Last Updated on August 14, 2024 by admin
कॉफी का सामान्य परिचय : coffee in hindi
कॉफी (कहवा) एक लोकप्रिय गरम पेय पदार्थ है। ठंडे वातावरण वाले देशों में इसका बहुत उपयोग होता है। इसका उत्पत्ति स्थान इथोपिया के एक प्रांत को माना जाता है। वहाँ यह ईसा पूर्व से उपयोग में है। धीरे-धीरे यहीं से यह पूरी दुनिया में फैल गई। इसके पौधे के तने पर आमने-सामने दो पत्तियाँ, जो आम के पत्ते सदृश, मगर छोटी होती हैं। पत्र के पास ही पुष्पकलियाँ निकलती हैं, जो गुच्छे में होती हैं, इन्हीं में कहवा का फल पल्लवित होता है। इसे ही हिंदी में कॉफी या कहवा तथा संस्कृत भाषा में म्लेच्छ फल और अतंत्री कहते हैं, लेकिन इसका अंग्रेजी नाम कॉफी सर्वाधिक प्रचलित है।
वनस्पति विज्ञानियों ने इसे ‘कोफेआ अरेबिका’ नाम दिया है। भारत में यह केवल दक्षिण भारत में ही पैदा होती है। नीलगिरी की 300-400 फीट की ऊँचाईवाली पहाड़ियों पर इसके बागान हैं। इसके बीजों/फलों को सेंककर कॉफी बनाई जाती है।
कॉफी के औषधीय गुण : coffee ke aushadhi gun hindi me
- वैद्यकों तथा निघंटुकारों ने कॉफी को लघु, रूक्ष, मधुर, कषाय, तिक्त, विपाक में कटु, उष्णवीर्य तथा प्रभाव में हृद्य एवं मूत्रल बताया है।
- यह कफ-वात शामक, पित्तवर्धक, ज्वरघ्न, श्वास, कास, मूत्रकृच्छ्र, अश्मरी, अग्निमांद्य, अतिसार, प्रवाहिका, मानसिक शिथिलता, शिरःशूल, प्रलाप, आक्षेपक, संधिवात, आमवात, निद्रा, शारीरिक जड़ता का नाश करनेवाली है।
- इसके अलावा जलोदर, सर्वांग शोथ, फुफ्फुसावरण शोथ में भी लाभकारी है।
- यह विष उतारनेवाली है; अफीम, मद्यसार, बच्छनाग की विषाक्तता को दूर करने के लिए कॉफी का गाढ़ा क्वाथ पिलाया जाता है।
- चाय तथा कॉफी के गुण-दोष लगभग समान हैं।
- कुछ चिकित्सक कॉफी को विषतुल्य मानते हैं। इसमें पोषक तत्त्वों का अभाव है, अतः टॉनिक के रूप में अनुपयोगी है। इसे अधिक मात्रा में न पीकर आवश्यकता होने पर ओषधि की भाँति ही पीना चाहिए।
- कॉफी में कैफीन तत्त्व होता है, जो मस्तिष्क के अनुभव केंद्र को प्रभावित कर उत्तेजना पैदा करता है।
- कॉफी की तासीर गरम होती है, अतः प्रतिदिन पीने की आदत बना लेना सेहत के लिए अच्छा नहीं है।
कॉफी के सामान्य उपयोग :
- कॉफी चाय जैसा ही गरम पेय पदार्थ है। भारतीय घरों, खासकर शहरों में यह संभ्रांत समझी जाती है।
- जहाँ चाय-कॉफी दोनों रखी हों तो लोग कॉफी को प्राथमिकता देते हैं।
- भारत में ज्यादा दूधवाली कॉफी पसंद की जाती है।
- शादी-पार्टियों की यह शान है। छोटे बच्चे भी इसे पीने के लिए लालायित देखे जाते हैं। सेमिनार, गोष्ठी तथा कार्यालयी बैठकों या मीटिंगों में यह शान से परोसी जाती है।
- सर्दियों में इसकी माँग बेहद बढ़ जाती है। शहरों में इसके शौकीनों के लिए कॉफी हाउस या कहवा-घर हैं।
