घर पर रहते हुए बच्चों की दिनचर्या व डाइट प्लान

अभी स्कूल बंद हैं और बच्चे कोरोना वायरस संक्रमण से बचने के लिए घर पर ही हैं। बच्चों की पढ़ाई भी ऑनलाइन होने लगी है। लेकिन अब जब बच्चे सिर्फ और सिर्फ घर पर ही हैं और उनकी फिजिकल एक्टिविटी भी लगभग ना के बराबर ही है तो ऐसे में बच्चों में वजन बढ़ने से लेकर आंखों की समस्याएं पैदा हो रही हैं। इन सबके अलावा संक्रमण से बचाव के लिए जरूरी है कि बच्चों के प्रतिरक्षा तंत्र को मजबूत बनाया जाए ताकि वह आसानी से किसी भी संक्रमण का शिकार न बनें । इसके लिए सबसे पहला और मुख्य कदम है खानपान । अगर बच्चों के खानपान पर ध्यान दिया जाए तो घर पर रहते हुए भी वे स्वस्थ रह सकते हैं।

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पेरेंटिंग :

जब बच्चे स्कूल जाते हैं तो उनका सुबह उठने से लेकर ब्रेकफास्ट, लंच, डिनर आदि का समय तय होता है, तब हमें भी उनके खानपान के बारे में ज्यादा सोचना नहीं पढ़ता । लेकिन अब जब बच्चे घर पर ही हैं तो उनका कोई निश्चित रूटीन नहीं है। कभी वे देर तक सोते हैं तो कभी ब्रेकफास्ट स्किप कर देते हैं। ऐसे में उनके शरीर में पोषक तत्वों की कमी न हो और उनके खाने – पीने का सही नियम बना रहे, इस बात का ध्यान रखने की बहुत जरूरत है। बच्चों का स्वास्थ्य बेहतर बना रहे इसके लिए घर में भी एक निश्चित रूटीन बनाना जरूरी है। ताकि बच्चे का खानपान नियत समय पर होता रहे।

यूं बढ़ाएं इम्युनिटी :

बच्चे के प्रतिरक्षा तंत्र को मजबूत बनाने के लिए आयुष मंत्रालय द्वारा जारी दिशा – निर्देशों का पालन किया जाना बेहद जरूरी है। आप बच्चे को प्रतिदिन सुबह के समय 10 ग्राम च्यवनप्राश जरूर दें। इसके अलावा घर पर बनाया गया काढ़ा उनके प्रतिरक्षा तंत्र को मजबूत बनाता है। इस काढ़े की मदद से कोरोना वायरस के संक्रमण से बचाव के साथ साथ अन्य मौसमी बीमारियों से बचाव भी संभव है। ऐसे में तुलसी, दालचीनी, काली मिर्च, सूखा अदरक और मुनक्का से बना काढ़ा दिन में एक या दो बार बच्चे को पीने के लिए दें। आप बच्चे के स्वादानुसार इसमें गुड़ या नीबू का रस भी शामिल कर सकती हैं। वहीं, हल्दी का दूध बच्चे के लिए गोल्डन मिल्क माना गया है।

करीबन 150 मिली गर्म दूध में आधा चम्मच हल्दी मिलाकर दिन में एक या दो बार अवश्य दें। आम, केले, संतरे जैसे सीजनल फ्रूट्स को बच्चे की डाइट का हिस्सा बनाएं। इनमें विटामिन ‘सी’ व ‘ए पाया जाता है, जो बच्चे के लिए इम्यून बूस्टर की तरह काम करता है। वहीं मुट्ठी भर नट्स जैसे बादाम आदि भी उनकी इम्युनिटी को बढ़ाने में काफी मददगार साबित होंगे।

नहीं बढ़ेगा वजन :

वैसे तो वजन बढ़ने की समस्या बच्चों से लेकर बड़ों तक में देखी जाती है। लेकिन अब जब बच्चे आस पड़ोस में भी नहीं खेल रहे हैं और घर की चहार दीवारी में ही हैं, साथ ही उनके खानपान का समय व तरीका भी अनियमित हो गया है, तो ऐसे में उनमें वजन बढ़ने की समस्या देखी जा रही है। लेकिन खानपान में बदलाव के जरिए बच्चों के बढ़ते वजन को नियंत्रित किया जा सकता है।

इसके लिए सबसे पहले बच्चों के खानपान का समय सुनिश्चित करें। उनके आहार में तीन प्रमुख मील और दो बार स्नैक टाइम सुनिश्चित करें। इसके अलावा बच्चों को घर का बना खाना ही दें। वहीं स्नैक्स के रूप में बच्चे को हेल्दी चीजे दें, जैसे – फल, नट्स, मुरमुरा भेलपुरी और चीले उनके लिए अच्छे ऑप्शन हैं।

जहां तक हो सके बच्चे को चिप्स, गैस से भरे हुए पेय पदार्थ और आइसक्रीम आदि से दूर करें । यह सभी चीजें वजन बढ़ाती हैं। चूंकि बच्चे घर पर हैं तो ऐसे में उन्हें एक्टिव रखने और उनके वजन को नियंत्रित रखने के लिए एरोबिक्स, योग व डांस आदि एक्सरसाइज की आदत डलवाएं।

