मधुमेह क्या है ? कारण ,लक्षण ,आहार और उपचार | Madhumeh ka Ilaj in Hindi

Last Updated on July 31, 2020 by admin

मधुमेह रोग क्या है ? : Madhumeh (Diabetes) in Hindi

madhumeh rog kya hota hai

मधुमेह (डायबिटीज) एक जाना पहचाना रोग है जिसमें खून में ग्लूकोज (glucose) का स्तर बढ़ जाता है, तथा शरीर की कोशिकाएं शर्करा का उपयोग नहीं कर पातीं । यह रोग ‘इंसुलिन (Insulin)’ नामक रसायन की कमी से होता है जिसका स्राव शरीर में अग्नाशय (पैंक्रियाज) ग्रंथि द्वारा होता है ।

मधुमेह का साधारण भाषा में अर्थ होता है – “मीठा मूत्र” यह इसलिए क्योंकि प्राय: देखा गया है कि मधुमेह रोगियों के मूत्र में शर्करा पाई जाती है ।

मधुमेह एक ऐसी बीमारी है जिसमें रोगी कभी भी तत्काल लक्षणों की शिकायत नहीं करते किंतु रक्त में ग्लूकोज का बढ़ता हुआ स्तर शरीर के भीतरी अवयवों तथा हृदय (heart) व गुर्दे (kidney) आदि को भी नष्ट कर देता है इसलिए इसे ‘ धीमी मौत (slow death)’ भी कहते हैं।

यह एक दीर्घकालीन रोग है, जिसके साथ रोगी को 30-40 वर्षों तक भी जीवित रहते देखा गया हैं । यदि मधुमेह रोगी अपनी रक्त में ग्लूकोज का स्तर नियंत्रित रखे तथा पूरी देखभाल करे तो रोग उसका कुछ नहीं बिगाड़ पाता ।
वैसे मधुमेह रोगियों के लिए तो नियमित खानपान ही रोग को काफी हद तक संभाल लेता है , किंतु व्यायाम (work out) ,तनाव प्रबंधन, योग (yoga) तथा रोग की संपूर्ण जानकारी के साथ रोग का उपचार और भी सरल हो जाता है । यदि इस रोग से संबंधित इन बातों पर पूरा ध्यान दिया जाए तो रोगी को दवाओं का सेवन भी नहीं करना पड़ता।

मधुमेह रोग के प्रमुख कारण : Madhumeh ke Karan in Hindi

madhumeh rog kaise hota hai

(1) आनुवांशिक – माता पिता, दादा दादी या नाना-नानी यदि इस रोग से पीड़ित रहे हों तो इस रोग के होने की सम्भावना 85% रहती है । अब सोच लीजिए, यदि हमने – इस रोग को गले लगाया तो हमारी आने वाली । सन्तानें, पीढ़ी दर पीढ़ी इस रोग से पीड़ित हो सकती हैं।

(2) मोटापा – अधिक कैलोरीज़ वाला आहार लेना, मीठे पदार्थों यानी मधुर रस युक्त आहार का अति सेवन, अधिक मात्रा में आहार करना, परिश्रम के काम न करना, आराम की विलासी दिनचर्या आदि कारणों से शरीर पर मोटापा आता है जो कि आनुवांशिक प्रभाव से भी हो सकता है । इन कारणों से शरीर में चर्बी बढ़ जाती है जिससे पेन्क्रियाज़ की कार्य क्षमता घटती है और पर्याप्त मात्रा में इन्सुलिन नहीं बन पाता । इस स्थिति में रक्त में शर्करा बढ़ जाती है जो मूत्र मार्ग से बार-बार निकलने लगती है । यह मधुमेह रोग है ।

(3) व्यवसाय – कठोर शारीरिक श्रम वाला व्यवसाय करने वाले इस रोग से बचे रहते हैं । ज्यादा बैठक या आराम के साथ काम करने वाले व्यवसायी या अधिकारियों को यह रोग अधिक होता है । ऐसे व्यक्तियों के लिवर और पेन्क्रियाज़ धीरे धीरे निष्क्रिय हो जाते हैं और मधुमेह रोग हो जाता है।

