Last Updated on November 9, 2020 by admin
भोजन का चबाने का अर्थ है, जो भोजन मुँह से लिया जा रहा है उसे दाँतों से कम से कम इतना चबाया जाए कि आँतों को सिर्फ मसलने तथा दबाने का काम ही रहे। जब आँतें दाँतों के कार्य में लग जाती हैं तो आँतों की उम्र में कमी आती है व कुछ समय पश्चात आँतों के रोग जैसे कब्ज़, गैस, अफरा, एसिडिटी, अल्सर, मोटापा और गठिया इत्यादि अनेक रोग शुरू हो जाते हैं।
भोजन चबाकर खाने के फायदे (Benefits of Chewing Food in Hindi)
भोजन को चबा चबा कर क्यों खाना चाहिए ? –
1). पाचन क्रिया में सहायक :
भोजन को चबाने से लार रस का स्राव होता है। लार रस में एमाइलेस या टाइलिन, सलाइवा एंजाइम होता है जो कि कार्बोहाइड्रेट व स्टार्च (आलू, अरबी, चावल, गेहूँ, केला) इत्यादि को पचाने में सहायक है। जब कार्बोहाइड्रेट बगैर सलाइवा के आँतों में जाता है तो कब्ज़, पेट का फूलना व मोटापा बनता है।
( और पढ़े – पाचन शक्ति बढ़ाने के उपाय )
2). एसिडिटी, अल्सर जैसे रोगों से बचाए :
दाँतों से भोजन के उपरांत प्रोटीन के अणु विखंडित होते हैं जिसके परिणामस्वरूप प्रोटीन में जैवरासायनिक प्रतिक्रिया होती है और प्रोटीन पचकर HCL से मिलकर स्वस्थ चरबी का निर्माण करता है। जब प्रोटीन नहीं पच पाता है तब एसिडिटी, अल्सर, अर्थराइटिस होने की संभावना सर्वाधिक होती है।
3). चेहरे पर झुरियाँ पड़ने से रोके :
जितना भोजन को चबाया जाता है मसूडों व दाँतों का व्यायाम उतना ही होता है। अतः मसूड़ों व दाँतों की उम्र बढ़ती है तथा चेहरे की मांसपेशियों का व्यायाम चेहरे पर झुरियाँ पड़ने से रोकता है।
( और पढ़े – झुर्रियां हटाने के 20 कुदरती आसन उपाय )
4). इन्सुलिन स्राव बढाने में मददगार :
भोजन को जब बार-बार चबाया जाता है व इधर-उधर घुमाया जाता है तो इस दौरान मस्तिष्क अग्नाश्य की बीटा कोशिकाओं को सक्रिय कर इन्सुलिन स्राव को बढ़ा देता है। जिसके परिणामस्वरूप भूख खुलकर लगती है व मधुमेह के रोगियों का शुगर लेवल सामान्य होने लगता है।
( और पढ़े – क्या है इन्सुलिन ? इसके कार्य और कमी के दुष्परिणाम )
5). प्रसन्नता बढ़ानेवाला :
भोजन को चबाने से मस्तिष्क के हाइपोथेलेमस में स्थित भूख का केंद्र उत्तेजित हो जाता है, जिससे सेरोटोनिन हार्मोन की मात्रा बढ़ जाती है। सेरोटोनिन हार्मोन व्यक्ति को खुश, प्रसन्न रखता है। तनाव, अनिद्रा, चिड़चिड़ापन दूर होता है।
6). कम आहार में तृप्ति देनेवाला :
जब भोजन को चबाया जाता है तो शरीर भूख से 20% कम में ही तप्त हो जाता है। बगैर चबाए भोजन निगलने पर 20% भोजन पेट में ज़्यादा जाता है, जिससे तोंद बाहर आ जाती है।
7). कैंसर से रक्षा करे :
बगैर चबाया हुआ भोजन आँतों में व कोलन में यू ही पड़ा रहता है, जिसमें पेथोजेनिक कीटाणुओं के टॉक्सिन पैदा होते हैं जो कि कैंसर कोशिकाओं के निर्माण के लिए ज़िम्मेदार होते हैं।
( और पढ़े – कैंसर क्या है ? इसके प्रकार ,लक्षण और उपचार )
8). कार्यक्षमता बढ़ाने में सहायक :
भोजन को जब अधिक चबाया जाता है तो मस्तिष्क के कुछ ऐसे न्यूरोट्रांसमिटर सक्रिय होते हैं, जो मस्तिष्क की कार्यक्षमता में वृद्धि करते हैं।
भोजन संबंधी अवश्यक सुझाव :
- भोजन की थाली में ज़्यादा चीजें न हो।
- आलथी-पालथी मारकर भोजन करें।
- भोजन करते समय बातें न करें।
- भोजन शांत चित्त मुद्रा में करें।
- भोजन के साथ पानी न पीएँ।
- भोजन करने के उपरांत 15 मिनट तक वज्रासन में बैठें।
- भोजन के साथ मीठा लेने से बचे।