Last Updated on July 22, 2019 by admin
किचन के लिए कुछ उपयोगी टिप्स :Life Hacks Kitchen Tips in Hindi
1-नमक सीलेगा नहीं-बरसात के दिनों में यदि पिसे नमक के साथ थोड़े से चावल भी डाल दिए जाएँ तो नमक सोलेगा नहीं, न ही उसके देले बनेंगे।
2-दही का खटास दूर करना-दही के अधिक खट्टा हो जाने पर उसमें थोड़ा पानी डालकर कुछ देर के लिए किसी कपड़े में बाँधकर लटका देने से उसकी खटास निकल जाएगी।
3-दही को सात दिन तक रखें-दही के पानी को आँच पर सुखाकर उसे सात दिन तक रखा जा सकता है। जब चाहे थोड़ा-थोड़ा लेकर सब्जी में इस्तेमाल करें।
4-चावलों की कीड़ों से रक्षा-कहावत है कि चावल जितना भी पुराना होगा उतना ही बढ़िया होगा, किन्तु जहाँ चावल ज्यादा दिन रखा कि उसमें कीड़े पड़े। इन कीड़ों से चावलों को बचाने के लिए दीवार पर पोतने का थोड़ा-सा सूखा चूना चावलों में डाल दें। फिर चाहे आप चावल कितने दिन भी रखें।
5-डिब्बेवाले भोजन-डिब्बेवाले भोजन को कभी खुला हुआ न रखें। उसके खराब हो जाने का भय है।
6-मक्खन जम जाये तो-जाड़ों में मक्खन जम जाता है। उसे डबलरोटी पर आसानी से लगाने के लिए छुरी को गरम पानी में डुबा-डुबाकर बिना सुखाए उससे मक्खन काट-काटकर लगाएँ। इस प्रकार सख्त मक्खन बड़ी आसानी से लगाया जाता है और खराब बहुत कम होता है।
7-स्वादिष्ट दूध-यदि जले हुए दूध को ठण्डा होने से पहले गुलकंद और चम्मच भर चीनी डाल दी जाए, तो उसका स्वाद बढ़ जाता है।
8-चावल के दाने जुदा-जुदा रहें-उबालते समय चावल के दाने आपस में चिपक जाते हैं। उन्हें अलग-अलग करने के लिए पतीली में नीबू के रस की बूंदें छोड़ें। चावल के सब दाने जुदा-जुदा रहेंगे।
9-खाने के मिलाव की जाँच-यह देखने के लिए कि खाने का मिलाव अच्छी तरह से फेंटा गया है या नहीं उसमें से थोड़ा-सा मिलाव पानी में डालें। यदि वह तैरे तो समझ लें कि ठीक तरह फेंटा गया है।
10-आटा चिमटता हो-यदि गुँधा हुआ गीला आरा चिमटने लग जाए तो थाली की और हाथ को थोड़ा-सा घी लगाकर थोड़ी देर गूंधे।
11-बासी डबलरोटी-यदि डबलरोटी बासी हो जाए तो इसे भाप पर कुछ देर रखें और फालतू नमी सुखाने के लिए ओवन में रखें।
12-पनीर को ताजा रखने के लिए-पनीर को ताजा रखने के लिए उसे गीले कपड़े में लपेट दें और हर दूसरे दिन उसे पलटते रहें ताकि स्निग्ध पदार्थ पनीर के बीच ऊपर से नीचे होता रहे और पनीर में ही रहे।
13-तरी में नमक या मिर्च ज्यादा हो-परसने से पहले खाने में नमक और मसाले का स्वाद चख लें। ज्यादा नमक होने पर तरी में गूंधे हुए आटे का पेड़ा अथवा घी डालें। ज्यादा मिर्च होने पर नीबू का कुछ रस डालें।
14-तरी को ज्यादा सुर्ख रंग देना हो-तरी को ज्यादा सुर्ख रंग देना हो तो ज्यादा पिसी मिर्च डालने के बजाय दो लाल मिर्चों के बीज निकालकर उन्हें आधा घंटे तक आधा प्याला पानी में थोड़ा सिरका डालकर भिगोकर रखें। रंग लाने के लिए मिर्च मलें और तरी में मिला दें।
