूध के साथ सेवन करने से प्रदर रोग मिट जाता है।
• बादाम को रात में गर्म पानी में भिगो दें। सुबह इसे कुछ देर पकाकर रस बनाकर 20-40 मिलीलीटर मात्रा में सेवन करने से सफेद प्रदर और इससे पैदा हुआ कमर दर्द सही हो जाता है।
55. प्रसव पीड़ा : गर्भावस्था के आखिरी महीने में प्रसूता को 2 बादाम और 10-15 मुनक्का के दाने पानी में भिगोकर तथा उन्हें पीसकर खिलाना चाहिए। इससे प्रसव के समय पीड़ा नहीं होती है।
56. मधुमेह : बादाम, कालीमिर्च की ठंडाई और शहद को एक साथ मिलाकर शीतल पेय बनाकर देने से मधुमेह के रोगी को ठंड का एहसास होता है। ध्यान रहे यह प्रयोग रोगी को ठंड अधिक पसन्द हो तो करना चाहिए।
57. नींद न आना (अनिद्रा) :
• घिया का तेल और बादाम रोगन की सिर में मालिश करने से नींद अच्छी आती है।
• बादाम रोगन, खसखस का तेल और काहू के तेल को मिलाकर कनपटी पर मालिश करने से नींद अच्छी तरह से आती है।
58. आधासीसी (माइग्रेन) अधकपारी : लगभग 10 दाने कागजी बादाम, 10 ग्राम पोस्त (खस-खस) और 5 दाने छुहारे इन सबको पानी में डालकर रख दें।
सुबह इस मिश्रण को घी में डालकर हलुवे की तरह पकायें और इसमें मिश्री 100 ग्राम, 10 लौंग और 5 इलायची का चूर्ण बनाकर इसमें मिलाकर सुबह शाम देने से आधासीसी का दर्द खत्म हो जाता है।
59. वीर्य के दोष में : कालीमिर्च और बादाम की गिरी को बराबर मात्रा में लें और इसमें थोड़ी सी सोंठ मिलाकर चूर्ण बना लें। इस चूर्ण को भोजन के बाद गर्म दूध के साथ खाने से वीर्य की कमी का रोग दूर हो जाता है।
60. बहुमूत्र रोग : 5 बादाम की गिरी को चीनी के साथ सुबह और शाम खाने से बहुमूत्र (बार-बार पेशाब आना) के रोग में लाभ होता है।
61. मूत्ररोग : बादाम पेशाब को तरल बनाने वाला होता है। इसलिए रोज खाने से यह पथरी को भी गला देता है।
62. दिमाग के कीड़े :
• बादाम की 10 गिरी, 6 ग्राम ब्राह्मी बूटी और 7 दाने कालीमिर्च लें। बादाम का छिलका निकालकर इन तीनों को सिल पर पीस लें और ठंडाई की तरह पानी में छानकर, इसमें मिश्री मिलाकर 40 दिन तक रोगी को पिलाने से याददाश्त मजबूत होती है।
• लगभग 30-30 ग्राम बादाम की गिरी, बनफ्सा, धनिया, गुलाब के फूल और लगभग 15-15 ग्राम बालछड़ और उस्तखदूस को कूट छानकर इन दोनों मिश्रणों को मिलाकर लगभग 10 ग्राम की मात्रा में सुबह के समय दूध के साथ लेने से दिमाग ताकतवर बन जाता है।
63. आंत्रवृद्धि का बढ़ना : बादाम की 5 गिरी को चीनी के साथ सुबह-शाम लगातार एक हफ्ते तक खाने से आंत्रवृद्धि का बढ़ना रुक जाता है।
64. पेशाब में धातु का आना : बादाम की गिरी, मिश्री, सौंठ और कालीमिर्च को पीसकर चूर्ण बनाकर कुछ हफ्ते खाने से और ऊपर से दूध पीने से धातु (वीर्य) का रोग ठीक हो जाता है।
65. सिर चकराना : गर्मी के दिनों में रात को 3-4 बादाम पानी में डालकर रख दें और सुबह उठकर बादाम का छिलका उतारकर बादामों को पीसकर दूध के साथ खाने से दिमाग की कमजोरी दूर होने के साथ ही साथ सिर चकराने का रोग भी दूर हो जाता है।
66. त्वचा के रोग के लिए : बादाम को सिरके के साथ पीसकर पकाकर लेप बना लें और इस लेप को शरीर में जहां पर खुजली हो वहां पर लगाने से लाभ होता है।
67. निम्न रक्तचाप
• बादाम की 3 गिरी रात को पानी में डालकर रखें और सुबह उठकर बादामों को साफ सिल पर घिसकर, चाटकर सेवन करने से निम्न रक्तचाप के रोग में बहुत लाभ होता है। अगर बादाम को घिसकर खाने में कोई परेशानी होती हो तो इसे पीसकर सेवन कर सकते हैं।
• रात को पानी में बादाम की 3 गिरी भिगोकर रख दें। सुबह बादाम को पीसकर 50 ग्राम मक्खन और 10 ग्राम मिश्री के साथ मिलाकर खाने से और उसके ऊपर से 250 मिलीलीटर दूध पीने से निम्न रक्तचाप यानी लो ब्लड प्रेशर में बहुत लाभ होता है।
बादाम के दुष्प्रभाव : Badam Khane ke Nuksan in Hindi
यह शरीर में देर से पचता है।
दोषों को दूर करने वाला : शक्कर, मीठा बादाम के दोषों को दूर करता है।
Read the English translation of this article here ☛ Almond (Badam): 68 Amazing Health Benefits, Uses, Dosage and Side Effects
(दवा व नुस्खों को वैद्यकीय सलाहनुसार सेवन करें)
Vary nice post, its actual time to interect people about badam on the time of this viral infection, wonderful informatin, every body read about this post.
thanks.
Almond ke bare me Bahut hi badhiya info dene ke liye thanks