गर्भावस्था के दौरान बवासीर (पाइल्स) का इलाज दवा और बचाव के उपाय

Last Updated on March 5, 2023 by admin

गर्भावस्था में बवासीर के कारण : Piles in Pregnancy in Hindi

गर्भवती स्त्री को गर्भ की हालत में बहुधा कब्ज रहता है, इससे उसे बवासीर हो जाता है । यदि गर्भ रहने से पहले बवासीर होती है तो गर्भावस्था में और भी अधिक जोर पकड़ जाती है। यों, गर्भावस्था में पैदा होने वाली बवासीर बच्चे के जन्म के बाद, अपने आप ही शान्त हो जाती है । यदि गर्भवती स्त्री को बवासीर के कारण अधिक तकलीफ हो तो नीचे लिखे उपाय करें । यह उपाय शर्तिया लाभकारी हैं –

गर्भावस्था के दौरान पाइल्स का इलाज : Garbhavastha me Bawaseer ka Ilaj

(माप :- 1 तोला = 12 ग्राम)

मुनक्का (raisin : garbhavastha me bawaseer ka ilaj)

बवासीर में ऐसा उपाय करना अति आवश्यक होता है जिससे प्रतिदिन दस्त साफ होता रहे । दो तोला मुनक्का बीज रहित (इसे दाख भी कहते हैं।) एक पाव जल में औटाकर जब जल चौथाई भाग शेष रहे तब उतार-छान व मसलकर पिला दें । इससे दस्त साफ होता रहेगा और गर्भवती स्त्री को हानि नहीं होगी । अथवा-त्रिफला चूर्ण 4 ग्राम थोड़ी सी मिश्री मिलाकर खिलायें । इसके सेवन से भी दस्त साफ आता रहेगा।

माजूफल (Gall oak : piles during pregnancy home remedies in hindi)

माजूफल को खूब महीन पीसकर तथा इसमें थोड़ी सी अफीम मिलाकर पानीमें गाढ़ा-गाढ़ा लेप सा बनाकर गर्भवती स्त्री की बवासीर के मस्सों पर लगाने हेतु निर्देशित करें अथवा रसौत को जल में पीसकर लेप करायें। यदि गर्भवती स्त्री की बवासीर के मस्सों में खुजली, दर्द और सूजन आदि से बहुत कष्ट हो तो भाँग को जल में पीसकर, इसकी लुगदी को घी में सानकर और कुछ गरम करके टिकिया सी बनाकर, गुदाद्वार पर बाँधे ।

खजूर (Dates : pregnancy me piles ka upchar)

प्रतिदिन बड़ी खजूर 5 नग या दाने और मुनक्का (दाख) 1 तोला भर लेकर गाय के दूध में डालकर औटायें (दूध औटाने से पूर्व दूध में कुछ पानी अवश्य मिला लें) दूध को मन्दी-मन्दी आग पर पकने दें, जब पानी जल जाये और दूध मात्र शेष रह जाये, तब उतार कर कपड़े से छानकर पिला दें । इस प्रयोग से गर्भवती स्त्री को प्रतिदिन दस्त साफ आयेगा और ताकत भी बढ़ेगी ।

गुलकन्द (gulkand : bawaseer ke gharelu upay)

बवासीर का रोगी यदि हरड़ का मुरब्बा, दाख, गुलकन्द या पके अंजीर-इनमें से कोई न कोई चीज प्रतिदिन सेवन करता रहे तो उसे बड़ा लाभ प्राप्त होगा । ये नरम दस्तावर चीजें हैं और बवासीर में प्रतिदिन दस्त साफ होना परमावश्यक होता है ।

तिल (Mole : bawaseer dur karne ke upay)

काले तिल धोकर छिलके उतारकर सुरक्षित रखें । प्रतिदिन सबेरे यही तिल एक तोला की मात्रा में मक्खन और मिश्री में मिलाकर सेवन करने से खूनी बवासीर का कष्ट मिट जाता है । गर्भवती स्त्री भी सेवन कर सकती है ।

आमा हल्दी (Ama haldi : bawaseer gharelu upay)

आमा हल्दी और सफेद मोम, दोनों सममात्रा में लेकर ज्वार के दाने के समान गोलियाँ बनाकर सुरक्षित रखलें । यह प्रतिदिन एक गोली खाकर पानी पी जायें । मात्र 16 या 21 दिन के प्रयोग से खूनी या बादी दोनों प्रकार की बवासीर में आराम हो जाता है।

