Last Updated on March 5, 2023 by admin
महिलाओं में जब मासिक धर्म का आना अंतिम रूप से समाप्त हो जाता है तब उसे मेनोपॉज या रजोनिवृत्ति कहते है। इसके बाद गर्भधारण की कोई संभावना नहीं रहती है।
रजोनिवृत्ति या मेनोपॉज क्या है ? (What is Menopause in Hindi)
मेनोपॉज कोई बिमारी नहीं है बल्कि यह शरीर की एक सामान्य प्रक्रिया है जिससे होकर एक उम्र के बाद सभी स्त्रियों को गुजरना पड़ता है। मेनोपॉज एक व्यक्तिगत अनुभव है। कुछ स्त्रियों को अपने शरीर और मनःस्थिति में कोई फर्क नजर नहीं आता है, जबकि कुछ स्त्रियों को यह परिवर्तन काफी परेशानी और गड़बड़ी करने वाला लगता है। कुछ स्त्रियों में तो मासिक धर्म बिना किसी समस्या के स्वाभाविक रूप में समाप्त हो जाता है लेकिन ऐसा बहुत ही कम देखने को मिलता है। मेनोपॉज में महिलाएं कई मानसिक और शारीरिक समस्याओं की शिकार होती है।
रजोनिवृत्ति (मेनोपॉज) की उम्र (Menopause Age in Hindi)
रजोनिवृत्ति (मेनोपॉज) 35 वर्ष से 60 वर्ष तक की उम्र में कभी भी हो सकता है। लेकिन ज्यादातर 45 से 50 वर्ष के आसपास मासिक धर्म रूक जाता है। इस पर भी वंशानुक्रम, जलवायु, प्रजाति का प्रभाव पड़ता है। ठंडे प्रदेशों की अपेक्षा गर्म प्रदेशों में रहने वाली महिलाओं में मेनोपॉज अपेक्षाकृत जल्दी होता है।
रजोनिवृत्ति (मेनोपॉज) के कारण (Menopause Causes in Hindi)
प्रत्येक महिला में अण्डाणु एक निश्चित मात्रा में होते है जो अंडाशय या डिम्बग्रंथियों में संरक्षित होते है। प्रोजेस्ट्रोन और एस्ट्रोजन नामक हार्मोन का निर्माण अंडाशय में होता है इन्हीं हार्मोन्स के द्वारा मासिक चक्र और डिम्बोत्सर्जन को नियंत्रित किया जाता है। लेकिन जैसे ही अंडाशय से डिम्ब/अण्डों का निकलना बंद हो जाता है और मासिक चक्र रूक जाता है तब महिलाओं की उस अवस्था को रजोनिवृत्ति या मेनोपॉज कहा जाता है। प्रोजेस्ट्रोन और एस्ट्रोजन हार्मोन की निष्फलता और उसके फलस्वरूप शरीर में हार्मोन के स्तर कम हो जाने के कारण मेनोपॉज की क्रिया घटित होती है । मेनोपॉज एक लंबी प्रक्रिया है, जिसके घटित होने में 2 वर्ष से लेकर 5 वर्ष तक का समय लग जाता है।
रजोनिवृत्ति (मेनोपॉज) के संकेत और लक्षण (Menopause Symptoms in Hindi)
- मासिक धर्म की समाप्ति अक्सर तीन तरह से देखने को मिलती है एक तो प्रत्येक मासिक चक्र में स्राव की मात्रा धीरे-धीरे घटकर समाप्त हो जाती है। दूसरा मासिक चक्र के बीच का अंतराल बढ़ते हुए धीरे-धीरे समाप्त हो जाता है और तीसरा मासिक धर्म एक बार में या अचानक समाप्त हो जाता है।
- रजोनिवृत्ति (मेनोपॉज) से पहले डिम्ब का क्षरण होना बंद हो जाता है।
- मेनोपॉज के समय सिरदर्द,
- बवासीर,
- आंख, कान आदि जगहों पर गर्म लहरे उठना (जिसे हॉट फ्लशस (HotFlushes) कहा जाता है)
- भार में वृद्धि,
- संधियों में पीड़ा,
- प्रारंभ में कामेच्छा में वृद्धि तथा उसके बाद धीरे-धीरे उसका खत्म हो जाना भी स्त्रियों में न्यूनाधिक देखने को मिलता है।
आदि लक्षणों से मेनोपॉज की पहचान कर सकते हैं।
रजोनिवृत्ति (मेनोपॉज) के अन्य प्रभाव और जटिलताएं (Other Effects of Menopause and Complications in Hindi)
मेनोपॉज में मासिक धर्म के बंद होने के बाद अन्य लक्षण व रोग हो सकते है जिनमें –
- योनि का संकुचित हो जाना,