- भारत गरम जलवायुवाला देश है, अत: इसका सेवन पश्चिमी देशों की अपेक्षा कम ही होता है।
- यदि कॉफी में शक्कर अधिक मात्रा में डाली जाए तो यह कमजोर पाचनवालों को बहुत नुकसान करती है। लंबे समय तक पीते रहने से स्वास्थ्य खराब हो जाता है, अतः कम मात्रा में सेवन करना ही उत्तम है।
कॉफी के फायदे व औषधीय उपयोग : coffee ke faayde hindi me
कॉफी बड़ा ही लोकप्रिय पेय है, अधिकतर इसे कम पीने या न पीने की हिदायत दी जाती है, लेकिन इसमें कुछ चिकित्सीय गुण भी हैं, जो काफी प्रभावक हैं। अत: कई तरह के स्वास्थ्य लाभ भी होते हैं।
1-मानसिक थकान : देर तक काम करते हुए या कागजों में उलझे या लैपटॉप-कंप्यूटर पर देर काम करते हुए मानसिक थकान हो जाती है, तब कॉफी का एक प्याला ही भरपूर ताजगी तथा फुरती ला देता है। शरीर में ऊर्जा का संचार होता है और व्यक्ति पुनः अपने काम में जुट जाता हैं। ( और पढ़े – थकावट दूर करने के घरेलू उपाय )
2-शरीर में गरमाहट : सर्दियों में या ठंडे स्थानों में यात्रा या प्रवास करते हुए कॉफी का सेवन किया जाए तो हमारे शरीर की ठंड से रक्षा हो जाती है। कॉफी पीने से शरीर में गरमाहट तथा चुस्ती आती है, इससे ज्ञानतंतु जाग्रत् हो जाते हैं। चूँकि कॉफी गरम होती है, अतः इसके सेवन का आदी नहीं बनना चाहिए। ( और पढ़े – अधिक सर्दी लगना दूर करने के घरेलु नुस्खे )
3-प्रति विष : कॉफी पेय अफीम का प्रतिविष है; लगातार गरमागरम कॉफी पीने से अफीम का नशा उतर जाता है। अफीम का व्यसन त्यागने के इच्छुक लोग कुछ दिनों तक यदि कॉफी का सेवन करें तो अफीम के अभाव में शरीर में जो शिकायतें पैदा होती हैं, जैसे हाथ-पैर दुखना या शिथिल हो जाना, वे सब शिकायतें दूर हो जाती हैं, फिर अफीम की तलब या जरूरत महसूस नहीं होती है।
4-खाँसी और दमा : यदि बार-बार तेज खाँसी उठती है, दमा का दौरा कई बार पड़ता है तो ऐसे रोगियों को बिना दूध की कॉफी का सेवन कराएँ। इसके अलावा शरीर में कहीं भी होनेवाले दर्द में आराम मिलता है, चूंकि कॉफी में कैफीन तत्त्व होता है, जो दर्द को कम करता है। ( और पढ़े –खाँसी के घरेलू इलाज )
5-पेशाब की शिकायत : चूँकि कॉफी मूत्रल है, यह अधिक पेशाब लाती है। अतः पेशाब की जलन, दर्द, पेशाब का रुक-रुककर आना आदि शिकायतें दूर होती हैं। कॉफी पीने से हृदय तथा श्वास की नलियाँ फैलती हैं।
( और पढ़े –पेशाब रुक जाने के 24 रामबाण घरेलु उपचार )
6-प्रसव के समय : प्रसव के दौरान प्रसविनी को दर्द की असह्य पीड़ा झेलनी पड़ती है, प्रसव में देरी हो रही हो तो प्रसविनी को एक कप तेज कॉफी पिलाने से दर्द में उसे राहत तथा चैन मिलता है। ( और पढ़े –प्रसव पीड़ा को दूर करने के उपाय )
7-यात्रा के दौरान : समुद्री यात्रा में चक्कर आते हैं, उल्टी हो जाती है, तो जहाज में सवार होने से घंटा भर पहले कड़क कॉफी पी लें या यात्रा के दौरान भी पी सकते हैं, तो उपरोक्त विकारों से बचे रहेंगे।