(4) असन्तुलित आहार – आहार में प्रोटीन, वसा युक्त और कार्बोहाइड्रेट वाले पदार्थों का अति सेवन करना और इन्हें ठीक से पचा न पाना। चीनी, चावल, मैदा, मिठाइयां, कार्बोहाइड्रेटस वाले पदार्थ, जेम, चाकलेट, ग्लूकोज़, कोल्ड ड्रिंक्स, मख्खन, तेल, केक, बिल्कुट, पेस्ट्री, शराब, मांस, तले पदार्थ आदि का अति सेवन करने से मधुमेह रोग होता है ।

(5) आयु – यूं तो असन्तुलित आहारविहार या आनुवांशिक प्रभाव के कारण यह रोग किसी भी आयु में हो सकता है पर आमतौर पर यह 40-45 वर्ष की आयु के बाद होता पाया जाता है ।

(6) तनाव दबाव – मानसिक तनाव और दबाव भी इस रोग का एक कारण होता है, क्रोध, ईया, प्रतिस्पर्धा, घृणा, चिन्ता आदि से मानसिक तनाव ( Tension) और दबाव (Stress) पैदा होता है जिससे मन पर निरन्तर बोझ पड़ता रहता है । इससे पिट्युटरी, थायराइड और एड्रेनल ग्रन्थियां प्रभावित होती हैं, लिवर और पेन्क्रियाज़ पर प्रभाव पड़ता है और 70% रोगी इसी कारण से मधुमेह रोग से पीड़ित हो जाते हैं।

(7) झूठा दिखावा – आज के तथाकथित आधुनिक रहन सहन में झूठा दिखावा ज्यादा किया जाता है और इसे बनाए रखने के लिए कई तरह की तिकड़में की जाती हैं, दिन भर इसी दौड़ धूप और आपा धापी में व्यस्त रहने से आदमी शान्ति और सन्तोष की सांस नहीं ले पाता । इस स्थिति में शरीर की ग्रन्थियां विषाक्त रस छोड़ती रहती हैं और व्यक्ति मधुमेह, उच्च रक्तचाप, हृदय विकार जैसे रोगों के जाल में फंस जाता है।

(8) लिंग – यूं तो मधुमेह रोग स्त्रियों की अपेक्षा पुरुषों को ही ज्यादातर होता है पर जो महिलाएं आधुनिकता और फैशन की चकाचौंध में, शारीरिक श्रम करना छोड़ कर, आराम तलबी, फैशन परस्त और नज़ाकत भरी जीवन चर्या व्यतीत करती हैं वे इस रोग से पीड़ित हो जाती हैं।

(9) वर्ग – जिस वर्ग के स्त्री-पुरुष खान पान में परम्परागत कारणों से अनियमितता करते हैं उस वर्ग के स्त्री पुरुषों में मधुमेह के रोगी ज्यादा पाये जाते हैं जैसे मांसाहार, शराब, डिब्बा बन्द फास्ट फूड और वसा वाले पदार्थों का अति सेवन करना आदि ।

(10) श्रम का अभाव – आज कल जब से टीवी चैनलों की भरमार हुई हैं तब से आदमी अच्छा खासा ‘घर घुस’ हो गया है । बाहरी खेलों (Out door games) की जगह घर के अन्दर खेले जाने वाले खेलों (Indoor games) ने ले ली है । शरीर और स्वास्थ्य की देखभाल और रखरखाव के लिए आदमी के पास टाइम नहीं है । देर तक जागना, देर तक सोना, देर से भोजन करना आज के अधिकांश स्त्री-पुरुषों की अनिवार्य दिनचर्या बन गई है । टीवी यानी बुद्धबक्सा (Idiot box) ने हमें इडियट और आइडल (Idiot & idle) बना दिया है । परिणाम है मधुमेह रोग ।

(11) व्यायाम का अभाव – दिन चर्या की अनियमितता, कार्य व्यस्तता, आलसी प्रकृति आदि के कारण व्यायाम या योगासन आदि न करना, घूमना दौड़ना या पैदल चलने जैसी गतिविधि न करना, खूब खिलखिला कर हंसने या स्वस्थ मनोरंजन करने का अवसर न मिलना आदि कारणों से मन तो तनावग्रस्त रहता है और तन शिथिल व कमज़ोर होता जाता है । परिणाम है मधुमेह रोग ।