आंखों का रखें खयाल :

इस समय सबसे ज्यादा दुष्प्रभाव बच्चों की आंखों पर पड़ रहा है। ऑनलाइन क्लासेस से लेकर बच्चे अपना अधिकतर समय टीवी, मोबाइल व लैपटॉप की स्क्रीन पर बिता रहे हैं। जिससे उन्हें आंखों व सिर में दर्द जैसी समस्या का सामना करना पड़ रहा है। इस समस्या से निपटने के लिए जरूरी है कि उन्हें सारा दिन स्क्रीन पर समय बिताने से रोकें ।

इसकी जगह आप उन्हें अन्य एक्टिविटीज में बिजी रखने की कोशिश करें। इसके अलावा नियमित रूप से उन्हें आंखों की एक्सरसाइज करवाएं । उनके आहार में विटामिन ‘ए’ से भरपूर भोजन जैसे – आम, पपीता, गाजर व हरी पत्तेदार सब्जियों को ज़रूर शामिल करें। साथ ही उनकी डाइट में तरल पदार्थों को भरपूर मात्रा में शामिल करें , क्योंकि डिहाइड्रेशन भी बच्चों में सिरदर्द का कारण बन सकता है।

हाइड्रेशन पर फोकस :

चूंकि अभी मौसम में बहुत उमस है और घर पर रहते हुए बच्चे पानी व अन्य तरल पदार्थों का सेवन कम कर रहे हैं, जिसके कारण भी उन्हें हेल्थ प्रॉब्लम्स हो रही हैं । तरल मात्रा में कमी होने पर बच्चों में सिरदर्द, चिड़चिड़ापन और मूड स्विंग की समस्या होती है। ऐसे में आप उनकी डाइट में पानी के अलावा नीबू पानी, नारियल पानी, व अन्य तरल पदार्थों को शामिल करें। बच्चे का यूरीन कलरलेस होना चाहिए, यह उनके हाइड्रेट होने के संकेत है।

इसके अलावा बच्चे को चाय व कॉफी ना दें, क्योंकि यह निर्जलीकरण का कारण बनता है। बच्चे को अधिक कैलोरी वाले पेय और शक्कर युक्त पेय जैसे कि कोल्ड कॉफी और आइसक्रीम, फुल क्रीम दूध से बना मिल्कशेक बाजार के अन्य शक्कर युक्त पेय पदार्थों से परहेज कराएं।
घर में बच्चे के साथ हमेशा एक पानी की बॉटल जरूर रखें, ताकि समय – समय पर पीता रहे।

बच्चों का डाइट चार्ट :

सुबह ब्रश करने के बाद ही एक चम्मच च्यवनप्राश।

सुबह का नाश्ता –

  • एक गिलास दूध / लस्सी के साथ मूंग दाल चीला / दही के साथ पनीर पराठा / स्मूदी।
  • स्मूदी बनाने के लिए दूध में एक बड़ा चम्मच बादाम पावडर, आधा केला, एक छोटा चम्मच सीड्स और ओट्स को मिलाएं।

मिड मॉर्निंग –

तुलसी, दालचीनी, कालीमिर्च, सूखा अदरक और मुनक्का से बना काढ़ा दें। जरूरत हो तो इसमें गुड़ या फिर नीबू का रस मिलाएं।

सुबह 11 बजे –

फ्रूट चाट 250 ग्राम केला या आम।

लंच –

दो रोटी या चावल + एक कटोरी दाल या पनीर + सब्जी + एक कटोरी दही या रायता।

टी टाइम –

स्नैक्स के साथ मिल्कशेक स्नैक्स में भेलपुरी / चीला / पैन केक / पनीर रोल / ढोकला / सैंडविच उत्तपम / मसाला इडली।

डिनर –

एक – दो रोटी + एक कटोरी दाल – सब्जियों के साथ।

बेड टाइम –

एक कप हल्दी का दूध ।

रखें इसका ध्यान :

  • जब बात बच्चे के आहार की हो तो कुछ बातों का ध्यान रखना बेहद जरूरी होता है। सबसे पहले तो बच्चे की डाइट में हेल्दी लिक्विड चीजों जैसे नीबू पानी, नारियल पानी, छाछ व ताजे जूस को जरूर शामिल करें।
  • बच्चे को नियमित रूप से बादाम व अखरोट आदि खाने के लिए दें। हालांकि उसकी मात्रा पर भी ध्यान देना बेहद जरूरी है।
  • बच्चे के आहार में अदरक, लहसुन व हल्दी आदि को जरूर शामिल करें। आप इसे कई तरह से बच्चे के आहार का हिस्सा बना सकती हैं।
  • बच्चे के हाइजीन पर ध्यान देना भी जरूरी है। उनके हाथों को बार – बार लिक्विड सोप, साबुन से धुलवाएं । वहीं खाने से पहले और बाद में भी उनके हाथों को जरूर क्लीन करवाएं।

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