नाक में देशी गाय के घी को डालने से मिलेंगे यह 6 जबरदस्त फायदे

Last Updated on September 8, 2022 by admin

देशी गाय का घी शारीरिक, मानसिक व बौद्धिक विकास एवं रोग-निवारण के साथ पर्यावरण-शुद्धि का एक महत्त्वपूर्ण साधन है ।आइये जाने Benefits of Using Ghee As Nasal Drops

नाक में घी डालने से फायदे (Naak me gaay ka ghee dalne se fayde)

  • मानसिक शांति व मस्तिष्क को शांति मिलती है ।
  • स्मरणशक्ति व नेत्रज्योति बढती है ।
  • आधासीसी (माइग्रेन) में राहत मिलती है ।
  • नाक की खुश्की मिटती है ।
  • बाल झड़ना व सफ़ेद होना बंद होकर नये बाल आने लगते हैं ।
  • शाम को दोनों नथुनों में 2 – 2 बूंद गाय का घी डालने तथा रात को नाभि व पैर के तलुओं में गोघृत लगाकर सोने से गहरी नींद आती है ।

नाक में घी डालने की मात्रा :

4 से 6 बूंद

गाय के घी सेवन से होने वाले लाभ (desi cow ghee benefits in hindi)

cow pure ghee

1. बल, वीर्य व आयुष्य बढ़ता है, पित्त शांत होता है ।

2. स्त्री एवं पुरुष संबंधी अनेक समस्याएँ भी दूर हो जाती है ।

3. अम्लपित्त (एसिडिटी) कब्जियत मिटती है ।

4. एक गिलास दूध में एक चम्मच गोघृत और मिश्री मिलाकर पीने से शारीरिक, मानसिक व दिमागी कमजोरी दूर होती है ।

5. युवावस्था दीर्घकाल तक रहती है | काली गाय के घी से वृद्ध व्यक्ति भी युवा समान हो जाता है ।

6. गर्भवती माँ घी – सेवन करे तो गर्भस्थ शिशु बलवान, पुष्ट और बुद्धिमान बनता है ।

7. गाय के घी का सेवन ह्रदय को मजबूत बनता है । यह कोलेस्ट्रोल को नहीं बढाता । दही को मथनी से मथकर बनाये गये मक्खन से बना घी ह्रदयरोगों में भी लाभदायी है ।

8. देशी गाय के घी (desi ghee) में कैंसर से लड़ने व उसकी रोकथाम की आश्चर्यजनक क्षमता है ।

ध्यान दें : घी के अति सेवन से अजीर्ण होता है । प्रतिदिन 10 से 15 ग्राम घी पर्याप्त है ।

गोघृत से करें वातावरण शुद्ध व पवित्र :

1. अग्नि में गाय के घी की आहुति देने से उसका धुआँ जहाँ तक फैलता है, वहाँ तक का सारा वातावरण प्रदुषण और आण्विक विकिरणों से मुक्त हो जाता है । मात्र 1 चम्मच गोघृत की आहुति देने से एक टन प्राणवायु (ऑक्सीजन) बनती है, जो अन्य किसी भी उपाय से संभव नहीं है ।

2. गोघृत और चावल की आहुति देने से कई महत्त्वपूर्ण गैसे जैसे – इथिलिन ऑक्साइड, प्रोपिलिन ऑक्साइड, फॉर्मलडीहाइड आदि उत्पन्न होती है । इथिलिन ऑक्साइड गैस आजकल सबसे अधिक प्रयुक्त होनेवाली जीवाणुरोधक गैस है, जो शल्य-चित्किसा (ऑपरेशन) से लेकर जीवनरक्षक औषधियाँ बनाने तक में उपयोगी है ।

3.मनुष्य-शरीर में पहुँचे रेडियोधर्मी विकिरणों का दुष्प्रभाव नष्ट करने की असीम क्षमता गोघृत में है ।

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