मोंठ (Phaseolus: Home Remedies for piles in Hindi)

कुछ दिन लगातार मौंठ की दाल खाने से बवासीर और वायुगोले में लाभ होता है और खून भी साफ होता है ।

गिलोय सत्व (Giloy Satva : Home Remedies to Treat Piles in Hindi)

गिलोय का सत्व मक्खन में मिलाकर खाने से बवासीर में आराम हो जाता है । इसकी मात्रा 4 रत्ती से 2 ग्राम तक है । गिलोय का सत्व्त अलग-अलग अनुपानों के साथ सेवन करने से अन्य कई रोगों में भी चमत्कारिक रूप से लाभ मिलता है । जैसे-

  • बवासीर में – मक्खन के साथ ।
  • ताकत के लिए – गाय के धारोष्ण दूध में मिश्री मिलाकर ।
  • अरुचि में – अनार के रस में ।
  • वमन में – चावलों की खीलों के साथ ।
  • पीलिया में – घी और शहद अथवा दूध में ।
  • जीर्ण ज्वर में – घी और मिश्री के साथ ।
  • दाह में – जीरा और मिश्री के साथ ।
  • पित्त ज्वर या पित्त में – बूरा के साथ ।
  • ज्वर में – शहद के साथ ।
  • कोढ़ में – रैंडी के तेल में ।
  • क्षय रोग में – घी, मिश्री और शहद में ।
  • मन्दाग्नि में – गोरख मुण्डी के साथ ।
  • गुल्म में – सोंठ के साथ ।
  • प्रदर में – लोध के चर्ण के साथ ।
  • प्रमेह में – गाय के एक पाव दूध में अथवा त्रिफले के चूर्ण और मिश्री में ।
  • वायु रोग में – घी के साथ ।

( और पढ़े – गिलोय सत्व के 19 अनोखे फायदे )

हरड़ (Harad : Home Remedies for Piles Treatment in Hindi)

गुड़ के साथ हरड़ खाने से बवासीर नष्ट हो जाती है, पित्त, कफ शान्त होता है,कोढ़ और सूखी तथा मीठी खुजली नष्ट होती है एवं गुदा सम्बन्धी समस्त रोग में आराम हो जाता है।

( और पढ़े – हरड़ के चमत्कारी लाभ और सेवन विधि )

नीम (Neem Benefits in Piles Problem in Hindi)

नीम और कनेर के पत्तों का लेप बवासीर के मस्सों को नष्ट करता है ।

अडूसा (Adusa : Home Remedy for Piles in Hindi)

अडूसे की पत्तियाँ छाया में सुखाकर पीस-छानकर सुरक्षित रखलें। प्रतिदिन 4-5 बार इस चूर्ण को गुदा पर मलने से बवासीर आराम हो जाती है ।

( और पढ़े – अडूसा के फायदे )

कलौंजी (Black cumin Benefits for Piles Disease in Hindi)

कलौंजी जलाकर पीस लो । इस कलौंजी की राख को ऐसे ही गुदा पर मलने से अथवा शहद मिलाकर गुदा पर रखने से कुछ ही दिनों में बवासीर नष्ट हो जाती है।

( और पढ़े – कलौंजी के अनोखे लाभ )

तम्बाकू (Tobacco : Home Remedies for Piles Treatment in Hindi)

तम्बाकू के पत्ते महीन पीसकर गुदा पर लेप करने से बवासीर नष्ट हो जाती है।

सहजन (Drumstick tree : Home Remedy in Piles Disease in Hindi)

सहजन के पत्ते अथवा नीम और पीपल के पत्ते महीन पीसकर लेप करने से मस्से नष्ट हो जाते हैं । परीक्षित है ।

गर्भावस्था के दौरान बवासीर के लिए अन्य उपाय : Pregnancy me Piles ka Upchar

कड़वी तुम्बी

कड़वी तुम्बी और गुड़ को सिरके में महीन पीसकर लेप करने से बवासीर के मस्से नष्ट हो जाते हैं।