8-मोटापा : कॉफी का सेवन मोटापा कम करने में सहायक है; चूँकि इसमें उपस्थित कैफीन शरीर में वसा को कम करती है, चरबी को बढ़ने नहीं देती। जो लोग अपना वजन घटाना चाहें, वे कॉफी का सेवन करें। ( और पढ़े – मोटापा कम करने के अचूक नुस्खे )
9-हृदय रोग : हाल के ताजा वैज्ञानिक शोधों से पता चलता है कि दिन में तीन बार कॉफी का सेवन करने से हृदयाघात की आशंका काफी हद तक कम हो जाती है। अतः हृदय के रोगी इसका सेवन कर सकते हैं।
10-त्वचा की रंगत : कॉफी में मौजूद एंटी ऑक्सीडेंट और सक्रिय तत्त्व त्वचा को जगाए रखते हैं। कॉफी को गीला कर त्वचा पर मलने से त्वचा में रक्त-संचार बढ़ जाता है और रूखी त्वचा चमकदार बन जाती है।
11-बालों की सुंदरता : एक बड़ी चम्मच कॉफी को एक बाल्टी पानी में डालकर बाल धोएँ तो बाल काफी मुलायम और चमकदार हो जाते हैं। बालों से धूल-मिट्टी और गंदगी दूर होकर बालों की खूबसूरती बढ़ती है।
12-पैरों की थकान : पैदल चलने या अन्य कारण से पैरों में थकान और दर्द होता हो, तो एक भगोना पानी में एक चम्मच कॉफी डालकर गरम करें, गुनगुना रहने पर उसमें दोनों पैर कुछ देर रखें या घुटनों से नीचे पैरों पर उस पानी को ढालें तो थकावट मिटती है, बल्कि पैरों से आनेवाली बदबू भी नहीं रहती है।
कॉफी पीने के नुकसान : coffee pine ke nuksan
- कॉफी अधिक पीने से आँखों, पाचन-क्रिया तथा ज्ञान-तंतुओं पर हानिकारक प्रभाव पड़ता है।
- भारत जैसे गरम देश में यह गरमी पैदा करती है।
- अत्यधिक सेवन से वीर्य पतला हो जाता है।
- रात्रि में कॉफी का सेवन नहीं करना चाहिए, क्योंकि इससे निद्रा का नाश होता है।
- इसके सेवन से जठराग्नि मंद पड़कर अजीर्ण रोग हो जाता है।
- लंबे समय तक पीते रहने से स्नायु दुर्बल हो जाते हैं, स्वास्थ्य खराब हो जाता है।
- बालकों को कॉफी का चस्का नहीं लगने देना चाहिए। आवश्यकता पड़ने पर एक ओषधि के रूप में इसका सेवन करना चाहिए।
- कॉफी अधिक पीने से हर्निया जैसे रोग हो जाते हैं।
- जिनको पाचनशक्ति कमजोर है या दुबले शरीरवाले हैं, उनको कॉफी का सेवन नहीं करना चाहिए।
- यह चाय से ज्यादा हानिकारक होती है।कुछ चिकित्सक तो इसे विष के समान मानते हैं।
- आजकल इसका प्रचलन मध्य वर्ग में भी बढ़ रहा है, खासकर बच्चों में। माता-पिता बच्चों को कॉफी से दूर रखें तो अच्छा।
Read the English translation of this article here ☛ 13 Amazing Benefits of Coffee, Its Uses, Side Effects, and More
अस्वीकरण: इस लेख में उपलब्ध जानकारी का उद्देश्य केवल शैक्षिक है और इसे चिकित्सा सलाह के रूप में नहीं ग्रहण किया जाना चाहिए। कृपया किसी भी जड़ी बूटी, हर्बल उत्पाद या उपचार को आजमाने से पहले एक विशेषज्ञ चिकित्सक से संपर्क करें।