Last Updated on July 24, 2020 by admin
क्या करें कि हम भी शतायु हो सकें ? गर्व से कह सकें कि हमारी आयु सौ साल की है। प्रत्येक मनुष्य दीर्घ आयु की कामना करता है, उसे प्राप्त करने के लिए अनेक यत्न भी करता है। ऐसे ही अनगिनत यत्नों पर आधारित सर्वेक्षण से प्राप्त जानकारी के अनुसार निम्नलिखित उपाय अपनाकर दीर्घायु प्राप्त की जा सकती है। आइये जाने लंबी उम्र कैसे जिए –
जानिए लंबी उम्र जीने के कुछ खास उपाय :
lambi umar jeene ke liye kya kare
- नित्य प्रभु स्तवन करके ही अपना दैनिक कार्य प्रारंभ करें।
- नित्य अनिवार्यत: सूर्योदय पूर्व शय्या त्याग करें तथा रात्रि में तांबे के लोटे में पानी भरकर प्रात:काल सेवन करें।
- स्वच्छता का हमेशा ध्यान रखें। स्वच्छ वायु, स्वच्छ भोजन, स्वच्छ कपड़े, स्वच्छ शरीर, स्वच्छ वातावरण बनाए रखें।
- घर में स्वच्छ वायु आने का प्रबंध होना चाहिए, बंद कमरे में न सोएं।
- शरीर के अवयवों की नियमित सफाई करें। मल दो बार उत्सर्जित करें। दांत सुबह व रात्रि में साफ करना न भूलें। सप्ताह में एक बार उपवास करने से पेट की सफाई होती है।
- लंबी व स्वाभाविक श्वास लें। यदि आप खर्राट भी लेते हों तो लीजिए। शर्म न करें।
- नाक श्वास लेने के लिए है। उसी से सांस लें। मुंह से नहीं, यानि जो अंग जिस कार्य के लिए उपयोगी है, उससे वही कार्य कीजिए।
- हर अंग को अपना नियत कार्य करने दें। दांतों से भोजन खूब चबाएं।
- नियमित व्यायाम एवं प्रात: भ्रमण के लिए समय अवश्य देवें। चलते वक्त सीधे रहें। बैठते समय तनकर बैठें, अनावश्यक झुकाव न दें।
- स्वाद से बचें। चटपटी चीजें न खाएं। मिर्च-मसाले कम खाएं, जहरीले पदार्थ, दवाइयों आदि से दूरी बनाएं।
- क्षमता के अनुसार कार्य कीजिए, थक जाएं तो रुकिए,थकान दूर कीजिए, फिर काम करना शुरू कीजिये । क्षमतानुसार ही जागें। शयन निश्चित समय पर ही करने का प्रयास करें।
- अपना हर कार्य स्वाभाविक रूप से कीजिए। मेहमान या विशिष्ट व्यक्ति के आगमन पर कृत्रिम शिष्टता के बोझ से न दबें । अपनी स्वाभाविक मुद्रा में रहें।
- भावनाओं का दमन न करें। प्रथम तो क्रोध करें ही नहीं, शांत रहें। जब क्रोध आ ही जाए तो ठंडे जल का सेवन करें । इससे क्रोध समाप्त हो जाएगा । शरीर पर व्यर्थ बोझ, मानसिक तनाव और दबाव नहीं रहेगा।
जो व्यक्ति खानपान पर विशेष ध्यान रखता है वही दीर्घ आयु प्राप्त कर सकता है। आजकल प्राय: लोग घर में बने भोजन की अपेक्षा बाहर खाना ज्यादा पसंद करते हैं। बाहर का खाना शुद्ध तो होता ही नहीं है, इसके अलावा भोजन तैयार करने वाला, परोसने वालों की शारीरिक व मानसिक स्थिति, अस्वच्छ स्थान आदि से भी भोजन प्रभावित होता है। इसलिए कहा भी है-‘जैसा खावे अन्न वैसा होवे मन’।
दीर्घायु के लिए दूसरी महत्वपूर्ण बात यही है कि कभी भी अपने को तनाव ग्रस्त मूड में नही रखें, सदा हंसते-मुस्कराते रहें । बुढ़ापे में जिन्दगी को बोझ नहीं समझें। प्रतिदिन खुलकर हंसे और हास्य व्यंग्य के चुटकुले सुनें और सुनावें । यह तनाव दूर करने का एक आसान व असरदायक तरीका है।
जापानियों के दीर्घायु होने का रहस्य :
Lambi Umar Jeene ka Tarika
जापान में एक जापानी व्यक्ति है, जिसकी आयु 150 साल से ऊपर हो चुकी है। उससे जब उसकी दीर्घायु का रहस्य पूछा गया तो उसने बताया कि –
- मैं कभी उद्वेग ग्रस्त या क्रोधित नहीं होता व न ही ऐसे खयालों को अपने दिमाग में आने देताहूं।
- मैं सिर्फ स्वाद के लिए भोजन नहीं करता, किंतु स्वस्थ बने रहने के लिए सिर्फ पौष्टिक व नियमित आहार ही लेता हूं । अनावश्यक तली हुई वस्तुएं या चर्बी युक्त भोजन नहीं लेता हूं, क्योंकि ऐसा भोजनक्रोध, आलस्यव सिरदर्द को जन्म देता है।
- मैं लंबी सांसें लेता हूं। जो व्यक्ति लंबी सांसें लेते हैं जैसे कि एक मिनट में 10 से 12 सांसें (5 सेकंड में एक सांस) तो उनकी जीवन अवधि बढ़ती है।
एक शांत व स्थिर स्वभाव के व्यक्ति के शरीर से गर्मी की निकासी कम मात्रा में होगी । आत्मविश्वास, खुशमिजाजी का स्वभाव, नियमित आदतें व एक संतुष्ट जीवन, दीर्घायु प्राप्त करने के लिए आवश्यक उपाय हैं। नियमित सुबह-शाम टहलना व संतुलित व अल्प आहार ही लेने से जिन्दगी की अवधि बढ़ती है। प्रतिदिन फलों व दूध का संतुलित सेवन दीर्घायु प्राप्त करनेके लिए अत्यंत लाभप्रद है।