Last Updated on August 16, 2021 by admin
जिनसेंग क्या है ? (What is Ginseng in Hindi)
अमेलेएसी परिवार की पिनाक्सी प्रजातियों को आमतौर पर जिनसेंग के नाम से जाना जाता है। निनाक्स ग्रीक शब्द से लिया गया है, जिसका अर्थ “रामबाण” है। जिनसेंग को “दुनिया का आश्चर्य” भी कहा जाता है। जिनसेंग शब्द चीनी शब्द जैन और शेन से बना है, जिसका मतलब है “आदमी की जड़” क्योंकि यह दिखने में मानव रूप सा होता है।
जिनसेंग का पौधा कहां पाया या उगाया जाता है ? :
जिनसेंग उत्तरी अमेरिका और पूर्वी एशिया (ज्यादातर कोरिया, उत्तर पूर्वी चीन, भूटान, पूर्वी साइबेरिया) के ठंडे मौसम में पाया जाता है। इसके अलावा जिनसेंग बहुत सी मूल्यवान जंगली प्रजातियां विशेषतया भारत, नेपाल और म्यांमार में पाई जाती है।
जिनसेंग के प्रकार :
विभिन्न देशों में पिनाक्स की अलग-अलग प्रजातियां पाई जाती हैं। जैसे की चीन (पी कोई कूफोलिउस) और वियतनाम (पी वैयतनामेंसिस) पिनाक्स जिनसेंग एशियाई जिनसेंग के रूप में जाना जाता है और कई सदियों से दवा की विभिन्न प्रणालियों में इस्तेमाल किया गया है।
जिनसेंग का पौधे कैसा होता है ? :
यह धीमी गति से बढ़ने वाली बहुवर्षीय जड़ी बूटी है, जो कि 5 वर्ष तक 30-60 सेमी. की ऊंचाई तक पहुंती है। इसकी जड़ें घनी व मोटी होती है, जो कि 2-4 इंच लंबी व एक से डेढ़ इंच मोटी होती है, पौधे में प्रायः 3- 5 जुड़े हुए करतलाकर पत्ते होते हैं व प्रत्येक पत्ते में पांच छोटी पत्तियां होती हैं। इसके पत्ते सरल, बहुत छोटे व अंडाकार होते हैं, जो शीर्ष पर तीखे तथा मूल पर गोलाकार होते हैं।
ऊपरी 3 पत्ते नीचे के 2 पत्तों की तुलना में बड़े होते हैं। तीसरे वर्ष गर्मी (जून और जुलाई) के दौरान पौधे के पुष्पछत्र में 6 से 20 सफेद या हरे रंग के फूल एक गुच्छे में लगते हैं। इनमे बाद में 1 से.मी. अंडाकार आकार के फल लगते हैं, जो पकने पर लाल रंग के हो जाते हैं। फल में छोटे मटर के आकार के दो से तीन भूरे सफेद-झुर्रियों वाले बीज होते हैं।
जिनसेंग के औषधीय गुण और उपयोग :
पारंपरिक हर्बल चिकित्सा में एशियाई जिनसेंग का एक लंबा इतिहास रहा है। जिनसेंग के कुछ प्रमुख औषधीय गुण निम्नलिखित हैं-
- जिनसेंग जीवन को स्वस्थ एवं लंबा बनाने, कई बीमारियों के इलाज के लिए तथा सामान्य शरीर की ताकत को बढ़ावा देने के लिए उपयोगी है।
- इसमें विटामिन ए, बी-6 और जिनक होता है, जो थाइमिक हार्मोन के उत्पादन में सहायक है तथा रक्षा प्रणाली के कामकाज के लिए आवश्यक है।
- जिनसेंग उत्तेजक के रूप में जीवन प्रत्याशा की वृद्धि, धीरज को बढ़ावा देने, तंत्रिका तंत्र को आराम, मानसिक जागरूकता में सुधार, हार्मोन संबंधी कार्यों को प्रोत्साहित करने, लिपिड स्तर कम करने, कोलेस्ट्रॉल में सुधार तथा रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के लिए उपयोगी है।
- जिनसेंग भूख और शारीरिक ऊर्जा को बढ़ाने पेरिओड़ोंतल रोग के इलाज, महिलाओं को प्रजनन क्षमता में वृद्धि और बच्चे के जन्म में सहायता के लिए इस्तेमाल किया जाता है।
