मुंहासे के कारण, लक्षण, इलाज, नुस्खे, दवा और घरेलू उपाय – Home Remedies for Pimples in Hindi

Last Updated on January 10, 2023 by admin

युवावस्था तक पहुंचते ही शरीर में कई परिवर्तन होकर हार्मोन्स में भी बदल होने लगते है । मुंहासे विशेषत: 12 से 24 वर्ष की आयु में होनेवाली व्याधि है । जो चेहरे, छाती, पीठ पर निकल आते है। युवावस्था में त्वचा की तैलीय ग्रंथियां विशेष रूप से सक्रिय रहती है और हार्मोन्स में भी परिवर्तन होते है। त्वचा के रोमछिद्र अतिरिक्त तेल की वजह से अवरुद्ध हो जाते है और वहां का त्याज्य पदार्थ वहीं जमा रह जाता है और बैक्टेरियल इन्फेक्शनस आदि के कारण मुंहासे निकल आते है।

मुंहासे क्या है ? (What is Pimples in Hindi)

muhase kya hote hain –

आयुर्वेद में मुहांसों को यौवन पीड़िका अथवा तारुण्य पीड़िका कहा गया है। आयुर्वेद के अनुसार त्रिदोष असंतुलन ही प्रत्येक व्याधि का मुख्य कारण है। कफ के दूषित हो जाने के कारण त्वचा के रोमकूपों में अवरोध होकर त्याज्य पदार्थ वहीं अटका रहकर दाद, खाज, खुजली आदि लक्षण उत्पन्न करते हैं।

रक्त और पित्त दूषित होकर त्वचा में खुरदरापन, लालिमा, गर्मी, रक्तस्राव, फोड़े फुंसी कर देते है और वात दोष के दूषित होने पर त्वचा में रुखापन कालिमा, आदि उत्पन्न करते है। इसलिए रोग के लक्षणों का उचित अवलोकन व निदान करके दोष का उचित उपचार करें व पंचकर्म चिकित्सा द्वारा दोषों का समूल नाश करने से ही मुंहासों से छुटकारा पाया जा सकता है। यह मुंहासे विशेषकर उसी उम्र में निकल आते है जब युवा अपने चेहरे के सौंदर्य के प्रति बहुत सतर्क होते है।

मुंहासे क्यों होते है ? इसके कारण (Causes of Pimples in Hindi)

muhase hone ke karan –

  • ज्यादा स्टार्च युक्त अथवा तैलीय पदार्थों का अधिक मात्रा में सेवन,
  • खाने पीने की अनियमितता,
  • पानी कम पीना,
  • अनुवांशिकता,
  • पोषणाभाव,
  • असंयुक्त सौंदर्य प्रसाधनों का प्रयोग,
  • स्टीराइडस का प्रयोग,
  • हार्मोन्स का असंतुलन,
  • कोष्ठबद्धता,
  • शारीरिक श्रम का अभाव,
  • त्वचा की उपयुक्त सफाई न करना,
  • चिंता,
  • अपर्याप्त निद्रा,
  • मद्यपान,
  • तंबाखु सेवन,
  • अतिरिक्त मात्रा में चाय/कॉफी का सेवन।

मुंहासे बढ़ने की विशेष अवस्था

युवावस्था, गलत सौंदर्य प्रसाधनों का प्रयोग, गलत साबुन, फेसवाश का प्रयोग जिससे त्वचा की उचित सफाई नहीं हो पाती, चिंता, स्ट्रेस की अवस्था व दूषित वातावरण में रहना।

मुंहासों से छुटकारा पाने के देशी नुस्खे और उपाय (Home Remedies for Pimples in Hindi)

muhase se chutkara kaise paye –

1). नीबू (lemon benefits for pimples in hindi) – मुंहासों को ठीक करने के लिए शरीर का शोधन और कब्ज की समस्या दूर करना जरुरी है। नित्य सबेरे एक गिलास पानी में एक नीबू का रस मिलाकर पीने से मलावरोध (कब्जियत) नहीं होता और मुंहासे भी नहीं निकलते।

