Last Updated on December 29, 2022 by admin
पूयरक्तता (खून में मवाद आना) रोग क्या है ? :
खून में पीव (मवाद) आना एक प्रकार की रक्तविषाक्तता है जो रक्त में पस बनाने वाले जीवों की उपस्थिति से उत्पन्न होता है। सामान्यतः यह स्टेफाइलो कोक्कस नामक बैक्टीरिया के काऱण उत्पन्न होता है। इस रोग में ठंड, ताप और कम्प के साथ फोड़ा और फोड़े में पीप भर जाता है तो इसका जहर फैलकर फेफड़ों, हृदय या पेट तक पहुंच जाने से न्युमोनिया, प्लुरिसी, पेरीकाडाइटिस आदि लक्षण प्रकट होने लगते हैं। इस स्थिति में रोग असाध्य हो जाता है और सही उपचार न मिलने पर रोगी की मृत्यु भी हो सकती है।
पूयरक्तता (खून में मवाद आना) का इलाज :
1. गुरुच :
- 7 से 11 मिलीलीटर गुरुच का रस शहद के साथ मिलाकर खाने से खून में पीव का आना बंद हो जाता है।
- 7 से 11 मिलीलीटर गुरुच का रस, कड़वी नीम के रस अथवा चूर्ण के साथ या हरिप्राशदिर एवं आंवला के साथ मिलाकर प्रतिदन 2 से 3 बार लेने से खून में पीव का आना बंद हो जाता है।
2. तुम्बरू: आधा ग्राम तुम्बरू (तेजफल) का चूर्ण सुबह-शाम सेवन करने खून में पीव के रोग में लाभ होता है।
3. हल्दी: खून में पीव को रोकने के लिये 2 से 4 ग्राम हल्दी में मिश्री में मिलाकर सेवन करने से खून की कमी दूर होती है।
4. लोध्र: लगभग 1 ग्राम लोध्र का चूर्ण मिश्री के साथ प्रतिदिन 2 से 3 बार सेवन करने से खून में पीव का बनना बंद हो जाता है।
5. मदार: आधा ग्राम मदार की जड़ की छाल सुबह-शाम सेवन करने से खून शुद्ध हो जाता है।
6. अन्तमूल (जंगली पिकवन): एक चौथाई ग्राम अन्तमूल रोजाना सुबह-शाम सेवन करने से खून शुद्धि (साफ) हो जाता है।
7. गुग्गुल: आधा से एक ग्राम गुग्गुल रोज सुबह-शाम गुड़ के साथ खाने से खून में पीव का बनना बंद हो जाता है और खून साफ हो जाता है।
8. हंसराज: आधा ग्राम हंसराज या हंसपदी के पंचांग (जड़, तना, पत्ती, फल, फूल) को शहद के साथ उपयोग में लाने से शरीर में खून की शुद्धि होकर शरीर में साफ खून प्रवाहित होने लगता है।
9. फिटकरी: लगभग आधा ग्राम फिटकरी मिश्री या शर्बत के साथ मिलाकर सेवन करने से खून में पीव की मात्रा कम हो करके खून साफ होता है।
10. हल्दी: जो मां अपने छोटे बच्चे को दूध पिलाती है उन्हें हल्दी का सेवन करना चाहिए क्योंकि इससे दूध व खून की बीमारियां खत्म हो जाती हैं।
(अस्वीकरण : दवा, उपाय व नुस्खों को वैद्यकीय सलाहनुसार उपयोग करें)