(12) भोजन के बाद परिश्रम – भोजन के तुरन्त बाद तेज़ चाल से चलना, शारीरिक या मानसिक कठिन परिश्रम करना, व्यायाम या स्त्री सहवास करना आदि कारणों से पेन्क्रियाज़ को अधिक कार्य करना पड़ता है जिससे वह कमज़ोर हो जाता है और मधुमेह रोग हो जाता है ।

मधुमेह होने के प्रमुख लक्षण : madhumeh ke lakshan in hindi

madhumeh rog ke lakshan kya hai

  • बार बार पेशाब आना और अधिक मात्रा में आना
  • मुंह सूखना
  • रात को सोते समय पेशाब के लिए उठना पड़े
  • त्वचा खुश्क होना और खुजली होना
  • जोड़ों और गुप्तांग में खुजली चलना
  • फोड़े फुसी होना
  • त्वचा खराब होना
  • घाव जल्दी ठीक न हो
  • सुस्ती और कमजोरी बनी रहना
  • पैरों में हलका हलका दर्द होना
  • चेहरे पर निस्तेजता
  • त्वचा पर झुर्रियां आना
  • पेशाब करने के बाद वहां चींटे इकट्ठे होना
  • पेशाब मेंगन्ध आना
  • थोड़े से श्रम से सांस फूलना
  • उच्च या निम्न रक्तचाप होना
  • शरीर में झुनझुनी आना
  • कोई अंग सुन्न होना
  • हाथ कांपना
  • शरीर दुबला होना वज़न कम होना
  • किडनी में विकार होना
  • स्नायविक दौर्बल्य होना
  • यौनशक्ति में कमी और नपुंसकता होना
  • महिलाओं को गर्भपात होना
  • गर्भस्थ शिशु का वज़न ज्यादा बढ़ना

मधुमेह रोग का इलाज (चिकित्सा) : Madhumeh ka Upchar in Hindi

madhumeh rog ka ilaj bataye

योग द्वारा मधुमेह चिकित्सा (madhumeh ke liye yogasan) –

योगासनों का नियमित अभ्यास करना – भुजंगासन शलभासन, हलासन, मत्स्यासन, योग मुद्रा, पश्चिमोत्तानासन, धनुरासन, अर्द्धमत्स्यासन, मयूरासन और सूर्य नमस्कार यह सब उपयोगी आसन हैं।

( और पढ़े – आओ सीखें योग | Learn Yoga in Hindi )

प्राणायाम से मधुमेह का इलाज (madhumeh ke liye pranayam) –

अग्निसार क्रिया करना एक सर्वश्रेष्ठ प्राणायाम विधि है। कपालभाति, अनुलोम-विलोम, नाड़ी शोधन व भस्त्रिका विधि सहयोगी विधियां हैं।
इनके अलावा उड्डियान, मूल बन्ध व महाबन्ध शंखप्रक्षालन, कुंजर, नौलि व धौति क्रिया भी उपयोगी हैं।

ध्यान का अभ्यास मधुमेह मे लाभप्रद (madhumeh ke liye yoga) –

सुबह या शाम जब भी समय मिले तब आधा घण्टा ध्यान करें ।

( और पढ़े – ध्यान द्वारा रोगों से मुक्ति )

प्राकृतिक चिकित्सा द्वारा मधुमेह का उपचार (madhumeh prakritik chikitsa) –

कटिस्नान, पेट पर गीली पट्टी, धूप स्नान, तैल मालिश और सुबह 3-4 किलो मीटर तेज़ चाल से सैर करना आदि मधुमेह दूर करने वाले उपाय हैं।

मधुमेह आहार चिकित्सा (madhumeh aahar chikitsa) –

  • अम्ल व मधुर रस वाले पदार्थ न ले कर क्षारयुक्त पदार्थों का सेवन करना, सलाद खाना ।
  • कार्बोहाइड्रेट्स की जगह विटामिन युक्त पदार्थों का सेवन करना ।
  • प्रत्येक कौर को 32 बार चबाना ।
  • इनके अलावा अनुभवी और विशेषज्ञ चिकित्सक की सलाह और देख रेख में एक्यूप्रेशर, चुम्बक, औषधि रत्न, रंग चिकित्सा का समुचित उपयोग करना।

