Last Updated on November 10, 2020 by admin
सूर्यनमस्कार एक संपूर्ण व्यायाम समझा जाता है, जिसके अंतर्गत आसन की 12 क्रियाएँ होती है जो शरीर को आवश्यक सभी व्यायामों की पूर्ति करती हैं। प्रतिदिन केवल 12 सूर्य नमस्कार करना काफी होता है, किंतु कोई यदि किसी कारणवश शारीरिक असमर्थता की वजह से इसे ना कर पाए तो वह इसके लाभ से वंचित रह सकता है। शारीरिक असमर्थता यानी घुटनों का, जोड़ों का, संधियों का आर्थराइटिस, कमर, गरदन का स्पाँडिलायटिस या बुढ़ापा।
( और पढ़े – सूर्य नमस्कार के चमत्कारिक लाभ )
कमर व जोड़ों में दर्द हो तो यह करें
संधियों व जोड़ों के दर्द की अवस्था में कुर्सी पर बैठकर सूर्य नमस्कार कर सकते हैं और उसका पूर्ण लाभ प्राप्त कर सकते हैं। इससे सारी क्रियाएँ सामान्य सूर्य नमस्कार की तरह होती हैं, बस कहीं-कहीं बैठकर करने के कारण बदलाव होते हैं। हम इसकी पद्धति की जानकारी लेते हैं।
चेयर सूर्यनमस्कार की विधि (Chair Surya Namaskar Steps in Hindi)
- सर्वप्रथम कुर्सी पर बैठ जाएँ। अपने हाथों की नमस्कार मुद्रा करें। फिर पीछे की तरफ अपने हाथों को उठा दें।
- नीचे आते हुए अपने हाथों की ऊँगलियों को पैरों के पंजों के पास जमा दें।
- वापस उठते हुए अपने दाएँ पैर को मोड़कर गरदन पीछे की ओर करें। ध्यान रहे कि ज़्यादा तनाव न दें।
- दाएँ घुटने को सीने में दबाते हुए नाक को घुटने से स्पर्श कराएँ और उसी अवस्था में रहें।
- दाएँ पैर को ज़मीन पर फिर से लाते हुए हाथों को उठाते हुए पीछे की ओर तानें।
- अपने हाथों को वापस ज़मीन की ओर लाते हुए पैरों के पास और सिर को घुटने से टिका दें।
- सीधे होकर बाएँ पैर को मोड़कर गरदन को पीछे की ओर करें और अपने तनाव को बनाए रखें।
- सिर को घुटने पर टिकाएँ और घुटने को सीने में दबाने का अभ्यास करें और इस अवस्था को बनाए रखें।
- पैर को सीधा करें और हाथों को पीछे की ओर करें।
- हाथों को पुनः नीचे लाकर पंजों के पास और सिर को घुटने पर टिका दें।
- पुनः उठकर हाथों को पीछे की तरफ करें और गरदन भी करें। लेकिन ध्यान रहे कि किसी भी स्थिति में दबाव न आए।
- नमस्कार स्थिति में आएँ।
इस तरह कुर्सी पर बैठकर सूर्य नमस्कार के पूरे लाभ ले सकते हैं।