गुणकारी मूली के स्वास्थ्य लाभ | Muli Ke Swasthya Laabh in Hindi

Last Updated on July 1, 2020 by admin

गुणकारी मूली :

आज के युग में मनुष्य अस्पतालों तथा अंग्रेजी दवाइयों की दुनिया में इतना खो गया है कि उसे अपने आसपास बहुतायत में उपलब्ध होनेवाली उन शाकसब्जियों की ओर ध्यान देनेका समय ही नहीं मिलता, जो बिना किसी हानि के हमारी अनेक बीमारियों को निर्मूल करने में सक्षम हैं। प्रकृति हमारे लिये शीत ऋतु में इस प्रकार की शाक-सब्जियाँ उदारता पूर्वक उत्पन्न करती है। इन्हीं में एक विशेष उपयोगी वस्तु है मूली।

मूली के पोषक तत्व :

मूली में प्रोटीन, कैल्सियम, गन्धक, आयोडीन तथा लौह तत्त्व पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध होते हैं। इसमें सोडियम, फास्फोरस, क्लोरीन तथा मैग्नीशियम भी हैं। मूली विटामिन ‘ए’ का खजाना है। विटामिन ‘बी’ और ‘सी’ भी इसमें प्राप्त होते हैं।

सेहत से मालामाल मूली के पत्तों :

हम जिसे मूली के रूप में जानते हैं, वह धरती के नीचे पौधे की जड़ होती है। धरती के ऊपर रहने वाले पत्ते मूली से भी अधिक पोषक तत्त्वों से भरपूर होते हैं। सामान्यतः हम मूली को खाकर उसके पत्तों को फेंक देते हैं, यह गलत है, ऐसा नहीं करना चाहिये। मूली के साथ ही उसके पत्तों का भी सेवन करना चाहिये। मूली के पौधे में आने वाली फलियाँ मोगर भी समान रूप से उपयोगी और स्वास्थ्यवर्धक हैं। सामान्यतः लोग मोटी मूली पसंद करते हैं। कारण उसका अधिक स्वादिष्ठ होना है। परंतु स्वास्थ्य तथा उपचार की दृष्टि से छोटी-पतली और चरपरी मूली ही उपयोगी है। ऐसी मूली त्रिदोष (वात, पित्त और कफ)-नाशक है। इसके विपरीत मोटी और पक्की मूली त्रिदोषकारक मानी गयी है।

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उपयोगिता की दृष्टि से मूली बेजोड़ है। अनेक छोटी-बड़ी व्याधियाँ मूली से ठीक की जा सकती हैं। मूली का रंग सफेद है, परंतु यह शरीर को लालिमा प्रदान करती है। भोजन के साथ या भोजन के बाद मूली खाना विशेषरूप से लाभदायक है। मूली और इसके पत्ते भोजन को ठीक प्रकार से पचाने में सहायता करते हैं। वैसे तो मूली के पराठे, रायता, तरकारी, अचार तथा भुजिया जैसे अनेक स्वादिष्ठ व्यञ्जन बनते हैं। परंतु सबसे अधिक लाभदायक है कच्ची मूली। भोजनके साथ प्रतिदिन एक मूली खा लेनेसे व्यक्ति अनेक बीमारियोंसे मुक्त रह सकता है।