- गर्भाशय का छोटा एवं कड़ा हो जाना,
- भार में वृद्धि,
- कूल्हो व नितंबों तथा स्तन ग्रंथियों के चारों ओर मेद का संग्रह,
- साधारण दुर्बलता,
- अजीर्ण,
- सिर चकराना,
- घबराहट,
- कब्ज,
- मिर्गी का दौरा,
- आंख, कान, हाथ-पैर आदि में जलन आदि लक्षण उत्पन्न हो जाते है।
यह जरूरी नहीं है कि प्रत्येक स्त्री को ये सभी लक्षण हो ही जाए। किसी को कोई कष्ट होता है तो अन्य को कोई दूसरा कष्ट होता है। किसी महिला को अधिक गर्मी लगती है, पसीना अधिक आता है। इसी तरह पूरे शरीर में लाली सी दिखाई देना, चिड़चिड़ापन, क्रोध, भय, हाई ब्लड प्रेशर, वहम, कमरदर्द, आधा शीशी का दर्द आदि होने से स्त्रियां हर समय परेशान रहती है।
रजोनिवृत्ति (मेनोपॉज) होने पर सुस्ती-आलस आना, अनिद्रा (नींद न आना), शरीर में ढीलापन रहना, शरीर के विभिन्न अंगों में दर्द रहना, वजन बढ़ना इत्यादि समस्याएं भी हो सकती है।
मेनोपॉज महिलाओं के वृद्धावस्था की ओर जाने के लक्षण है। बालों (केश) का पतला होना या गिरना, दिल की धड़कन का तेज होना, संधि-स्थल में दर्द, योनि में सूखापन, भूलना, अत्यधिक पसीना आना, स्तनों का कोमल होना व उनमें पीड़ा होना, घबराहट, सिरदर्द, अत्यधिक शारीरिक कमजोरी होना, पेट से संबंधित रोग होना, मेनोपॉज के बाद एक वर्ष या दो वर्ष तक कुछ महिलाओं में जरा जीर्णताजन्य योनि शोथ, मूत्राशय शोथ, अस्थि सुषिरता या आस्टियोपोरोसिस आदि लक्षण पाये जाते हैं।
मानसिक तथा संवेगात्मक रूप से महिलाएं अपने को अधिक क्षुब्ध अनुभव करने लगती है। यद्यपि इस मानसिक क्षोभ का मेनोपॉज से कोई सीधा संबंध नहीं होता, ऐसा अधिकतर भय एवं आशंकाओं की ही उपज है।
रजोनिवृत्ति (मेनोपॉज) का इलाज (Menopause Treatment in Hindi)
महिलाओं को समझना चाहिए कि मेनोपॉज भी स्त्री जीवन के विकास क्रम में आने वाली अन्य अवस्थाओं के समान ही एक स्वाभाविक अवस्था है। इस समय होने वाली शारीरिक व मानसिक परिवर्तनों के बारे में बता देना चाहिए जिससे वह मानसिक रूप से उन परिवर्तनों का सामना करने के लिए तैयार हो जाए और सरलता से उनके प्रति अभियोजित कर लेगी।
- इस समय उसे अपने आहार-विहार संबंधी आदतों की ओर पर्याप्त ध्यान देना चाहिए। सादा, सुपाच्य और शक्तिवर्धक भोजन करना चाहिए।
- कैल्शियम युक्त पदार्थ जैसे-दूध, दही, पत्ते वाली सब्जियां आदि का प्रयोग करना चाहिए ।
- फल, सब्जियां व अनाज वाले अधिक उत्पाद विशेषकर ऐसे उत्पाद जिनमें विटामिन सी और केरोटीन की मात्रा अधिक हो जैसे नारंगी, अंगूर, गाजर, टमाटर, गोभी आदि खाने चाहिए ।
- कम वसा वाला भोजन करना चाहिए।
- चाय व कॉफी का सेवन कम करना चाहिए।
- मलावरोध (कब्ज) न हो पाए इस बात का ध्यान रखना चाहिए।
- पर्याप्त विश्राम, नियमित व्यायाम करना चाहिए।
- साथ ही शारीरिक सक्रियता भी बनाए रखना चाहिए।
रजोनिवृत्ति (मेनोपॉज) की आयुर्वेदिक दवा (Menopause Ayurvedic Medicine in Hindi)
औषधियों में शंखपुष्पी, ब्राह्मी चूर्ण या शर्बत, सर्पगंधा घनवटी और रसायन औषधियों का प्रयोग चिकित्सक की सलाहानुसार करना चाहिए।
पुष्पधन्वा रस, चन्द्रप्रभा वटी, आरोग्यवर्धिनी वटी, चन्द्रोदय रस, सारस्वतारिष्ट, प्रवाल पिष्टी या भस्म, जटामांस्यादि क्वाथ आदि का प्रयोग लाभदायक होता है।
(अस्वीकरण : दवा ,उपाय व नुस्खों को वैद्यकीय सलाहनुसार उपयोग करें)