नीम

  • कड़वे नीम के बीजों को तेल में तलकर उसी तेल में पीसकर और उसमें जरा सा नीला थोथा पानी में घोलकर मिलाकर मरहम बनाकर लगाने से बवासीर के मस्से गलकर गिर जाते हैं।
  • नीम के बीजों का तेल निकालकर मस्सों पर मलने से बवासीर आराम होती है।

बड़

बड़ के पत्ते लाकर जलाकर इनकी 6 ग्राम राख सरसों के तेल में मिलाकर लेप करने से मस्से नष्ट हो जाते हैं ।

अरण्ड

अरण्ड के 2 पत्ते पीसकर गुदा पर बाँधने से बवासीर आराम हो जाती है ।

कपूर

गुदा को कपूर की धूनी देने से खून गिरना बन्द हो जाता है ।

छुहारे

छुहारे के बीज बारीक पीसकर उनकी धूनी देने से बवासीर नष्ट हो जाती है।

सैंधानमक

बिना सैंधानमक मिलाये मठा पीने से संग्रहणी और बवासीर रोग बढ़ते हैं और सैंधानमक मिलाकर माठा पीने से दोनों रोग नष्ट हो जाते हैं । मन्दाग्नि वाले बवासीर रोगों को नियमपूर्वक प्रतिदिन मट्ठा पीना चाहिए । कफ प्रधान बवासीर में मक्खन निकाली हुई छाछ पिलाना लाभप्रद है।

कमीला

2 ग्राम कमीला पीस छानकर आधा पाव दही में मिलाकर एक दिन छोड़कर एक दिन खाने से पेट के कीड़े मरकर निकल जाते हैं और बवासीर नष्ट हो जाती है । कृमि रोग और पुरानी बवासीर की यह अच्छी दवा है।

विशेष-यदि उपर्युक्त दवा खाकर थोड़ी देर के बाद 2-4 तोला साफ अरण्डी का तेल पी लिया जाये तो मरे हुए कीड़े फौरन निकल जाते हैं।

बवासीर में आपका खान-पान : Diet for Piles During Pregnancy in Hindi

बवासीर में क्या खाना चाहिए : Pregnancy me Bawasir Kya Khana Chahiye

पुराने चावलों का भात, मूंग या चने की दाल, कुलथी का दाल, शालि चावल, बथुआ, साठी चावल, सौंफ, परवल, करैला, तोरई, जमीकन्द, गुड़, तक्र, छोटी मूली, कच्चा पपीता, केले का फूल, दूध, घी, मक्खन, मिश्री, किशमिश, अंगूर, पका बेल, छोटी इलायची, जौ, लहसुन, जीवन्ती, चूका, आमले, संचर नमक, कथा, सरसों का तेल, कांजी, सोंठ, हरड़, कंकोल, भिलावा, गौमूत्र और माठा ये सभी पथ्य हैं ।

एक भाग बढ़िया पुराने चावल और दो भाग धुली मूंग की दाल मिलाकर पतली खिचड़ी बनावें और उसमें ताजा घी डालकर खाने से दस्त कब्ज वालों को बहुत लाभ होता है । खुश्की मिटने से मल ढीला होकर आसानी से निकल जाता है ।

बवासीर में परहेज (Avoid These in Piles)

पिट्ठी, उड़द, दही, सेम, भारी पदार्थ, भुने हुए पदार्थ, सिके हुए पदार्थ, टैंटी, बेलगिरी, पोई का साग, तम्बी या घीया, पका आम, धूप में घूमना-फिरना, नदी का पानी पीना, वमन, गुदा में पिचकारी लेना (बस्तिकर्म) उज्जैन के पूरब-पश्चिम बहने वाली नदियों का जल, विरुद्ध पदार्थ-उकडूं बैठना, बार-बार जल पीना, दिन में सोना, अत्यन्त भोजन, भारी अन्न, कलह और तेजाब इत्यादि लगाना ये सभी अपथ्य हैं ।

अतिसार और बवासीर रोग में वायु और अतिसार उत्पन्न करने वाले तथा अग्नि बल का नाश करने वाले पदार्थों का भूलकर भी सेवन नहीं करना चाहिए क्योंकि अग्नि बल के नष्ट हो जाने से बवासीर, अतिसार और संग्रहणी रोगों की वृद्धि हो जाती है ।

(दवा व नुस्खों को वैद्यकीय सलाहनुसार सेवन करें)

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