Last Updated on October 2, 2022 by admin
लोहबान (लोबान) क्या है ? : Frankincense in Hindi
लोबान या लोहबान बोसवेलिया पेड़ के गोंद से बनाया जाता है। लोहबान का वृक्ष मध्य पूर्व के शुष्क पहाड़ी क्षेत्रों में पाया जाता है। यह पेड़ अफ्रीका तथा भारत के कुछ हिस्सों मे भी पाया जाता है ।
लोहबान (लोबान) कैसा होता है ? :
- रंग : लोहबान का रंग पीला और भूरा होता है।
- स्वाद : इसका स्वाद कडुवा होता है।
- स्वरूप : लोहबान (लोबान) एक जंगली पेड़ की गोंद हैं, जो मस्तगी के समान होता है।
- स्वभाव : यह गर्म होता है।
- तुलना : लोहबान की तुलना हुब्बुल वतम और मस्तगी से कर सकते हैं।
लोहबान (लोबान) के औषधीय गुण :
- लोहबान मेदा (आमाशय) और धातु (वीर्य) को बहुत ही मजबूत और बलवान बनाता है।
- भूख को खोलता है और वायु को शांत करता है।
- कफ यानी बलगम को छांटता है।
- सर्दी की खांसी में फायदेमंद है।
- इससे कुल्ला और मंजन करने से दांतों का दर्द दूर होता है।
- चोट लगने पर इसकी लकड़ी का चूर्ण लगा देने से खून तुरन्त रुक जाता है।
- यह दाद में भी लाभकारी है।
- इसकी लकड़ी का धुआं करने से कमर और जोड़ों का दर्द दूर होता है।
लोहबान (लोबान) सेवन की मात्रा :
मात्रा : 6 ग्राम।
विभिन्न रोगों में लोहबान (लोबान) के फायदे : Lohban ke Fayd in Hindi
1. खांसी : 60 से 120 मिलीग्राम लोहबान (लोबान) को बादाम और गोंद के साथ सुबह-शाम सेवन करने से कफ बाहर निकल जाता है और खांसी भी ठीक हो जाती है।
2. मूत्ररोग : लोहबान 60 मिलीग्राम से 120 मिलीग्राम की मात्रा में लेकर बादाम और गोंद के साथ सुबह-शाम लेने से पेशाब के रोगों में लाभ होता है।
3. मुर्च्छा (बेहोशी) : लोबान का धुंआ नाक में देने से बेहोशी दूर हो जाती है।
4. फोड़ा : लगभग 5 ग्राम लोबान और 5 ग्राम कपूर को पानी में पीसकर फोड़े पर लेप की तरह लगाने से फोड़ा पक जाता है।
5. सिर का दर्द : लोहबान को वनहल्दी के साथ घिसकर माथे पर लेप करने से सिर का दर्द दूर हो जाता है।
लोहबान (लोबान) के दुष्प्रभाव : Lohban ke Nuksan in Hindi
लोहबान का अधिक मात्रा में उपयोग गरम स्वभाव वालों को नुकसान पहुंचा सकता है।
दोषों को दूर करने वाला: काहू का शीरा, लोहबान में व्याप्त दोषों को नष्ट करता है।
(अस्वीकरण : दवा, उपाय व नुस्खों को वैद्यकीय सलाहनुसार उपयोग करें)