15-भुरभुरे रस्क--बच्चों के लिए भुरभुरे रस्क बनाने के लिए डबलरोटी में से आधे इंच मोटे टोस्ट काटकर उनके पौन इंच चौड़े टुकड़े बना लें। इन्हें अँगीठी पर टोस्ट सेंकने वाली जाली में सावधानी से सेंक लें।
16-भोजन में विष की जांच-यदि किसी को इस बात का शक हो कि भोजन में किसी ने विष मिला दिया है तो उसे इस प्रकार भोजन की परीक्षा कर लेनी चाहिए भोजन को आग पर डालें। यदि उसके डालने से उसमें नीले रंग की लपट और चटचटाने की आवाज हो तो समझना चाहिए कि भोजन में विष है। उस भोजन के खाने पर जीभ में कड़ापन और जलन भी मालमू होगी।
17-गर्मियों में मक्खन को ताजा रखने का उपाय-अधिक गर्मी के दिनों में मक्खन को ताजा रखने के लिए उसे एक पत्थर के बर्तन में रखकर फिर लकड़ी के एक सन्दूक में बालू भरकर बीच में मक्खन का बर्तन रखकर जिसके गर्दन तक बालू रहे, किसी प्याले से ढक दें और बालू को हर समय खूब गीला रखें। सन्दूक का ढक्कन बन्द कर दें। इस विधि से रखने से मक्खन बहुत दिनों तक नहीं बिगड़ सकता।
18-दाल या भात में उफान-यदि दाल-भात पकाते समय बार-बार उफान आए तो उसमें थोड़ा-सा घी या तेल छोड़ दें। उफान बहुत जल्द बन्द हो जाएगा।
19-चावलों में पर्त न पड़े-चावल पकाने के बर्तन में यदि अन्दर चिकनाई चुपड़ दी जाये तो चावलों में पर्त नहीं पड़ेगी।
20-रोटियाँ सूखें नहीं, मुलायम रहें-जिस बर्तन में रोटियाँ रखी हैं, यदि उस बर्तन के ऊपर भीगा कपड़ा लपेट दिया जाए तो सूख जाने के बजाय उसमें रोटियाँ मुलायम रहती हैं।
21-रसे में लाल रंग देना हो-रसे में लाल रंग देना हो तो मिर्च तेज न डालना चाहें तो कश्मीरी लाल मिर्ची के बीज निकालकर आधा प्याला गुनगुने पानी में भिगो दें। और उसमें मिला दें।
22-खटाई मिले हुए पदार्थ-कढी, दही, रायता और खटाई मिले हुए पदार्थ, जैसे पन्ना आदि, कभी भूलकर भी पीतल, काँसे या ताँबे के बर्तन में न रखें, नहीं तो उनमें विष फैल जायगा और वे खाने योग्य नहीं रहेंगे। ऐसे पदार्थों के लिए हमेशा लकड़ी, काँच, पत्थर, मिट्टी, चीनी, चाँदी और कलई के बर्तनों का उपयोग करना चाहिए।
23-तेल के पकने की पहचान-तेल को आवश्यकता से अधिक मत पकाएँ। ज्यादा पकाने से उसके गुण नष्ट हो जाते हैं। चिकनाहट तो कम ही हो जाती है, स्वाद भी किरकिरा हो जाता है। जब तेल में झाग उठने लगे तो समझिए कि तेल पक गया।
24-दूध के उबाल को रोकने के लिए-
1. खौलते हुए दूध के उबाल को रोकने के लिए उसमें एक चम्मच डाल दें।
2. उबलते हुए खीर अथवा दूध के बर्तन के ऊपर एक भीगे कपड़े को चारों ओर फिराने से दूध का उबाल ठण्डा पड़ जाता है और वह गिरने से बच जाता है।
