मसूड़ों की सूजन दूर करने के घरेलू उपाय और नुस्खे

मसूड़ों की सूजन या इनसे खून आने की समस्या आजकल कई लोगों में देखने को मिल रही है। इसके कई कारण हो सकते हैं जैसे – मुँह में होने वाला संक्रमण, अधिक गर्म पदार्थ का सेवन, दातों की समुचित सफाई न करना, तम्बाकू का सेवन इत्यादी।

यदि इसका समय पर उपचार न किया जाए तो मसूढ़ों में सूजन होने पर मसूढ़ें कमजोर हो जाने से दांत हिलकर गिरने लगते हैं। कुछ घरेलू उपायों को अपनाकर इस समस्या से छुटकारा पाया जा सकता है ।

मसूड़ों की सूजन दूर करने के घरेलू उपचार (Masudo ki Sujan ka Ilaj)

1). प्याज – यदि मसूड़ों में सूजन आ गई हो तो प्याज और कलौंजी को बराबर-बराबर मिलाकर तब तक मुँह में रखें, जब तक मुँह से लार न गिरने लगे। दाँतों की पीड़ा और मसूड़ों की सूजन दूर हो जाएगी। ( और पढ़े – प्याज खाने के 141 फायदे व चमत्कारिक औषधीय प्रयोग )

2). बबूल – काली मिर्च, अकरकरा, मकोय के पत्ते और बबूल की छाल भार के अनुसार क्रमशः एक, एक, दो और तीन के अनुपात में लेकर कुल भार के छह गुने पानी में आधा रह जाने तक पकाइए। इस काढ़े से कुल्ला करने से भी मसूड़ों की सूजन ठीक हो जाती है। ( और पढ़े – बबूल के दिव्य औषधीय गुण )

3). अनार – दिन में तीन-चार बार अनार के पत्ते चबाकर थूकिए । दाँतों से खून निकलना बंद हो जाएगा।

4). जामुन – जामुन वृक्ष की छाल का काढ़ा बनाकर गरारे करने से मसूढ़ों की सूजन में आराम मिल जाता है तथा हिलते दाँत भी मजबूत बनते हैं।

5). गुग्गुल – पानी में गुग्गुल घोलकर इसे मसूड़ों पर मलने से मसूड़ों की सूजन ठीक हो जाती है।

6). फिटकरी – 20 ग्राम फिटकरी (भूनी हुई) में 10 ग्राम नमक को बारीक पीसकर पॉउडर बना लें। इस पॉउडर को मसूड़ों पर मलने से मसूड़ों की सूजन खत्म हो जाती है। ( और पढ़े – फिटकरी के 33 जबरदस्त फायदे )

7). अतिबला (कंघी) – अतिबला (कंघी) के कोमल पत्तों को उबालकर इस्से कुल्ला करने से मसूड़ों की सूजन दूर हो जाती है ।

8). सुपारी – सुपारी को जलाकर इसका बारीक चूर्ण बना लें । दांतों पर इस चूर्ण को नित्य कुछ दिनों तक मलने से मसूड़ों की सूजन व ढीलापन दूर होता है । ( और पढ़े – सुपारी के फायदे और उपयोग )

9). सेंधानमक – 100 मिलीलीटर पानी में 1-1 ग्राम सेंधानमक और मीठा सोड़ा मिलाकर उबालें । इस हलके गुनगुने पानी से नित्य सुबह-शाम कुल्ला करने से मसूड़ों की सूजन दूर हो जाती है। ( और पढ़े – सेंधा नमक के 12 अनोखे फायदे )

10). कबाबचीनी (शीतलचीनी) – 15-15 ग्राम कबाबचीनी, सुहागा (भुना हुआ) और माजूफल लेकर इसे बारिक कूटकर मंजन बना लें । इस मंजन को मसूड़ों पर मलने से मसूड़ों की सूजन ठीक हो जाती है।

11). अदरक – अदरक के रस में नमक मिलाकर मसूड़ों पर रोजाना सुबह-शाम मलने से मसूड़ों की सूजन नष्ट हो जाती है।

12). हरड़ – 15 ग्राम हरड़, 15 ग्राम बहेड़ा व 15 ग्राम आंवला को बारीक पीसकर रख लें। फिर इसे 1 लीटर पानी में उबालें। 300 मिलीलीटर पानी बच जाने पर 35 से 40 मिलीलीटर पानी से दिन में दो से तीन बार गरारे करने से मसूड़ों की सूजन दूर हो जाती है। ( और पढ़े – गुणकारी हरड़ के 26 अचूक नुस्खे )

13). खदिरादि – खदिरादि के तेल को मुंह में भरकर कुछ देर रखकर कुल्ला करने से मसूड़ों का दर्द व सूजन दूर हो जाती हैं।

14). इरिमेदादि – इरिमेदादि तेल को दिन में दो से तीन बार मसूड़ों पर मलने से मसूड़ों के सभी रोग दूर हो जाते हैं।

15). कालीमिर्च – कालीमिर्च के काढ़े से गरारे करने से मसूड़ों की सूजन नष्ट हो जाती है ।

दांतों के रोग दूर करने के कारगर नुस्खे :