2). शहतूत (uses of mulberry for pimples in hindi) – शहतूत की छाल को दूध में घिसकर मुंहासों पर लगाने से मुंहासे मुहसें शिघ्र ही नष्ट हो जाते हैं।

3). पानी की भाप (water vapor benefits for acne in hindi) – मुंहासों को फोड़कर नष्ट करने की जगह पानी की भाप से चेहरे को साफ करें, कुछ ही दिनों में मुंहासे दूर हो जायेंगे।

4). गुलाबजल (rose water benefits for in hindi) – समान मात्रा में नीबू का रस + गुलाबजल लेकर मिला लें अब इसे अच्छी तरह मुह पर लगायें। तीस मिनट बाद मुह को सादे पानी से धो लें। कुछ ही दिनों के प्रयोग से मुंहासे नष्ट हो जायेंगे।

5). जायफल (nutmeg face mask for in hindi) – जायफल को गाय के दूध में घिसकर लेप बना लें, इस लेप को चेहरे पर लगाकर कुछ देर सूखने दें। कुछ देर बाद अच्छी तरह रगड़कर लेप को छुड़ाकर गुनगुने पानी से मुंह धो लें। नित्य दिन में दो बार इस प्रयोग को करें। कुछ ही दिनों में मुंहासे व उनके चिह्न मिट जायेंगे और चेहरा खिल उठेगा।

6). जैतून (olive oil benefits for in hindi) – जैतून का तेल चेहरे पर प्रतिदिन लगाने से मुंहासों के चिह्न मिट जायेंगे, लेकिन इस प्रयोग से रंगत में कुछ सांवलापान अवश्य आ जाएगा ।

7). नीम (neem for acne and pimples in hindi) – नीम की छाल के अंदुरिणी भाग को पानी में घिसकर लगाने से मुंहासे दूर हो जाते हैं।

8). नीबू (lemon for acne and pimples in hindi) – चेहरे पर नीबू के छिलकों को धीरे-धीरे रगड़कर गुनगुने पानी से चेहरा धो लें । कुछ दिनों के प्रयोग से मुंहासे दूर हो जाते हैं।

9). शहद (honey for pimples in hindi) – सिरका + शहद + सेंधा नमक को मिलाकर लगाने से मुंहासे बहुत जल्दी दूर हो जाते हैं।

10). जामुन (Jamun benefits for pimples in hindi) – जामुन की गुठली के अंदुरिणी कोमल भाग को पानी के साथ घिसकर मुंहासों पर लगाने से मुंहासे दूर हो जाते हैं।

11). चन्दन (sandal face pack for pimples in hindi) – सफ़ेद चन्दन और भुना हुआ सुहागा लेकर पानी के साथ इसे खूब बारीक पीस लें। इस लेप को मुह पर लगाने से चेहरे के दाग-धब्बे, झाइयां और मुंहासे नष्ट हो जाते हैं।

कील और मुंहासों से छुटकारा पाने के लाभकारी लेप ( Face Pack for Pimples in Hindi)

