Last Updated on August 18, 2021 by admin
उम्र बढ़ने पर गर्दन की हड्डी या उसकी डिस्क को कुछ-न-कुछ क्षति होती ही है और इस कारण हर व्यक्ति को अधिक उम्र होने पर किसीन-किसी स्तर पर गर्दन दर्द का सामना करना पड़ता है, लेकिन सोने, बैठने और चलने-फिरने के दौरान सही मुद्राएँ अपनाकर, गर्दन के व्यायाम करके, शारीरिक वजन पर नियंत्रण रखकर तथा धूम्रपान से परहेज करके गर्दन दर्द से काफी हद तक बचा जा सकता है।
गर्दन दर्द के कारण (Gardan Mein Dard Ke Karan)
गर्दन की डिस्क की समस्या किसी भी व्यक्ति को हो सकती है। कई बार इसके कोई तकलीफदेह लक्षण प्रकट नहीं होते हैं।
- डिस्क के घिस जाने या क्षतिग्रस्त हो जाने पर स्नायु की कार्यप्रणाली में भी बाधा आती है। उदाहरण के लिए, डिस्क के बाहरी हिस्से के घिसने के कारण भीतर के मुलायम पदार्थ बाहर आ सकते हैं। इसे हर्निएट डिस्क कहा जाता है। इससे वहाँ की स्नायु पर दबाव पड़ सकता है। इसके अलावा आस-पास की दो वर्टिब्रा आपस में रगड़ खा सकती हैं, जिससे स्नायु को नुकसान पहुँच सकता है। कई बार डिस्क से गुजरनेवाले स्पाइनल कॉर्ड पर दबाव पड़ सकता है। इन सभी कारणों से गर्दन दर्द, सुन्नता, कमजोरी और गर्दन को घुमाने में तकलीफ हो सकती है।
- फ्रैक्चर, ट्यूमर और संक्रमण के कारण भी गर्दन की समस्याएँ हो सकती हैं।
- तनाव और उच्च रक्तचाप आदि विकार भी गर्दन दर्द के कारण बन सकते हैं।
गर्दन दर्द के लक्षण (Gardan Mein Dard Ke Lakshan)
- गर्दन के दर्द में गर्दन अकड़ सी जाती है।
- गर्दन को झुकाने तथा मोड़ने में काफी दर्द होता है।
- कई बार गर्दन की नसे चटखने सी लगती हैं।
गर्दन दर्द के लिए जाँच (Gardan Mein Dard Ki Janch)
गर्दन की तकलीफ होने पर कारणों की जाँच के लिए – गर्दन के एक्स-रे और एम.आर.आई. की जरूरत पड़ सकती है।
गर्दन में दर्द का घरेलू उपचार (Gardan Mein Dard Ke Gharelu Upay)
1). सोंठ – सरसों के तेल में सोंठ के चूर्ण को मिलाकर गर्दन पर ऊपर से नीचे की ओर धीरे-धीरे से मालिश करने से गर्दन का दर्द दूर हो जाता है। ( और पढ़े – सोंठ के फायदे और उपयोग )
2). मिश्री – खसखस और मिश्री की 10-10 ग्राम की मात्रा लेकर बारीक पीस लें । इस चूर्ण में से 5 ग्राम की मात्रा लेकर रात में सोने से पहले दूध के साथ सेवन करने से गर्दन के दर्द में लाभ मिलता है ।
3). खरबूजा – खरबूजे के पत्ते पर थोड़ा सा तेल लगाकर गर्म करें । अब इसे गर्दन पर लपेटकर ऊपर से पट्टी बांध दें । इस प्रयोग से दर्द शीघ्र ही समाप्त हो जाता है।
4). जायफल – गर्दन में होने वाला दर्द को समाप्त करने के लिए जायफल को पीसकर गर्दन पर इसका लेप करना चाहिए। इससे दर्द से शिघ्र राहत मिलती है। ( और पढ़े – जायफल के फायदे और नुकसान )