दाँतों की सुरक्षा के कुछ ऐसे भी उपाय हैं, जिनके लिए आपको बाहर से कोई अतिरिक्त प्रयास की जरूरत नहीं है। रोज दिन में एक-दो बार अपने ऊपर-नीचे के सभी दाँतों को तीस-चालीस बार एक-दूसरे से जोर लगाकर भींचिए। इससे दाँत मजबूत होंगे।

शौच जाइए तो मुँह बंद रखिए और दाँतों को आपस में अच्छी तरह भींचकर बैठिए। कई रोगों से बचने में मदद मिलेगी। इनमें से सुविधानुसार कुछ उपाय अपनाइए और दाँतों के स्वास्थ्य के प्रति निश्चिंत रहिए।

1. अमृतधारा – एक चम्मच अमृतधारा और आठ चम्मच तारपीन का तेल मिलाकर शीशी में भर लें। इसे हिलाकर रुई के फाहे से दर्दवाले दाँत पर लगाने से कृमिदंत की वजह से होनेवाली पीड़ा तत्काल शांत हो जाएगी।

2. तिल – जिनके दाँत खट्टे हो जाते हों, उन्हें तिल के तेल में बारीक पिसा हुआ नमक मिलाकर उँगली से दाँतों की मालिश करनी चाहिए। इससे दाँत खट्टा हो जाने की तकलीफ शांत होती है।

3. हींग – घी में तली हुई हींग का टुकड़ा अथवा लौंग के तेल में रुई का फाहा भिगोकर दाढ़ के नीचे रखने से दाढ़ दर्द में आराम मिलता है।

4. विजयसार – विजयसार का गोंद क्षयी दाँतों के गड्ढे में भर देने या दंतमंजन के साथ मिलाकर दाँतों पर मलने से दाँतों का दर्द ठीक हो जाता है।

5. सरसों – दाँतों में पीड़ा होने लगे तो सबसे पहले 20 ग्राम सरसों या तिल का तेल मुँह में भरकर पाँच मिनट तक चलाएँ, फिर थूक दें। इसके उपरांत गुनगुने पानी में हींग मिलाकर कुल्ले करें।

6. कपूर – सफेद कत्था, कपूर, माजूफल और फूली हुई फिटकरी, सभी 10-10 ग्राम तथा सेलखड़ी 120 ग्राम लेकर कपड़छन चूर्ण बनाएँ तथा अच्छी तरह मिलाकर रख लें। इसे दंतमंजन की तरह इस्तेमाल करने पर मसूढ़ों की शिथिलता के कारण दाँतों का हिलना आरोग्य हो जाता है।

7. मौलसिरी – मौलसिरी की छाल या कच्चा फल चबाने, सूखी छाल का महीन चूर्ण करके दंतमंजन करने, मौलसिरी की पतली डाल की दातून करने अथवा छाल का क्वाथ बनाकर उससे कुल्ला करने से लगभग महीने भर में हिलते दाँत दृढ़ हो जाते हैं।

8. सुपारी – यदि मसूढ़ों से रक्तस्राव होता हो तो सुपारी को जलाकर काली राख बनाएँ तथा इसे मंजन के रूप में प्रयोग करें। कुछ ही दिनों में रक्तस्राव बंद हो जाएगा तथा दाँत भी दृढ हो जाएँगे।

9. अकरकरा – अकरकरा का महीन चूर्ण दाँतों पर मलने से दंतशूल में आराम मिलता है।

10. आक (मदार) – खोखले दाँतों में पीड़ा हो तो दाँतों के गड्ढे में आक (मदार) का दूध या दूध का चूर्ण भर देने से कृमि नष्ट हो जाते हैं तथा वेदना शांत हो जाती है।

11. अपामार्ग (चिरचिटा) – अपामार्ग के पत्तों का रस मसूढ़ों पर मलने से दंतशूल समाप्त होता है। इसके अलावा यदि अपामार्ग की दातून प्रयोग में लाई जाए तो दाँतों में खोखलापन नहीं होता।

12. जामुन – जामुन की छाल के क्वाथ से दिन में दो बार कुल्ले करते रहने से मसूढ़ों की सूजन समाप्त हो जाती है तथा दाँत मजबूत हो जाते हैं।

13. नीबू – थोड़े से ठंडे पानी में जरा-सा नीबू का रस डालकर दाँत साफ करने के लिए बड़ा उपयोगी घोल बन जाता है। इससे दाँतों के ऊपर जो पपड़ी-सी जम जाती है, वह उतर जाती है।

रस निकले हुए नीबू को यों ही मत फेंक दीजिए। यह दाँतों को स्वच्छ, सुन्दर, सफेद और चमकदार बनाने के लिए अत्यन्त उपयोगी है। रस निकले हुए नीबू में दो-तीन बूंद शुद्ध सरसों का तेल और रत्ती-भर नमक मिलाकर प्रतिदिन सुबह और रात को सोने से पूर्व दो-चार मिनट दाँतों पर रगड़ने से दाँतों का मटमैलापन दूर हो जाता है और दाँत दूध-जैसे सफेद तथा चमकीले हो जाते हैं। दाँतों के रोगों के लिए भी यह लाभदायक है।

(अस्वीकरण : दवा ,उपाय व नुस्खों को वैद्यकीय सलाहनुसार उपयोग करें)

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