Last Updated on December 12, 2022 by admin
बालछड़ क्या है ? (Balchad in Hindi)
बालछड़ गुल्म (झुरमुट) जाति की एक वनस्पति है। इसके पत्ते सरजीवन के पत्तों के समान होते हैं। यह हिमालय के जंगलों में पायी जाती है। इसकी जड़ पर भूरे रंग के रोंये होते हैं। इसके फल गुलाबी रंग के तथा गुच्छों में होते हैं।
सेवन की मात्रा :
इसे 4 ग्राम की मात्रा में सेवन करना चाहिए।
बालछड़ के औषधीय गुण (Balchad ke Gun in Hindi)
- बालछड़ दिल, दिमाग को मजबूत और शक्तिशाली बनाता है।
- यह आमाशय को पुष्ट करता है।
- यह पथरी को मिटाता है।
- बालछड़ मुंह की दुर्गन्ध को दूर करता है।
- इसका सुरमा बनाकर लगाने से आंखों की देखने की क्षमता बढ़ती है।
- इसके उपयोग से चेहरे की चमक बढ़ती है।
- यह खून के विकार को दूर करता है।
- सफेद दाग को हटाने के लिए इसका प्रयोग किया जाता है।
- बालछड़ कफ और पित्त को नष्ट कर देता है तथा त्वचा रोगों जैसे- खुजली, फोड़ा, फुन्सी आदि को नष्ट कर देता है और बालों को चमकीला बनाता है।
- रंग : बालछड़ का रंग काला होता है।
- स्वाद : यह तीखा और तेज गन्ध वाला होता है।
- स्वभाव : यह आयुर्वेद के अनुसार शीतल होती है।
विभिन्न रोगों के उपचार में बालछड़ के फायदे (Balchad ke Fayde in Hindi)
1. दांतों का दर्द : बालछड़ का मंजन करने से दांतों का दर्द कम हो जाता है।
2. दांत मजबूत करना : 50 ग्राम बालछड़ को पीसकर मंजन बना लें। इससे रोजाना मंजन करने से दांत मजबूत होते हैं।
3. अफारा (पेट में गैस का बनना) : बालछड़ के 600 मिलीग्राम चूर्ण को पीसकर रख लें फिर इसी चूर्ण को लगभग 2 ग्राम मात्रा को गर्म पानी के साथ खाने से अफारा में लाभ होता है।
4. मसूढ़ों का रोग : बालछड़ को बारीक पीसकर कपड़े से छानकर मंजन बनाकर रखें। इसका रोजाना सुबह-शाम मंजन करने से मसूढ़ों के रोगों में लाभ मिलता है।
6. मुंह की दुर्गन्ध : 25 ग्राम बालछड़ को पीसकर और छानकर रखें। रोजाना 2-2 ग्राम पीसकर पानी से सुबह-शाम खाने से मुंह के रोग व दुर्गन्ध मिट जाती है।
7. जलोदर : बालछड़ और नमक को सिरके में पीसकर पेडू (नाभि) पर लगाने से जलोदर (पेट में पानी का भरना) दूर हो जाता है।
9. नाड़ी का दर्द : 10 ग्राम बालछड़ को मोटा-मोटा पीसकर 500 मिलीलीटर पानी में रात को भिगो दें। सुबह उसी पानी में बालछड़ को मसलकर छान लें और 50-50 मिलीलीटर पानी में दिन में तीन बार पीने से स्नायु रोग दूर हो जाता है।
बालछड़ के दुष्प्रभाव (Balchad ke Nuksan in Hindi)
बालछड का अधिक मात्रा में उपयोग गुर्दे के लिए हानिकारक होता है।
दोषों को दूर करने वाला : कतीरा और वंशलोचन इसके गुणों को बचाकर इसके दोषों को दूर करते हैं।
(अस्वीकरण : दवा, उपाय व नुस्खों को वैद्यकीय सलाहनुसार उपयोग करें)