सौंफ की चाय पीने के बेशकीमती स्वास्थ्य लाभ – Saunf ki Chai Peene ke Fayde in Hindi

Last Updated on October 26, 2020 by admin

सौंफ से सभी लोग अच्छी तरह से परिचित हैं, सभी के घरों में इसका प्रयोग होता है। आज सौंफ का परिचय औषधि के रूप में करने जा रहे हैं। सौंफ शीतल प्रकृति की एक औषधि है। स्वाद में मीठी और सुगंधित होने के कारण यह सर्वप्रिय और सस्ती भी है। सौंफ जीरे से मिलती-जुलती है, पान में भी इसका प्रयोग होता है।

घर में महिलाएँ अतिथि सत्कार के लिए सौंफ का प्रयोग करती हैं, साथ ही अचार, मिठाई, नमकीन में भी इसका प्रयोग होता है। गर्मी में सौंफ का शरबत बनाया जाता है। सौंफ में विटामिन ‘सी’ होता है। कैल्शियम, सोडियम, फॉस्फोरस और पोटैशियम जैसे आवश्यक खनिज भी होते हैं। सौंफ का अर्क बच्चों को औषधि के रूप में दिया जाता है। बहुत सी आयुर्वेदिक दवाओं में भी सौंफ का प्रयोग होता है।

सौंफ का प्रयोग (Uses of Fennel Seeds in Hindi)

  • सौंफ का प्रयोग पान की तरह मुँह में रखकर चबाचबाकर किया जा सकता है।
  • पाउडर बनाकर उसमें मिश्री का पाउडर मिलाकर खा सकते हैं।
  • सौंफ को रातभर पानी में भिगोकर सुबह चबा चबाकर खा सकते हैं, पानी को पीकर लाभ प्राप्त कर सकते हैं।
  • शरबत बनाकर भी इसका प्रयोग होता है।

सौंफ की चाय बनाने की विधि – Fennel Tea (Saunf ki Chai) Recipe in Hindi

सौंफ की चाय कैसे बनाते हैं ?

1 कप पानी, मिश्री, गाय का दूध और सौंफ डालकर उबालें। चाय पत्ती की जगह पर सौंफ डालनी है। चाय की तरह ही पीना है।

सौंफ की चाय पीने के फायदे (Saunf ki Chai ke Fayde in Hindi)

  1. पेट की समस्याएँ, एसिडिटी, डायरिया, गैस की तकलीफ दूर होती है।
  2. शरीर के अंदर के हानिकारक रसायन बाहर निकलते हैं। युरिन फ्लो भी नॉर्मल होता है।
  3. लिवर स्वस्थ रहता है। गुर्दे की पथरी होने की समस्या कम रहती है। पीलिया में भी राहत मिलती है।
  4. चरबी को कम करने में सहायक है।
  5. अर्थराइटिस के दर्द में राहत मिलती है।
  6. कोलेस्ट्रोल की लेवल को ठीक रखती है।
  7. रोग प्रतिरोधक शक्ति को बढ़ाती है।
  8. आँखों के लिए फायदेमंद है।
  9. गर्भवती महिलाओं को भी लाभ होता है।

( और पढ़े – सौंफ खाने के फायदे और नुकसान )

सौंफ के अन्य सेहतमंद स्वास्थ्य लाभ (Saunf ke Labh in Hindi)

अलग-अलग बीमारियों में अलग-अलग तरह से सौंफ का प्रयोग करके बीमारियों से छुटकारा पा सकते हैं।

1). चक्कर : सौंफ व मिश्री बराबर मात्रा में लेकर उसका अलग-अलग पाउडर बनाकर सुबह व शाम लेने से आराम मिलेगा।

( और पढ़े – चक्कर आना दूर करने के सरल घरेलू नुस्खे )

2). अनिद्रा : दूध + सौंफ + मिश्री को उबालकर पीने से अनिद्रा की समस्या दूर होती है। 10 ग्राम सौंफ, 1/2 लीटर पानी में डालकर उबालें। 1/4 पानी रह जाए तब उसे छान लें। उसमें थोड़ा दूध + मिश्री व थोड़ा सा घी मिलाकर पीने से नींद न आने की समस्या में फायदा होता है।

3). ज़्यादा नींद आना : सोंठ पाउडर 1 चम्मच + सौंफ पाउडर 2 चम्मच बराबर मात्रा में लेकर उसे पानी में डालकर काढ़ा बनाएँ। सुबह-शाम लें।

4). आँखों की ज्योति बढ़ाने : आँखों से कम दिखता है तो उसके लिए त्रिफला पाउडर 100 ग्राम + सौंफ पाउडर 100 ग्राम मिलाकर सुबह-शाम 1 चम्मच पानी या घी के साथ लेने से आँखों की दृष्टि बढ़ती है। आँखों की ज्योति बढ़ाने के लिए 7 ग्राम सौंफ पाउडर + 7 ग्राम मिश्री पाउडर बनाकर मिला लें। रात को सोने से पहले लें। 1 चम्मच सौंफ + 2 बादाम + 1 चम्मच मिश्री अलग-अलग पीसकर रात को दूध के साथ लेने से फायदा होता है। चश्मे के नंबर भी कम हो जाते हैं।

( और पढ़े – चश्मा हटाने – आँखों की रोशनी बढ़ाने के 11 उपाय )