- जिनसेंग एक अडेपजोन के रूप में कार्य करता है, जो शरीर की ब्राहा एवं आंतरिक स्थिति को संतुलित करता है तथा वायरल संक्रमण और सूडोमोनास एरुगीनोसा का मुकाबला कर के जीवन के समय को बढ़ाने में उपयोगी है।
रासायनिक सक्रिय घटक –
एशियाई जिनसेंग के मुख्य सक्रिय तत्व जिंसेंनोसाइड्स या पिनाक्सोसाइड्स ट्राइटनोइड ग्लाइकोसाइड है, जिन्हें इस जड़ी बूटी के औषधीय गुणों के लिए जिम्मेदार माना जाता है। जिनसेंग के जड़, तना, पत्ते और फूलों में लगभग 28 जिंसेंनसाइडड्स की पहचान की गई हैं। हालाँकि कुल जिंसेंनसाइडड्स की मात्रा जड़ की उम्र के साथ बदलती हैं। जिंसेंनोसाइड्स की मात्रा पौधे के अन्य भागों की तुलना में अधिकतम पाई जाती है व पौधे की उम्र के साथ बढ़ती रहती हैं। जड़ों को सुखाकर उन्हें गोलियां या कैप्सूल, अर्क, क्रीम या बाहरी उपयोग के लिए प्रयोग किया जाता है।
जिनसेंग के फायदे (Benefits of Ginseng in Hindi)
जिनसेंग बढायें मांसपेशियों की ताकत
सामान्य तौर पर जिनसेंग दृढ़, टॉनिक और रिवाइटलाइज करने के गुण प्रदर्शित करता है। यह कमजोरी, थकावट और एकाग्रता में कमी के मामलों में तथा मानसिक और शारीरिक क्षमता को बढ़ाने के एक रोगनिरोधी और दृढ़ कारक के रूप में प्रयोग किया जाता है। प्रारंभिक अध्ययन में पाया गया है कि एशियाई जिनसेंग एथलेटिक प्रदर्शन में सुधार करने से गैर कसरती पुरुषों और महिलाओं की मांसपेशियों की ताकत में वृद्धि होती है। आठ से बारह सप्ताह के लिए प्रतिदिन 2 ग्राम जड़ पाउडर या 200 से 400 मिलीग्राम अर्क धीरज प्रदर्शन को बढ़ाने के लिए बहुत प्रभावी है। ( और पढ़े – शरीर की ताकत बढ़ाने के 28 अचूक घरेलू उपाय )
तनाव और शारीरिक थकान से राहत देता है जिनसेंग
जिनसेंग मानसिक तनाव, शारीरिक तनाव और जैविक तनाव से छुटकारा पाने के लिए माना जाता है। यह मस्तिष्क में कोशिका परिसंचरण को बढ़ाता है, जिससे तनाव का प्रभाव कम हो जाता है।यह तंत्रिका तंत्र पर शांत प्रभाव के लिए जाना जाता है और एक उत्कृष्ट ट्रैंक्विलाइजर है। यह शरीर की थकान और मांसपेशियों में तनाव से राहत में मदद करता है। यह क्लांत ऊतकों और मांसपेशियों को पुनः प्रात्त करने में भी मदद करता है। यह पूरे शरीर के रक्त परिसंचरण को बढ़ाता है, ताकि शरीर को पर्याप्त मात्रा में आवश्यक ऑक्सीजन प्राप्त हो और शरीर के विभिन्न अंग इष्टतम कार्य करें। ( और पढ़े – चिंता एवं तनाव से बचने के 41 उपाय )
स्मृतिवर्धक गुणों से मालामाल जिनसेंग
जिनसेंग और जिंको( जिंकोगो बाइलोबा) का संयोजन स्मृति और सोच प्रक्रियाओं को बढ़ावा देता है। इसके रसायन रक्त वाहिकाओं के विकास को बढ़ावा देते हैं, जो कि व्यापक चोटों के इलाज में महत्वपूर्ण हो सकता है। ( और पढ़े – स्मृति की कमजोरी दूर करने के उपाय )
रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने में लाभदायक जिनसेंग