5). राई – 10 मि.ली सरसों के तेल 10 मि.ली राई का तेल मिलाकर गर्दन पर धीरे-धीरे मालिश करें। इससे गर्दन के दर्द से राहत मिलती है।
6). लौंग – दर्द से राहत के लिए सरसों के तेल में कुछ बूंद लौंग का तेल मिलाकर गर्दन पर मालिश करें। ( और पढ़े – लौंग के 73 बड़े फायदे )
7). बादाम – बादाम के तेल की गर्दन पर मालिश करने से गर्दन का दर्द शिघ्र ही दूर हो जाता है ।
8). एरण्ड – एरण्ड तेल को दूध में मिलाकर पिलाने से गर्दन तथा कमर में होने वाला दर्द नष्ट हो जाता है। ( और पढ़े – अरण्डी तेल के 84 लाजवाब फायदे व औषधीय प्रयोग )
9). कपूर – सरसों के तेल में कपूर की थोड़ी मात्रा मिलाकर इस तेल से गर्दन पर मालिश करें । गर्दन का दर्द कुछ ही देर में दूर हो जाता है । ( और पढ़े – कपूर के 93 अद्भुत लाभ और उपयोग )
10). लहसुन – सरसों के तेल में लहसुन की कुछ कलियों को दालकर इसे आग पर गर्म करें । कलियों के जल जाने पर तेल को आग से उतार ठंडा करें । इस तेल की गर्दन पर मालिश करने से दर्द दूर हो जाता है।
11). अश्वगंधा – अश्वगंधा के 7 से 8 ग्राम चूर्ण में 2 से 3 ग्राम सोंठ पाउडर मिलाकर सेवन करने से गर्दन के दर्द में लाभ मिलता है। ( और पढ़े – अश्वगंधा के फायदे और नुकसान )
12). अजवाइन – अजवाइन को पोटली को तवे पर गर्म कर गर्दन की सिंकाई करने से गर्दन का दर्द दूर हो जाता है।
14). मेथी – मेथी के चूर्ण में पानी मिला इसका लेप बना लें। इसी तरह लेप बना इस लेप को नित्य कुछ दिनों तक सुबह-शाम गर्दन पर लगाने से दर्द में लाभ होता है।
एलोपैथिक चिकित्सा में गर्दन दर्द का इलाज (Gardan Dard Ka Ilaj In Hindi)
- गर्दन की तकलीफ की शुरुआती अवस्था में आराम, गर्दन के व्यायाम, स्टेरॉयड रहित एंटी इंफ्लामेट्री दवाइयाँ (एन.एस.ए.आई.डी.), सिंकाई और कॉलर की मदद से राहत मिलती है।
- कई बार गर्दन की ट्रैक्शन की भी सलाह दी जाती है, लेकिन ट्रैक्शन किसी सुयोग्य चिकित्सक की देख-रेख में ही लगाना चाहिए और नियमपूर्वक व्यायाम करना चाहिए।
- बहुत अधिक दर्द होने पर स्पाइनल कॉर्ड के बाहर स्टेरॉयड अथवा एनेस्थेटिक दवाइयों के सेइंजेक्शन (इपीड्यूरल इंजेक्शन) दिए जा सकते हैं।
- इन उपायों से कोई लाभ न हो, तो फिर सर्जरी की जरूरत पड़ती है।
गर्दन के दर्द में सावधानियां तथा बचने के उपाय (Gardan Dard Se Bachne Ke Upay)
- व्यक्ति को सोने के लिए सख्त तख्त का ही प्रयोग करना चाहिए।
- दर्द की अवस्था में सोते समय तकिए का प्रयोग नहीं करना चाहिए।
- बैठते समय रीढ़ की हड्डी को बिल्कुल सीधी तनी हुई रखना चाहिए।
- वह कार्य नहीं करना चाहिए जिनसे गर्दन तथा आंखों पर अधिक बोझ या तनाव पढता हो।
- प्रतिदिन 6 से 8 घण्टे की तनाव रहित नींद लेना बहुत ही जरूरी है।
- किसी भी कार्य को आगे की ओर झुककर नहीं करना चाहिए।