25-मसालों की रक्षा-मसाले टिन के डिब्बों में न रखें क्योंकि टीन में जंग लग जाता है।
26-चावल बार-बार धोने से-चावल आदि को बार-बार धोने से विटामिन और लवण नष्ट हो जाते हैं।
27-लाल चावल-लाल चावल बनाते समय यदि उनमें एक कंकड़ी फिटकरी डाल दी जाए तो वे सफेद हो जाते हैं।
28-चाशनी बनाते समय-गुड़ अथवा शक्कर की चाशनी बनाते समय एक चम्मच दूध अथवा नीबू का रस डाल देने से मैल ऊपर आ जाता है।
29-खड़े उड़द की दाल-खड़े उड़द की दाल बनाते समय उसमें जरा-सा गुड़ और कड़वा तेल डाल देने से दाल जल्दी गल जाती है।
30-सब्जी में नमक अधिक हो जाए-यदि सब्जी में नमक अधिक हो जाए तो । थोड़े-से आलू उबाल और काटकर मिला दें। नमक ठीक हो जाएगा।
31-चाय में किफायत-चाय में किफायत बरतने के लिए थोड़ी-सी चाय केतली में डालकर उसमें थोड़ा-सा गर्म पानी मिला दें। पानी इतना ही हो कि उसे पत्ती आसानी से सोख लें। तीन मिनट के बाद बरतने पानी से ऊपर तक भर दें।
32-ताजा और नरम डबलरोटी-डबलरोटी को ताजा और नरम रखने के लिए उसके साथ सेव रख दें। इससे डबलरोटी सूखेगी भी नहीं और उसमें सुगन्ध भी पैदा हो जाएगी।
33-नमक अधिक हो तो-दाल या सब्जी में नमक अधिक हो गया हो तो थोड़ीसी चीनी मिला दें।
34-बासी मक्खन की बदबू-बासी मक्खन को थोड़े से सोडियम बाई-कार्बोनेट मिले हुए ठंडे पानी में कुछ देर डुबाए रखने से उसकी बदबू दूर हो जाती है।
35-चाय चायदानी में अधिक देर न रखें-चाय में टेनिन नाम का एक पदार्थ रहता है जो अधिक मात्रा में लिए जाने पर स्वास्थ्य और शरीर के रंग पर बुरा प्रभाव डालता है। इस टेनिन को कम-से-कम मात्रा में लेने के लिए चाय को बहुत देर तक रखा ने रहने दें। प्यालों में उँडेले जाने से पूर्व जो चाय दस-पन्द्रह मिनट तक पड़ी रही हो, वह जायके में चाहे कितनी ही मजेदार लगे, खासतौर पर उस वक्त जब वह चायदानी टीकोजी में सुरक्षित रही हो; किन्तु उसमें टेनिन की मात्रा अधिक हो जाती है। इसलिए सबसे अच्छा तरीका यह है कि आप अपनी चाय उसी वक्त बनाएँ जब आप पीने के लिए बिलकुल तैयार हों। दो-तीन मिनट से अधिक चाय को चायदानी में न रहने दें। लेकिन यदि चाय अधिक हो और एक-एक प्याला लेने के बाद भी बची रहे तो उसे छलनी में से किसी दूसरे बर्तन में छान लें। ऐसा करने से पत्तियाँ चायदानी में ही छूट जाती हैं और फिर चाय चाहे कितनी ही देर रखी रहे, खराब नहीं होती।
36-चाय में अधिक पत्ती गिर जाने पर-चाय के पानी में अचानक पत्ती अधिक गिर गई हो तो फौरन पानी छानकर पत्ती अलग कर दें।
37-दूध में गंध नहीं आयेगी-दूध को गरम करने के बाद जग में डालकर ठण्डे पानी में रख दें, तो उसमें गंध पैदा नहीं होगी।