जिनसेंग प्रतिरक्षा प्रणाली में कामकाज में सुधार की क्षमता के लिए भी जाना जाता है, जिससे शरीर मजबूत और अधिक सक्रिय बनता है। यह बदले में सहनशक्ति को बढ़ाने में मदद करता है। यह चयापचय और अंतस्रोवी गतिविधि में भी सुधार लाता है। यह पाया गया है कि प्रतिदिन 2 बार 100 मिलीग्राम एशियाई जिनसेंग अर्क लेने से प्रतिरक्षा कार्य में सुधार आता है व ये जुकाम और गले में खराश को रोकने में भी मदद करता है। जिनसेंग में प्रतिरक्षा को बढ़ाने के गुण पाए जाते है। यह इन्फ्लूएंजा वायरस और फटिंग सिंड्रोम के संक्रमण को रोकने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। जिनसेंग कैंसर के उपचार में उपयोगी दवाओं व कीमोथेरेपी के दुष्प्रभावों के खिलाफ रक्षात्मक भूमिका निभाता है। ( और पढ़े – इम्यूनिटी पावर (रोग प्रतिरोधक क्षमता) बढ़ाने के उपाय )
लीवर के लिए लाभकारी है जिनसेंग का प्रयोग
जिनसेंग अर्क हिपेटोसाइट्स पर रक्षात्मक प्रभाव दिखाता है व जिगर की बीमारियां जैसे की जिगर हेपेटाइटिस, सिरोसिस/फाइब्रोसिस और हेपैटोसेलुलर कार्सिनोमा (एचसीसी) के जोखिम को कम करने के लिए उपयोगी है। यह एंटीऑक्सीडेंट रक्षा तंत्र को बढ़ाता है और जिगर में एंटीआक्सीडेंट एंजाइम सुपर ऑक्साइड डिस्तुटेस, कैटालेस, ग्लूटाथाएओन पर ऑक्सीडेज, ग्लूटाथाएओन-1 गतिविधियों को बढ़ावा देता है। ( और पढ़े – लिवर खराब होने के कारण, लक्षण और इलाज )
मधुमेह रोग में जिनसेंग का उपयोग लाभदायक
पारंपरिक चिकित्सा में जिनसेंग को मधुमेह के इलाज के लिए प्रयोग किया गया है क्योंकि यह सीधा रक्त शर्करा के प्रभाव को कम करता है। यह अग्नाशय से इंसुलिन को स्त्रावित करने और इंसुलिन रिसेप्टर्स की संख्या को बढ़ाने में सहायक पाया गया है। यह पाया गया कि प्रतिदिन 200 मिली जिनसेंग अर्क मधुमेह रोगियों के रक्त शर्करा को नियंत्रण कर उर्जा के स्तर में सुधार लाता है। ( और पढ़े – मधुमेह का देसी इलाज और नुस्खे )
पौरुष शक्ति बढ़ाने में मददगार जिनसेंग के औषधीय गुण
पारंपरिक रूप से एशियाई जिनसेंग (P. ginseng) पुरुष शक्ति के लिए एक सहायक जड़ी बूटी के रूप में इस्तेमाल किया जाता है। तीन महीने के लिए प्रति दिन 1800 मिलिग्राम जिनसेंग अर्क लेने से पुरुषों में कामेच्छा और निर्माण को बनाए रखने की क्षमता में सुधार पाया गया था। ( और पढ़े – वीर्य वर्धक 18 चमत्कारी उपाय )
पुरुष बांझपन में जिनसेंग के इस्तेमाल से लाभ
एशियाई जिनसेंग पुरुष बांझपन के लिए उपयोगी साबित हो सकता है। एक अध्ययन में पाया गया है कि तीन महीने प्रति दिन 4 ग्राम जिनसेंग लेने से शुक्राणुओं की संख्या और शुक्राणु की गतिशीलता में सुधार होता है। ( और पढ़े – पुरुष बांझपन के 17 घरेलू उपचार )
रजोनिवृत्ति के लक्षणों को कम करने में जिनसेंग करता है मदद
प्रति दिन 200 मिलिग्राम जिनसेंग अर्क रजोनिवृत्ति के मनोवैज्ञानिक लक्षणों को कम करने में मदद करता है जैसे कि अवसाद और चिंता लेकिन पोस्ट मिनोपोज़ल (postmenopausal) महिलाओं में यौन रोगों को कम करने में मददगार नहीं है। ( और पढ़े – रजोनिवृत्ति क्या है इसके लक्षण ,संका और समाधान )
जिनसेंग के दुष्प्रभाव (Ginseng ke Nuksan in Hindi)
- जिनसेंग के सेवन से पहले अपने चिकित्सक से परामर्श करें ।
- किडनी से संबंधित किसी भी समस्या से ग्रसित रोगियों को जिनसेंग के सेवन से बचना चाहिये ।
- हृदय तथा हाई बीपी के रोगियों को चिकित्सक से पूछ कर ही जिनसेंग का सेवन करना चाहिए।
(अस्वीकरण : दवा ,उपाय व नुस्खों को वैद्यकीय सलाहनुसार उपयोग करें)