Last Updated on April 4, 2021 by admin
हम अपने जीवन के कार्य में इतने अधिक व्यस्त रहते हैं कि हमारी चाहत तो स्वस्थ रहने की होती रहती है, लेकिन हम स्वस्थ रहने की कीमत चुकाना नहीं चाहते। अर्थात स्वस्थ रहने के लिए जो आहार, विहार, व्यायाम की ज़रूरत होती है, उस पर ध्यान नहीं देते। स्वस्थ रहने के लिए हमें केवल कुछ मुलभूत नियमों का पालन करना आवश्यक है।
यदि आप अपने जीवन का अधिकतर समय स्वास्थ्य संबंधी चिंताओं में व्यतीत नहीं करना चाहते तो आपको अपने शरीर का ध्यान रखना होगा। यह न सोचें कि शरीर बिना ध्यान रखे ही स्वस्थ रह सकता है। आपको स्वास्थ्य का सकारात्मक दृष्टिकोण अपनाकर ध्यान रखना होगा। सही जीवनशैली अपनानी होगी। आपके लिए कुछ सुझाव दिए जा रहे हैं जिनका पालन करके आप सुखी, स्वस्थ, दीर्घ जीवन बिता सकते हैं।
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हृदय को स्वस्थ रखने के उपाय (Healthy Heart Tips in Hindi)
पहला सूत्र : पर्याप्त जल पिएँ
क्या आप जानते हैं कि हमारे शरीर का 60% हिस्सा जल से बना है? शरीर के कार्यकलापों के लिए जल आवश्यक है। यह शरीर से अपशिष्ट पदार्थ बाहर निकालता है। ऑक्सीजन और पोषक तत्त्वों का परिवहन करता है। जल के बिना शरीर के अंदर गतिविधियाँ संपन्न नहीं हो सकतीं। पर्याप्त जल पीने से वज़न क़ाबू में रह सकता है। हर दिन 8 से 10 गिलास जल अवश्य पिएँ।
दूसरा सूत्र है : पर्याप्त नींद लें
यदि आप पर्याप्त आराम नहीं करते तो आप अतिरिक्त भोजन करके उसकी खानापूरी करने लगते हैं। स्वास्थ्य का ध्यान रखने के बजाए दवाइयाँ खाते हैं। कम नींद लेने से आप असमय बूढ़े दिखाई देते हैं। नींद की कमी से आपकी सुंदरता में कमी हो, यह कोई नहीं चाहता। अतः पर्याप्त नींद लें।
तीसरा सूत्र है : व्यायाम
गति ही जीवन है यह न भूलें। शोधों से पता चलता है कि व्यायाम से दीर्घायु प्राप्त हो सकती है। मधुमेह और अस्थिरोग का खतरा कम हो जाता है। वज़न क़ाबू में रहता है। ऐसा व्यायाम चुनें, जो आपको पसंद हो और उसे मज़ेदार बनाने के लिए बदलाव करते रहें।
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चौथा सूत्र है : फलों का सेवन करें
फलों में विटामिन और लवण पाए जाते हैं। विटामिन सी की गोलियाँ खाने से संतरे कहीं बेहतर हैं, तो दवाइयों से दूर रहें और स्वास्थ्यवर्धक पदार्थ खाएँ। तरबूज़, स्ट्रॉबेरी, सेब, अमरूद और पपीता स्वास्थ्य के लिए बहुत लाभदायक हैं।
पाँचवा सूत्र है : स्वास्थ्यवर्धक वनस्पतियों का प्रयोग करें
हमारे रसोईघर में ऐसे कई मसाले और जड़ी बूटियाँ हैं, जो स्वास्थ्यवर्धक हैं। वे रोगों को दूर भगाकर प्रतिरोध क्षमता में वृद्धि करते हैं। हल्दी, लौंग, लहसुन, अदरक और दालचीनी को अपने भोजन में शामिल करें और स्वस्थ रहें।
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छठा सूत्र है : प्रक्रियाकृत भोजन से दूर रहें