38-डिब्बे में बंद मटर-डिब्बे में बंद मटर के दानों का स्वाद बिल्कुल ताजे मटर की तरह करने के लिए डिब्बे का पानी निकालकर मटर में एक चाय का चम्मच भरकर नमक, चीनी और कुछ पुदीना डाल दें। फिर उन्हें ढककर ताजे पानी में उबालें। मटर के दानों का स्वाद बिलकुल बदल जाएगा।
39-पनीर हमेशा ताजा रहेगा-सिरके में भीगे हुए कपड़े से प्लास्टिक के थैले पोंछकर उसमें पनीर रखने से वह हमेशा ताजा रहेगा और कभी सूखेगा भी नहीं।
40-पुराने आलू-पुराने आलुओं को उबालते समय पानी में थोड़ा-सा नीबू का रस डाल देने से वे सफेद होने के साथ-साथ खाने में भी स्वादिष्ट हो जाएँगे।
41-चावलों की सुरक्षा-बरसात के दिनों में चावल को खराब होने से बचाने के लिए उनमें अरण्डी का तेल लगाकर रख दें।
42-दालों की सुरक्षा-दालों में नीम के पत्ते रखने से उनके खराब होने का डर नहीं रहता।
43-अचार-मुरब्बे आदि की सुरक्षा-बरसात के दिनों में अचार, मुरब्बे आदि की बरनियों का मुँह केवल ढक्कन से न बन्द करें। ढक्कन के ऊपर एक साफ कपड़ा कसकर, लपेटकर बाँध देना चाहिए। इससे सर्द हवा नहीं घुस पाती है और न ही उसके खराब होने का डर रहता है।
44-सुगंधित चाय-इलायची के छिलके चाय में डाल दें; सुगन्धित हो जाएगी।
45-चावलों में सफेदी-पकते चावलों में आधा नीबू निचोड़ने से उनमें अधिक सफेदी आ जाती है।
46-डबलरोटी आसानी से कटेगी-ताजी डबलरोटी को पानी में भीगी छुरी से काटें । बड़ी आसानी से कटेगी।
47-घी जल जाए तो-यदि घी जल जाए तो उसमें कच्चा आलू डालकर हिलाने से घी साफ हो जाता है।
48-घी की सुरक्षा-घी में पान के टुकड़े डालकर उसे गरम करें और छानकर रखें तो घी बहुत दिनों तक खराब नहीं होता।
असली और नकली की पहचान कैसे करें ? :
1-मक्खन शुद्ध है अथवा उसमें मिलावट है, इसकी जाँच के लिए उसे गर्म करें। शुद्ध होगा तो उसमें शुरू में बहुत झाग उठेंगे।
2-शहद की जाँच के लिए पानी से भरे कटोरे में एक-दो बूंद शहद टपका दें। यदि शहद की बूंदें वैसी ही रहें तो वह शुद्ध होगा। नकली होने पर शहद की बूंदें पानी में पड़ते ही घुल जाएँगी।
3-दूध की जाँच करने के लिए कि शुद्ध है अथवा उसमें पानी मिला हुआ है, थोड़ासा दूध अलग लेकर उसमें शोरे के तेज़ाब की दो-तीन बूंदें डाल दें। यदि मिलावट होगी तो दूध और पानी अलग-अलग हो जाएँगे।
4-यह देखने के लिए कि हींग असली है या नकली, जरा-सा हींग आग में डालें। यदि वह तुरन्त महके तो असली, और देर में महके तो नकली।
5-कुछ स्याही लिये हुए लाल रंग की हींग जीभ पर चरचराए और कड़वी मालूम हो तो असली, नहीं तो नकली। भूरे रंग की हींग नकली होती है।
6-यह जानने के लिए कि केसर असली है या नकली, गन्धक के तेजाब में केसर की दो पत्ती डालें। यदि वे उसमें डालने से काली होकर लाल हो जाएँ तो असली, लेकिन यदि नीली हो जाएँ तो नकली।
आपके मेल पर इस आर्टिकल की PDF भेज दी गई है ~ हरिओम
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