5). कब्जियत : रात को सोते समय 1/2 चम्मच सौंफ पाउडर गर्म पानी के साथ लें। कब्ज़ियत दूर होती है।

6). दस्त : पेट में दर्द हो रहा हो व दस्त भी रह हो तो 3 ग्राम कच्ची सौंफ + 3 ग्राम सेंकी हुई सौंफ मिलाकर पाउडर बना लें। मिश्री के साथ मिलाकर खाएँ। बच्चों को भी दस्त लगने पर यह पाउडर दे सकते हैं। सौंफ को थोड़ा सेंककर उसका पाउडर बनाकर मिश्री पाउडर में मिलाकर 10-10 ग्राम सुबह-शाम लें। सौंफ + जीरा + सोंठ पाउडर का काढ़ा पीने से दस्त दूर होते हैं।

7) गैस की तकलीफ : नींबू के रस में सौंफ को भिगो दें। खाना खाने के बाद चबा-चबाकर खाएँ, गैस की तकलीफ दूर होती है। पेट भी अच्छे से साफ होता है। सौंफ और अजवाइन पाउडर दूध के साथ लेने से गैस में फायदा होता है।

( और पढ़े – पेट में गैस का घरेलू उपचार )

8). सर्दी, कफ : 1/2 लीटर पानी में 15 ग्राम सौंफ + 7 लौंग डालकर उबालें। 1/4 भाग पानी रह जाए तब मिश्री मिलाकर चूंट-घुट पिएँ।

9). बुखार : बुखार आने पर सौंफ को पानी में उबालकर 2-2 चम्मच पिएँ।

10). हाथ-पैरों में जलन : हाथ-पैरों में जलन होने पर सौंफ और धनिया दाने बराबर मात्रा में लेकर उसका पाउडर बना लें। उसमें मिश्री मिलाकर रखें। रोज़ खाना खाने के 1/2 घंटे के बाद 8-8 ग्राम लें।

( और पढ़े – शरीर मे जलन दूर करने के घरेलू उपाय )

11). कान के रोग : सौंफ को कूटकर पानी में डालें और खूब उबालें। उसके भाप से कान को सेंक देने से लाभ होता है।

12) कमज़ोर दिमाग के लिए : 10 ग्राम सौंफ को कूटकर 100 ग्राम पानी में उबालें। पानी 25 ग्राम रह जाए तब उसमें 100 ग्राम दूध, 1 चम्मच मिश्री, 1 चम्मच घी, 1 बादाम पीसकर मिलाएं। इसे सुबह-शाम पिएँ।

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13). खुजली : सौंफ + धनिए के दाने बराबर मात्रा में लेकर पीस लें। उसमें घी व मिश्री दोगुना मात्रा में मिलाकर रखें। सुबह-शाम 30-30 ग्राम सेवन करें। किसी भी प्रकार की खुजली में लाभ होता है।

14). गर्भपात : बार-बार गर्भपात हो तो गर्भधारण करने के बाद 100 ग्राम सौंफ + 50 ग्राम गुलकंद को मिलाकर पीस लें। उसमें पानी मिलाकर रोज़ 1 बार नौ महीने तक लेने से गर्भपात नहीं होता।

15). बच्चों के दाँत निकलना : दाँत सरलता से आने के लिए 2 चम्मच सौंफ + 1 कप पानी में उबालकर ठंडा करें। 1-1 चम्मच दिन में चार-पाँच बार दे सकते हैं।

16). पेशाब में जलन : सौंफ ठंडक प्रदान करती है। उसका शरबत पीने से पेशाब में जलन की तकलीफ दूर होती है।

17). घुटनों में दर्द : 1 गिलास दूध + सौंफ पाउडर + 1/2 चम्मच सोंठ पाउडर डालकर दूध को उबालें। खाना खाने के बाद दोपहर और रात को लें। ज़रूर आराम मिलेगा।

18). एसिडिटी : एसिडिटी होने पर धनिया पाउडर + सौंफ + जीरा + मिश्री सभी बराबर मात्रा में लेकर पाउडर बना लें। दिन में तीन बार लें। एसिडिटी दूर होगी।

सौंफ के अन्य फायदे –

  • सौंफ खाने से पेट की चरबी कम होती है।
  • प्रसूति के बाद माँ का दूध कम हो जाता है तो माँ को सौंफ + जीरा + मिश्री सभी बराबर मात्रा में लेकर पाउडर बनाकर दूध के साथ 1-1 चम्मच दिन में 3 बार दें।
  • गर्मी के दिनों में लू लगने पर सौंफ का सेवन करें।
  • बच्चा यदि तोतला बोलता है तो पानी और सौंफ का काढ़ा बनाएँ। उसमें मिश्री भी डालें। फिर गाय का दूध मिलाकर रोज़ पिलाना है।
  • प्रसूति के बाद प्रसूता महिला को खून बराबर न जा रहा हो तो 100 ग्राम सौंफ + 50 ग्राम सोआ + 10 ग्राम पुदीना मिलाकर काढ़ा बनाएँ। उसमें देसी गुड़ भी डालें। पूरा कचरा निकल जाएगा, पेट भी कम होगा।
  • पेट का भारीपन, अपच, पेट की अन्य बीमारी में सौंफ + तिल + अजवाइन + जीरा + सोआ + अलसी + धनिए की दाल, सभी को मिलाकर खाना खाने के बाद दिन में 3 बार चबा-चबाकर खाएँ।

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