मूली खाने के चौकादेने वाले स्वास्थ्य लाभ : muli khane ke labh

muli khane se kya hota hai

  • मूली शरीर से विषैली गैस (कार्बनडाइ आक्साइड)को निकालकर जीवनदायी ऑक्सीजन प्रदान करती है।
  • मूली हमारे दाँतों को मजबूत करती है तथा हड्डियों को शक्ति प्रदान करती है।
  • इसके सेवन से व्यक्ति की थकान मिटती है और अच्छी नींद आती है।
  • मूली से पेट के कीड़े नष्ट होते हैं तथा यह पेट के घाव को ठीक करती है।
  • यह उच्च रक्तचाप को नियन्त्रित करती तथा बवासीर और हृदयरोगको शान्त करती है।
  • इसका ताजा रस पीने से मूत्रसम्बन्धी रोगों में राहत मिलती है।
  • पीलिया रोग में भी मूली लाभ पहुँचाती है।
  • अफरे में मूली के पत्तों का रस विशेषरूप से उपयोगी होता है।
  • मनुष्य का मोटापा अनेक बीमारियों की जड़ है। इससे बचने के लिये मूली बहुत लाभदायक है।
  • इसके रस में थोड़ा नमक और नीबू का रस मिलाकर नियमित पीने से मोटापा कम होता है और शरीर सुडौल बन जाता है।
  • पानी में मूली का रस मिलाकर सिर धोने से जुएँ नष्ट हो जाते हैं।
  • विटामिन ‘ए’ पर्याप्त मात्रा में होने से मूली का रस नेत्र की ज्योति बढ़ाने में भी सहायक होता है।
  • मूली का नियमित सेवन पौरुष में वृद्धि करता है, गर्भपातकी आशंकाको समाप्त करता है और शरीर के जोड़ों की जकड़न को दूर करता है।
  • मूली सौन्दर्यवर्धक भी है। इसके प्रतिदिन सेवन से रंग निखरता है, खुश्की दूर होती है, रक्त शुद्ध होता है। और चेहरेकी झाइयाँ, कील तथा मुँहासे आदि साफ होते हैं।
  • नीबू के रस में मूली का रस मिलाकर चेहरे पर लगाने से चेहरे का सौन्दर्य निखरता है।
  • सर्दी-जुकाम तथा कफ-खाँसी में भी मूली फायदा पहुँचाती है। इन रोगों में मूली के बीज का चूर्ण विशेष लाभदायक होता है।
  • मूली के बीजों को उसके पत्तों के रस के साथ पीसकर यदि लेप किया जाय तो अनेक चर्म रोगों से मुक्ति मिल सकती है।
  • मूली के रस में तिल्ली का तेल मिलाकर और उसे हलका गर्म करके कान में डालनेसे कर्णनाद, कानका दर्द तथा कान की खुजली ठीक होती है।
  • मूली के पत्ते चबाने से हिचकी बंद हो जाती है।

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मूली के सेवन से अन्य अनेक रोगों में भी लाभ मिलता है। जैसे-

  1. मूली और इसके पत्ते तथा जिमीकंद के कुछ टुकड़े एक सप्ताहतक काँजी में डाले रखने तथा उसके बाद उसके सेवन से बढ़ी हुई तिल्ली ठीक होती है और बवासीर का रोग नष्ट हो जाता है। हल्दी के साथ मूली खानेसे भी बवासीर में लाभ होता है।
  2. मूली के पत्तों के चार तोले रस में तीन माशा अजमोद का चूर्ण और चार रत्ती जोखार मिलाकर दिन में दो बार नियमित एक सप्ताहतक लेनेपर गुर्दे की पथरी गल जाती है।
  3. एक कप मूली के रस में एक चम्मच अदरक का और एक चम्मच नीबू का रस मिलाकर नियमित सेवन करने से भूख बढ़ती है तथा पेट सम्बन्धी सभी रोग नष्ट होते हैं।
  4. मूली के रस में समान मात्रा में अनार का रस मिलाकर पीने से रक्त में हीमोग्लोबिन बढ़ता है और रक्ताल्पता का रोग दूर हो जाता है।
  5. सूखी मूली का काढ़ा बनाकर उसमें जीरा और नमक डालकर पीने से खाँसी और दमा में राहत मिलती है।

(उपाय व नुस्खों को वैद्यकीय सलाहनुसार उपयोग करें)

3 thoughts on “गुणकारी मूली के स्वास्थ्य लाभ | Muli Ke Swasthya Laabh in Hindi”

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