हमारी व्यस्तता हमें तैयार भोजन की ओर आकर्षित करती है। यह स्वास्थ्य के लिए घातक है। इनमें पोषक तत्त्व नहीं होते। परिरक्षक रासायनिक पदार्थ तो और भी हानिकारक होते हैं। प्रक्रियाकृत भोजन में नमक की मात्रा अधिक होती है, जिससे रक्तचाप बढ़ सकता है। हृदय रोग हो सकता है।
सातवाँ सूत्र है : कम मात्रा में भोजन लें
दो बार भरपेट खाने की अपेक्षा, थोड़ी मात्रा में 3-4 बार खाएँ। काम के समय मिठाई और बिस्किट की जगह मेवे और फलों का रस लिया जा सकता है।
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हृदय विकार से बचने के लिए आहार (Heart-Healthy Diet Tips in Hindi)
- लहसुन एलिसिन नामक एक तत्त्व (यौगिक) को निकालता है, जो हमारी धमनियों को लचीला बनाए रखने में मदद करता है और रक्त के प्रवाह को बेहतर बनाता है। इसीलिए लहसुन को हृदय में अवरोध (ब्लॉकेज) के लिए सबसे अच्छा उपाय माना जाता है।
- भोजन से पहले एक चम्मच सेब के सिरका को एक गिलास पानी के साथ पिएँ या जब दिल में दर्द महसूस हो तो यह राहत पाने के लिए एक घरेलू उपाय है।
- अनार हृदय रोगों को रोकने में बहुत फायदेमंद होता है। यह विटामिन सी से भरपूर होता है। जमी हुई धमनियों और हृदय रोग का एक मुख्य कारण विटामिन सी की कमी है। यह पोलीफेनॉल्स से भरपूर होता है, जो इसे एंटीऑक्सीडेंट और एंटी-इनफ्लमेटरी गुणों से भरपूर बनाता है, यह रक्तचाप को कम करने में मदद करता है।
- ब्रोकोली हृदय को स्वस्थ बनाए रखने के लिए फायदेमंद है । जिसमें कैल्शियम की मात्रा बहुत होती है। डेयरी पदार्थों में केवल दूध में ही कैल्शियम होता है ऐसा नहीं है। वास्तव में, बहुत सारे डेयरी उत्पादनों के अलावा कुछ खाद्यपदार्थ ऐसे हैं, जो कैल्शियम से भरपूर होते हैं, जैसे कि केल (एक प्रकार की पत्तेदार सब्ज़ी), अंजीर, बीन्स और भिंडी। एक कप ब्रोकोली से आपको 90 मिलीग्राम कैल्शियम मिलती है।
- शतावरी आपकी धमनियों को साफ करने के लिए सबसे अच्छे खाद्यपदार्थों में से एक है। यह नसों
- और धमनियों के भीतर काम करके सूजन को कम करती है। शतावरी शरीर में ग्लूटाथिओन के उत्पादन को बढ़ाती है, जो एक एंटीऑक्सिडेंट है एवं सूजन को कम करती है और ऑक्सीकरण के होनेवाले नुकसान को रोकती है जो जमी हुई या अवरुद्ध धमनियों का कारण बन सकती है। इसमें अल्फा-लिनोलेनिक एसिड और फोलिक एसिड भी होते हैं, जो धमनियों को सख्त होने से रोकते हैं।
सर्वांगिण स्वास्थ्य रक्षा हमारे दिल, दिमाग से ही आरंभ होती है। यदि आप स्वास्थ्यवर्धक जीवनशैली अपनाने का निश्चय कर लें तो आपको स्वस्थ और मस्त होने से कोई नहीं रोक सकता। दवाइयों की अपेक्षा स्वास्थ्य रक्षा बेहतर है। स्वास्थ्य की संपूर्ण रक्षा को चुनें, जिससे आप अपने आपमें शारीरिक, मानसिक.भावनात्मक बदलाव पाएंगे।
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