chehre par kil muhase hone par kya lagaye –

  1. एक चम्मच दालचीनी पावडर और 1 चम्मच नींबु का रस लेकर स्थानिक लेप करें।
  2. दालचीनी पावडर शहद में मिलाकर पेस्ट तैयार करके, सोने से पहले चेहरे पर लेप करें और सुबह चेहरा धो लें।
  3. संतरे के छिलके को मिक्सर में पेस्ट बनाकर लेप करने से मुंहासे में राहत मिलती है।
  4. चेहरे के काले दाग को दूर करने के लिए 1 भाग नींबू का रस और 1 भाग मुंगफली तेल मिलाकर चेहरे पर लगाएं।
  5. उबले हुए दूध में नींबु का रस मिलाकर लगाने से त्वचा का फटना, काला पड़ना और मुंहासे दूर होते है।
  6. 1 भाग गुलाबजल, 1 भाग नींबू का रस चेहरे पर लगाए और 20-30 मिनिट तक रहने दें और कुनकुने पानी से चेहरा साफ कर लें।
  7. आलू के छोटे छोटे टुकड़े कर उसका पेस्ट बनाकर मुंहासे पर लगाए, इससे फोड़े फुसी, सफेद व काले दाग व अन्य प्रकार के त्वचा विकारों में सहायता मिलती है।
  8. नींबु का रस को सहिंजन की फल्ली और पत्तो के साथ मिलाकर मुंहासों पर पेस्ट करें।
  9. मुली के बीज पानी के साथ लेप करने से कालेदाग में फायदा होता है।
  10. पुदीने का रस मुंहासें में अच्छा कार्यकारी है। स्केबिस, जंतुओं का डसना, त्वचा विकार और एक्जिमा में भी लाभकारी होते है।
  11. रात में चेहरे पर मेथी की पत्तियों का पेस्ट लगाएं और सुबह धो ले, इससे मुंहासे नहीं होंगे।
  12. कच्चे पपीते के रस का लेप करे।
  13. ताजी पुदीने की पत्ती का रस, 2-3 तुलसी की पत्तियों को 15-20 मिनट के लिए पानी में उबालें। उसके क्वाथ को ठंडा करके चेहरे पर लगाने से मुहांसों से जल्दी छुटकारा मिलता है।
  14. जायफल पावडर, कच्चे दूध के साथ 2 घंटे लेप करें।
  15. ऐलोवेरा की पत्तियों का गुदा मुंहासे के लिए बहुत अच्छा प्राकृतिक सौंदर्य प्रसाधन है। ( और पढ़े – खून की खराबी दूर करने के 12 आयुर्वेदिक उपाय )

मुंहासों से छुटकारा पाने का आयुर्वेदिक इलाज (Pimples Ayurvedic Treatment in Hindi)

muhase ka ayurvedic ilaj –

  • शालमली लोध्र, कुष्ठ, मंजिष्ठा, हल्दी, वचा, चंदन, सारिवा के काढे का उपयोग 30 ml दिन में 2 बार करने से अच्छे परिणाम मिलते है।
  • नीम व गुडूची के बाहय व आभ्यान्तर प्रयोग करना चाहिए।
  • सारिवाद्यासव, मंजिष्ठाक्वाथ, गंधक रसायन आदि के बेहतर परिणाम मिलते है।
  • सारिवा, अनंतमूल, गुडूची और मंजिष्ठा का आभ्यांतर प्रयोग करना चाहिए।

मुंहासों में इन आभ्यान्तर औषधियों के प्रयोग से त्रिदोष संतुलन में मदद होती है और दुषित रक्त शुद्ध होकर त्वचा में निखार आता है। इससे त्वचा को पोषण प्राप्त होकर उसकी रोगक्षमता बढ़ जाती है। इससे त्वचा में तैलीय ग्रंथियों की अतिरिक्त सक्रियता कम होकर त्वचा के तैल संतुलन को बनाए रखते है।

मुंहासों के लिए पंचकर्म उपचार के फायदे (Panchakarma Treatment For Pimples in Hindi)

  1. मुंहासे या किसी भी प्रकार के त्वचा विकार के लिए रक्तमोक्षण वरदान है, इसमें अशुद्ध रक्त शरीर से बाहर निकल जाता है जो कि रोग का मूल कारण है और सुक्ष्म रक्त संचरण में सुधार होकर रोग दूर होता है।
  2. रोग की अवस्था और प्रकृति के आधार पर रुग्ण को जुलाब की दवाई देना चाहिए जिससे शरीर में पित्तदोष का संतुलन बना रहता है।
  3. रोगी के रोग और प्रकृति के अनुसार यथायोग्य वामक दवाइयों (उल्टी लानेवाली) का प्रयोग करना चाहिए।
  4. पुराने मुंहासों में नस्य (नाक में दवाई डालना) का प्रयोग करना चाहिए।

