हृदय के आंतरिक भाग की सूजन (एंडोकार्डिटिस) के लक्षण, कारण और उपचार

Last Updated on August 20, 2022 by admin

अन्तर्हृद्शोथ (एंडोकार्डिटिस) क्या है ? (Endocarditis in Hindi)

हृदय के कुछ विकार के कारण हृदय के आंतरिक भाग में सूजन आ जाती है जिसे अन्तर्हृद्शोथ या एंडोकार्डिटिस कहा जाता है। जिससे हृदय की धड़कन में, सांस लेने में नाड़ी पर असाधारण प्रभाव पड़ता है।

अन्तर्हृद्शोथ (एंडोकार्डिटिस) के कारण :

हृदय के आंतरिक भाग में सूजन क्यों होती है ?

अधिक वसायुक्त, मिर्च-मसालों के खाद्य-पदार्थों का सेवन करने से हृदय को काफी नुकसान पहुंचता है और हृदय के आंतरिक भाग में सूजन होने लगती है।

इसके अलावा हृदय दर्द से पीड़ित रोगी को चाय, कॉफी, बीड़ी-सिगरेट, गुटखा, पान मसाले, कोल्ड ड्रिंक, आइसक्रीम और फास्ट फूड का सेवन करने से और लम्बे समय से किसी रोग से पीड़ित रहने से यह बीमारी होने लगती है।

अन्तर्हृद्शोथ (एंडोकार्डिटिस) के लक्षण :

हृदय के आंतरिक भाग में सूजन के लक्षण क्या है ?

  • इस रोग में दिल बड़ी तेजी से धड़कने लगता है।
  • इसके कारण शरीर में रूखापन व सूजन हो जाती है।
  • भूख की कमी।
  • हाथ-पांव ठंडे से हो जाते हैं।
  • दिल जैसे बैठा जा रहा हो ऐसा महसूस होना।
  • सांस लेने में परेशानी होना ।

अन्तर्हृद्शोथ (एंडोकार्डिटिस) में भोजन तथा परहेज :

हृदय के आंतरिक भाग में सूजन होने पर क्या खाएं और क्या नहीं ?

  • गेहूं की रोटी, हरी सब्जी, दलिया, फलों में संतरा, मौसमी, अनार, अनन्नास, सेब तथा सेब का मुरब्बा लाभकारी है।
  • भोजन के साथ प्याज, अदरक तथा लहसुन का प्रयोग अवश्य करें।
  • इसके साथ ही तेल, गुड़, मिर्च, पान या पान मसाला, तम्बाकू, चाय, गैस बनाने वाली चीजे, खजूर, बादाम, पपीता, काजू, पिस्ता, चिलगोजे, अखरोट आदि गर्म मेवे नहीं देने चाहिए।

अन्तर्हृद्शोथ (एंडोकार्डिटिस) का इलाज :

हृदय के आंतरिक भाग में सूजन के घरेलू उपचार क्या है ?

1. छोटा गोखरू : छोटा गोखरू के फांट (काढ़ा) या घोल का सेवन सुबह शाम करने से हृदय विकार या हृदय के आंतरिक भाग की सूजन में लाभ होता है।

2. पीले फूलों वाली हुरहुर : पीले फूलों वाली हुरहुर को पीसकर हृदय के स्थान पर ऊपर से लेप करने से आंतरिक हृदय की सूजन में लाभ होता है।

3. अजमोद : अजमोद की जड़ 4 ग्राम रोजाना सुबह पीसकर पिलाने से पेशाब की मात्रा बढ़ जाती है और आंतरिक हृदय की सूजन और पूरे शरीर की सूजन दूर होती है।

4. पुनर्नवा : पुनर्नवा के पत्ते का रस सुबह-शाम 10 से 20 मिलीलीटर सेवन करने से आंतरिक और बाहरी दोनों प्रकार की सूजन में लाभकारी है।

5. मकोय : मकोय के पत्ते का रस 10 से 20 मिलीलीटर सुबह-शाम सेवन करने से सभी तरह की यानी आंतरिक एवं बाहरी सूजन में लाभ मिलता है।

6. तगर : तगर का फांट (काढ़ा) या घोल बनाकर देने से यह हृदय की शक्ति और नाड़ी की शक्ति को बढ़ाती है। ज्यादा मात्रा में यह नुकसानदायक होता है। तगर को थोड़ी मात्रा में देने से यह रक्तसंचरण की क्रिया को उत्तेजना देती है।

(अस्वीकरण : दवा, उपाय व नुस्खों को वैद्यकीय सलाहनुसार उपयोग करें)

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