( और पढ़े – डायबिटीज (शुगर) में क्या खाएं क्या नह )

मधुमेह की सामान्य घरेलू चिकित्सा (madhumeh ke gharelu upay) –

  • भोजन से एक घण्टे पूर्व नींबू पानी पीना ।
  • गेहूं, चना और जौ बराबर मात्रा में या चना और जौ बराबर मात्रा में पिसा कर इसकी रोटी खाना।
  • करेले की सब्जी खाना ।
  • करेले को सुखा कर चूर्ण करके 1-1 चम्मच सुबह शाम लेना।
  • आम या जामुन के पत्तों का काढ़ा पीना ।
  • जामुन या आम की गुठली का चूर्ण खाना ।
  • जामुन फल खाना ।
  • जामुन के पत्तों का रस पीना ।
  • सुबह एक बादाम पानी में गला कर, रात को सोते समय, पत्थर पर घिस कर फीके दूध में डाल कर पीना। प्रातः एक चम्मच मेथी दाना पानी के साथ खाना ।
  • मेथी दाना व सौंफ 5-5 ग्राम रात को पानी में डाल कर सुबह यह पानी पीना।
  • मेथी के पत्तों की या मेथी दाने की सब्जी खाना ।
  • मेथी दाना अंकुरित करके खाना।
  • मेथी का चूर्ण खाना ।
  • एक चम्मच, पानी के साथ फांकना ।
  • एक बार में ज्यादा पानी न पी कर थोड़ा थोड़ा पानी बारबार पीना।
  • अंकुरित चनों का नाश्ता, रात को काले देशी चने पानी में भिगो कर सुबह इसका पानी पीना व चने चबा चबा कर खाना ।
  • तांबे के बर्तन में 4 गिलास पानी भर कर रात को रखें । सुबह यह पानी पी कर ही शौच क्रिया करें । पहले एक गिलास पानी से शुरू करें फिर धीरे धीरे बढ़ा कर चार गिलास पानी पीने लगें ।
  • एक चम्मच त्रिफला चूर्ण 45 दिन तक सुबह खाली पेट पानी के साथ लें ।
  • सोने से पहले पैर के तलुओं पर सरसों का तेल लगा कर मालिश करें ।
  • नीम की कोमल पत्तियां या निंबोली चबा कर या गोली बना कर तीन सप्ताह तक लें ।
  • एक आंवला रोज खाएं ।
  • सुबह तेज़ चाल से लम्बी सैर किया करें ।

( और पढ़े – डायबिटीज से जुड़े सवाल ,शंकाए और उनके जवाब )

मधुमेह का आयुर्वेदिक नुस्खा (madhumeh ki ayurvedic dawa) –

चिरायता मोटा मोटा कूट कर दो गिलास पानी, मिट्टी के बर्तन में डाल कर शाम को रख दें, सुबह छान कर पिएं । ऐसे ही सुबह रख कर शाम को पिएं । सिर्फ 21 दिन यह प्रयोग करके चमत्कार देख लें ।

मधुमेह में खान-पान और परहेज : madhumeh me kya khana chahiye aur kya nahi khana chahiye

  1. टमाटर का रस एक गिलास रोज़ सुबह सेवन करें ।
  2. madhumeh rog ke liye aahar -हरी शाक सब्ज़ी, टमाटर, करेला, मूली, गाजर, नींबू, प्याज, ताज़ा दही, खट्टे फल आदि का सेवन करें । बेल के पत्तों का रस एक चम्मच, सदाबहार के बैंगनी रंग के 5-6 फूल पानी में उबाल कर 8 दिन तक पिएं आठ दिन बन्द रखें।
  3. तीन सप्ताह तक केवल फल व सब्जी ही खाएं तो शर्करा सामान्य हो जाती है । फलों और सब्जियों का रस भी पी सकते हैं ।
  4. मिठाई, मीठे फल, मीठे पेय और मीठे पदार्थों का सेवन न करें ।
  5. अपनी पाचन क्रिया ठीक रखें और कब्ज़ न होने दें।

इतने उपायों में से अपनी आवश्यकता के अनुसार उपाय चुन कर नियमित प्रयोग करें।

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