इस प्रकार पंचकर्म प्रक्रिया द्वारा शरीर की संपूर्ण रुप से शुद्धि होकर त्रिदोष अपने आप संतुलित हो जाते है और मुंहासों सहित सभी त्वचा विकार दूर होकर मुरझायी हुई निस्तेज त्वचा को पुनौवन प्रदान किया जा सकता

कील-मुहांसों में क्या खाएं क्या नहीं (Kil Muhase hone par Kya Khaye Kya Nahi)

खाने योग्य (पथ्य)

  • पीने के लिए सादे या गर्म पानी का प्रयोग करना चाहिए।
  • कच्ची सब्जियों अथवा फलों का अधिकधिक मात्रा में प्रयोग करना चाहिए जैसे सलाद, अंकुरित धान्य, साबुत धान्य विशेषतः ज्वार, बाजरी, ब्राउन राइस आदि।
  • बार बार चेहरे को सादे पानी से धोकर साफ तौलिये से पोंछना चाहिए।
  • संतुलित आहार जिसमें फल व सब्जियां भरपूर मात्रा में हो उनका प्रयोग अधिकाधिक मात्रा में करें।
  • आप यदि कोई अन्य दवाई भी ले रहे हो तो अपने डॉक्टर को इसकी जानकारी अवश्य दें।
  • औषधियों के बारे में कोई भी संदेह होने पर अपने डॉक्टर को इसकी विस्तृत जानकारी अवश्य दें।
  • त्वचा को सदा युवा बनाए रखने के लिए उपाय एलोवेरा, आंवला जूस 30 ml रोज नाश्ते से पहले लें।
  • रोज सुबह खाली पेट 50 ml नीम का रस लें।
  • रोज 15-30 ml तक सारिवादि कषायम् का प्रयोग दिन में 2 बार करें।
  • रोज 5-10 gm त्रिफला चूर्ण का प्रयोग, रक्त को शुद्ध करने में मदद करता है।
  • दूध के साथ यष्टीमधु चूर्ण का लेप चेहरे के कालेपन को दूर करने में मदद करता है।
  • दुध के साथ जायफल का चूर्ण मुंहासों को दूर करने में मदद करता है।

इनसे परहेज करें (अपथ्य)

  • मंहासों को हाथ से छुएं अथवा छेडें नही और खुरेदने की कोशिश भी नहीं करें।
  • अचानक अपनी मर्जी से डॉक्टर को बिना बताए दवाइयों का प्रयोग बंद नही करें।
  • बहुत ही तीव्र रसायनयुक्त साबुन अथवा बॉडी लोशन का प्रयोग नहीं करें।
  • तैलीय सौंदर्य प्रसाधनों का प्रयोग नहीं करें।
  • स्टार्च युक्त, प्रोटीन युक्त और तैलीय खाद्य पदार्थो का प्रयोग कम से कम करें।
  • मांसाहार, शक्कर, चाय, कॉफी, अचार, रिफाइन्ड फुड का प्रयोग बंद करे।
  • अम्लीय फल, केला ड्रायफ्रुट, डिब्बा बंद आहार का प्रयोग कम से कम करे।
  • स्वयं को सॉफ्ट ड्रिंक्स, कैंडी आइसक्रीम और मैदे से बने पदार्थो के प्रयोग से रोंके।
  • मलबद्धता (कब्ज) को दूर करने का उपाय करना चाहीए।

(अस्वीकरण : दवा ,उपाय व नुस्खों को वैद्यकीय सलाहनुसार उपयोग करें)

Leave a Comment

Share to...